शुक्रवार, 30 नवंबर 2012

मैं तो भूल चली बाबुल का देस ... ब्लॉग 4 वार्ता... संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार....आज का दिन हमारे लिए बहुत खास है. गुस्ताखियों को कहो ज़रा मेरे शहर के कोने मे ठहर जायें रात को घूंघट तो उठाने दो ज़रा कहीं सुबह की नज़ाकत ना रुसवा हो जाये एक पर्दानशीं का वादा है चन्दा भी आज आधा है लबों पर जो ठिठकी है वो कमसिनी ज्यादा है ऐसे मे क्यों ना गुस्ताखी हो जाये जो सिमटी है शब तेरे आगोश मे उसे जिलावतन किया जाये एक तस्वीर जो उभरी थी ख्यालों मे क्यों ना उसे तस्दीक किया जाये यूँ ही बातों के पैमानों मे एक जाम छलकाया...

गुरुवार, 29 नवंबर 2012

सावधानी हटी, दुर्घटना घटी नयनों का क्या भरोसा... ब्लॉग 4 वार्ता... संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार....  देह के अपने इस प्रांगण में कितनी कीं अठखेली पिया रे मधुघट भर भर के छलकाये औ रतनार हुई अखियाँ रे । खन खन चूडी रही बाजती छम छम छम छम पायलिया रे हाथों मेहेंदी पांव महावर काजल से काली अंखियां रे वसन रेशमी, रेशम तन पर केश पाश में बांध हिया रे । कितने सौरभ सरस लुटाये तब भी खिली रही बगिया रे । पर अब गात शिथिल हुई जावत मधुघट रीते जात पिया रे । पायल फूल कंगन नही भावत ना मेहेंदी ना काजलिया रे । पूजा गृह में नन्हे कान्हा...

शुक्रवार, 23 नवंबर 2012

पांखुरी पांखुरी बोल रही है...मोहब्बत जीत जाएगी...ब्लॉग 4 वार्ता... संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार....एक लम्बे ब्रेक के बाद हम फिर से लाये हैं कुछ खास चुनिन्दा लिंक्स... आशा करते हैं हमारी पसंद आपकी भी पसंद होगी. लीजिये प्रस्तुत हैं आज की वार्ता ........ करिश्माई ... - सौदागिरी का हुनर, हम सीख के भी क्या लेते 'उदय' क्योंकि - ईमान का सौदा हमसे मुमकिन नहीं होता ? ... कहीं मातम, तो कहीं जश्न के मंजर हैं उफ़ ! मौत ...आंसू तो दिल की जुबान हैं ...

शनिवार, 17 नवंबर 2012

नमक इश्क़ का , एक पल कुन्दन कर देना ...ब्लॉग 4 वार्ता ...संगीता स्वरूप

आज की वार्ता में संगीता स्वरूप  का नमस्कार ---- औरत की आज़ादी के मायने from उसने कहा था... by Madhavi Sharma Guleri आज़ादी, स्वतंत्रता, फ्रीडम... कानों में इन शब्दों के पड़ते ही एक सुखद, प्यारा-सा अहसास मन को हर्षाने लगता है। ये शब्द उस अनुभूति को परिलक्षित करते हैं जो संसार के हर इंसान को प्यारी है। क्या है यह आज़ादी, क्यों है यह इतनी प्रिय हर किसी को? और आज़ादी में भी अगर हम ख़ासकर औरतों की आज़ादी की बात करें तो क्या इसके मायने बदल...

मंगलवार, 13 नवंबर 2012

मंगलमय हो दीपो का त्यौहार...ब्लॉग 4 वार्ता...संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार....असतो माऽ सद्गमय , तमसो माऽ ज्योतिर्गमय।....अंधरे पर उजाले की जीत का प्रतीक है ये दीपोत्सव अर्थात  दीपावली का प्रकाश पर्व .दीवाली सभी के लिए आती है बिना किसी भेद-भाव के, रोजी-मजूरी करने वाला हो या अरबपति-खरबपति सभी लक्ष्मी जी को ध्याते हैं। इस कमरतोड़ महंगाई के दौर में सब अपनी-अपनी क्षमता के हिसाब से दीवाली मनाते हैं, फर्क इतना है कि किसी के घर में हजार दीयों की रौशनी होती है तो कोई मन का एक दीप ही जलाता है....

रविवार, 11 नवंबर 2012

धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएं... ब्लॉग 4 वार्ता... संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार....आज पाँच दिवसीय दीपावली पर्व के आरंभ का दिन धन त्रयोदशी है। आप सभी को धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएं..  प्रस्तुत हैं आज की वार्ता ........ हर आँगन में दीप - चकाचौंध गर ना हुआ, किसको है परवाह। दीया इक घर घर जले, यही सुमन की चाह।। रात अमावस की भले, सुमन तिमिर हो दूर। दीप जले इक देहरी, अन्धेरा मजबूर।। हाथ पटाखे है... दीवाली और धनतेरस का त्यौहार .....सबके लिए शुभ...

शनिवार, 10 नवंबर 2012

खुद की तलाश ... ब्लॉग4वार्ता ...... संगीता स्वरूप

आज की वार्ता में  संगीता स्वरूप  का नमस्कार ---- "आजकल देशभर में फैले ‘‘भ्रष्ट्राचार’’ एवं प्रशासन संचालन में ‘‘अव्यवस्था’’ रूपी दानव से लड़ने हेतु एक बड़ा माहौल चहुओर फैलता जा रहा है। देश का प्रत्येक नागरिक आज स्वच्छ, ईमानदार और कुशल व्यवस्था चाहता है। ऐसी स्थिति लाने के लिए आम आदमी कोई भी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है। यही कारण है कि स्वतंत्रता के बाद 65 सालों से कुशासन और भ्रष्ट्राचार में डूबे अपने वतन को बचाने के लिए जनता सीना ताने खड़ी...

शुक्रवार, 9 नवंबर 2012

आफ़्सपो से आफ़्सपा जिंदगी के दो रंग .......... ब्लॉग4वार्ता ......... ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार, ....राज्योत्सव बनाम राय-पुरोत्सव  समझ नहीं आ रहा है के इस राज्योत्सव को क्या कहूं... मुझे तो ये राय-पुरोत्सव ही ज्यादा लगता है... क्योंकि छत्तीसगढ़ राज्य का बस एक ही मतलब है.. रायपुर.. बाकी जिलों का क्या हाल है ये मेरे बाकी मित्र बहुत अच्छे से जानते ही होंगे जो रायपुर में नहीं रहते.. कहीं और बसते हैं.... पूरा विकास.. पूरी उन्नति सिर्फ और सिर्फ रायपुर की ही हो रही है... ऐसा लगता है मानो क छत्तीसगढ़ राज्य में बस एक ही शहर है... रायपुर .... ... प्रस्तुत है आज की वार्ता ......  रहते थे वह परेशां मेरे बोलने के हुनर से वेदना दिल की आंखो से बरस के रह गई दिल की बात फ़िर लफ्जों में ही रह गई टूटती नही न जाने क्यों...

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