नमस्कार, शाम 7 बजे एक मित्र से चैट हो रही थी, उनसे समाचार मिला कि मुंबई में एक बम धमाका हुआ है, दादर के कबुतर खाना क्षेत्र में, उसके बाद उनके ही द्वारा दुसरे धमाके की सूचना मिली फ़िर तीसरे की। मैं टीवी से दूर था और वे टीवी पर। मैने फ़िर चैनल लगाया तो धमाकों के समाचार दिखाए जा रहे थे। आतंकवादी मासूम नागरिकों का एक बार फ़िर खून बहाकर निकल लिए सुरक्षा प्रणाली को धता बता कर। सरकार ने रेट एलर्ट जारी कर दिया। गृहमंत्री का बयान आ गया, दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा। कुछ लोगों की जान चली गयी इस हादसे में। वैसे देखा जाए तो भारत में अब आदमी की जान की कीमत सस्ती हो गयी है। कोई भी ऐरा-गैरा धमाका कर जाता है और गुप्तचर एजेंसियाँ मुंह ताकते रहती हैं। एलर्ट पहले क्यों नहीं रहते जिससे आतंकवादियों को निर्दोष नागरिकों की जान लेने का मौका ही न मिले। हम इस हमले की निंदा करते हैं। चलते हैं आज की वार्ता पर..........।
अनिल पुसदकर कह रहे हैं राजासाब मुम्बई में बम ब्लास्ट हुआ है,गोल्डन चांस है,घसीट लो आरएसएस को इस मामले में।एक और छोटी सी पोस्ट बहुइत बड़ा सवाल लिये हुये। राजासाब मुम्बई में बम ब्लास्ट हुआ है,गोल्डन चांस है,घसीट लो आरएसएस को इस मामले में।ट्रिप्पल एम फ़ेक्टर काम करेगा।मुस्लिम भी खुश, मीडिया भी और मैडम भी। भाड़ मे जाये जनता।मौका मत चूको राजा साब जोड़ दो इसे भगवा ब्रिगेड़ से।गोल्डन चांस है,हो सकता है मानवाधिकार के मामले में किसी टटपूंजिये देश से कोई राष्ट्रीय पुरस्कार मिल भी जाये। अभी हम अपनों की लाशें उठाने को तैयार हैंमुम्बई में तीन लगातार धमाके और कईयों की मृत्यु, कई घायल। अब शुरू हुई नेताओं की जुबानदराजी। घटना का पोस्टमॉर्टम, बम को लगाने वालों का अंदाज और कार्यवाही करने का आश्वासन।
जरा जल्दी ही सठिया गये थे! आज एक किताब खोजते हुए एक पुरानी सी डायरी हाथ लग गयी. न जाने कैसे.. यह गंगा स्नान से वंचित रह गयी थी. पुरानी स्मृतियों से तंग आकर अपने कई दार्शनिक विचार संगम में विसर्जित कर आये थे. लेकिन जब स्वरचित पांडुलिपि...आज की ताज़ा खबरटीवी का शोर दिमाग है गोल लिखने का है मन पर सूझता नहीं कुछ कैसे कुछ सोचूं कैसे कुछ नया लिखूं यहाँ तो बस नई पुरानी फिल्मो का है संग अमिताभ के गाने संजय दत्त की ढिशुम ढिशुम गोविदा के
वक़्त और हालातभ्रष्ट आचरण की लाश कन्धों पर लिए,* *निकल पड़ते हैं मौत के सौदागर,* *आतंक और दहशत** फ़ैलाने के लिए,* *अनेकों के कुलदीपक बुझ जाते हैं,* *कितने अपनों से बिछड़ जाते हैं,* *तब खून पानी सा बहता है,वर्डप्रेस इंस्टालेशनब्लोगर से हिंदी लिखने का टूल जबसे गायब हुआ है कई लोगों को आशंका है कि कहीं गूगल ब्लागस्पाट को बंद ही ना करदे| यदि एसा होता है तो ब्लोगर्स की सालों की मेहनत पर पानी फिर जायेगा| यही सोचकर कुछ ब्लॉग लेखक
रस परिवर्तनकाका जनाने डिब्बे में चढ़ गए* जगह मिल सकी मेल में, कष्ट अनेकों झेल टी टी बोला, निकलिए, ये डिब्बा फ़ीमेल यह डिब्बा फीमेल, चढ़ गया उसका पारा हमने कहा "जनाब, इसी का टिकिट हमारा" कहं काका क्यों मुसाफिरों को भ्रष्टाचार हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है !!कोई कुछ भी कहे कहता रहे हम भ्रष्ट हैं तो हैं और आगे भी रहेंगे पर हम किसी के कहने से चीखने-चिल्लाने से भ्रष्टाचार नहीं छोड़ेंगे ! भ्रष्टाचार करना हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है
