डॉ. शरद सिंह
श्रीराम से होली खेलने वाली रानी
कृष्ण के साथ गोपियों एवं भक्त रानियों द्वारा होली खेलने के प्रसंग अनेक ग्रंथों में मिलते हैं जबकि श्री राम को सदा मर्यादा पुरुषोत्तम माना जाने के कारण उनके साथ होली खेले जाने के प्रसंग नगण्य प्राय हैं। किन्तु बुन्देलखण्ड की ऐतिहासिक स्थली ओरछा में एक रानी हुई जिसका जीवन श्रीराम की भक्ति में डूबा हुआ था। उस रानी का नाम था कंचन कुंवरी।Sharad Singh | होंठों पर हँसती दिखती है, पलकों में रोती लड़की सपनों की झालर बुनती है, तनिक बड़ी होती लड़की। गुड्डे-गुड़िया, खेल-खिलौने, पल में ओझल हो जाते अपने छोटे भाई-बहन को बाँहों में ढोती लड़की। चूल्हा, चौका, कपड़े, बरतन, बचपन से ही जुड़ जाते परिपाटी की बंद सीप में, क़ैद हुई मोती-लड़की। इसकी पत्नी, उसकी बेटी, जाने क्या-क्या कहलाती नाते-रिश्ते, संबोधन में खुद को है खोती लड़की। दिन का सूरज, रात के तारे या सपनों का शहज़ादा सारी दुनिया पा लेती है, नींद भरी सोती लड़की। |
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Samkalin Katha Yatra | |
अ मिरर ऑफ़ इंडियन हिस्ट्री | |
sharadakshara |
शरद जी का गद्य एवम पद्य दौनों पर समान अधिकार है. शरद जी के ब्लाग को आम ब्लाग की भीड़ में अलग से ही पहचानना कठिन नहीं क्योंकि उनके आलेख अथवा कविता की अलग-ही शैली है.
जन्म : 29 नवंबर 1963, पन्ना(मध्य प्रदेश)
शिक्षा : एम. ए.(प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व) स्वर्ण पदक प्राप्त, एम. ए. (मध्यकालीन भारतीय इतिहास), पीएच. डी. (खजुराहो की मूर्तिकला का सौंदर्यात्मक अध्ययन)
प्रकाशित कृतियाँ : एक उपन्यास, चार कहानी संग्रह, दो काव्य संग्रह, तीन शोध ग्रंथ, साक्षरता विषयक दस कहानी संग्रह, मध्य प्रदेश के आदिवासियों पर दस पुस्तकें, एक रेडियो नाटक संग्रह। यथा-
'पिछले पन्ने की औरतें' (उपन्यास), 'बाबा फ़रीद अब नहीं आते' (कहानी संग्रह), 'तीली-तीली आग' (कहानी संग्रह), 'गील्ला हनेरा' (पंजाबी में अनूदित कहानी संग्रह), 'राख तरे के अंगरा' (बुंदेली कहानी संग्रह), साक्षरता विषयक दस कहानी संग्रह, मध्य प्रदेश की आदिवासी जनजातियों के जीवन पर दस पुस्तकें, खजुराहो की मूर्तिकला के सौंदर्यात्मक तत्व (शोधग्रंथ), 'आधी दुनिया पूरी धूप' (रेडियो नाटक संग्रह), न्यायालयिक विज्ञान की नयी चुनौतियाँ (शोध ग्रंथ), महामति प्राणनाथ: एक युगांतरकारी व्यक्तित्व (शोध ग्रंथ)।
'पिछले पन्ने की औरतें' (उपन्यास), 'बाबा फ़रीद अब नहीं आते' (कहानी संग्रह), 'तीली-तीली आग' (कहानी संग्रह), 'गील्ला हनेरा' (पंजाबी में अनूदित कहानी संग्रह), 'राख तरे के अंगरा' (बुंदेली कहानी संग्रह), साक्षरता विषयक दस कहानी संग्रह, मध्य प्रदेश की आदिवासी जनजातियों के जीवन पर दस पुस्तकें, खजुराहो की मूर्तिकला के सौंदर्यात्मक तत्व (शोधग्रंथ), 'आधी दुनिया पूरी धूप' (रेडियो नाटक संग्रह), न्यायालयिक विज्ञान की नयी चुनौतियाँ (शोध ग्रंथ), महामति प्राणनाथ: एक युगांतरकारी व्यक्तित्व (शोध ग्रंथ)।
