बुधवार, 27 मार्च 2013

सुनिए ब्लॉग़वुड के मुख्य होली समाचार... ब्लॉग 4 वार्ता... संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार...आपको और आपके पूरे परिवार को वार्ता परिवार की ओर से होली की बहुत-बहुत बधाई और ढेर सारी शुभकामनायें......ये ब्लॉगवुड का सीजी रेडियो है, अब आप स्वामी ललितानंद शास्त्री से ब्लॉग़वुड के मुख्य होली समाचार सुनिए। ब्लॉगर्स को पैट्रोल में छूट, भारत सरकार के पैट्रोलियम मंत्रालय ने होली पर घोषणा की है कि हिन्दीं ब्लॉगर्स को पैट्रोल के दामों में 50% की छूट दी जाएगी तथा महिला ब्लॉगिंग को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें प्रतिवर्ष 6 गैस सिलेंडर फ़्री दिए जाएगें। इसके लिए पुरुष एवं महिला ब्लॉगर्स को अपने ब्लॉग़ का पंजीयन पैट्रोलियम मंत्रालय की अधिकारीक साईट पर करना होगा। जो पति और पत्नी दोनो ब्लॉगर है उन्हे अत्यधिक लाभ होगा। सरकार के इस कदम का महिला ब्लॉगर्स शिखा वार्ष्नेय, अदा जी, संगीता स्वरुप...लीजिये प्रस्तुत है, आज की वार्ता ........ 


.
उमड़त घुमड़त विचार *होली की हार्दिक शुभकामनाएं * *जय जोहार……। *...कैसे मनाऊँ होली तुम बिन साजन - कैसे मनाऊँ होली तुम बिन साजन मन में तो तल्खियों के भंवर पड़े हैं जो शूल से उर में गड़े हैं तुम साथ हो फिर भी मन में फैली मीलों की दूरी कहो कैसे मिटाऊँ सा....होली है - काका बौराते फिरे काले करके बाल कोई नवयौवना रंग दे अबके साल बत्तीसी सेट किये काकी रही मुसकाय फागुन सजी फुहार देवर नाही आय ससुराल साली बसे वे जीजा मालामाल .... 

कौन सा रंग तोहे भाये मोहे समझ न आये - सांवरे कौन सा रंग तोहे भाये मोहे समझ न आये मैं तो जानूं सिर्फ प्रेम को नाता तुम ही तो अडचनें लगाये सांवरे कौन सा रंग तोहे भाये लोभ मोह अहंकार की ...नसीम बानो के साथ होली - मंटो - *सआदत हसन मंटो के मीना बाजार से होली का एक प्रसंग। यह प्रसंग परी चेहरा नसीम बानो से लिया गया है। यहां नसीम के बहाने मंटो ने होली का जिक्र किया है। ..होली की चुटकी - आओ आज होली की बात करें। कुछ नई शुरुआत करें। पुरानी बातों को याद करें। वे बात जब इस दिन क्षेत्र के जाने माने व्यक्तियों को कुछ टाइटल दिये जाते थे। ...



क्या खाली पीली होली ? - *क्या खाली पीली होली ? नहीं नहीं खा ली और पी ली होली क्या खा ली क्या पी ली भांग खा ली और ठंडई पी ली बस इत्ती सी होली? नहीं नहीं ली थोड़ी गुलाल मुंह पर..2013 होली : संक्षिप्त - हाथ गोड़ बचा के रंग खेलिये। भाँग में सुरा मिला कर पीजिये 'मत', अलग अलग के लिये डॉक्टर से सलाह लीजिये। होठों का रस पीने पिलाने के लिये स्वयं को तैयार रखिये... 

छत्‍तीसगढ़ी होली गीत - छत्‍तीसगढ़ की माटी की महक फागुन के महीने कैसी होती है मुंबई में अपनी प्रति‍भा का जादू बि‍खेरते अंचल के कलाकार अर्नब चटर्जी  ...हुये तुम मेरे मै तुम्हारी होली… - *होली मुबारक हो आप सभी को...* * **रंगों की होली सजायें रगोंली* *हुये तुम मेरे मै तुम्हारी होली…* * **आओ मिटा दें दूरियाँ दिलों से* *ज़िंदगी सजा दें आज रंगों...होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाए ! - * ** ** ** ** ** ** ** ** ** ** ** ** **भले ही हुकूमत * *बेइंतहा भ्रष्ठ, निक्कमी और ढीली हो,* *सल्तनत में भी * *न कहीं नजर आती कोई तबदीली हो।* *मंदी का तम *...



होली व्यंगिकाएं - *घोटालों की होली* ** यूपीए तोड़ रही है, भ्रष्टाचार के रिकार्ड सारे, क्या अफसर, क्या नेता, भष्ट ...होली आई रे... - ** * * * * * * * * * * * * * * * * * * *भावना और ममत्व की बयार हो,* *गुझिया और दही-बड़े से प्यार हो,* *अबीर-गुलाल से मुख लाल हो,* *ऐसा खूबसूरत और सुकून ...  चश्मे पे जब हो जाये , रंगों की बौछार--- - 1) होली के हुडदंग में, भांति भांति के रंग रंगों की बौछार में , मस्ती लाये भंग । मस्ती लाये भंग की , इक छोटी सी गोली, कि शर्मा जी की घरवाली , वर्मा जी संग ...

गुटखा ले लेगा उसकी जान, कर दो सभी को सावधान ! - * गुटखा ये पाउच वाला, जिसने भी मुंह में डाला * *गुटखा ले लेगा उसकी जान, कर दो सभी को सावधान !*   ....होली हैं ..... - कुंहू -कुंहू बोले कोयलियाँ होली संग खेले सावरियां ! नीले -पीले और गुलाबी रंग भरे पिचकारियाँ ! गाल गुलाबी हो या लाल आज रंगेगी दिलवालियाँ ! बुरा न मानो...हाइकु .....बसंत ......पर ......................!! - फाल्गुनी रंग ...... निर्झर बहे धारा ... मिले किनारा ,,,,, रंग बिरंगी .... बसंत की सौगातें ... फूलों की बातें .... रंग गुलाबी ... 



इस होली में - (जीवन की सोच के हर रंग का मिला जुला सा असर ) इस होली में रंगों की टोली रोशनी का उमड़ता हुआ सैलाब बनी फिर भी रुकावट के लिए खेद है क्यों कि देश को बचाने ..फागुन में - फागुन में तन मेरा महुआ हुआ जाता है फागुन में, हर घाव मरहम हुआ जाता है फागुन में. ये खुमारी ये सिहरन अजब सी हवा में, नशा भांग को हुआ जाता है फागुन में. ...होली... संध्या शर्मा - *होली के रंग आपके जीवन को नए हर्ष और उल्लास से भर दें. होली की बहुत-बहुत बधाई और ढेर सारी शुभकामनायें .... (होली खेलें लेकिन जीवन दायिनी अमृत रुपी **... 

"नाच मेरी बुलबुल" की दूसरी सेमी फ़ाईनलिस्ट मिस. दराला कुमारी - प्यारे दर्शकों, ताऊ टीवी के होली कार्यक्रम* "नाच मेरी बुलबुल" प्रतियोगिता *मे अभी भी कुछ प्रतियोगियों का परफ़ार्मेंस बाकी बचा है. प्रतियोगियों को विश्वा.. होली में. - *होली में * बहकी बहकी कली खिली है होली में महकी महकी हवा चली है होली में, उन्मादों कि घटा घनेरी घिर आई मलय पवन में चंवर झली है होली में, अमरैय्या में... "ब्लाग टाइटिल" जोगीरा सररर.... गाने पर लगी रोक ! - आज की सबसे बड़ी खबर यही है कि गृह मंत्रालय के अलर्ट के बाद देश के पांच बड़े शहरों दिल्ली, मुंबई, कोलकता, चेन्नई और बंगलोर में होली से ठीक 24 घंटे पहले या...  



 
 
मेरी पसंद का एक गीत...

 

दीजिये इज़ाजत नमस्कार......

