रविवार, 31 जुलाई 2011

राखी की नज़र में रा से शुरु होते नाम राजीव तनेजा उत्साहित

 एक लम्बी लड़ाई के बाद पी एंड टी की दीवार नगर निगम ने ढहा दी.इससे लाखों लोगों को आने वाले बरस में  ट्रेफिक जाम से मुक्ति मिलेगी ....    दीवार ढहाए जाने के बाद मेरा नेट  आज से सुचारू रूप से चालू हो गया तो लीजिये मैं वार्ता के लिए  हाज़िर हूँ 
  लोकसंचार पर रफ़ी साहब की पुण्य तिथि पर विशेष "मुस्लिम कलाकारों नें रचा भजन  के बारे आप जानते हैं सचमुच राग मालकौस में गाया ये भजन इस देश की एकता का एक अनुपम उदाहरण है. यही तो जीवन है जो " प्रश्न भी और उत्तर भी" है.  देश को आज सबसे ज़्यादा ख़तरा - बालकृष्ण से? और नुक्कड़ पे चर्चा है सोने के दाम बढ़ाने वालों की जबकि सच तो ये है कि राखी सावंत ने अविनाश वाचस्पति के सपनों को तार तार कर दिया विमर्श इस बात पर किया जा सकता है कि राहुल गांधी से शादी को तैयार राखी अब रामदेव के साथ सात फेरे लेने को तैयार क्‍यों हो गई हैं। जैसा कि स्‍पष्‍ट है कि यहां भी उनकी दाल डाउनलोड क्‍वालिटी की होने के कारण नहीं गलेगी। अगली बार कौन होगा राखी का अगला शिकार, .... रा अक्षर वाले रहें तैयार,  राखी कभी भी उनमें से किसी का नाम ले सकती है।"  अ से आरम्भ नामों की उपेक्षा कर राखी सावंत ने ठीक नहीं किया ... अविनाश वाचस्पति के साथ. वैसे राजीव तनेजा इन दिनों बेहद उत्साहित हैं  पर किसी भी बात की इंतिहा होती है भाई 

 ये देखिये मुम्बई का बाल विकास कार्यक्रम  पर राज़ की बात ये है कि कश्मीर से कन्या कुमारी तक भारत एक है इस मामले में. लेकिन ये क्या मैं मुर्दे को जिन्दा करूँगी - कामिनी चोपङा -का ये बयान..? देखना है देश की मुर्दा व्यवस्था के लिये कितना कारगर है यह सोच ही रहा था कि . मनोज जी फ़ुरसत में  बोले… माई फ़ुट ! -परंतु हंस के रजत जयंती कार्यक्रम में 'साहित्यिक पत्रकारिता और हंस' विषय पर डॉ. नामवर सिंह  या बोले देखे लेते हैं. अरे हां बताना भूल गया टीचर जी क्या पूछ रहे हैं देखिये तो ज़रा आज का प्रश्न-३२ इस सवाल को हल करिये तब तक  घिर आई सावन की हलचल.....!!!! सुन के आता हूं..
हा तो अब लौट आया हूं आपको याद हो न हो  साथियो पर आकांक्षा यादव, महावीर बी सेमलानी, जोगेन्द्र सिंह का जनमदिन है के खा आयें... बधाई दे आयें इनको.चलो खुश दीप भैया की याददाश्त लौट आई वो बोल रहे हैं... इब समझ आई ताऊ घणा मशहूर क्यों से... . लोग भी कितने अज़ीब होते हैं ब्याह की बात हो रही होती है और भयवश - लोग कह रहे हैं कि - "शादी नहीं करेंगे?" बेशक़ रचनाधर्मिता के विविध आयामों को सहेजतीं हैं आकांक्षा यादव -उनका जन्म दिन अक्षिता ने मनाया हम तो हो आए आप भी जाएं उधर तुरंत . फ़िर आइये रश्मि जी मिलवा रहीं हैं असीमा जी से कह रही हैं  एक गहरा वजूद - असीमा भट्ट अरे भाई संजय भास्कर को मत भूलना उनके 300 फोलोवर ....हो गये हैं... कहीं उन्मुक्त  बोले   कुम्भ राशि की सुनहरी सुबह
सब पढ़ लिया न अब पढ़िये मेरे मित्र की विवेकरंजन श्रीवास्तव द्वारा  जानकारी प्रस्तावित चुटका परमाणु बिजली घर को लेकर आशंकाओं का वैज्ञानिक समाधान जे का हो गया पाबला जी को पूछ रए हैं..  क्या आपने टू ईडियट्स देखी है!? वो भी अब आज़ का करोढ़ों का सवाल जो किसी ने कसाब जी से नही पूछा  हे अतिथि (कसाब) तुम कब जाओगे ? बहुत हो गया भाइयो तो   पद्मसिंह के साथ 
निंदिया आनेवाली है चलिये लोरी सुनते हैं  रावेंद्रकुमार रवि से

शनिवार, 30 जुलाई 2011

हरेली तिहार की हार्दिक शुभकामनाएं --- ब्लॉग4वार्ता ---- ललित शर्मा

मस्कार, मित्रों हरेली त्यौहार की बधाई, इधर बंद.... एक और बंद की सूचना मिल रही थी और उधर फ़ेसबुक ने हमारा एकाउंट बंद कर दिया। कह रहे  हैं कि मेन्टेनेंस के लिए बंद है। अब वही जाने क्या  है? गुगल बाबा ने प्लस दे दिया, अब उस पर ही स्थायी डेरा जमाते हैं। इन नेटवर्किंग साईटों का कोई भरोसा नहीं, कब कौन बंद हो और चालु हो। लगता मुफ़्त की मगजमारी हो रही है। कुछ देर पहले शापी बैग का भी संदेश मिला। इसमें भी एकाउंट बना लिया। ब्लॉगर को तो खूंटी चाहिए पोस्ट लिंक लटकाने के लिए, बस पाठक मिलने चाहिए, चाहे कहीं से भी आएं। एक माह से देख रहा हूँ कि सर्च इंजन के बाद ललित डॉट कॉम पर सबसे अधिक पाठक यहाँ से आ रहे हैं। ब्लागर्स को चाहिए की ब्लॉग पोस्ट के अधिक से अधिक पाठक का जुगाड़ करे। अब चलते हैं आज की ब्लॉग4वार्ता पर.........
 
सावन भादो साठ ही दिन हैं, इसमें से 15 दिन तो गुजर गए, मुखिया जी छतहार में जनता दरबार लगा रहे हैं,पुलिसिया चेहरे की वीभत्स सच्चाई सामने आ गई, घुप्प अंधेरे  में भूलने के अलावा रास्ता क्या है, रास्ता है भाई, जरा ढिबरी का इंतजाम कीजिए, देखिए कैसे रोशनी होती है एक दम चकाचक। सुबह का चलना ठीक है वरना सडको पर खर्च होती ज़िन्दगी नजर आती है। शहीदों का सम्मान समारोह आयोजित हो रहा है, पर इन आँखों में भरी है सावन की बदरी, झमाझम उत्सवी बरसात होने दीजिए, पर जल-जनित बीमारियों से बचकर रहें। सेहत के लिए ठीक रहेगा।

यहाँ गंभीर कहानी है एक राजकुमारी की, जो जगह-जगह घट रही है, भेड़िए आदमी के वेश में शिकार की तलाश में फ़िर रहे हैं।
कपिल ...विजय का जिगरी यार .....बेस्ट फ्रेंड ...वो भी चहकता हुआ मेरे घर में प्रवेश हुआ .......और गुडिया को देखते ही ......उफ़ ...उस वक़्त उसकी शक्ल जो मैंने देखी...जो मैंने समझा...बहुत हद तक बात मेरी समझ में आ गई थी....कपिल की नज़रे बहुत कुछ बता रही थी...और गुडिया....कपिल को देखते ही चिल्लाने लगी ...और कुछ देर में चिल्लाते हुए बेहोश हो गई .....|विजय ने कपिल को अलग कमर में किया और दरवाज़ा बंद करके ...जो बाते की ...वो हम सबको चौकाने वाली थी ....सारी कहानी....इसके .... छिपे पात्र ..और गुडिया की ये दशा मेरे सामने ...एक चलचित्र की तरह साफ़ थीआगे पढें

महिला अधिकारों को लेकर फिर एक बहस शुरु हो गयी है,वस्तानवी को हटाने का वास्तविक अर्थ बताया जा रहा है, रात का सन्नाटा छाया, हरेली अमावस की रात जो है, डरने की बात नहीं ऑनलाइन सुने विविध भारती मस्त पुराने गाने सुना रहा है। सम्पादक का सुझाव आया, ब्लॉग से बिना पूछे लेख उठाया, सम्पादक भी खुश और ब्लॉगर भी खुश।सावन -सावन का नग्मा दोनो तरफ़ बज रहा है,.हादसों पर बनी शानदार फिल्मे आपदा को केंद्र बनाकर कई फिल्मे बनी है .ख्यात हालीवुड प्रोडूसर माइक मेदयोव ने घोषणा की है कि उन्होंने लातिन अमरीकी देश चिली में गत वर्ष हुए खान हादसे ( जिसमे 33 खनिक 69 दिन के बचाव अभियान के बाद दुर्घटना. 

