गुरुवार, 28 जुलाई 2011

महिलाओं की सफलता के पीछे भी है पुरुषों का हाथ -- ब्लॉग4वार्ता ---- ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार, डॉ मोनिका शर्मा कह रही हैं, महिलाओं की सफलता के पीछे भी है पुरुषों का हाथ होता है। अक्सर यह सुनने में आता है की पुरुषों की सफलता के पीछे किसी न किसी(माँ ,पत्नी, बहन) रूप में एक महिला का हाथ होता है। ऐसे में यह सवाल भी लाज़मी है की दुनिया भर में अपनी कामयाबी का परचम लहराने वाली भारतीय महिलाओं के पीछे क्या किसी पुरुष का सहयोग और साथ नहीं है? यह सच है की औरतों के साथ कुछ घरों आज भी सामंतवादी सोच के चलते अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता पर तस्वीर के दूसरे पहलू पर भी गौर करना जरूरी है। हमारे समाज में आज ऐसे घरों की भी कमी नहीं है जहाँ पूरे घर-परिवार से लड़कर भी पिता अपनी बेटियों को घर से दूर पढने और काम करने की इज़ाज़त देकर उनका हौसला बढ़ा रहे है। ऐसे जीवनसाथी भी मिल जायेंगे जिनके साथ और सहयोग से कई लड़कियां शादी के बाद भी अपनी पढाई लिखाई जारी रख रही हैं और करियर में नए आयाम छू रही है।
 
 
नेपाल यात्रा की सातवीं किस्त पढिए,  काठमांडू से प्लेन द्वारा एवरेस्ट घूमने की व्यवस्था है . अतः  12 जुलाई को एवरेस्ट जाने का प्रोग्राम बना . प्लेन 17 सीटर थी सो उतने ही  प्रतिनिधियों की बुकिंग हो गई . सुबह 6 बजे निकलना था सो चार बजे नींद खुल गई . होटल की खिड़की से झाँका तो देखा कि सामने पहाड़ का कुछ हिस्सा बादलों से ढका हुआ है . मैंने कैमरा निकाल कर उस दृश्य को कैमरे में कैद कर लिया . सुबह सुबह भौर में काठमांडू शहर , पहाड़ ,बादल व आसमान का दृश्य देखते ही बन रहा था . आधे घंटे बाद नजारा कुछ बदला हुआ था अतः पुनः तस्वीर ली , जैसे जैसे वक्त गुजर रहा था तथा जैसे जैसे उषाकिरण की रोशनी धरती पर पड़ रही थी वैसे वैसे नई  तस्वीर बनाती जा रही थी . जल्दी जाने की आपाधापी में भी हमने कुछ तस्वीरे ली और जैसे तैसे तैयार हुए।
 

कुछ घाव कभी नहीं भरते कह रहे हैं शिवम मिश्रा,कुछ लोग यह भूल जाते है कि चाहे कितना भी समय गुज़र जाए ... कुछ घाव कभी भी नहीं भरते ...* शहीदों को सलामकारगिल विजय दिवस के अवसर पर मंगलवार 26 जुलाई को इस युद्ध के शहीदों को देश भर में याद किया गया और उन...बी एस एन एल की वेबसाईट हैक कर हजारों का डाटा उड़ा लिया हैकरों ने मुझसे कई लोग पूछते हैं कि आखिर हमारी ई-मेल आई डी, मोबाईल नम्बर कैसे मिल जाते हैं एजेंसियों को? जब मैं कहता हूँ कि यह तो कौड़ियों के मोल मौजूद हैं नेट पर! तो हैरानगी भरी निगाहों का सामना करना पड़ता है मुझे। ...

आ सखी चुगली करें पर एक कविता, चाँद ... संध्या शर्मा की कविता पढिए,ताकती हूँ उसे बड़ी आस से,* * छूना चाहती हूँ पास से,* * सोचती हूँ उसे देखकर,* * जब मैं पुकारूँ तो,* * आयेगा वह इस धरती पर, * * अगर नहीं आ सका,* * तो बुला लेगा मुझे वहां,* * तभी ख़याल आता है,* आडंबर व्यक्ति को आत्मपतन के मार्ग की और ले जाता है . एक बार एक शहर का सबसे बड़ा अमीर हीरे, मोती और अशर्फियों की ढेरों थैलियाँ लेकर हजरत इब्राहीम के पास लेकर पहुंचा और उन थैलियों को उनके पैरों के पास रख दिया और उनसे आशीर्वाद की कामना करने लगा तो हजरत इब्राहीम...

मटुक जूली मौन प्रार्थना कर रहे हैं,  27 मई, 2011 को अपराह्न 5 बजे महामहिम कुलाधिपति श्री देवानन्द कुँवर ने मेरी बर्खास्तगी के विरुद्ध दायर अपील की कृपापूर्वक सुनवाई की। उस दौरान मैं उनके व्यापक ज्ञान, गहन सूझ-बूझ और प्रखर प्रतिभा से पहली बार परिचित एवं प्रभावित हुआ। आशा जगी कि सुनवाई के उपरांत आदेश लिखवाया जायेगा। दूसरे दिन फैसला फैक्स से विश्वविद्यालय को भेज दिया जायेगा और मुझे भी उचित माध्यम से सूचना मिल जायेगी। 27 की रात बड़ी मुश्किल भरी थी, क्योंकि उसके जल्द बीत जाने का इंतजार था। लेकिन न रात जा रही थी, न नींद आ रही थी। छत पर कुर्सी पर बैठे आसमान को निहारते ही रात बिता दी। 28 को फैसला नहीं आया। उस दिन शनिवार था। सोचा शायद सोमवार को आये !



चलते चलते एक व्यंग्य चित्र
 
 वार्ता को यहीं देते हैं विराम, मिलते हैं अगली वार्ता में, राम राम

9 टिप्पणियाँ:

अच्छे लिनक्स लिए वार्ता ...आभार शामिल करने का

बढ़िया वार्ता , आभार .

सुन्दर वार्ता व्यंग चित्र के साथ... हमारी रचना के चयन के लिए आपका आभार...

wah!

इसे भी देखें- http://shalinikikalamse.blogspot.com/2011/07/blog-post.html

मेरी पोस्ट को वार्ता में शामिल करने के लिए आपका आभार !

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