शनिवार, 23 मार्च 2013

मिस्टर लाल हर हाल में बेहाल...ब्लॉग 4 वार्ता... संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार..."शहीद दिवस पर भारतमाता के तीनो सपूतों शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को हमारा शत-शत नमन...." चूमकर पेशानी सारा ग़म पीने वाले छीनकर सारी उदासी लबों को हंसी देने वाले तेरा शुक्रि‍या...... कि रहम है मौला का तमाम दुश्‍वारि‍यों के बावजू़द एक अदद कांधा तो बख्‍शा जहां सर रखकर ग़ुबार दि‍ल का निकाल सकें मायुसि‍यों की गर्द झाड़ सुकूं पा सके सीने में उसके सर रखकर रूठी नींद को मना सकें कि बेरहम दुनि‍या में एक नाम तो ऐसा है जो जैसा भी है हर हाल में मेरा है तेरा शुक्रि‍या...... लीजिये प्रस्तुत है, आज की वार्ता ........ 

उम्मीदें - काश ये ऐसा हो जाता, काश वो ऐसा हो जाये। पर ये, वो क्यों नहीं? पर वो, ये क्यों नहीं? सबके मन में एक तूफ़ान फड़कता रहता है कि जो वो चाहे वैसा हो। *"उम्मीद" एक... सखी री ............बस ऐसो फाग खिला दे - * *सखी सुना है फाग है आया पर मेरा मन न हर्षाया प्रीतम मेरे पास नही हैं कहो कैसे फाग मनाऊँ प्रीत की होरी में सखी री कौन सा रंग भरूँ जो रच बस जाए उनके अंतरपट...चलो चलें ... - वो अब हमेशा के लिए मौन रहता हैथोड़े ही वक्त में मेरी भाषा सीख गया.. मुझसे रुकने को कह चल पड़ा अकेले सितारों की दुनिया में जा छिपा कहीं ...वादा किया था ...

क्षणिकायें - (१) ज़िन्दगी की क़िताब पीले पड़ गए पन्ने चाहता हूँ पढ़ना एक बार फ़िर. लगता है डर पलटने में पन्ने, कहीं बिखर न जायें भुरभुरा कर और बिखर जाये... पुस्तकें और पाठक .. 3 - एक रचनाकार ने किसी पुस्तक में बेशक अपनी व्यक्तिगत भावनाओं, अनुभूतियों और चिंतन को अभिव्यक्ति दी है , लेकिन जब वह कला के माध्यम से अभिव्यक्त हुई है .फॉसिल बनने की क्या जल्दी है-- - कुछ समय से एक भी ब्लॉग पोस्ट नहीं लिख पा रहे हैं हम। सच तो यह है कि कोई आइडिया ही नहीं आ रहा। लगता है जैसे थॉट ब्लॉक हो गया है। पहले जहाँ नित नए आइडिया ... 

ऐसी प्रताड़ना सबको मिले - नहीं। मुझे मिली इस अनूठी प्रताड़ना को आप तक पहुँचाने के लिए मैं शब्दों की कोई सजावट नहीं करूँगा। सब कुछ, वैसा का वैसा ही रख दूँगा जो मेरे साथ हुआ।..बिन पानी सब सून ! - समयाभाव के कारण आज सिर्फ इतना सा ; 1993 में संयुक्त राष्ट्र ने 22 मार्च को अन्तराष्ट्रीय जल संरक्षण दिवस घोषित किया था , उसी सिलसिले में चार लाइने;... मिस्टर लाल हर हाल में बेहाल - .  .....

जन्म दिन तुम्हारा - याद है मुझे वह अमूल्य पल जब तुम सी बेटी पा अपना भाग्य सराहा | किलकारियां गूंजी धर के आँगन में महकी क्यारी क्यारी प्यार के उपवन में | स्नेह तुम पर...कल्पवृक्ष - काश ! होता एक ऐसा भी कल्पवृक्ष जिसकी शाख पर लटकी होती अनगिनत इच्छाएँ और उन इच्छाओं को तोडने के लिए सींचना पड़ता उसको प्यार और संवेदना के जल से...तुम्हें पुकारती .......!! - राग के भाव ...मन के भाव कितने विचित्र हैं ...इतनी सुंदर राग बसंत में सुख और दुःख एक साथ कैसे गाया जा सकता है ....?आप खुद भी सोचिये.. .......

लहू के रंग झाडू हाथ में थमा उसे दश्त के हवाले कर दी चिराग हांथो से छिनकर सूरज को रात के हवाले कर दी उसकी बस्ती में कोई आता जाता नहीं उसकी कश्ती को मौजों के हवाले कर दी आसमान सिकुड़ गया कबका चाँद को अंधेरो के हवाले कर दी मौसमों को क्या पता था कि बादल सूख जायेंगें.. मैं बाहर थी जब तुम बुझा रहे थे अपनी आग, मै जल रही थी. मैं जल रही थी पेट की भूख से मैं जल रही थी माँ की बीमारी के भय से मैं जल रही थी बच्चों की स्कूल फीस की चिंता से . जब तुम बुझा रहे थे अपनी आग, मै जल रही थी. *******तलाश फिर भी जारी है.......कितने चेहरे हैं आस -पास इन चेहरों की भीड़ में तलाश , एक अपने से जाने पहचाने चेहरे की तलाश एक पहचानी सी मुस्कान की जो मिले ,लिये आँखों में वही जान -पहचान तलाश पूरी कब होती है समय बदलता है चेहरे बदल जाते हैं .....

वह एकमुश्त कबीर थे और हम सभी किश्तों में कबीर हैं - *"*कबीर विद्रोही थे ...सत्यवादी थे ...बिना लाग लपेट के सच बोलते थे ...उनका व्यक्तित्व संत तुल्य था यह सभी बातें ठीक हैं ...पर कबीर ने 120 वर्षों की आयु में... लाइनेक्‍स के प्रति आग्रह - पिछले दिनों भिलाई के स्‍वामी श्री स्‍वरूपानंन्द सरस्‍वती महाविद्यालय में लाईनेक्स इंडिपेन्डेंट वर्क स्टेशन विषय पर एक कार्यशाला आयोजित किया गया था जिसमे... बिरवा शब्द का.... संभव है वह भूल जाए लेकिन मैंने संभाल रखा है तुम न पहचानो मगर बेखटके आता-जाता है मेरी कविताओं में उसका वह एक शब्द ... देखना एक न एक दिन मैं तुम्हारे मन में ... 

.
 
.

दीजिये इजाज़त नमस्कार.......

शुक्रवार, 22 मार्च 2013

कलयुग का वाणप्रस्‍थ .. ब्‍लॉग4वार्ता ... संगीता पुरी

 

आप सबों को संगीता पुरी का नमस्‍कार सुप्रीम कोर्ट ने 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट मामले में फिल्म स्टार संजय दत्त को तगड़ा झटका दिया। कोर्ट ने संजय दत्त की माफी की दलील ठुकराते हुए उन्हें पांच साल की सजा सुनाई। टाडा कोर्ट से दत्त को छह साल की सजा मिली थी। इसके खिलाफ अपील की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सजा एक साल कम तो कर दी, लेकिन उनके खिलाफ गंभीर टिप्पणी की। अब संजय दत्त को जेल जाना होगा। उन्हें कम से कम साढ़े तीन साल और जेल में बिताने होंगे क्योंकि संजय करीब डेढ़ साल पहले ही जेल में काट चुके हैं। अदालत का फैसला आते आते जवान बूढे हो चुके होते हैं .. अपराधी शरीफ हो चुके होते हैं और शरीफ पागल बन चुके होते हैं .....