अनुवाद : कहानियों का पंजाबी, उर्दू, गुजराती, उड़िया एवं मलयालम भाषाओं में अनुवाद प्रकाशित।
प्रसारण : रेडियो, टेलीविजन एवं यूनीसेफ के लिए विभिन्न विषयों पर धारावाहिक एवं पटकथा लेखन। शैक्षणिक विषयों पर फ़िल्म हेतु पटकथा लेखन एवं फ़िल्म-संपादन।
विविध : शैक्षिक सहायक पुस्तकों में कहानियाँ सम्मिलित तथा विभिन्न भारतीय विश्वविद्यालयों के शोधग्रंथों में उल्लेख।
पुरस्कार एवं सम्मान :
गृह मंत्रालय भारत सरकार का 'राष्ट्रीय गोवंद वल्लभ पंत पुरस्कार' पुस्तक 'न्यायालयिक विज्ञान की नयी चुनौतियों पर', श्रीमंत सेठ भगवानदास जैन स्मृति पुरस्कार एवं 'दाजी सम्मान' - साहित्यसेवा हेतु, कस्तुरीदेवी चतुर्वेदी स्मृति लोकभाषा सम्मान, अंबिका प्रसाद दिव्य रजत अलंकरण तथा 'लीडिंग लेडी ऑफ मध्यप्रदेश' सम्मान।
सदस्य : मध्य प्रदेश लेखक संघ एवं जिला पुरातत्व संघ।गृह मंत्रालय भारत सरकार का 'राष्ट्रीय गोवंद वल्लभ पंत पुरस्कार' पुस्तक 'न्यायालयिक विज्ञान की नयी चुनौतियों पर', श्रीमंत सेठ भगवानदास जैन स्मृति पुरस्कार एवं 'दाजी सम्मान' - साहित्यसेवा हेतु, कस्तुरीदेवी चतुर्वेदी स्मृति लोकभाषा सम्मान, अंबिका प्रसाद दिव्य रजत अलंकरण तथा 'लीडिंग लेडी ऑफ मध्यप्रदेश' सम्मान।
संप्रति : स्वतंत्र लेखन एवं दलित, शोषित स्त्रियों के पक्ष में कार्य।
संपर्क:- sharadsingh1963@yahoo.co.in
होली की हार्दिक शुभ कामनाओं के साथ
अभिव्यक्ति-अनुभूति से साभार
9 टिप्पणियाँ:
शरद जी की रचनाएँ उनके ब्लॉग पर पढ़ी हैं..... उम्दा रचनाकार हैं वे ...उनसे जुड़ी ये वार्ता अच्छी लगी.... आभार
उनके लेख संग्रहणीय हैं...शुभकामनायें मुकुल भाई !!
वाह ये बढिया काम किया। डॉ शरद सिंह जी से मिलवा कर्। आप सभी को होली की बधाई।
ब्लॉगवुड रेड़ियो पर सुनिए होली समाचार
इंदु पु्री राज्यसभा सांसद मनोनीत
डाँ.शरद की रचनाकारिता उच्च कोटि की हैं जो निश्चित ही ब्लागिंग को एक प्रतिष्ठा प्रदान करती हैं. इनके सौम्य व्यक्तित्व से परिचय करवाने के लिये आपका आभार.
होली पर्व की घणी रामराम.
शरद जी के व्यक्तित्व और रचनाकारिता की तरह ही उनकी टिप्पणियां
भी उच्च कोटि की होती हैं...
तन रंग लो जी आज मन रंग लो,
तन रंग लो,
खेलो,खेलो उमंग भरे रंग,
प्यार के ले लो...
खुशियों के रंगों से आपकी होली सराबोर रहे...
जय हिंद...
आप ब्लोगरों से मिलवाकर अच्छा कार्य कर रहे हैं
कमेन्ट में लिंक कैसे जोड़ें?
achha laga sharad ji se milna .
Happy Holi.
‘ब्लॉग 4 वार्ता’ में स्वयं को पा कर कृतज्ञ हूं...
यह एक सुखद अनुभव है।
मैं आपको धन्यवाद भर कहूं तो कम होगा, आपकी सहृय आत्मीयता ने मुझे भावविभोर कर दिया है।
‘ब्लॉग 4 वार्ता’ को एवं सभी ब्लॉगर साथियों को हार्दिक धन्यवाद ....मेरा उत्साह बढ़ाने के लिए!
आप सभी को रंगपर्व होली की शुभकामनायें एवं आभार....
ekal charcha men blogaron se milwane ka achchha kadam hai.......
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