हरियाली के लिए पानी और पानी के लिए हरियाली जरूरीहरियाली के लिए पानी और पानी के लिए हरियाली जरूरी है आज हरियाली का पर्व है , छत्तीसगढ़ में इस पर्व को हरेली कहा जाता है . यह पर्व हमें धरती को हरा भरा कर वायुमंडल को शुद्ध व स्वच्छ बनाये रखने का संकेत देता...मौजूदा जमाने के उसूल आज के स्थानीय दैनिकों में समाचार है कि राज्य सरकार ने सफाई ठेकों पर महापौर की आपत्ति खारिज कर दी है और मुख्य नगरपालिक अधिकारी को राजस्थान नगर पालिका अधिनियम की धारा 49 (2) पढ़ा कर निर्देश दिया है कि 75 ल...

चलते-चलते एक व्यंग्य चित्र


अब देते हैं ब्लॉग4वार्ता को विराम, मिलते हैं ब्रेक के बाद, राम राम

शुक्रवार, 29 जुलाई 2011

गुगल देव ने ब्लॉग उड़ाए, हिन्दी ब्लॉगर लपेटे में आए - ब्लॉग4वार्ता -- ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार,  चलते चलते पहुंच गए कैप टाऊन, इधर घोषणा हुई है कि सबसे तेज बॉलर को मिलेंगे 50 हजार डॉलर बस यह सुनकर मन मयुर नाच पड़ा, अरे यार आजा नच लें जरा। फ़िर टैम मिले न मिले, क्योंकि स्लट वाक के दौरान भीड़ जमा होगी और ट्रैफ़िक जाम, पहले तो हमें समझ नहीं आया कि कौन सा वाक-टॉक है, पाबला जी ने प्लस पे बताया तो समझे। गुगल देव बड़े गुस्से में हैं, फ़र्जी लोगों सजा देने का क्रम जारी है, कइयों के ब्लॉग उड़ा दिए गए हैं। इसके लपेटे  में जानी मानी हिन्दी ब्लॉगर भी आ गयी, न उनकी प्रोफ़ाईल नजर आ रही है, न ब्लॉग, अगर और कोई भी लपेटे में आ गया है तो बिना लाग लपेट के यहाँ पर आवेदन कर सकता है। अब हम चलते हैं आज की ब्लॉग4वार्ता पर और नेरोगेज लाईन पर ब्राडगेज की रेलगाड़ी दौड़ाते हैं। आप भी बैठिए दू डबिया गाड़ी में और ब्लॉग यात्रा का आनंद लिजिए........।

मिसिर जी वर्तमान में ज्ञान गंगा में गोते लगा रहे हैं, नित नए-नए मोती ढूंढ कर लाते हैं ज्ञानरंजन के लिए और धड़ाधड़ बैमबुजर पर वेब कास्ट चालु है। दिन में 3-4 वेब कास्ट नित नेम से कर ही देते हैं, गुरु गुड़ हो गए चेले पिस्ता वाली खीर हो गए। मिसिर जी कह रहे हैं कि आडंबर व्यक्ति को आत्मपतन के मार्ग की और ले जाता, सच ही कहा है भगवन, आत्मपतन के अन्य मार्ग भी हैं। जरा उनपर भी प्रकाश डालिए। '१३ अगस्त,२०११ को दुर्लभ खगोलीय घटनाज्योतिषीय एवं खगोलविज्ञान के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण घटना में सौर मंडल के चार ग्रहों के एक साथ मिलने का दुर्लभ संयोग आमजनों को १३ अगस्त,२०११ की शाम के पश्चात देखने को मिलेगा। खगोल वैज्ञानिकों का ऐसा...

अप्रेल 2010 को मैने एक पोस्ट लिखी थी, जिस पर एक मोहतरमा Jyotsna  ने कमेंट किया था, और मैने उसका जवाब भी दिया और उनकी कमेंट को सम्मान देते हुए रखा भी था, कल उस पोस्ट पर गया तो उनका कमेंट गायब मिला, उनकी प्रोफ़ाईल भी डिलिट की उपाधि पा चु्की है। गुगल इन सब फ़र्जी लोगों पर निगाह बनाए हुए है, उनके आई पी को भी ब्लॉक कर सकता है गुगल के लिए, फ़िर उस आई पी से गुगल में लाग इन नहीं हुआ जा सकता।चाहे जैसे भी हो, बस कोई मुझे फ़ैमस कर दे, कमाल है जी आप तो वैसे भी फ़ेमस ही हैं।

इधर नेट पर दिल लगाया जा रहा है,हम तो सोचे थे कि ये लिंक ही लगाते हैं, पर अब दिल भी लगाने लगे। 

फिर एक बार मोहोब्बत में डूब जाते हैं
चलो फिर एक बार नेट पे दिल लगाते हैं
हम अचानक मिलेंगे आर्कुट की गलियों में
और फिर फेसबुक पे अंजुमन सजाते हैं
तुम एक प्यारी प्रोफाइल बना  लेना  
चाहे फोटो सेलेब्रिटी की ही लगा लेना
अपना स्टेटस, सिंगल मै जब दिखाऊंगा
तुम भी लाइक कर के ख्वाहिशें जगा देना
गूगली टाक पे गुफ्तगू चंद कर लेना
मै फेसबुक पे मिलूँगा पसंद कर लेना
अगर मिजाज़ न बहले तो आर्कुट आना
मेरी तस्वीर पिकासा में बंद कर लेना
आगे यहाँ पढे

हिन्दी के यात्रा-वृत्तान्त का परिचय है इस पोस्ट में, साहब गांव में नक्सली आएं हैं... तो हम क्या करें बे, क्या करना है, दो चार लाठी डंडे गोली सोली मारो, ताकि तोड़ी जा सके उनकी कमर।कहीं आप भी बस कैलोरियां गिनने के चक्कर में तो नहीं पड़े हुएअमेरिका में एक विशाल अध्ययन हुआ.. एक लाख बीस-हजार पढ़े लिखे लोगों पर और यह स्टडी 12 से 20 वर्ष की लंबी अवधि तक चली। यह अध्ययन यह जानने के लिये था कि आखिर लोगों का उम्र के साथ वज़न कैसे बढ़ने लगता है। प्रेम की सघन अनुभूतियों को समेटते मुक्तक सप्तरंगी प्रेम' ब्लॉग पर आज प्रेम की सघन अनुभूतियों को समेटते नीलम पुरी जी के कुछ मुक्तक. आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा... १)आँखों के अश्क बह नहीं पाए, खामोश रहे किसी से कुछ कह नहीं पाए, किस से कहते ... 

मैं हवा को नहीं जानता था निज़ार क़ब्बानी की तीन छोटी कविताएं जिस दिन मुझे निकाला गया जिस दिन मुझे निकाला गया कबीले से तुम्हारे तम्बू के दरवाज़े के बाहर एक प्रेम-कविता और एक ग़ुलाब रखने के कारण उस दिन से शुरू हुआ पतन का दौर व्याकर...ये शाम दिन की सारी उमंगो-तरंगो को समेट रोज ये शाम ढल जाती है सारी चमक उम्मीदों वाली शाम की लालिमा में पिघल जाती है... ये शाम ढल जाती है फिर भी ढलती नहीं जाने क्यों रात बन फिर सुबह में बदल जाती है....



कुछ लोग होते हैं जिनसे दिल से मिलने का दिल करता है --एक कार्यक्रम में शामिल होने गए तो नाम पता पूछने के बाद एक आयोजक युवक ने पूछा-- सर आपकी उम्र क्या लिखूं । मैंने कहा भैया , यदि लिखना ज़रूरी है तो लिख लो २५+। यह सुनकर चौंककर उसकी आँखें ऐसे फ़ैल गई जैसी हाइपर...एक नये खलनायक का आगमन प्रकाश राज को उस समय हिन्दी सिनेमा का कोई दर्शक नहीं जानता था, जब उनको प्रियदर्शन निर्देशित तमिल फिल्म कांचीवरम के लिए श्रेष्ठ कलाकार का नेशनल अवार्ड मिला था। कांचीवरम, इसी नाम की साड़ी के बुनकरों के जीव...