रिश्तों की उलझनें - कभी-कभी मन इतना उलझ जाता है कि कोई एक सिरा ढूँढे नहीं मिलता। मानवीय सम्बन्ध बहुत जटिल होते हैं। बस दोस्ती का रिश्ता ऐसा होता है, जहाँ सब कुछ सहज ही होता जा... आना चाहते हो ना इस पार - सुनो आना चाहते हो ना इस पार मेरे गमों को मेरे दर्द को अपने जीने की वजह बनाने को तो ध्यान से आना यहाँ बुझी चितायें भी शोलों सी भभकती हैं अरे रे रे सं...कल्पवृक्ष - काश ! होता एक ऐसा भी कल्पवृक्ष जिसकी शाख पर लटकी होती अनगिनत इच्छाएँ और उन इच्छाओं को तोडने के लिए सींचना पड़ता उसको प्यार और संवेदना के जल से... लोरी - *ये मेरी डायरी का वो पन्ना है जिसे मैं शायद फिर कभी न पढना चाहूँ.....दिल बेशक गुनगुनाता रहेगा !!!* (कविता दिवस पर -कुछ पंक्तियाँ उन्हें समर्पित जिन्होंने उँ...


श्याम रंग में भीगा अंतर - श्याम रंग में भीगा अंतर रंग डाला किस रंग में तूने कान्हा रंग रसिया है मन का, राधा रंगी थी मीरा जिसमें हुआ सुवासित कण-कण तन का ! श्याम रंग म...रंगों के दोहे , - *रंगों के दोहे ,* परदेशी के प्यार का ,नया निराला रंग रंग डूबी चिट्ठियाँ ,भिजवा दी बैरंग !१! देखी जब से रंग के ,चहरे पर मुस्कान, रंग ,कबीरा,जायसी ,रंग ह... 'प्यार' त्रिभुज का चौथा कोना चुप सा बैठा है - "मेरे पास सवाल तुम्हारे पास उत्तर थे हम हमेशा एक -दूसरे की प्रतीक्षा में रहे मिले तो मिले परीक्षा में अंक पत्रों की समीक्षा में और फिर मिले ही नहीं प्रतीक्षा...  मानवाधिकार? - मूल रूप से मनुष्य भी एक जानवर ही है. असभ्यता के दौर में वे सारी विषमताएं रही होंगी जो आज भी हम जंगली जानवरों में देखते हैं. समाज के गठन के बाद एक दूसरे के. 


छत्तीसगढ़ी हाना - वाचिक परम्पराएं सभी संस्कृतियों का एक महत्वपूर्ण अंग होती हैं। लिखित भाषा का प्रयोग न करने वाले लोक समुदाय में संस्कृति का ढ छत्तीसगढ़ी हाना - वाचिक परम्पराएं सभी संस्कृतियों का एक महत्वपूर्ण अंग होती हैं। लिखित भाषा का प्रयोग न करने वाले लोक समुदाय में संस्कृति का ढ... ...छत्‍तीसगढ़ उच्‍च न्‍यायालय का वेबसाईट अब हिन्‍दी मय - छत्‍तीसगढ़ उच्‍च न्‍यायालय के मुख्‍य न्‍यायाधिपति माननीय श्री न्यायमूर्ति यतीन्द्र सिंह जी के पदभार ग्रहण करते ही छत्‍तीसगढ़ के न्‍यायालयीन कार्यो में ते... परियोजनाएं, विकास और रूकावट - देश में विकास के नए नए सपने दिखाने वाली लगभग सात लाख करोड़ रुपयों की परियोजनाएं विभिन्न कारणों से मंज़ूरी के लिए इंतज़ार कर रही हैं ज...


Pahal gaon to Sheshnag lake पहलगाँव, चन्दनवाड़ी से शेषनाग झील होकर अमरनाथ गुफ़ा की ओर - अमृतसर-अमरनाथ-श्रीनगर-वैष्णों देवी यात्रा-03 जब एक फ़ौजी ने हमारी बस को रोका तो हमें लगा कि रात में कोई आतंकवादी वारदात हुई है जिस कारण सेना के जवान वाहन च... .एन्‍ड्रायड में हिन्‍दी टायपिंग - गूगल इनपुट हिन्‍दी से - खासकर फेसबुक व ट्विटर पर लोग रोमन में हिन्‍दी संदेश लिखते हैं जिसे पढ़ने के लिए दिमाग को काफी मशक्‍कत करनी होती है। इसके समाधान के लिए गूगल बाबा नें एक   ...साहब बीवी और गैंगस्टर रिटर्नस - साहब बीवी और गैंगस्टर रिटर्नस के बारे में भी अब तक समीक्षा-समालोचना के स्तर पर लिखा जा चुका है। इधर बाजार के आँकड़े प्रमाण देते हैं कि फिल्म ने अब तक लाग..

कार्टून :- कलयुग का वानप्रस्थ

   
 मिलते हैं एक ब्रेक के बाद .......

बुधवार, 20 मार्च 2013

निपटा दो ऽ ऽ ऽ ----ब्लॉग4वार्ता, ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार, एक अरसे के बाद ब्लॉग वार्ता लिखने का अवकाश मिल पाया है. व्यक्तिगत कार्यों के बीच वार्ता लिखने का समय ही नहीं मिल पाया। संध्या जी का आभार है कि उन्होंने वार्ता की निरंतरता को बनाये रखा। एक दीप जो जलाया था प्रकाश के लिए उसकी लौ टिमटिमाते हुए भी राहगीरों को मंजिल दिखा रही है। वार्ता दल के अन्य वार्ताकार भी मेरे जैसे ही जिजीविषा में लगे हुए है। आशा  है कि समय मिलने पर वे भी वार्ता की तरफ ध्यान देंगे। अस्तु समय मिलेगा तो फिर वार्ता लेकर उपस्थित होऊंगा। अब चलते हैं आज वार्ता पर प्रस्तुत हैं कुछ उम्दा चिट्ठों के लिंक्स ......

कहानी - भाग्य अपने हिस्से का ! - "सॉरी, गोंट टु गो, आई वेस्टेड सो मच आफ योर टाइम।" हल्की सी कराह खुद में समेटे ये भारी-भरकम स्वर जब कानो में पड़े तब जाकर यह अहसास हुआ कि साथ में कोई ..होली, आसाराम और गाली !!! - एक हैं आसाराम बापू। वैसे तो ये संत हैं, पर ज्यादातर चर्चा अपने विवादास्पद कार्यों और बयानों को लेकर रहते हैं। उनके आश्रमों की अव्यवस्था को लेकर खबरें आएं... वाह वाह ताऊ क्या लात है? में श्री अरविंद मिश्र - हाय...अंक्ल्स...आंटीज... भैयाज एंड दीदीज...मैं मिस रामप्यारी, *"ताऊ टीवी फ़ोडके चैनल" *के दर्शकों का बादाम बजा लाती हूं. बडे ही हर्ष का विषय है ... 

एक दिन "लेखनी सानिध्य" में ... - मार्च ख़तम होने को है पर इस बार लन्दन का मौसम ठीक होने का नाम ही नहीं ले रहा। ठण्ड है कि कम होने को तैयार नहीं और ऐसे में मेरे जैसे जीव के लिए बहुत कष्टका... हम दास्ताँ अपनी , दीवारों को सुनाने लगे . - जब गीत तिरंगे की शान में गाने लगे, कुछ लोग सियासत की आग भड़काने लगे. जब पूछा गया शहीदों का नाम और पता, चोर - उचक्के ...इटली की हेकड़ी - भारतीय कोर्ट में हत्या के मुक़दमे का सामना कर रहे इटली के नौसैनिकों के मामले में जैसे इटली ने अंतरराष्ट्रीय कानून का खुला ..

मत्तगयन्द सवैया - कौन यहाँ सबसे बलवाला - बात चली जब जंगल में - "पशु कौन यहाँ सबसे बलवाला"। सूँड़ उठा गजराज कहे - "सब मूरख, मैं दम से मतवाला"। तो वनराज दहाड़ पड़े - "बकवास नहीं, बस मैं ..मैं विरह “विदग्धा” हूँ................ - विरह “विदग्धा” हूँ मैं !!! तुम्हारे लिए। संशयान्वित न होना प्रेयस भरोसा करो मेरा हृदय से। आज विक्षुब्ध हूँ तुम्हारे, विवेचन से की मैं, समस्त वचन भूल गई। ...हास्यकवि अलबेला खत्री का वीडियो एल्बम हमारा गुजरात - दी ग्रेट इंडियन लाफ्टर फेम हास्यकवि अलबेला खत्री की लोकप्रिय एवं बहुचर्चित कविता हमारा गुजरात पर आधारित गरवी गुजरात का एक शानदार वीडियो एल्बम *अलबेला खत...

