मंगलवार, 22 मार्च 2011

आज बसियौरा होली है. बसियौरा माने बासी.होली पर ताज़ा न्योता पाबला जी की तरफ़ से



आज बसियौरा होली है. बसियौरा माने बासी. बिहार में लगभग हर बड़े त्यौहार का बसियौरा मनाया जाता है या फिर उसको छोटा-बड़ा में बाँट देते हैं. दीवाली में बच्चों का एक दिन से मन नहीं भरता तो एक दिन पहले छोटी दिवाली कर दिया. बचे पटाखों का स्टॉक ख़त्म करने के लिए एक दिन बाद बसियौरा दिवाली भी मना लेते हैं. वैसे ही बसियौरा दसहरा और बसियौरा होली भी. होली के फंक्शन की तैयारी में इस पर कुछ लिख नहीं पाया. दिमाग में आ रहा था कुछ कुछ. फिर लगा क्यों न एक बसियौरा पोस्ट ही ठेल दी जाये.. तो पहले आपको बसियौरा होली मुबारक और यह बसियौरा पोस्ट हिन्दी ब्लॉगजगत के बुढ़ऊ लोगों को समर्पित. :
काव्यकोष में निराला जी की रचना देख मन प्रीत के बासंती स्वरूप पर मोहित हो जाता है 
 नयनों के डोरे लाल-गुलाल भरे,खेली होली !
जागी रात सेज प्रिय पति सँग रति सनेह-रँग घोली,
दीपित दीप ,कंज छवि मंजु-मंजु हँस खोली-
                मली मुख-चुम्बन-रोली।
प्रिय-कर-कठिन-उरोज-परस कस कसक मसक गयी चोली,
एक-वसन रह गयी मन्द हँस अधर -दशन अनबोली-
                      कली -सी काँटे की तोली।
मधु-ऋतु-रात,मधुर अधरों की पी मधु सुध-बुध खोली,
खुले अलक,मुँद गये पलक-दल,श्रम-सुख की हद हो ली-
                          बनी रति की छवि भोली।
बीती रात सुखद बातों में प्रात पवन प्रिय डोली,
उठी सँभाल बाल,मुख-लट,पट,दीप बुझा,हँस बोली
                      रही यह एक ठठोली।
 अनवरत र वक़ील साब की रपट ..!रपट क्या "लिखित-साक्ष्य" पढ़ता ही रह गया 
मारे कवि महोदय पिट-लिए उर्फ श्रीमान सतीश सक्सेना जी ही एक मात्र सीधे-सादे प्राणी निकले जो उधर ताऊ के गरही कवि सम्मेलन में सब के लट्ठ खा कर, वहाँ से किसी तरह जान बचा कर भागे थे। जल्दी में उन की अक्ल की पोटली ताऊ के घर ही छूट गई थी या फिर रास्ते में छोड़ आए थे। (रास्ते में छूटी होगी तो भी ताऊ के किसी बंदे ने ताऊ के पास पहुँचा दी होगी, इसी तरह दूसरों की अक्ल की पोटलियाँ समेट कर आज कल ताऊ अक्ल का जागीरदार बना बैठा है) उन्हों ने लौटते ही हाँफते-हाँफते पहेली पढ़ डाली, चित्र देखा,  और फट्ट से पहचान लिया, अरे! ये तो हमारे कार्टूनिस्ट बाबू हैं। आव देखा न ताव तुरंत टिपियाए "यह इरफ़ान तो नहीं"।  
जगाधरी न.1 के बहाने होली की मस्ती  करते करते ललित शर्मा थकथका के बैठे ही थे कि आकाश का चांद जमीं पर उतरा उतरते ही बड़े प्यार से मूंछ में अंगुलियां फ़ेरने लगा तभी अनाभिव्यक्त अभिव्यक्ति की अनुभूती होते ही हम पंहुंच गये "एहसासों के गलियारे में" देखने लगे खुली आंखों से सपना देखें भी क्यों न फ़ागुन के साथ मदन का मान करता वसंत जो आया है. प्रेम की तलाश में हमारी खोज यात्रा प्रेमरस ब्लाग पर पहुंची तो पाया कि अविनाश वाचस्पति उपलब्ध है एन डी टी वी पर पंकज पचौरी को कुछ बता रए हैं देखिये इधर  :-ब्लागर्स छाए एन डी टी वी के शो हम लोग पर वैसे अविनाश जिधर जाते है उधर छा ही जाते हैं. 
Blog Mandliमुझे चर्चा की खोज-तपास में एक ऐसा ब्लाग मिला जो वाक़ई "ज़खीरा" है अख्तर  भाई  कह  रहे  हैं  :-आइये मिल-बैंठें एक हम हो आए वहां आप भी हो आइये  पाबला जी का आमंत्रण भी आज़ ही जारी हुआ ब्लाग मण्डली में शामिल होने के लिये. सत्यम शिवम के ब्लाग गद्य सर्जना पर विरह देखिये . राहुल गांधी ब्लाग पर एक अलग ही भविष्य वाणी देखते ही कि राहुल बाबा प्रधान मंत्री नही बन पाएंगे ब्लागर्स को उम्मीद जाग गई कि शायद समीरलाल जी,अनूप शुक्ल जी , को मौका मिल जाए. मेरा प्रसारण मंत्रालय तो तय है.  सवाल लम्बित कि मुक़द्दर का सिंकंदर कौन होगा...... ?
शायद हल हो जाये. होली की हरारत उतरी ही नहीं थी कि पता चला की दादा बन गये समीर भाई किन्नरों की तलाश में बहुत परेशान थे. वीकएण्ड तक न मिले मिले भी तो बस लम्बी चौड़ी लिखत-पढ़्त के अनुबंध के साथ मात्र एक दर्ज़न ठुमके लगाने पर राज़ी हुये. समीर भाई बोले:-"स्साला कहीं टुन्नी में एकाध ठुमका ज़्यादा हो गया तो ये ससुरे दुगना वसूलेंगे . सो राजीव तनेजा से  कुछ चित्र बनवाये विभिन्न नृत्य-मुद्राओं में और रस्म अदायगी करा ली." हम से बोलते तो हम बैमबसर पर लाइव लगवा देते देसी किन्नर सज्जनों  ओह देवियों से  ठुमके कुछेक डालर में.
चलिये नये चिट्ठों पर एक नज़र मार लें 