वार्ता को देते हैं विराम, मिलते हैं अगली वार्ता में, ब्रेक के बाद, राम राम

गुरुवार, 28 जुलाई 2011

महिलाओं की सफलता के पीछे भी है पुरुषों का हाथ -- ब्लॉग4वार्ता ---- ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार, डॉ मोनिका शर्मा कह रही हैं, महिलाओं की सफलता के पीछे भी है पुरुषों का हाथ होता है। अक्सर यह सुनने में आता है की पुरुषों की सफलता के पीछे किसी न किसी(माँ ,पत्नी, बहन) रूप में एक महिला का हाथ होता है। ऐसे में यह सवाल भी लाज़मी है की दुनिया भर में अपनी कामयाबी का परचम लहराने वाली भारतीय महिलाओं के पीछे क्या किसी पुरुष का सहयोग और साथ नहीं है? यह सच है की औरतों के साथ कुछ घरों आज भी सामंतवादी सोच के चलते अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता पर तस्वीर के दूसरे पहलू पर भी गौर करना जरूरी है। हमारे समाज में आज ऐसे घरों की भी कमी नहीं है जहाँ पूरे घर-परिवार से लड़कर भी पिता अपनी बेटियों को घर से दूर पढने और काम करने की इज़ाज़त देकर उनका हौसला बढ़ा रहे है। ऐसे जीवनसाथी भी मिल जायेंगे जिनके साथ और सहयोग से कई लड़कियां शादी के बाद भी अपनी पढाई लिखाई जारी रख रही हैं और करियर में नए आयाम छू रही है।
 
 
नेपाल यात्रा की सातवीं किस्त पढिए,  काठमांडू से प्लेन द्वारा एवरेस्ट घूमने की व्यवस्था है . अतः  12 जुलाई को एवरेस्ट जाने का प्रोग्राम बना . प्लेन 17 सीटर थी सो उतने ही  प्रतिनिधियों की बुकिंग हो गई . सुबह 6 बजे निकलना था सो चार बजे नींद खुल गई . होटल की खिड़की से झाँका तो देखा कि सामने पहाड़ का कुछ हिस्सा बादलों से ढका हुआ है . मैंने कैमरा निकाल कर उस दृश्य को कैमरे में कैद कर लिया . सुबह सुबह भौर में काठमांडू शहर , पहाड़ ,बादल व आसमान का दृश्य देखते ही बन रहा था . आधे घंटे बाद नजारा कुछ बदला हुआ था अतः पुनः तस्वीर ली , जैसे जैसे वक्त गुजर रहा था तथा जैसे जैसे उषाकिरण की रोशनी धरती पर पड़ रही थी वैसे वैसे नई  तस्वीर बनाती जा रही थी . जल्दी जाने की आपाधापी में भी हमने कुछ तस्वीरे ली और जैसे तैसे तैयार हुए।
 

कुछ घाव कभी नहीं भरते कह रहे हैं शिवम मिश्रा,कुछ लोग यह भूल जाते है कि चाहे कितना भी समय गुज़र जाए ... कुछ घाव कभी भी नहीं भरते ...* शहीदों को सलामकारगिल विजय दिवस के अवसर पर मंगलवार 26 जुलाई को इस युद्ध के शहीदों को देश भर में याद किया गया और उन...बी एस एन एल की वेबसाईट हैक कर हजारों का डाटा उड़ा लिया हैकरों ने मुझसे कई लोग पूछते हैं कि आखिर हमारी ई-मेल आई डी, मोबाईल नम्बर कैसे मिल जाते हैं एजेंसियों को? जब मैं कहता हूँ कि यह तो कौड़ियों के मोल मौजूद हैं नेट पर! तो हैरानगी भरी निगाहों का सामना करना पड़ता है मुझे। ...

आ सखी चुगली करें पर एक कविता, चाँद ... संध्या शर्मा की कविता पढिए,ताकती हूँ उसे बड़ी आस से,* * छूना चाहती हूँ पास से,* * सोचती हूँ उसे देखकर,* * जब मैं पुकारूँ तो,* * आयेगा वह इस धरती पर, * * अगर नहीं आ सका,* * तो बुला लेगा मुझे वहां,* * तभी ख़याल आता है,* आडंबर व्यक्ति को आत्मपतन के मार्ग की और ले जाता है . एक बार एक शहर का सबसे बड़ा अमीर हीरे, मोती और अशर्फियों की ढेरों थैलियाँ लेकर हजरत इब्राहीम के पास लेकर पहुंचा और उन थैलियों को उनके पैरों के पास रख दिया और उनसे आशीर्वाद की कामना करने लगा तो हजरत इब्राहीम...

मटुक जूली मौन प्रार्थना कर रहे हैं,  27 मई, 2011 को अपराह्न 5 बजे महामहिम कुलाधिपति श्री देवानन्द कुँवर ने मेरी बर्खास्तगी के विरुद्ध दायर अपील की कृपापूर्वक सुनवाई की। उस दौरान मैं उनके व्यापक ज्ञान, गहन सूझ-बूझ और प्रखर प्रतिभा से पहली बार परिचित एवं प्रभावित हुआ। आशा जगी कि सुनवाई के उपरांत आदेश लिखवाया जायेगा। दूसरे दिन फैसला फैक्स से विश्वविद्यालय को भेज दिया जायेगा और मुझे भी उचित माध्यम से सूचना मिल जायेगी। 27 की रात बड़ी मुश्किल भरी थी, क्योंकि उसके जल्द बीत जाने का इंतजार था। लेकिन न रात जा रही थी, न नींद आ रही थी। छत पर कुर्सी पर बैठे आसमान को निहारते ही रात बिता दी। 28 को फैसला नहीं आया। उस दिन शनिवार था। सोचा शायद सोमवार को आये !



चलते चलते एक व्यंग्य चित्र
 
 वार्ता को यहीं देते हैं विराम, मिलते हैं अगली वार्ता में, राम राम

बुधवार, 27 जुलाई 2011

कुत्ते,बच्चे और चिल्लर पार्टी --- ब्लॉग़4वार्ता --- ललित शर्मा

नमस्कार, कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है, जुलाई का महीना आते ही भीषण कारगिल युद्ध की  याद दिला देता है जहां हमारे सैनिकों ने जान की बाजी लगा कर इस क्षेत्र से दुश्मनो को मार भगाया। इस युद्ध की समाप्ति के बाद नेताओं ने सैनिकों का मनोबल बढाने की बजाए एक दूसरे पर भ्रष्ट्राचार के आरोप लगाए। बड़ा ही दुखद घटनाक्रम रहा। गत वर्ष इसी दिन मैने एक पोस्ट लिखी थी, जिसमें सैनिकों के दक्षिण की ओर बढने का जिक्र किया था, आज मेरा कहा सत्य हो गया, बस्तर के जंगलों में सैनिक गोरिल्ला युद्ध के प्रशिक्षण के लिए पहुंच चुके हैं। कल उनकी एक कानबाई को मैने दक्षिण की ओर जाते देखा। तो मुझे उस पोस्ट की याद आ गयी, कारगिल के शहीदों को प्रणाम कर बढते हैं आज की ब्लॉग4वार्ता की ओर........।

सबसे पहले कारगिल विजय को सलाम करते हैं, शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि।श्रीगंगानगर में कारगिल विजय दिवस बड़े ही गौरवपूर्ण ढंग से सादगी के साथ मनाया गया। इसमें अमर जवान ज्योति के प्रतीक स्थान पर सेना,पुलिस,विधार्थियों और आम जन ने शहीदों को पुष्प अर्पित किये। कार्यक्रम में वीरांगनाओं को सम्मानित किया गया।--- राजा बोला अब तेरा क्या होगा सोहन शर्मा उर्फ़ कांग्रेसी ने नुक्कड़ मे घोषणा की खामखा तुम तोग *स्विस बैंक का नाम भजते रहते थे वहां तो सिर्फ़ ग्यारह हजार करोड़ का कालाधन जमा है* । हमने तुरंत शर्मा जी को प्रणाम कर कहा मान गये आपको *स्विस स...

छ: दिन और एक सीएमएस वेब साईट विगत दिनों ब्‍लॉगर के द्वारा कुछ सुविधाओं को बंद करने एवं फीड संबंधी समस्‍याओं को देखते हुए, हमने ब्‍लॉगर में होस्‍ट निजी डोमेन की छत्‍तीसगढ़ी भाषा की पत्रिका गुरतुर गोठ को निजी होस्टिंग में ले जाने का फै... आदत.. मुस्कुराने की मुझे यह बताते हुए बहुत ही ख़ुशी हो रही है. आज बलाग जगत में मेरे समर्थको ( फोल्लोवेर्स ) की संख्या 300 हो गई है.....! मैं आभार प्रकट करना चाहता हूँ , स्पर्श ब्लॉग वाली लेखिका दीप्ति शर्मा जी का ,

ब्रिटेन में होते तो राजदीप सरदेसाई अबतक जेल में होतेब्रिटेन में होते तो राजदीप सरदेसाई अबतक जेल में होते: "आईबीएन सेवन के सर्वेसर्वा राजदीप सरदेसाई अगर ब्रिटेन या अन्य यूरोपीय देशों में होते तो निश्चित मानिये कि उनकी जगह जेल होती और उनके न्यूज चैनल आईबीएन स...वाकई !! जिंदगी न मिलेगी दोबारा.यह सिर्फ संयोग है . ताजा फिल्म '' जिंदगी न मिलेगी दोबारा '' और चेतन भगत के उपन्यास '' वन नाईट एट कॉल सेंटर'' के क्लाइमेक्स में एक समानता है .'' जिंदगी ..........के पात्र अपने जीवन और तनावों से परेशान है है...