बरसों का साथ - बरसों का साथ बहुत कुछ देकर सदा के लिए छीन लेता है आपसी संवाद स्थायी संबंधों की सामाजिक रुपरेखा जीवित रहती है पर शब्द खो जाते है शेष रह जाती है औपचारिकता..विज्ञापन - अर्थ का अनर्थ * **कभी आपने सोचा है कि वो कौन सी चीज है जो सुबह आँखे खुलने से लेकर एकदम बेसुध हो कर सो जाने तक भी आपका पीछा नहीं छोड़ती ..... नि:संदेह वो इकलौती चीज है विज्ञापन ! ....श्रीमद्भगवद्गीता-भाव पद्यानुवाद (४७वीं कड़ी) - मेरी प्रकाशित पुस्तक 'श्रीमद्भगवद्गीता (भाव पद्यानुवाद)' के कुछ अंश: ग्यारहवाँ अध्याय (विश्वरूपदर्शन-योग-११.३५-४६) संजय: राजन, केशव वचनों को ...  

ठिठक गयी कोयल की कूक - ठिठक गयी कोयल की कूक मुरझाई सी आम्र मंजरी ठिठक गयी कोयल की कूक, जाने कौन निगोड़ी आकर गई कान में उसके फूँक ! कैसे घोलें रंग अनूठे भीगा-भीगा .पत्रकारिता याने ‘निपटा दो स्सा ऽ ऽ ऽ ले को’ - 17 मार्च रविवार को, *‘जनसत्ता’* में, *‘अनन्तर’* स्तम्भ में *श्री ओम थानवी *के, *‘अक्ल बड़ी या भैंस’* शीर्षक आलेख के, तीसरे पैराग्राफ के पहले दो वाक्यों *...बिहार को विशेष राज्य का दर्जा पर, होती राजनीतिक धींगा-मुश्ती - *हरेश कुमार* पिछले रविवार 17 मार्च 2013 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर जोर देने के लिए दिल्ली के .....


https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgxke-S_e7TlwLjOxZJtk53WmKU227I5VC663zirfyvtzeaUWh6gbEsCbgqMMClvM01KZhkO877BLFu_Jwv6lze9qMn2PuuxlVNBvggfQJSqBGeeHW0XSqsZhjlOv7dyQcZReg1qkJfHeM/s1600/Cyprus,loot,dacoity,tax.jpg  
वार्ता को देते हैं विराम ……… मिलते हैं अगली वार्ता में, राम राम......

मंगलवार, 19 मार्च 2013

रंगीला बसंत, अलसी के फूलों ने लिया नीलापन...ब्लॉग 4 वार्ता... संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार... चीन में पिछले 40 साल में 33 करोड़ से ज्यादा बच्चों को जन्म लेने से पहले ही मार दिया गया। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 1971 से लेकर 2010 तक चीन में इतने अबॉर्शन हुए हैं। जनसंख्या पर लगाम लगाने के लिए चीन द्वारा उठाए गए कदम हमेशा विवादों के घेरे में रहे हैं और हालिया आंकड़ा चौंकाने वाला साबित हो सकता है। चीन ने पहली बार जब परिवार नियोजन संबंधी कडे़ कदम उठाए थे, ये आंकड़े तब से लेकर अब तक के हैं। देश के स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर ये आंकड़े जारी किए गए थे। लीजिये प्रस्तुत है, आज की वार्ता ...

तुम----- - तुम----- अपने-अहम के बबूलों को सींचते रहे--- मेरे घर के गुलदानों को तोड...रंगीला बसंत - तेरी यादों की बालियाँ पक गयी हैं लहलहाने लगी हैं. आम पर लद रही है बौर जैसे संग है मेरा दर्द मुझे महकाता हुआ . अलसी के फूलों ने ले लिया है नीलापन .. आखिर मैं चाहती क्या हूँ - कभी कभी फ़ुर्सत के क्षणों में एक सोच काबिज़ हो जाती है आखिर मैं चाहती क्या हूँ खुद से या औरों से तो कोई जवाब ही नहीं आता क्या वक्त सारी चाहतों को लील गया है ...

रेल और जेल ........... - *रेल और जेल ........... भारतीय रेल और भारतीय जेल दोनों को पहली बार देखने पर कलेजा मुंह को आता है । दिल भारी हो जाता है और माथे पर पसीना चुहचुहाने लगता है ।...  .साईबर हमलों से निपटने को कितने तैयार हैं हम - प्रसिद्ध होलीवुड फिल्म डाई हार्ड फॉर के कथानक में एक ऐसी काल्पनिक समस्या का जिक्र किया गया है जब अमेरिका के इंटरनेट पर एक अपराधी समूह का कब्ज़ा होता है और...यथार्थ - कई बार आदमी जैसा सोचता है, वैसा हो नहीं पाता है. ये कहानी हरसहाय भाटिया और उनकी अर्धांगिनी सुनयना भाटिया की है, जिन्होंने जीवन की दौड़ जीरो से शुरु की थी ...

छत्तीसगढ़ की वाचिक परम्परा में इतिहास और संस्कृति" विषय पर आयोजित सेमीनार - डॉ.रमेन्‍द्रनाथ मि‍श्र राहुल सिंह श्री राहुल सिंह जी का आधार व्‍यक्‍तव्‍य डॉ;सुशील त्रि‍वेदी का अभि‍भाषण डॉ.रमेन्‍द्रनाथ मि‍श्र के वि‍चार  ...जीने का अधिकार मिला है - एकाकी कक्षों से निर्मित, भीड़ भरा संसार मिला है, द्वन्दों से परिपूर्ण जगत में, जीने का अधिकार मिला है ।। सोचा, मन में प्यार समेटे, बाट जोहते जन होंगे, ...दस लाख डॉलर प्रतीक्षा में हैं - इस चिट्ठी में, रीमैन अनुमान के महत्व की चर्चा है। यह चित्र मेरा नहीं है पर इनके चिट्ठे से लिया गया है गणितज्ञों का सबसे महत्वपूर्ण अन्तराष्ट्रीय सम्मेलन ...  

होली है ! - होली है ! लो फिर आ गया रंगों का त्योहार उमंगों-तरंगों में डूबने का वार पर न जाने किसने रोक रखी है भीनी फुहार ललक नहीं दिखती गाल रंगाने की ... होली न सुहाय - ना कर जोरा जोरी सांवरे छोटा लालन रोवत है भए लाल गाल गुलाल से नन्हां देवरिया डरपत है | मैं तेरे रंग में रंगी भीगी चूनर सारी फिर काहे की जोरा जोरी ना ..पलाश से संवाद ! - . ... 

मोटापा घटाने के लिए कुछ आयुर्वेदिक उपाय !! - मोटापे को लेकर कई लोग परेशान रहतें हैं और इससे छुटकारा पाना चाहतें हैं ! कुछ उपाय ढूंढकर उनको प्रयोग में लातें हैं लेकिन कई बार ऐसा देखा गया है कि हर उपाय... कुण्डलिया - बूढ़े-बूढ़े शेर - घिसे दाँत के बाघ हों, बूढ़े-बूढ़े शेर। तो गीदड़ काहे नहीं, करता फिरे अँधेर॥ करता फिरे अँधेर, लोमड़ी का घरवाला, छापें सब अखबार, झूठ भर मिर्च-मसाला। ...मेरठ का हूं, औकात पर आ गया तो... - *मेरठ का हूं, औकात पर आ गया तो कुकड़गांव बना दूंगा..*. जॉली एलएलबी फिल्म में ये डॉयलॉग सुना तो अपने शहर मेरठ का मिजाज़ बड़ी शिद्दत के साथ याद आ गया....

दीजिये इजाज़त नमस्कार.......