"ओह! मुंबई..."आतंक के सलासिल ना टूटते हैं भाई मुंबई के आसमां में फिर देख लाली छाई होते धमाके फिर से, हैं आज दिल के भीतर इक आँख में नमी है, इक आँख में रुलाई”मुम्बई आज फिर 'सीरियल ब्लास्ट' से दहला है... फिर एक बार मौत का तांड़वमुंबाई में फिर तीन जगह सीरियल धमाके हुए। झवेरी बाजार, मुंबादेवी मंदिर और दादर स्टेशन का इलाका चपेट में आया। समय भी ऐसा चुना गया था जब लोग दफ्तर के बाद घर जाने को निकल रहे थे या शाम के समय बाजारों में
हर शख्स कहे क्या बात कही कुछ ऐसी अपनी बात रहेशुभ रात रहे, शुभ प्रात रहे घायल न कोई जज़्बात रहे* * सब रहें प्यार से जीवन में क्यों घात रहे, प्रतिघात रहे* * हर शख्स कहे क्या बात कही कुछ ऐसी अपनी बात रहे* * हम तोड़ें अपनी चुप्पी को भावों की मधुर बरसात रह --- हैपेटाइटिस सी लाइलाज तो नहीं है लेकिन आज जब मैं विश्व स्वास्थ्य संगठन की साइट देख रहा था तो पता चला कि 28जुलाई 2011 विश्व हैपेटाइटिस दिवस है। साथ में हैपेटाइटिस सी के बारे में कुछ जानकारी उपलब्ध करवाई गई थी। अकसर ऐसे ही सुनी सुनाई बात को ध्यान...
क्या यही डांस हैमुझे नृत्य से बेहद लगाव है और इसलिए टीवी की शौकीन ना होने पर भी उस पर पर आने वाले नृत्य के रियलिटी कार्यक्रम मैं बड़े चाव से देखती हूँ ."नच बलिये" जैसे कार्यक्रमों में भारतीय नृत्य के अलावा सभी विदेशी और...यह इंसानों की बस्ती है. सच नकाब में होता है , यहां नहीं नंगा कोई. सबका दिल घायल घायल यहां नहीं चंगा कोई. सच्चे प्यार - मोहब्बत पर नफ़रतों की गश्ती है. यह इंसानों की बस्ती है यह इंसानों की बस्ती है. बङे-बङे महलों के आगे सङकों प...
जानिये सच्चाई कुछ सफ़ेदपोशों की जानिये सच्चाई कुछ सफ़ेदपोशों की………… बेशक पोस्ट ज्यादा बडी है दोनो ही मगर इन्हे पढें जरूर क्योंकि इनका वास्ता हमारे ब्लोगजगत से है और उसके बारे मे जानना हम सबके लिये बहुत जरूरी है । खासकर महिला ब्लोगर के लिए --- पुस्तकें.ज्ञान का भंडार हैं ये पुस्तकें बंद है हमारा भविष्य इनमें नन्हें हाथों की शक्ति आने वाले कल की तस्वीर है इनमें इन्हें खोले और गहराई में उतरे बिना हम नहीं कर सकते अपने कल का निर्माण कल के सवालों के उत्तर मि...
वार्ता देते हैं विराम-- मि्लते हैं ब्रेक के बाद अगली वार्ता में, राम राम........................
8 टिप्पणियाँ:
हम इस हमले की घोर निंदा करते है ... और सरकार से यह जानना चाहते है कि आखिर कब तक यूँ ही निर्दोष लोगो इस तरह के हमलो में मरने दिया जायेगा ... क्यों सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठती सीमा पार से हो रहे इन हमलो के खिलाफ ... जब कि पूरा विश्व इस बात को जानता और मानता है कि पकिस्तान से ही आज सब से ज्यादा आतंकी संगठन चलाये जा रहे है !!
हमारी संवेदनाएं इस हमले में मारे गए या घायल हुए लोगो और उनके परिवार के साथ है !
बढ़िया वार्ता
निंदनीय अपराध ...बेकसूरों को मारना कहाँ का इन्साफ हैं ...?????
कब तक ये तांडव चलेगा और हम यही कहते रहेंगे जांच जारी है.
सार्थक वार्ता.
इस हमले की घोर निंदा की ही जानी चाहिए ...
बढ़िया लिंक्स...
बढ़िया वार्ता.
यथार्थपरक वार्ता....
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