वेब ब्राउजिंग करते समय मीडिया फाईल डाउनलोड करें अब Youtube और अन्य किसी भी वेबसाईट पर चलने वाले वीडियो और MP3 को डाउनलोड करना आसान हो गया है । इस Program को इंस्टाल करने के बाद जब भी आप अपने ब्राउजर को खोलेंगे यह अपने आप चालू हो जाएगा और किसी भी वीडियो .आया सावन झूम के सावन की गिरती बूंदे भिगो जाती हैं सर्वस्व तन- मन तृप्त कर जाती हैं धरती की प्यास और पपीहे की धड़कन बड़ा जाती हैं सजनी की आस पिया मिलन को धड़कता मन प्यासे खेत में टपकती बूंदों को देख लरजता है किसान का मन सावन...

सम्मान का अपमान - देश के एक मंत्री इस हद तक मूर्खता भी कर सकते हैं, और वो भी जयराम रमेश… पता नहीं था। गांधीजी के वे तथाकथित अनुयायी जो गांधीजी की तरफ उंगली करने पर तलवारें ...दीप्ति परमार का आलेख : नारी विमर्श और नारी लेखन के सरोकार - आदिकाल से लेकर वर्तमान समय तक नारी पर चिंतन और बहस हो रही है। यह एक ऐसा चिंतन और बहस है जो निरंतर चलती ही आ रही है जो कभी थमने का नाम नहीं लेती। समाज का... यूँ ही एक कामना - कविता - .ये जहाँ खुशगवार यूँ ही रहेहर खुशी बरक़रार यूँ ही रहे वो हँसी बार-बार यूँ ही रहे ये खुशी बस उधार यूँ ही रहे उसके दिल में बहार यूँ ही रहेअपना उजडा मज़ार यूँ ह... 

हाथियों का हत्यारा कौन ? - * *पिछले दिनों दुधवा नेशनल पार्क में तीन हाथियों की बिजली की हाई टेंशन तारों के कारण दर्दनाक मौत हो गयी. कुछ समय पहले ही जलपाईगुड़ी जिले में रेल की चपेट मे...  घर-आँगन गूँज उठी किलकारी! - हम सभी जानते हैं कि हर दिन उजालों का मेला नहीं होता। दुर्दिन हर आदमी को इस संसार की यथार्थता का ज्ञान देर सवेर करा ही देते हैं। मैं समझती हूँ इससे हमार... गुणवत्ता बरकरार रखते हुए चित्र का आकार छोटा करें - अक्सर कई ब्लॉग पढ़ते हुए आपने देखा होगा कि ब्लॉग पोस्ट में लगी फोटो काफी देर बाद खुलती है जब कभी नेट कनेक्शन की गति धीमी हो और ब्लॉग पोस्ट की फोटो खुलने ... 

सी बी आई की उपयोगिता ! - अपने रोज रोज के खुलते जा रहे काले कारनामो के तले दबी हमारी केंद्र सरकार अपनी बौखलाहट निकालने की सोचरही थी । कई दिनों से अखबार में देख रही हूँ । सी बी आई बा... कुत्ते,बच्चे और चिल्लर पार्टी - हमारे मोहल्ले में वैसे बहुत से कुत्ते थे लेकिन एक खास कुत्ता था जो रोज रात को हमारे घर आता था और पापा उसके लिये रोटी रखते थे. इसी तरह गांव में भी हर टोले... मतभेद ही चैतन्यता की निशानी है। - मेरा मानना है कि जिस धर्म के अनुयायियों में जितने अधिक मतभेद हैं वह धर्म उतना अधिक जागृत है, चैतन्य है या फिर उसमें मनुष्य मात्र के कल्याण की उतनी ही अ... 

वार्ता को देते हैं विराम, मिलते हैं अगली वार्ता पर,  राम राम  

मंगलवार, 26 जुलाई 2011

जिन्हे नाज था हिंद पर वो कहां है? -- ब्लॉग4वार्ता -- ललित शर्मा

नमस्कार, जब बैर प्रतिशोध की ओर कदम बढा लेता है तो भयावह हो जाता है। सत्ता प्रतिशोध पर उतर आए तो वह किसी भी स्तर तक जा सकती है। देश में पहली बार किसी की डिग्री की जाँच सीबीआई कर रही है। गाँव-गाँव में चौक चौराहे पर धड़ल्ले से बोर्ड लगे दिखाई देते हैं डॉ. फ़लाँ - फ़लाँ। लाखों रुपए एवं बरसों के अध्यन श्रम के पश्चात कहीं जाकर यह डिग्री मिलती है, बिना पात्रता के डॉक्टर उपाधिधारियों की जांच कौन करेगा? भैषेजिक कार्य करने वाले वैद्यों को  डॉ. उपाधि का प्रयोग करने की पात्रता किस नियम कानून के तरह दी गयी। अगर पात्रता नहीं है तो इन पर भी कार्यवाही होनी चाहिए। आयुर्वैदिक पद्धति से चिकित्सा करने वालों को वैद्य लिखने में क्यों शर्म आती है जबकि आयुर्वेद हमारी प्राचीन परम्परा है। इधर बाबा रामदेव के सहयोगी बालकृष्ण की डिग्रियों की पड़ताल जारी है। इस मुद्दे पर सरकार की सोच क्या है वही जाने। अब चलते हैं आज की वार्ता पर.........।

कल दिन भर बीएसएनएल का सर्वर डाऊन होने से नेट की समस्या बनी रही। अभी भी सामान्य गति तक नहीं पहुंचा है।मिल गए डीके बोस गाना उनका **आफत ** इनकी. शीला...शीला की जवानी...सही कहा जवानी को ठीक से हैंडल ना किया जाए तो आफत हो जाती है. शीला क्या जवान हुई उन सब शीलाओं पर आफत आ गई जो जवानी की उम्र पा**र ** कर चुकी थी. एक्सपायर इश्क कि दास्ताँ है प्यारे पिछले दिनों सरकार ने चवन्नी बंद कर दी.जब ये खबर मैंने अखबार में पढ़ी तो मुझे दुःख हुआ ,,,,,चवन्नी के लिए नहीं ...कलकत्त्ते वालों के लिए ....अरे नामुरादों ये सब करने से पहले कम से कम कलकत्ते वालों से तो पूछ ...

दो मिनट शहर के - पर किसके लिये? तेज आंधी थी। कोई भी चीज़ जमीन पर नहीं थी। दीवारों पर चिपके पोस्टर फड़फड़ा रहे थे। कोई उन्हे फिर से चिपकाने वाला नहीं था। लुढ़कती चीजें अपने से भारी सहारे से टकराकर वहीं पर जम जाती। कोई गा रहा है। उसकी तेज ...गर्व ,शक्ति शाली होने का - सतीश सक्सेनाहमारा मीडिया ऐसा कुछ क्यूं नही दिखाता कि देश के लोगों का मनोबल बढे । " पिछली पोस्ट पर आशा जोगलेकर के यह कमेन्ट पढ़कर मन में आया कि क्यों न अपने देश के बारे में कुछ लिखा जाए जिसे मीडिया ने नज़रन्दाज़ किय...

सूजन रात के सन्नाटे उकेर देते हैं, उसकी छवि परिवार के झगड़ों से सहमी किवाड़ की ओट से निहारती दो प्यारी सी आँखें   उन झगड़ों के साथ उसके आँसू भी रूकते हैं और तब तक वे आँखें सूज चुकी होती हैं -जिन्हे नाज था हिंद पर वो कहां है आसिफ़ भाई नुक्कड़ के एक कोने मे गुमसुम उदास से बैठे थे सामने से एक के बाद एक सुंदरियां गुजरती जा रही थी पर नजरें जमीन की जमीन पर । * कारण पूछा तो डबडबाई आंखो से देख पूछने लगे जिन्हे नाज है हिंद पर वो कहां है...

भगवान के लिए सेना को बख्श दो... भगवान के लिए सेना को बख्श दो...: "काफी दिनों से देख रहा हूं कि देश में कुछ ऐसे मुद्दों पर बहस छिड़ि हुई है, जिसके चलते अहम मुद्दे पर लोग की नजर नहीं जा रही है। मित्रों जिस तर..."धरती से दूर मिला पानी का अथाह भंडारअगर आपको लगता है कि पृथ्वी के विशाल महासागर इस ब्रह्मांड के विशालतम 'जल भंडार' हैं तो आप गलत हैं। खगोल विज्ञानियों ने ब्रह्मांड के सबसे विशाल जल भंडार का पता लगाया है, जो भाप के बादलों के रूप में है और इन...