सोमवार, 18 मार्च 2013

हिटलर भी गूगल रीडर के बन्द होने से नाराज है.. ब्लॉग 4 वार्ता... संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार... मेरी ही आँखें मेरे ही अक्स को घूरती हैं अनजान की तरह वो कुछ शब्द जो यकीं दिलाते मुझे मेरे होने का क्यों नहीं बोलती कितना मुश्किल है इनकी ख़ामोशी तोडना...तुम कहते हो आसान है सब. सच कहूँ.... कुछ भी अजीब नहीं लगता, आदत सी हो गई है ,कर भी क्या सकती हूँ ,फिर भी कोशिश में हूँ,अपनी ही आँखों में, अपनी पहचान... ढूंढ़ने की...सच बहुत मुश्किल है आज की इस बनावटी मुखौटों से भरी दुनिया में खुद को भी पहचानना, आज इंसान इंसानियत भूलकर अपने इंसान होने की पहचान भी खोता जा रहा है... लीजिये प्रस्तुत है आज की वार्ता ...

जीवन झांकता है... - नवम्बर की सर्दी कुछ ख़ास नहीं और यहाँ कोलकाता में तो बिलकुल भी नहीं... सुबह के ९ बज रहे हैं, यूँ ही भटकने निकल पड़ा हूँ, बाकी के साथी आगे निकल चुके हैं...कुछ बातों की कल्पना भी मुश्किल होती है !!! - बचपन मे एक कहानी पढी थी। एक किसान के घर एक नेवला था जो बिल्कुल घर के सदस्य की तरह था। किसान दम्पति भी उसे अपने बेटे की तरह रखते थे। ..इंतज़ार - काटे न कटें रतियाँ ,वे अबहूँ न आए | बाट निहारूं द्वार खडी,विचलित मन हो जाय || भूली सारे राग रंग ,कोई रंग न भाय | पिया का रंग ऐसा चढा ,उस में रंगती जाय|| ...

सुनो कन्हाई तुम्हारी प्रीत ना हमें रास आयी - सुनो कन्हाई तुम्हारी प्रीत ना हमें रास आयी इकतरफ़ा प्रेम धुन की जो मुरली तुमने बजायी उसी धुन ने हममें भी ये बात जगायी जो तुम चाहो मोहना किसी एक का सर्वस...क्या आप अपनी औलाद से प्यार करतें हैं ??? - *ये कैसा बचकाना और बेहूदा सवाल है .....?* *यकीनन ,हर माँ-बाप अपनी औलाद को प्यार करते हैं .....* *बस,ये ही जानने के लिए आपको यहाँ खींच कर ..अब मन छायो बसंत .......!!!!!! - किसलय अनुभूति देती ..... सागर सी ... सुनील तरंग ... सुशील उमंग ..!!!! रंग भर भर ... झर-झर निर्झर बहें....! निसर्ग झूम झूम गाए... सुमंगल स्वस्तिवाचन ....! रंज और दर्द की बस्ती का मैं बाशिन्दा हूँ - ...

हमारा चेहरा - सोचता हूँ बिना पंख उड़ जाऊं और उस को कोसूं जिसने पंख नहीं दिए .... सोचता हूँ प्रारब्ध से मिली सम्रधता से टेढा चलूँ इतराऊँ पैरों तले , दबते, कीड़े मकोडों... हकीकत : दिल्ली से भीख मांगते रहे नीतीश ! - *बि*हार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली आए तो थे अधिकार मांगने लेकिन भीख मांगकर चले गए। उनके पूरे भाषण में एक बार भी ऐसा नहीं लगा जैसे वो अपने अधिकार की...कमीने क़ानून बनाने वाले-- - प्राईमरी हेल्थ सेंटर (PHC), शाहजहांपुर में दो साल की बच्ची , जिसने ठीक से चलना और बोलना भी नहीं सीखा था , के साथ वार्ड बॉय ने दो बार बलात्कार किया ! ..

डायरी का एक और सीला पन्ना.... - सफ़र में होंगे कांटें भी इस बात से बेखबर न थे मगर खबर न थी के चुभेंगे इस कदर कि तय न हो सकेंगी ये लम्बी दूरियां कभी..... (या कौन जाने ,कोई चुनता रहा हो का... .सर्वोत्तम कृषक पुरस्कार, - *होती अच्छी आय,* कृषि से बढ़िया जगत में , नहिं कोई व्यवसाय ! नहीं किसी की चाकरी , होती अच्छी आय !! होती अच्छी आय, सीख वैज्ञानिक नुस्खा !  ... कुण्डलिया - रहता हो जो गाँव में, मध्यवर्ग इंसान। "हाई-फाई" क्यों उसे, पूछें अपना मान॥ पूछें अपना मान, उसे जो प्रॉफिटवाला, "भाई रेडीमेड", खरीदें पॉकिटवाला। निकला काफी दू..

कि मोहोब्बत भी एक कफ़स है - लिख रहा हूँ मगर उस बीते हुये मौसम से बेखबर एक रूह सीने पर आ बैठी है। कहती है पीठ के तकिये को नीचे करो। इस पर सर रखो और सो जाओ. दुनिया खाली है।... .तुम्हारे लिये - तुम्हारे लिये एक बार फिर कल तुमने इतनी दूर से ही मेरे मन मेरी आत्मा को मेरे भीतर कहीं दूर तक छुआ. तुम्हारे शब्द कानों के रास्ते मेरे शरीर में अब तक घुल रहे..पर मिट्टी नहीं है ... - आओ ! आकाश में उड़ती हुई आँधियों ! बादलों जोर से गरजो ! बिजलियों थोड़ा और कड़को ! मैं ललकारती हूँ तुम्हें जितना बन पड़े तुम उतना भड़को ! अब मेरी मजबूती को ... 

पुस्तकें और पाठक .. 2 - पुस्तक की महता का कोई पैमाना शायद आज तक निश्चित नहीं हो पाया है कि वह कितनी महत्वपूर्ण है, लेकिन एक संकेत देता चलूँ कि आज जिन रचनाकारों के सामने हम नतमस्तक..हिटलर भी गूगल रीडर के बन्द होने से नाराज है - गूगल द्वारा अपनी लोकप्रिय फीड रीडर सेवा गूगल रीडर बन्द करने के निर्णय से प्रयोक्ताओं में काफी निराशा तथा नाराजगी है। इस फैसले से दुःखी लोगों की सूची में ... वाह वाह ताऊ क्या लात है? में श्री दिगंबर नासवा - होली के रंग में रंगे हुये रामप्यारे और मिस रामप्यारी दोनों ने आज इतनी भांग डकार ली कि दोनों बेसुध पडे हुये हैं. "चैन से होली मनाना है तो ताऊ की भंग पी ...  

रंगीलो राजस्थान : राठौड़ राजाओं का समाधि स्थल जसवंत थड़ा (Jaswant Thada) - मेहरानगढ़ किले से निकलने के बाद हमारा अगला पड़ाव था जसवंत थड़ा (Jaswant Thada) यानि राजा जसवंत सिंह का समाधि स्थल। पर इससे पहले कि हम किले से बाहर निकलते...Golden Temple स्वर्ण मन्दिर परिसर - अमृतसर-अमरनाथ-श्रीनगर-वैष्णों देवी यात्रा-01 इस यात्रा की रुप रेखा भी अपने कार्यालय में ही खींची गयी थी सन 2007 के जुलाई माह की बात है मैं दिल्ली में शाहद... .यहाँ पत्थर बहुत रोया वहां आंसू नहीं आते कभी सच्ची मुहब्बत को दिवाने दिल नहीं पाते, यहाँ पत्थर बहुत रोया वहां आंसू नहीं आते, रजा मेरी जुदा ठहरी रजा उसकी जुदा ठहरी, मुझे कलियाँ नहीं जँचती उसे कांटे नहीं भाते, डरा सहमा रहेगा उम्रभर ये दिल मेरा यूँ ही, तेरी फितरत से वाकिफ जबतलक हम हो नहीं जाते,...