1. ब्लॉगरोँ की दुनिया World of best writers and poets (http://bloggers-adda.blogspot.com/) चिट्ठाकार: डा.राजेंद्र तेला"निरंतर" Dr.Rajendra Tela,Nirantar"
2. Avadh Times (http://avadhtimes.blogspot.com/) चिट्ठाकार: राजीव नन्दन द्विवेदी
3. Tally Guru At Allahabad (http://8081375071.blogspot.com/) चिट्ठाकार: Tally Guru At Allahabad
4. SANDESH (http://sahajasandesh.blogspot.com/) चिट्ठाकार: NIRMAL SANDESH
5. भारत समाचार (http://news-india-top.blogspot.com/) चिट्ठाकार: eri
6. chintan (http://samvedna-chintan.blogspot.com/) चिट्ठाकार: SAMVEDNA
7. Ashok Punamiya's Blog (http://ashokpunamia.blogspot.com/) चिट्ठाकार: अशोक पुनमिया
8. kavitabazi (http://kavitabazi.blogspot.com/)चिट्ठाकार: Aseem Trivedi
9. Samakalinkala's (http://samakalinkala.wordpress.com) चिट्ठाकार: artofratnakar
10. मेरी रचनाएँ (http://shamil-tiwari.blogspot.com/) चिट्ठाकार: shamil
11. ashish anand (http://khyalomein.blogspot.com/) चिट्ठाकार: ASHISH ANAND
12. UDAAN (http://shabd-tarang.blogspot.com/) चिट्ठाकार: Sujit
13. काव्य-लहरी (http://kavyalahri.blogspot.com/) चिट्ठाकार: अजिताभ पाण्डे
14. himalayilog (http://himalayilog.blogspot.com/) चिट्ठाकार: himalayilog
15. ज़माने की रफ़्तार (http://gopalpradhan.blogspot.com/) चिट्ठाकार: gopal pradhan
16. rajani01 (http://rajanimorwal.blogspot.com/)
चिट्ठाकार: Rajani Morwal
17. sangati (http://godlove2011.blogspot.com/)चिट्ठाकार: sagati
18. Kuchh Unkahe Shabd (http://kuchhunkaheshabd.blogspot.com/) Balram Gausingha


  अन्त मे मेरी पसंद 
      चांद और मैं

कल चंद धरती के करीब था
और मन में आया मैं उसे छू लूं
मैं ऐसा कर पाता उससे पहले ही
तुम्हारी यादों ने मुझे घेर लिया ( आगे यहां से )



 

6 टिप्पणियाँ:

उम्दा वार्ता लगाई है दादा आज तो
बहुत बहुत शुभकामनाएं।
आभार

बसियौरा होली की ताजा प्रस्तुति बहुत आकर्षक रंगों से सजी है...
बधाई....

बेहतरीन वार्ता प्रस्तुति के लिए आपको हार्दिक बधाई।

आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 03 मार्च 2018 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

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