चौपदेभूलो राम राज की बातें ये ही अपना नारा है घपलिस्तान बनायेंगे हम यही हमारा नारा है अन्ना ,बाबा तो बेचारे यूँ ही खुद मर जायेंगे बेवकूफ ये जनता है हम इस को नाच नचाएंगे || अन्ना जी क्या याद नही है पांच जून की...बोले मियां लाल बुझक्कड़बोले मियां लाल बुझक्कड़ अपना हाल बुरा है यारों अपना हाल बुरा लूट लिया है जग वालों ने दिल का हाल बुरा ! छोटे थे तो घरवालों की खूब धुनाई खाई विद्यालय में मास्टर जी ने लम्बी छड़ी दिखाई ! इश्क ने मारा भरी जवा...

मेरी नेपाल यात्रा ( पांचवी किस्त ) स्वयंभूनाथ हिमालय पर्वतमाला की वादियों में बसे प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण पावन धरा नेपाल में 9 जुलाई से 12 जुलाई 2011 को आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय सहकारी सेमीनार में भाग लेने का अवसर मिला.इस सेमीनार क...गज़ल कुछ पा लिया कुछ खो लिया फिर बेतहाशा रो लिया आंखों से जब आंसू गिरे तो ज़ख्म दिल का धो लिया फिर भी हुयी मुश्किल अगर आँचल मे माँ की सो लिया दुश्वारियों का बोझ भी जैसे हुया बस ढो लिया जिसने बुलाया..

दस वर्ष ...दस वर्षों का एक लंबा अंतराल उसके बाद तुमसे यूँ मिल पाना . आज लगा कि .... वो दस साल जो बीत गए...वो गुज़रे नहीं वह ठहर गए थे हमारे बीच . बह गए.... तुम्हारी एक छुअन से. ढह गयी... अहं की सारी दीवारें . पिघ...बातें हैं बातों का क्या घटना, खबर अउर अफवाह में कोनों समानता हो, चाहे न हो, बाकी सम्बन्ध जरूर है. कानों कान खबर होना, दीवारों के भी कान होना (“सुना है लिफ्ट की दीवारों के कान नहीं होते” वाला अपवाद को छोडकर) आदि मोहावरा सब एही सम...

उफ्!एक ओर जयचन्दी इरादे हैं, तो दूसरी ओर दिलोदिमाग में ढेर सारी चिन्ताएं और गुस्सा लिए एक आम इन्सान की आम जिन्दगी. इस समय जो कुछ हो रहा है, वही एकमात्र सच है और जिस ढंग से हो रहा है, शायद वही आज की नैतिकता भी ...तालाब का सरप्राईजहमारी रायपुर नगर निगम की संवेदनशीलता का मैं कायल हूं। जिस चीज के बारे में सोचता हूं उसे ये बना देती है। मेरी पुरानी रचना (मुहांसे वाली कैटरीना) में मैंने अपने शहर में नित नई बनती सड़कों के बारे में बताया ...

गुणवत्ता बरकरार रखते हुए चित्र का आकार छोटा करें अक्सर कई ब्लॉग पढ़ते हुए आपने देखा होगा कि ब्लॉग पोस्ट में लगी फोटो काफी देर बाद खुलती है जब कभी नेट कनेक्शन की गति धीमी हो और ब्लॉग पोस्ट की फोटो खुलने समय लग रहा हो तो चाहते हुए भी वह ब्लॉग बंद कर आगे...सच की दस्तक़ किस घर दें हम दरवाज़े लग जातें हैं !! --------झंडा ऊँचा रहे हमेशा, अपने हिन्दुस्तान काआज कारगिल विजय की वर्षगाँठ के गौरवपूर्ण अवसर पर विश्व भर के समस्त भारतीयों को हास्यकवि अलबेला खत्री और रचनाकार साहित्य संस्थान का सादर जय हिन्द ! *यही सोच कर रचता हूँ मैं भजन रोज़ हनुमान ...

आज स्त्री बस वासना की पूर्ति भर है क्या?अपनी अश्लील भावनाओं को प्रेम की पवित्रता का नाम देकर कोई अपनी अतृप्त वासना को छुपा नहीं सकता।वासना के गंदे कीड़े जब पुरुष मन की धरातल पर रेंगने लगते है तब वह बहसी,दरिंदा हो जाता है।अपनी सारी संवेदनाओं को द...इनसान भी फूलों की तरह खिल सकते दावा है इनसान को इससे ज़्यादा खूबसूरत पहले कभी नहीं देखा होगा...यहां सारे फूल, पत्तियां, पंखुड़ियां, तने, इनसानों के बने हैं...
 
उड़ सपनों के पंख लगा तदबीरों पर दाँव लगा. अपनी किस्मत आप जगा. लकीरों पर विश्वास न कर, अक्सर ये दे जायें दगा. भला, कौन इस दुनिया में, वक़्त ने जिसको नहीं ठगा. शाम ज़रा हो ले फिर देख. साया भी संग छोड़ भगा. हौसले का साथ न छोड़, ...मुम्बई की सैरये है बाम्बे मेरी जान " * * * *जुहू -**चौपाटी** * * * * * * * *मुंबई में स्थित एक प्रमुख सागर तट हैं। जुहू -**चौपाटी...** * * * * * *पानी पिलाती यह मत्स्य -कन्या * * * *मुम्बई की सैर :--मेरी नजर में भाग...



वार्ता को देते हैं विराम, मिलते हैं अगली वार्ता में , राम राम

रविवार, 24 जुलाई 2011

गुरु आख़िर गुरु है बाकी सब गुरुघंटाल---- ब्लॉग4वार्ता ---- ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार, आसाढ का महीना गया और शादियों का सीजन भी खत्म हुआ, देवशयनी एकादशी से सभी देवता विश्राम पर है। अब जेठौनी (देवउठनी)से विवाह के लिए द्वार खुलेगें। एक सूचना के मुताबिक आगामी सत्र में दुल्हों की मंडी में रेट बढने की संभावना है, सरकारी नौकरी वालों को वरीयता है, बैंक पीओ 8-10 लाख, अभियंता 6-1- लाख, क्लर्क 6-8 लाख, टिकट चेकर 5-7 लाख, वायुसेना 4-8 लाख, नौसेना 4-8 लाख, थलसेना 3-5 लाख तथा प्राइवेट नौकरी करने वालों के  अभियंता 8-10, पीआरओ 5-7 लाख, वकील 4-6 लाख, मार्केटिंग 2-4 रेट चल रहे हैं। इससे अधिक पाने के लिए मालिक की चतुराई जरुरी है, कहते हैं घोड़ा और लड़का खूंटे पर ही बिकते हैं, अब चलते हैं आज की ब्लॉग4वार्ता पर........।

चाकू मौत का सामान ही नहीं जीवन भी देता है, एक मंहगा चाकू 28 करोड़ में खरीदा गया, इससे इलाज किया जाएगा, गुनाहों की सजा  की सजा तो मिलती ही है, यह तय है,सुख की खोज में  चलता है होता है दुनिया है  सुनिए अहीर उवाच और पढिए एक अधूरी कविता.मैं सोना चाहता हूं मैं सो जाना चाहता हूं ज़रा देर के लिए पल भर, एक मिनट, शायद एक पूरी शताब्दी... लेकिन लोग यह जान लें कि मैं मरा नहीं हूं कि मेरे होठों पर चांद की अमरता है कि मैं पछुआ हवाओं का अजीज़ द...

योगेन्द्र मौदगिल जी ने किलर झपाटा पर एक कवित्त लिखा है।

जय लाल लंगोटे वाले की..जय बोल दे सोट्टे वाले की..
जय बजरंगी के मान की जय..
जय भारत के सम्मान की जय

ये पहलवान अम्बाले का, ये पहलवान पटियाले का.
ये पहलवान पंजाब का है, इसका मुक्का दोआब का है..
सब इसे देख के डरते हैं, गोरे तो पानी भरते हैं...
ये दांव-पेंच इस के असली, बाकी दुनिया सारी नकली....
जय लाल लंगोटे वाले की..जय बोल दे सोट्टे वाले की..
जय बजरंगी के मान की जय..
जय भारत के सम्मान की जय

ये दूर विदेशों में लड़ते, ये परदेसों में भी लड़ते.
इन के ही चर्चे दुनिया में, इन की ही जय-जय दुनिया में..
दुनिया में बड़ा अचम्भा है, ये पहलवान क्या खम्बा है...
ये भीम का भाई लगता है, ये गदा उठा कर सजता है....
जय लाल लंगोटे वाले की..जय बोल दे सोट्टे वाले की..
जय बजरंगी के मान की जय..
जय भारत के सम्मान की जय

थी भारी भीड़ अखाड़े में, चन्दन चाचा के बड़े में.
वहां धोबी-पाट का मेला है, कुश्ती-कुश्ती का खेला है..
यहाँ किलर-झपटा बनते हैं, मंगोल यहीं पर तनते हैं...
है दारासिंह का नाम यहाँ, है कीन्ग्कोंग का गाम यहाँ....
जय लाल लंगोटे वाले की..जय बोल दे सोट्टे वाले की..
जय बजरंगी के मान की जय..
जय भारत के सम्मान की जय