इन्तजार रात की चौखट पर- भोर होने तक ... - रात की चौखट पर, शाम के रस्ते ही, सन्नाटे को चीर, उदासी पहुँच जाया करती है जाने क्यों, रात के घर में उजेला नहीं हुआ करता, स्वागत में बत्तियाँ बुझ जाया करती... अक्सर मैं --  आप सभी ब्लॉगर साथियों को मेरा सादर नमस्कार काफी दिनों से व्यस्त होने के कारण ब्लॉगजगत को समय नहीं दे पा रहा हूँ पर अब आप सभी के समक्ष पुन: उपस्थित हूँ ...Map your circles of creativity - *Most valuable management skill was no longer "operations" or "marketing" but "creativity--- Harvard business review * * ** *In 2010, IBM ran a survey of 1,...


https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhZA95V3HW4oj3s5sHHp2BJnM2pQ4Bt6Ds0Yble4EGBRAkFmKWbJeNwL9HiE_-VSYADblNPs5UeZN8FbBhtsznQlRKrEl-do0fvHRKDQ4n1LaoYxDAxFE1w2ARXdVnShyPPi9ZGWZqwyZM/s400/17.3.2013.jpg 

दीजिये इजाज़त नमस्कार.......

मंगलवार, 12 मार्च 2013

फेसबुकिया ब्लॉगिंग उफ़ क्या ज़माना आ गया है ?- ब्लॉग 4 वार्ता... संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार........अपना कह दूँ तो तुझको अच्छा नहीं लगता, गैर कह के बुलाऊं तो कलेज़ा मुँह को आता है. हरजाई कह दूँ तो खुद को अच्छा नहीं लगता, बावफ़ा और बेवफ़ा ऐसी बातों पर खुद ही यकीन नहीं. अब ले दे कर ज़ालिम और निर्मोही बचता है, कैसे पुकारूँ तुझे कैसे सुनेगा तू दुश्मन ! झूठ बोलती है सारी दुनिया कि दिल की आवाज़ दिल तक पहुँचती है !झूठी दुनिया .....लीजिये प्रस्तुत है आज की वार्ता ...

साहस की रस्‍सी पर !!!! मन अक्‍सर प्रश्‍नबैंक हो जाता है, जाने कितने सवाल ??? एक का जवाब दिया तो दूसरा हाजिर कभी किसी सवाल का जवाब भय से ग्रसित होने के कारण दिया नहीं तो बस भय ने दबा दिया सारे साहस को कई बार पसीने छूट जाते इस भय की वजह से !!! ..मौत सबकी समय के निशाने में है गैरियत आज जालिम ज़माने में है, मौत सबकी समय के निशाने में है, हर दरिंदा यहाँ अब यही सोचता, सुख मज़ा नारियों को सताने में है, सुर्ख़ियों में वो छाये गलत काम कर, ..उफ़ क्या ज़माना आ गया है ? - लोग सदमे में हैं । देश निराश के भयानक दौर से गुज़र रहा है । सारी आशाएं समाप्त होती दिख रही हैं । देश का बेड़ा गर्क हुआ ही समझो । लोग उम्मीद की दृष्टि से उसे...

ओस में नहायी औरतें - ओस में भीगी औरत औरत नही होती होती है तो उस वक्त सिर्फ़ एक नवांगना तरुणाई मे अलसाई कोई धवल धवल चाँदनी की किरण अपने प्रकाश से प्रकाशित करती सृष्टि के स्पंदन..अर्द्धांगिनी शब्द कितना उपयुक्त - हिंदी का एक बहुप्रचलित शब्द मुझे पसंद नहीं आता. हालांकि अधिकाँश लोग मेरी सोच से इत्तफाक नहीं रखेंगे .वैसे भी नहीं रखते ,इसलिए चिंता की बात नहीं...:) लेकिन... .कर भरोसा अपने पर - कर भरोसा अपने पर रहता है क्यूं बुझा बुझा क्यूं आज की चिंता करता है आज का दौर है कठिन पर कल सुधरेगा दिल कहता है | तेरी उदासी दुखित करती मन उद्वेलित करती...

 महाकुम्भ के समापन पर - महाकुम्भ के समापन पर कल-कल छल-छल बहती गंगा यमुना जिसमें आ कर मिलती, यही त्रिवेणी है प्रयाग की छुपी है जिसमें सरस्वती ! इस अति पावन तीर्थराज मे...पाकिस्तान! कौन सा पाकिस्तान?...खुशदीप - पाकिस्तान पड़ोसी मुल्क़ है...ये भी सोलह आने सच है कि मर्ज़ी से कभी पड़ोसी बदले नहीं जा सकते...फिर पाकिस्तान जैसे मर्ज़ की दवा क्या है...जवाब जानना चाहते ... फेसबुकिया ब्लॉगिंग और ब्लॉग पर फेसबुकिंग -- यही है ज़माने की चाल ! - अब जब हमारे सभी ब्लॉगर मित्र बन्धु फेसबुक की ओर कूच कर चुके हैं, तो न चाहते हुए भी हम भी कुछ कुछ फेसबुकिया हो गए हैं। हालाँकि जो मज़ा यहाँ है , वह वहां कह... 

दरगाह दीवान भी भारत सरकार से तो अच्छे हैं !! - पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कि ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती कि दरगाह पर जियारत करने को लेकर की गयी यात्रा खासी विवादास्पद रही और पाकिस्तान नें भारत के साथ जिस ..मुझे सब मालूम है - मुझे सब मालूम है। इतना कह कर चुप हो जाती है। मैं कुछ लिखने, कुछ सुनने या ऐसे ही किसी किताब को पढ़ते हुये पूरा दिन घर के ऊपरी माले में बिता देता हूँ। ये... कांग्रेस का दोहरा चरित्र देखिये -- - हमारे देश के दो वीर सैनिको के सर धोखे से काट लिए गए उनमें से एक की विधवा ने कई दिनों तक भूख हड़ताल की पर राहुल गाँधी न तो उससे मिलने गया और ना ही कभी उनकी ... 

बम शंकर बोलो हरी हरी... - ले सब्रो कानाअत साथ मियां, सब छोड़ यह बातें लोभ भरी. जो लोभ करे उस लोभी की, नहीं खेती होती जान हरी. संतोख तवक्कुल हिरनों ने, जब हिर्स की खेती आन चारी. ...पाँच क्षणिकाएँ - *(१) ज्वलंत प्रश्न* जब फलदार वृक्ष ही बन जाएं नरभक्षी, चूसने लगें रक्त, तब क्या करे पथिक, किधर ढूँढे छाँव, शीतलता, कहाँ करे विश्राम, कैसे जुटाये भोजन ...पुरूष दिवस की हार्दिक बधाई ताऊ... - सभी तो नही पर कुछ पढी लिखी और आत्म निर्भर महिलाओं के लिये तो अमूमन नित्य ही महिला दिवस रहता है. उस वर्ग विशेष में पुरूष दिवस मनाने की मांग जोर शोर से ... 

The Power of Habit: by Charles Duhigg --Introduction - The Power of Habit: by Charles Duhigg an *Introduction* * * * Introduction* It is often said that we are creatures of habit, in that many of our daily ... Pencil Drawing of Ice Cream Cone - Keywords : Pencil Drawing of Ice Cream Cone, Line Art, Sketch, Drawings, Sketches, Pictures, Images, Photos, Pics By Monika Jain 'पंछी'... ...जिसने सिर काटा उसे सिर पर बैठाया ! - कुछ व्यक्तिगत कारणों से मेरा और मेरे मन का आपस में संपर्क ही कटा रहा, लिहाजा ना मैं ब्लाग लिख पाया और ना ही आपके ब्लागों तक पहुंच पाया।  ...

कार्टून :- बस 1 तोप की सलामी

. 

 

दीजिये इजाज़त नमस्कार.......

रविवार, 10 मार्च 2013

ॐ नम : शिवाय.... ब्लॉग 4 वार्ता... संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार......फागुन की ऋतु घर आई .....!! - प्रकृति गाये मधुवंती .... और बहार राग ... हरसूँ ऐसा छिटका .... फाग के अनुराग का पराग ... हृदय छंद हुए स्वछंद .... मंद मंद महुआ की गंध ...... तोड़ती मन तटबंध ...आप सभी को महाशिवरात्रि पर्व की हार्दिक शुभकामनायें... लीजिये प्रस्तुत है आज की वार्ता ...

