रविवार, 10 जुलाई 2011

कविताओं के ब्लाग पर ताला.... क्यों लगाया आपने सुना है अब तो ब्लाग ही बंद करने जा रहा है गूगल बाबा

लोग जाने  क्यों ताला जड़ देतें हैं ब्लाग पर खजाना साहित्य का लुटाने के लिये ही होता है अब देखिये न सुमन मीत की कविता को चर्चा पर नहीं दे पा रहा हूं. नुकसान उनका ही तो है हा हा  ये क्या एक प्रयास पर भी ताला इधर है जी ताला :- "तोसे नैना लड गये जो इक बार"
 किन किन ब्लाग्स पर ताले जड़े हुए हुएं हैं....देखने निकला तो पाया कि कई ब्लाग हैं ऐसे पर जिन ब्लागस के ताले खुले हुए हैं उनके क्रियेशन की की झलक देखिये 
...एक अनुभूति के ब्लाग-पर ये कविता देखिये रसात्मिका: नयी नवेली दुल्हन मेरे कृष्णा !  

 मेरे कोस्तुभ धारी !
 ना कोई सन्देश
 ना कोई उम्मीद ,
 फिर भी सत्य के विशवास के साथ ,  ये गोरी तोरी  ,

  पर  देखिये 

नवगीत

अम्बर के नैना भर आए
नीर झरे रह-रह के।
प्रात स्नान कर दिनकर निकला,
छुपा क्षणिक आनन को दिखला,
दिगम्बर नासवा जी की रचना 

गुस्से को सड़कों तक तो लाना होगा

अपने ही अब घात लगाए बैठे हैं
सपनों का आँखों में पलना ठीक नही
 ..
कुछ मुक्तक कुछ क्षणिकाएं ब्लाग पर देखिये ये 
उफ़्फ़ इधर भी ताला मार दिया है... अक्षय-मन ने 
  ने कोई ताला नही लगाया किसी ख़ास के लिए....जो लिखा है उनने आप भी देखिये और खास बन जाईये उनके तू मेरी चाहत का यूं ही इम्तेहान न ले ओ ज़ालिम
तेरे दिल में समंदर सा प्यार न भर दूं तो कहना
कुछ ऐसा कर दूंगा की आकिबत(१) में तू ढूंढे मुझे
बाहों में टूटने को मजबूर न कर दूं तो कहना
खोजा तपासी में  खुशदीप भैया के पास गया था
धर्म-पत्नी का मतलब... का मतलब पूछ रहे हैं आज़ कल वो ...?
इस सप्ताह अनुभूति में क्या कुछ है देखिये तो ज़रा
एक झलक 
नेता जी के पास हैं, नए-नए किरदार।
चरण-कमल पड़ते जहाँ, होता पनियाढार।।
लेखपाल की चाल भी , करती क्या-क्या काम।
खेत किसी के हैं मगर, हुए किसी के नाम।।
शायद यह ब्लाग पर आखिरी चर्चा हो क्योंकि पाबला जी ने बताया - "एक ब्लॉग बंद होने जा रहा तो बधाई देनी चाहिए क्या ब्लॉगरों को? इंतज़ार कीजिए आधी रात तक या फिर अपनी बात कह डालिए तब तक
यानी आज़ ज़्यादा से ज़्यादा लिंक्स ज़रूरी है. अगर ब्लाग बंद हुए तो आप आभासी  जनम दिन कैसे मनाएंगे तो मना लेते है "हेप्पी हैप्पी बर्थ डे " "सालगिरह मुबारक़ (पाबला जी)" आप को इस ब्लाग-परिवार भी खूब याद आएगा. 

9 टिप्पणियाँ:

sahi hai ||
Hindi ki seva, edit karne ke
liye kal se hi uplabdh nahi hai ||

badhaai ||

क्या बात है आज एक ही दिन में दो बार वार्ता ... ओवर डोज ना हो जाए ...

बताया नहीं पाबला जी
नहीं कि ब्लाग बंद ही हो जाएगा क्या सही है.

अरे बाप रे, ये तो चिंता का विषय है।

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चिंता की कोई बात नहीं ब्लागर से बात करता हूं

फ़्री सेवा तो एक दिन बंद होनी ही होती है, कोई खैरात थोडे ही ना है, अब लो पैसों से मजा, फ़्री खत्म

मुझे नहीं समझ में नहीं आ रहा है की लोग आइसे अफवाहें क्यों उड़ा रहे हैं , गूगल इतनी तीखी प्रतिस्पर्धा में फसा हुआ है फेसबुक और दूसरी ब्लॉग सेवाओं के साथ की वो अपनी कोई सेवा बंद कर ही नहीं सकता है , इसके अतिरिक्त ब्लॉग से उसे बहुत कमाई भी हो रही है औअर उसके सर्च के लिए परिणाम भी मिल रहे हैं तो कोई अपनी कमाई क्यों बंद करेगा |

इसके अतिरिक्त गूगल में अभी अभी अपना नया ब्लॉगर डैशबोर्ड उतरा है , किसी बंद होने वाली सेवा के नए संस्करण नहीं उतारे जाते हैं , नए डैशबोर्ड के आने का अर्थ है की ये बंद नहीं हो रही है ||

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