नक्सली भी हैं रोल मॉडल जो नक्सली आज अपने देश के लिए नासूर बन चुके हैं उनको अगर कोई कहे कि वे हमारे रोल मॉडल हैं, तो वास्तव में यह दुखद बात होगी या नहीं? लेकिन इसका क्या किया जाए कि बस्तर के बच्चे नक्सलियों को ही अपना रोल मॉडल मा...फ़रीद प्यारे..फ़रीद आज पटने में दूल्हा बना हुआ है। कुछ मेरी तबियत ख़राब है और कुछ क़िस्मत ख़राब है जो उसके निकाह में शामिल नहीं हो पा रहा हूँ। फ़रीद और आज से आधिकारिक तौर पर उसकी ज़िन्दगी में शरीक़ हो रही शीमा फ़ातिमा

बरसात उदासकैसी अजीब / यह बरसात की हवा / जैसी सूनी और सपाट / उदास खुद यह बरसात / ना कोई झोँका / केशों को उलझाता / चेहरे पर / ना फुहारों में भीगता / कोई चेहरा ही / कांपती हुयी आयी / सीधे कमरे में / हो गयी / जैसे क...ज़िंदगी के कुछ होलसेल किस्सेआज मिलिए निखिल आनंद गिरी से , क्या बात कही है इन्होंने - 'अगर आपको लगता है कि ब्लॉगिंग फालतू का टाइमपास है तो आप ग़लत जगह आ गए हैं...विचारों की रिटेल मार्केट में मेरी भी छोटी-सी दुकान है...यहां कुछ आउट...

न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी। ऐसा क्यों?एक मुहावरा है “ना नौ मन तेल होगा ना राधा नाचेगी”। काफी दिनों के बाद भी यह कोई नहीं बता पाया है कि नाच और तेल का आपस का क्या सम्बंध है। फिर यह राधा कौन है जो नाचने के लिए ऐसी ऊट-पटांग शर्त रख रही है। सोचने ...भ्रष्ट-तंत्र की नौ-टंकियों पर टिकी पुण्य-भूमि की बुनियाद ! लालच और भोग-विलासिता की दौड़ में अंधे होकर, मानवीय मूल्यों की परख और पहचान तो खैर हम लोग सदियों पहले ही खो चुके थे, कितुं अपने सांस्कृतिक परिवेश को भी पश्चिमी चकाचौंध और बनावटी श्रृंगार के आगे फीका करके आज...

आजाद जी के जन्मदिन पर हार्दिक श्रद्धांजलीअमर शहीद चन्द्रशेखर 'आजाद' जो को सभी मैनपुरी वासीयों की ओर से शत शत नमन ! यह कैसी निराली रीतयह कैसी निराली रीत * *दो साल से देश के बाहर रहने के कारण काफी परिवार के कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो पाई /जिसका मुझे हमेशा अफ़सोस रहेगा ,और उस समय मुझे अपने देश से दूर रहना बहुत अखरा /देश से दूर रहकर...बिकता है इन्सान आज के युग में सब कुछ बिकता है इंसा खरीदता है अस्मत बिकती है आबरू बिकती है और बिकता है इन्सान कही लड़की बिकती , कहीं बच्चा बिकता खरीदता है सारा जहान रिश्ते बिकते, परम्पराये बिकती, बिकता है मान और सम्मान पत...

सच बोलता है वो मगर ये बोलता है क्यूं...? सुधी पाठक जानते ही है की उर्दू में तरही मिसरा दिया जाता है, जिस पर ग़ज़ल कहनी पड़ती है. जैसे हिंदी में ''समस्यापूर्ति'' की प्रथा रही है. मुझे पिछले दिनों एक लाइन दी गयी-''शायद वो मेरा ख़्वाब था, शायद ख़याल था.सावन की छ्टा सावन की छाई प्यारी छ्टा* * मदमस्त पवन घनघोर घटा बरसो रे मतवारी बदरिया जरा झूम बरसो रे। बरसो रे---------------। नील गगन में ताने चादर अपनी काली पीली भूरी कभी गरज गरज कभी कड़क कड़क बिजली संग तु...

गुरु आख़िर गुरु है अक्सर हम यह कहावत सुनते है की गुरु गुड़ रह गया और चेला शक्कर बन गया | मगर यह वास्तविकता नहीं है |इसका प्रमाण मैं एक दन्त कथा के माध्यम से देना चाहता हूँ |किसी गाँव में एक पहलवान गुरु रहते थे | और अपने अखा..मेरी नेपाल यात्रा हिमालय पर्वतमाला की वादियों में बसे प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण पावन धरा नेपाल में 9 जुलाई से 12 जुलाई 2011 को आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय सहकारी सेमीनार में भाग लेने का अवसर मिला.इस सेमीनार का आयोजन राष्...

सबसे उत्तम मित्रग्रंथ श्रेष्ठ गुरु जानिए , हमसे कुछ नहिं लेत,* *बिना क्रोध बिन दंड के, उत्तम विद्या देत।* * * *संगति उनकी कीजिए, जिनका हृदय पवित्र,* *कभी-कभी एकांत भी सबसे उत्तम मित्र।* * * *मन-भीतर के मैल को, धोना चाहे क...मोहब्बतकहते हैं एक बार होती है* *किसी एक से होती है* *दिल में हो मोहब्बत तो * *हर एक से होती है* * * ** * * *मोहब्बत भरी ज़िन्दगी * *गंगा सी होती है * *जहां-जहां बहती है* *सबको भिगोती है * * * ** * * *वाद...

दादा जी का चश्मा(एक सोच १५ साल के बच्चे की ...जिसको बस शब्द देने भर की कोशिश की है )* *दादा जी का चश्मा .....एक उपहार उनके जन्मदिन का* आज मेरे दादा जी का ७५ वां जन्मदिन है ....पर दादा जी आज बहुत उदास है ....मै जानता हूँ...आज कंचन सिंह चौहान, नीरज "मुसाफिर" जाट का जनमदिन हैआज, 24 जुलाई को - हृदय गवाक्ष वालीं कंचन सिंह चौहान, - मुसाफिर हूँ यारों वाले नीरज "मुसाफिर" जाट का जनमदिन है। बधाई व शुभकामनाएं 

वार्ता को देते हैं विराम, तब तक के लिए लेते हैं एक ब्रेक भाई लोगों की सीट पहलेईच बुक हो चुकी है, राम राम

शनिवार, 23 जुलाई 2011

कृतघ्न मानव,.पत्थर और पत्थरदिल आदमी -- ब्लॉग4वार्ता --- ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार, बारिश के हिसाब से कल का दिन रिमझिम फ़ुहारों से भरा रहा, पर ब्लॉग़ ट्रैफ़िक के हिसाब से सूखा ही रहा। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि कम हिट्स मिलती है, ब्लॉग4वार्ता पर बीते हुए दिन में 265 हिट्स ही थी। अब जुगाड़ करते हैं हिट्स बढाने का। सूचना समर के इस युग में हमें वैश्विक स्तर पर समाचार तुरंत ही प्राप्त हो जाते हैं। 20 वर्ष पहले रीडर्स डाईजेस्ट सर्वोत्तम में एक लेख पढा था, "इन्फ़ार्मेशन सुपर हाईवे" सूचना का महामार्ग खुल चुका है, सूचनाओं का लेन-देन अंतरजाल एवं फ़ोन के माध्यम से होने लगा। इस लेख में कहा गया था कि एक दिन ऐसा आएगा इस हाईवे पर भी ट्रैफ़िक जाम होने लगेगा। आज अलबेला खत्री का जन्म दिन है, उन्हे हार्दिक शुभकामनाएं ।अब चलते हैं आज की ब्लॉग4वार्ता पर, पढते हैं कुछ ब्लॉग़........।

नंदलाल के संग जय जय श्री राधे सरकार जमुना जी के घाट पर अदभुत रचा प्रसंग केश खोल राधा खड़ी नंदलाल के संग चन्दन दतिया पकड़ राह्यों अलक सुलझाए अतुल श्याम छवि देखकर राधे रही मुसकाय कौतुक निरख नंदलाल के गोपी भई निहाल..पिया तुम कहाँ हाल कैसे करूँ वयां , अजीब समां आया है साँसों में है बैचनी , दिल भी घबराया है इन्तजार में तुम्हारे , हम बेसुध से हो गए पिया तुम कहाँ चले गए ...................! इजहार कबूल कर , दिल को था थाम लिया सब बंधन त...बड़ी दूर से आये हैं उत्साहित तो थे ही लन्दन जाकर मित्रों से मिलने को और साथ ही सुबह ७:५० की बस जानी थी यॉर्क बस अड्डे से. ५ बजे ही उठ गये. सूरज महाराज पहले से ही तैनात थे खिड़की के रास्ते. जाने कब सोते हैं और कब उठते हैं यहा...