 

शंकर की तीसरी आँख और शिवलिंग .... नेत्र, नयन या आँखें, हमारे शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। इसका सीधा संपर्क न सिर्फ शरीर से अपितु, मन एवं आत्मा से भी है।.....महाशिवरात्रि *ॐ नम: सिवाय* इस समय रा‍त के साढ़े ग्‍यारह बजे हैं। बाहर मन्‍द हवा चल रही है। हरे वृक्षों का धीमे-धीमे हिलना अद्भुत दृश्‍य प्रतीत हो रहा है।...महाशिव रात्रि ॐ नम : शिवाय महाशिव रात्रि में शिवजी की पूजा न केवल भारत में वरन पूरा विश्व में होती है , जहाँ हिन्दू है। शिव जी के बारे में भिन्न भिन्न बिचार पढने को मिलता है। कोई कहते है देवादि देव महादेव है। यही हैं सब देवतावों में श्रेष्ट ।..

गोवर्धन यादव का आलेख - आ गयी महाशिवरात्रि-पधारो शंकरजी - महाशिवरात्रि का अर्थ वह रात्रि है जिसका शिवतत्व के साथ घनिष्ट सम्बन्ध है. भगवान शिव कि अतिप्रिय रात्रि को “शिवरात्रि” कहा गया है. शिवार्चन और जागरण ... महाशिवरात्रि - महाशिवरात्रि उस पावन पर्व का नाम है जब भगवान शिव शंकर ने माता पार्वती से पाणिग्रहण संस्कार करा था ! हिंदू मान्यता बताती है कि त्रिमूर्ति में ब्रह्मा श्रृष..महाशिवरात्रि के अवसर पर शुभकामनाओं सहित - शम्भो शंकर हे महादेव शूलपाणि, हे गंगाधर, हे महादेव, औघड़ दाता हे त्रिपुरारी, शंकर शम्भो, हे जगनायक, जग के त्राता ! हे शिव, भोले, मृत्युंजय हे, तु... 

 तुम वही होना जो हो! - कार्येषु मन्त्री करणेषु दास: भोज्येषु भट्टं शयनेषु काम:। धर्मानुकूल रक्षक: देवं च पति: षाड्गुण्यवतीह दुर्लभ:॥ (मानकाचार्य और शुद्धतावादियों से क्षमा सहित)...देख लेना अदृष्यप्रायः रेखा को - यह मेरे लिए अनायास, अनपेक्षित, अतिरिक्त प्राप्ति थी। बिलकुल किसी ‘विस्मय उपहार’ (सरप्राइज गिफ्ट) की तरह। इसका माध्यम बने श्री मनोज फड़नीस। ... तू सिर्फ इंसान है.. - *पैदाइश के फौरन बाद* *मैं खुद ब खुद हिस्सा हो गई* *कुल आबादी के* *आधे कहलाने वाले* *एक संघर्षशील 'समुदाय' का,* *कानों से गुज़रती* *हर एक महीन से महीन आवाज...

अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस पर एक जरूरी मांग ... अपनी सरकार से - पिछले माह ट्रेन से आ रही थी , रिजर्वेशन नहीं होने और भीड के अधिक होने के कारण महिला बॉगी में चढ गयी , यहां हर वर्ग का प्रतिनिधित्‍व करने वाली महिलाएं .. हाइकु (अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर) - (१) स्त्री का सम्मान पुरुषत्व की शान कब जानोगे? (२) नारी दिवस तब बने सार्थक रोज़ दो मान. (३) न होती जो माँ कहाँ होता अस्तित्व, .. Ahsaas - **** मर्द कभी नहीं रोते***** मैं बचपन से सुनता आ रहा हूँ, मर्द कभी नहीं रोते, और मैं भी कभी नहीं रोया, मर्द हूँ ना.. जब बहिन के पति का स्वर्गवास हुआ, ... 

 ब्लॉगिंग ने बनाया विश्वविख्यात - कुछ लोग ऐसे होते हैं जो छोटे-छोटे कार्यों को ढिंढोरा पीटकर करते हैं और कुछ लोग बड़े से बड़ा कार्य चुपके से कर जाते हैं और जबतक उस कार्य के प्रतिफल का भान ... रोक लेते हो जो तुम मुझे ... - रोक लेते हो जो तुम मुझे विहगों के स्वर पर सहसा अधरों से फूट पड़ते हैं बेसुध रागों में निर्झर गान पल झपते ही नव छंदों से आह्लादित हो जाता है आसमान मन मसोस कर..अंतरात्मा... संध्या शर्मा - (1) तू... चली गई अच्छा ही हुआ रहती तो दिल धडकता अन्याय के विरोध में कभी तो भड़कता (2) अब सबकी सुनती हूँ दबा सकती हूँ आवाज़ मन की तू होती तो ... 

बांग्लादेश की हिंसा हमारे लिए भी समस्या खड़ी कर सकती है !! - बांग्लादेश में चल रहे आंतरिक संकट पर भारत सरकार का रवैया हैरान कर देने वाला है ! भारत सरकार इसको बांग्लादेश का आंतरिक मामला मानकर चल रही है ! ..रेगिस्तान में आधी रात के बाद - आज की सुबह सोचा है अच्छी विस्की होनी चाहिए। क्योंकि मेरे लिए अच्छे जीवन का मतलब अच्छी विस्की ही होता है। मैं करता हूँ न सब-कुछ। मानी जो इस दुनिया में ....villages of mountains ,कैसे हैं पहाड के गांव वाण गांव में एक दिन बिताने का कारण था । हमने अपनी रूपकुंड यात्रा तीन दिन में सोची थी पर एक दिन कम यानि की दो दिन में ही पूरी कर ली थी । मै ये तो नही कहूंगा कि ये कोई आसान ट्रैक था पर मै कर गया और कुंवर सिंह ने भी इसमें काफी बढिया साथ दिया ।...

" वह काला तिल .........."नई नई मुलाकात थी , मुलाकात क्या बस बात थी , उनका कहना ,लिखते तो अच्छा हो , मैंने कहा तुमने पढ़ा शायद , कमबख्त लिखा खुद संवर गया , बात चल निकली तनिक और खिंच गई.. एक कदम आगे चलो न ......*एक कदम आगे चलो न ...........* *ये अनुरोध था या आदेश समझ ही नही पायी ,बस इन शब्दों को ही गुनती रह गयी और मुदित हो उठी :)* *दरअसल ये और किसी ने नहीं अपितु हमारे बड़े बेटे "अनिमेष...इससे बड़ी सज़ा नहींअर्थ हो या अर्थ का अनर्थ हो सार्थक हो या लिखना ही व्यर्थ हो कुछ लोगों से कुछ भी कहो पर अपनी ही मस्ती में मस्त हो ज़बरिया कर के टैग फेसबुक की दीवारों पर चाहते हैं दो शब्द खुद के विचारों पर टैग की टांग पकड़कर कब तक चढ़ेंगे ऊपर पता नहीं पूछिए हम,.......

दीजिये इजाज़त नमस्कार.......

शुक्रवार, 8 मार्च 2013

"सिरपुर : सैलानी की नजर से" का विमोचन... ब्लॉग 4 वार्ता... संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार....कल यानि ७ मार्च २०१३ को नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित तिब्बती धर्मगुरू और तिब्बत की निर्वासित सरकार के प्रमुख श्री दलाई लामा ने प्रख्यात ब्लॉगर ललित शर्मा जी की पुस्तक "सिरपुर : सैलानी की नजर से" का विमोचन सिरपुर में किया. बहुत-बहुत बधाई और ढेर सारी शुभकामनाएं...इस रोचक यात्रा वृत्तान्त और जानकारियों से भरी पुस्तक द्वारा सिरपुर को जानना और समझना  बहुत आसान होगा ।


.....दीजिये इजाज़त नमस्कार.......


गुरुवार, 7 मार्च 2013

सिंवई को भूलकर नूडल्स को दिल दे बैठे...ब्लॉग 4 वार्ता... संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार.... सुप्रभात... सूरज की सिन्दूरी आभा और पलाश के खूबसूरत फूलों के साथ प्रस्तुत है, आज की वार्ता...  *जब पड़ा था * *पहला कदम तुम्हारा * *मेरे आँगन में ,* *तब -* *वो फूल ही तो थे * *पलाश के ,* *जो बिखरे थे * *मेरे आँचल में ......!!!!!* *पलाश के फूल .....* * *


प्रतीक्षा आपकी…..चैत्र माह की बसंत ॠतु जीवन में एक विशेष समय है, जिसका अनुभव लेना है तो संवेदना से परिपूर्ण होना होगा। पूर्णमासी में नभ के क्षितिज पर रात के प्रथम प्रहर में सम्‍पूर्ण चन्‍द्रमा निकल आया है।.. तेरा भी शुकराना.... तमाम रि‍श्‍ते-नाते बेशकीमती हैं तुम्‍हारे लि‍ए सि‍वा एक मेरे * * * फरेब से बारि‍श के मुरझाते हैं नन्‍हें तरू पर आ ही जाता है उन्‍हें भी धरती के सीने से जीवन शक्‍ति लेना * * * * कि एक ठोकर देती है आगे संभलकर चलने का हौसला * * * नए सब़क और पहली ठोकर के लि‍ए जिंदगी के साथ तेरा भी शुकराना..तेरी आदत ... तेरी चीज़ें सब आपस में बाँट रहे थे किसी ने साड़ी उठाई किसी ने सूट किसी ने बुँदे, किसी ने चूड़ी किसी ने रूमाल, किसी ने चेन तेरी छोटी छोटी चीज़ों का भण्डार मानो खत्म ही नहीं होना चाहता था तुमसे बेहतर कौन जानता है ये चीज़ों की चाह से ज़्यादा तुझे अपने पास रखने की होड़ थी माँ तू चुपचाप दूर खड़ी मुस्कुरा रही थी फिर धीरे से पास आकार कान में बोली तू कुछ नहीं लेगा ...

....बोझ अपने दर्द, अपनी तकलीफें छिपाने की तुम्हारी हर कोशिश नाकाम हो जाती है - जब सोते हुए - तुम्हारे धूप से झुलसे माथे की सिलवटों के बीच छिपी श्वेत गहरायी लकीरें पढ़ती हूँ ...जाने कैसे अपाहिज़ हो गया ????? उसे पोलियो हो गया ! हर बार दिये मैने उसे विश्‍वास की उंगलियों से दो बूँद जिंदगी की तरह संस्‍कार समय-समय पर फिर भी जाने कैसे ?? अपाहिज़ हो गया उसका मस्तिष्‍क !!!!!!! ...अहसास - अहसासों की दुनिया लगती सब से भिन्न जीवन का है हिस्सा अभिन्न मन में भरती कई रंग जब भी मनोभाव टकराते जोर का शोर होता अधिकाधिक कम्पन होता अस्तित्व समूचा हिलता..

मुझे चाहिए अपनी मौत ...उस पर हक़ है मेरा - *"*मेरी हथेली पर पता नहीं किसने कुछ रेखाएं खींच दी थीं मेरे जन्म से शुरू हो कर मेरी उम्र बताती जीवन रेखा जिन्दगी के तमाम पर्वतों को लांघ कर मृत्यु तक जाती ... सुनवाई चल रही है ... - अर्थ है तब तो अनर्थ है जिसपर व्याख्याओं की परतें हैं और उन परतों की कितनी ही व्याख्याएं हैं ... कहीं शून्य डिग्री पर उबलता-खौलता पानी है तो कहीं बर्फ की जिद.. रुखसत होती जिंदगी - ** * ** ** ** ** ** ** ** ** ** ** **रुखसत होती जिंदगी* *रात की मानिन्द* *और गहराती जा रही ....* *मौत के साये * *छू लेने को आमद * *बिल्कुल वैसे * *ज्यूँ एक... 

 अलग अलग कीबोर्ड - मेरी प्रतीक्षा को निराशा मिली। यद्यपि मैं लगभग डेढ़ वर्ष पहले से ही आईफ़ोन में हिन्दी कीबोर्ड का उपयोग कर रहा हूँ पर विण्डो व एण्ड्रायड फ़ोनों में हिन्दी ...बुजुर्गों, महिलाओं के लिए एक बढ़िया मोबाईल हैंडसेट - तेजी से बदलते सामाजिक ढाँचे और एकल परिवार के प्रचलन के बीच किसी भी समस्या के निदान के लिए अब तकनीक का मुंह ताका जाना सामान्य बात हो चली है... लालसा ... - सच ! गर तेरी खामोशियों को पढ़ना, हमने सीखा नहीं होता तो शायद, तेरी चाहतों से अब तलक,..हम अंजान ही रहते ? ... आज, जिसे देखो वही जल्दी में है तनिक जल... 

विचारों की मनमानी.... - सुना है, लिखने वाले रोज नियम से २- ४ घंटे बैठते हैं। लिखना शुरू करते हैं तो लिखते ही चले जाते हैं। मैं आजतक नहीं समझ पाई कि उनके विचारों पर उनका इतना ...रंग, - * *रंग धीरे-धीरे शांत रहकर अपना प्रभाव छोड़ते है, वे नही, चीखते / चिल्लाते ज़रा भी रंगों को बिखरा हुआ देखकर हमे, लगता जरूर है ऐसा! कि इनके बीच मचा हुआ है ..सिंवई को भूलकर नूडल्स को दिल दे बैठे हम - गाँव की चिंता सबको है आखिर भारत गाँवों का देश है पर क्या सचमुच गाँव तो जिन्दा हैं पर गाँव की संस्कृति मर रही है गाँव शहर जा रहा है और शहर का बाजार गाँव... 

मुझे गले से लगा लो बहुत उदास हूँ मैं - मुझे गले से लगा लो बहुत उदास हूँ मैं कौन सुनेगा और समझेगा क्यों उदास हूँ मैं ना जाने कौन सी बर्फ़ जमी है जो ना पिघली है ना रिसी है कोई धधकता अलाव जला लो ..तुम आज भी जीवित हो वैसी ही ....हृदय में मेरे ....!! - निष्प्राण .....निस्तेज .... यूँ ज़मीन पर क्यों पड़ी हो ....??? तुम पत्थर सी क्यों हुईं ....? बोलो न माँ ... पत्थर बनी ...ईश्वर स्वरूप ...... अब तुम ही ...दिमाग है आपके पास? तो सोचो! सोचो... - अभी तो कुछ लिखा ही नहीं है इस लड़के ने ...कहता है फिर कभी लिखेगा ... जाने कब लिखेगा और क्या लिखेगा भगवान ही जाने ! ... :-) मैं तो सोच रही हूँ ये जब लिखेगा -...

गुलगुल खरगोश और नशे के सौदागर - गुलगुल खरगोश, चुटपुटवन का जाना-माना व्यापारी था। वन की रौनक फुटफुटबाजार में उसकी मेवों की बड़ी सी दुकान थी। उसकी दुकान के मेवे अपनी गुणवत्ता और ताजगी के...  श्रीमद्भगवद्गीता-भाव पद्यानुवाद (४६वीं कड़ी) - मेरी प्रकाशित पुस्तक 'श्रीमद्भगवद्गीता (भाव पद्यानुवाद)' के कुछ अंश: ग्यारहवाँ अध्याय (विश्वरूपदर्शन-योग-११.२६-३४) सब धृतराष्ट्र पुत्र व राजा भी...कुण्डलिया भारत की सरकार में , शकुनी जैसे लोग, आम आदमी के लिए , नित्य परोसें रोग नित्य परोसें रोग , नहीं मिलता छुटकारा, ढूँढे कौन उपाय अंत्योदय अधारित विकास: शिवराज सिंह चौहान आलेख महेश, नई दिल्लीभाजपा की राष्ट्रीय परिषद के दूसरे दिन अंत्योदय और सुशासन के नाम रहा। अंत्योदय आधारित योजनाओं का उदाहरण दिया गया जो पूरे देश में लागू किया जाना चाहिये। ...

कार्टून :- धंधा ये भी ठीक है -

 

दीजिये इजाज़त नमस्कार.......

Twitter Delicious Facebook Digg Stumbleupon Favorites More