रिमझिम रिमझिम बरस्यो पाणी बारिश प्रारंभ होते ही प्रकृति का नजारा बदल जाता है, बच्चे-बूढे, जवान, युवतियाँ सब निज-निज तरह से स्वागत करते हैं। सावन की के झूले और फ़िर सावनी त्यौहार मौसम में हरितिमा घोलते हैं। यहीं से तीज त्यौहारों के...बोनालु आंध्र प्रदेश के तेलंगाना क्षेत्र में बोनालु त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्यौहार खास तौर पर हैदराबाद-सिकंदराबाद नगर-द्वय में बहुत हर्षो-उल्हास से मनाया जाता है। ..उम्मीद और वेदना अपेक्षाओं और दायित्वों के बीच झूलता जीवन बन जाता है उपेक्षा का पात्र , इसीलिए मैं , तोड़ देना चाहती हूँ वो सारी उम्मीदें जो किसी ने भी कभी भी करीं थीं मुझसे , क्यों कि, मैं जानती हूँ उम्मीद ही है...

बात वो लिखना ज़राभावना का जोश दिल में सीख लो रूकना ज़रा हो नजाकत वक्त की तो वक्त पे झुकना ज़रा जो उठाते जिन्दगी में हर कदम को सोच कर जिन्दगी आसान बनकर तब लगे अपना ज़रा लोग तो मजबूर होकर मुस्कुराते आज कल है सहज मुस्कान पाना क्...एंजेलिना जोली के होंठ दिल्ली यूनिवर्सिटी में नए-नवेले छात्र-छात्राओं का कल पहला दिन था...इन्हें फ्रैशर्स और स्टूडेंट्स की ज़ुबान में फच्चा कहा जाता है...अब पहला दिन था तो *फर्स्ट इम्प्रेशन इज़ लास्ट इम्प्रेशन*...यानि कॉलेज को...कबीरा खड़ा बाजार में कबीरा खड़ा बाजार में तन्हा नहीं है कोई जग में जात खुदा की सदा सँग है मौला-मस्त बना फिरता है जिस पर उसका चढ़ा रंग है ! तोड़े गम से नाता अपना दिल में छायी बस उमंग है पहन फकीरी बाना देखो बिन ही पिए चढ़ी तरंग ह...

सावन के झड़ी *सूर सूर तुलसी शशि, उरगन केशवदास। * *अब के कवि खद्योत सम जंह तंह करत प्रकास॥ ...इस उत्सव में साधारण क्या है इस उत्सव में साधारण क्या है .... !!! मुझे तो माँ सरस्वती के संग रहने का आनंद मिल रहा है . मैं तो एक डुबकी हर रोज लगाता हूँ और असली मोती लेकर आता हूँ . मैं तो हँस बन गया हूँ , मोतियों के खान से गुजर रहा ...अंतर्राष्ट्रीय सागर में शक्तिशाली भारतीय कदम सोमालियाई समुद्री डाकू ( गूगल से साभार ) *"आई एन एस गोदावरी ने एक ग्रीक शिप को हाइजैक होने से बचाया ..." * * * *टाइम्स ऑफ़ इंडिया में यह खबर पढ़ कर मन को बड़ी तसल्ली हुई ! एक आम भारतीय के मन में आ सकता ह...

पाकिस्तानी घुस आया है, तेरी लापरवाही स्यूं बडा बडेरा कैता आया, जो हनुमान नै ध्यावै है तन का हो या मन का, बांका सब संकट मिट जावै है म्हे भी बाबा दुःख का मार्या, अरज करण नै आया सारी दुनिया छोड़ कै हनुमत, तेरी शरण म्हे आया म्हारी जान बचा था...क्या हम ग्रीस से सबक सीखेंगे?पिछले लम्बे वक्त से ग्रीस में चल रहे वित्तीय संकट को लेकर ज़ाहिर है कि यूरोपीय यूनियन के सभी देश लगातार चिंतित हैं। लेकिन भारत समेत एशियाई देशों में इस पूरे परिदृस्य को लेकर लगभग बेसुधी सा आलम है। दरअसल ये...नगरनार-भतरा मोनोग्राफ के श्वेत-श्याम तथा रंगीन दृश्यों के लिए भोपाल से एक फोटोग्राफर को लेकर जाना था। हम रेलगाड़ी से रायपुर पहुंचे और बस से जगदलपुर...

डंडे की तमन्ना है कि अन्ना मुझे मिल जायेनुक्कड़ पर भाई सोहन शर्मा उर्फ़ कांग्रेसी फ़िल्म थ्री ईडियट की तर्ज पर अपने दो मित्रो के साथ पोंद मटकाते हुये अश्लील नृत्य करते हुये *आल इज वेल* गाना गा रहे थे । पोंद शब्द की जगह कूल्हे जैसे थोड़े सम्मानीय शब...पत्थर और पत्थरदिल आदमीआज का समय ऐसा है की आदमी के स्वार्थ बेहिसाब रूप से बढ़ते जा रहे है . पत्थरदिल आदमी समझदार होता है पर वह दिनोंदिन निष्ठुर होता है .. सभी जगह निष्टुर आदमी बहुतायत से देखने को मिल जाते है और वे आदमी पत्थरदिल ...मेरी नेपाल यात्रा हिमालय पर्वतमाला की वादियों में बसे प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण पावन धरा नेपाल में 9 जुलाई से 12 जुलाई 2011 को आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय सहकारी सेमीनार में भाग लेने का अवसर मिला.इस सेमीनार का आयोजन राष्ट...

अब मेरी अपनी एक दुनिया हैकितना आसान था माँ की गोद में सर रख आसमान की बाते करना कितना आसान था पापा के संग बैठ कर दुनिया के सैर की बाते करना कितना आसान था बहन की नन्ही झोली में चुन चुन कर फूलो को भरना कितना आसान था भैया के संग...फूल , चाय और बारिश का पानीफूल,चाय और बारिश का पानी बहुत दिनों के बाद , हम मिले... हमें मिलना ही था , प्रारब्ध का लेखा ही कुछ ऐसा था . मिलना , जुदा होना और फिर मिलना और फिर जुदा होना ......!!! जब मिले तो देखा कि* * *...मुंबईपहले की तरह आज भी घायल हुई है रूह इसबार भी लोगों का चैनों-सुकून छिना है न हिन्दू मरा है,न मुसलमान मरा है, हर एक धमाके में बस इन्सान मरा है. रोया है आसमान भी औरों के साथ-साथ, धरती का भी सीना चाक-चाक हुआ है...

रब करे गलतियाँ रौब हमारा * *किसी पे न चलता * *रौब तो बस* *यूँ* * रब पर चलता * *रब्बा देख ले * *अगर हुई कुछ * *ऊँच- नीच **तो ** * *फिर देखना तुम ...* *जब कभी भी * *कुछ गलत होता * *या फिर कभी * *जान से प्यार...वर्षा की पहली फुहार वर्षा की पहली फुहार कुछ इस तरह पडी चहरे पर स्पंदन हुआ ऐसा लगा आगई बहार बंजर खेतों में | चमक द्विगुणित हुई उस मखमली अहसास से तेजी से हाथ चलने लगे बोनी करने की आस में | है कितना सचेत वह यदि पहले से जानते कई ह...ये किसने दुआ की थी बारिशों कीभट्ठी से तप रहा शहर दोपहर को अचानक मीठी सी ठंडी लहर से झूमने लगा था।ऐसा लगा कि भगवान ने आसमान मे अपना एसी चालू कर दिया है।तभी दोपहर की चमकदार धूप पता नही क्यों शर्मा कर देहात की नई-नवेली दुल्हन की तरह अपने...

हमें ये परंपराएँ बदलनी होंगी-*पूर्वा **जनसांख्यिकीविद (डेमोग्राफर) **है, और वर्तमान में जनस्वास्थ्य से जुड़ी एक परियोजना में शोध अधिकारी है। अनवरत पर प्रकाशित उन के आलेख **लड़कियों का घर कहाँ है? पर **Mired Mirage, जी की प्रतिक...कृतघ्न मानव निठुर मनुज की दानवता को कब किसने पहचाना ! प्रथम स्नेह का सम्बल देकर दीपक को भरमाया , सरल वर्तिका के जीवन को तिल-तिल कर जलवाया , जिसने ज्योति बिखेरी सब पर उसके तले अँधेरा , पर उपकारी इस दीपक ने जग से है क्या... इश्क-प्रीत-लव एवं बारिश का मन बाहर तो आओ / देखो, वहाँ दूर पर / कोई एक अकेला / चला जा रहा है / भीगती बारिश में / छतरी घुमाता / अभी थोड़ी देर पहले / तुम्हारी खिड़की पर / ठहरी हुयी थी एक छाया / शायद यह वही आदमी था / जो अब दिख रहा है / वहाँ ...

वार्ता को देते हैं विराम, मिलते हैं अगली वार्ता में, राम राम

शुक्रवार, 22 जुलाई 2011

70 हजारी वार्ता के साथ इंटरनेट पर आन्दोलन -- ब्लॉग4वार्ता -- ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार, कार्टुनिस्ट मित्रों के ब्लॉग पर कार्टुन नित प्रकाशित होते हैं। सम-सामयिक विषयों एवं मुद्दों पर अपने विचार व्यंग्य चित्रों के माध्यम से आम जन तक पहुंचाना बड़ी कला है। आज ऐसा कोई अखबार नहीं है, जिसमें कार्टुन प्रकाशित न होते हों। कार्टुन या व्यंग्य के माध्यम से कम से कम शब्दों में बात कह देना ही कार्टुनिस्ट का ध्येय रहता है। पाठकों पर व्यंग्य चित्रों का गहरा असर होता है, ऐसे ही हमारे कार्टुनिस्ट मित्र  इरफ़ान भाई हैं, जो अपने चुटीले व्यंग्य चित्रों के प्रसिद्ध हैं। उनसे एक बार भेंट भी हो चुकी है। आज की वार्ता में कुछ कार्टुन ईरफ़ान भाई के लगाए हैं। इन व्यंग्य चित्रों में कुछ अन्य चिट्ठों के भी लिंक समाहित हैं। आप चित्र पर क्लिक करके उन चिट्ठों पर जा सकते हैं। 


मिलते हैं ब्रेक के बाद--- अगली वार्ता लेकर, तब तक इधर हो आइए -- राम राम

गुरुवार, 21 जुलाई 2011

कनक चंपा,रेडियो तेहरान और दो पेंसिल बैटरी -- ब्लॉग4वार्ता -- ललित शर्मा

नमस्कार, गुगल द्वारा ब्लॉगर के हिन्दी बटन बंद किए जाने पर पिछले दिनों कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। आज गुगल ने हिन्दी लिखने का बटन लौटा दिया। वैसे इस बटन के बंद होने से ड्राफ़्ट पर लिखने वाले ब्लॉगर्स को समस्या हो गयी थी। कईयों ने मुझे फ़ोन करके समाधान पूछा। मैने इसका विकल्प भी उन्हे बताया। चलिए अब विकल्प की बजाए गुगल के हिन्दी लेखन बटन का स्वागत कीजिए। जिससे पोस्ट लिखने में आसानी हो। संगीता जी के द्वारा तीन पोस्ट लिखने के बाद अब ललित शर्मा की ब्लॉग4वार्ता पढिए, आपके लिए लाएं है कुछ उम्दा पोस्ट लिंक, अब चलते हैं ब्लॉग़4वार्ता पर.....।

कडुवा सच पर मिलती है खरी-खरी, उदय भाई बड़ा नेत के लिखते हैं, निशाना चूकता नहीं। पुराने निशानची हैं अंग्रेजों के जमाने के, निशाना चूकेगा कैसे। कहते हैं तू मतलब का यार है, भाई यही जीवन का सार है। वर्तमान क्लिक से ही जोड़ा जाए, एक क्लिक में बंद और एक क्लिक में शुरु। बरसों के संबंध एक क्लिक से ही खत्म हो जाते हैं। इसलिए सरकार भी क्लिक को ताक रही है, फेसबुक पर सत्ता का शिकंजा कसता जा रहा है। पगड़ी संभाल जट्टा, पगड़ी संभाल ओए। चलते रहिए जो होगा सो देखा जाएगा। जब कसाब और अफ़जल को फ़ांसी पर नहीं चढाया जा सका तो फ़ेसबुकियों को कौन बंद कर देगा। चलते चलते कैप टाउन - कैप-ऑफ गुड होप की सैर कीजिए। मौज मनाईए, जिन्दगी न मिलेगी दोबारा,  क्यों फ़ालतु के पचड़े में पड़ा जाए, ब्लॉगिंग करो और मौज मनाओ।

दिल से निकली एक दुआ और समाचार रेडियो तेहरान से आया। अब बहुत हो गया बिजली का खर्चा जाओ कोई दो पेंसिल बैटरी लाओ इसी से काम चलाया जाए। बरसात की रात का क्या भरोसा कब बिजली चली जाए, अंधेरा हो जाए। यह आईडिया फ़ालो करने लायक है बरसात में, जैसे मैंने आपको फोल्लो किया है, अब आप मुझे फ़ाल्लो कीजिए। एक हाथ दे और एक हाथ ले। अगर कुछ लेना देना नहीं तो कनक चंपा आईए, कुछ बढिया मिलेगा पढने  को। काबिनी की बात हो रही है और इधर हम मान बैठे हैं, बरसाती मौसम में तबियत जरा सी नासाज है। तबियत ठीक करने के लिए शानदार औजार है, डॉ साहेब तीन दिनी प्रवास पर हैं। ऐसे में तबियत नासाज हो तो कोई क्या करे? इधर अवधी गजल का बोलबाला है और यहाँ छत्तीसगढी गज़ल का धमाल है।

इधर  बात पगोडा की हो रही है और सावन के मेघ मंडराने लगे, वर्षा भी झूम कर होने लगी। यहाँ मल्हार गाया जा रहा है।उमड़ घुमड़ कर आई रे घटा कारी-कारी बदरी छाई रे मौसम सुहाना हुआ और कवियों ने तान छेड़ी 
पिट्सबर्ग में एक भारतीय चंद्रशेखर आजाद का स्मरण कर रहे हैं। उड़नतश्तरी लैंड करने के लिए एक स्पेस की तलाश हो रही है, पहले बताना था, अधिक जगह चाहिए, हम पुलिस ग्राउंड उपलब्ध करा देते,तुम्हारा आना ही पुरुष्कार है !! एक कविता पढिए मैं संसार सजाना चाहती हूँ., इधर कुछ अलग सा सवाल है किसी लेखक ने अपनी कलम को कोई नाम नहीं दिया, ऐसा क्यों? हल करके देखिए। तब तक हम आते हैं शार्ट ब्रेक से, कुछ फ़ास्ट फ़ूड लेकर और मिलते हैं अगली वार्ता में। राम राम...........................

बुधवार, 20 जुलाई 2011

मैं आपसे फिल्म के टिकेट पर खर्च किये गए पैसे में से २५ % के रिफंड की मांग करता हूँ ... ब्‍लॉग4वार्ता .. संगीता पुरी

सभी पाठकों को संगीता पुरी का राम राम , ब्‍लॉग4 वार्ता की पूरी टीम व्‍यस्‍तता में चल रही है। गिरीश बिल्‍लौरे जी इंदौर की यात्रा में हैं , परिवार के कई सदस्‍यों के साथ ललित शर्मा जी फ्लू की चपेट में हैं और मैं भी एक यात्रा की तैयारी में व्‍यस्‍त हूं। सुबह भी बाहर निकलना है , इसलिए रात्रि की नींद आवश्‍यक है , बस आप सबों को पोस्‍ट की कमी न खले , इसलिए कुछ लिंक उपलब्‍ध करा रही हूं  .....

उस दिन..... की ही तो बात है , ये काली घटा ने....   और उसमें आंख मिचौली करता सूरज  ने वो धूसर सी शाम..  को यूं बनाया कि चारो ओर   अँधेरा ..  ही अंधेरा नजर आया। बस इतनी सी बात है और ... कल भी वो खामोश थी, आज भी खामोश है !  यही सोंच रही है कि क्या पाया क्या खोया है .. समझ में नहीं आ रहा क्‍या है मौन का अर्थ ???? इतना करने की आवश्‍यकता नहीं ,  बहारें तुझसे हैं पगली !!! बात को समझा करो अखंड समाधियाँ यूँ ही नहीं लगा करती ,वैसे एक हिन्दी भाषी ब्लॉगर का दर्द  हम भी समझते हैं। यह जरूर है कि बुढापा ., कुछ यूह ही .छोटी कविताओं में समेटा जा सकता है , बुढ़ापा होता है........ ऐसा ही , इसलिए  थोड़ा तो रहम कीजि । ये  बम धमाके : अनोखा कारोबार ! बनते जा रहे हैं। तभी तो  मैं आपसे फिल्म के टिकेट पर खर्च किये गए पैसे में से २५ % के रिफंड की मांग करता हूँ  रश्मि प्रभा जी हस्पताल में हो सकती हैं , उनके स्‍वास्‍थ्‍य लाभ के लिए हमारी पूरी टीम की ओर से शुभकामनाएं !!


अब आपसे 5 अगस्‍त के बाद ही आप सबों से मिलना हो पाएगा , सिर्फ लग्‍न राशिफल चलती रहेगी। तबतक के लिए विदा !!!!!! उम्‍मीद करती हूं , ललित शर्मा जी जल्‍द स्‍वस्‍थ होकर तथा गिरीश बिल्‍लौरे जी यात्रा से सकुशल लौटकर ब्‍लॉग4 वार्ता की जिम्‍मेदारी संभालेंगे !!!!!!

Twitter Delicious Facebook Digg Stumbleupon Favorites More