शनिवार, 23 जून 2012

पहली बारिश में गंजो के लिए खुशखबरी...ब्लॉग4वार्ता....संध्या शर्मा

 संध्या शर्मा का नमस्कार..."खबर है कि गर्भाशय का कैंसर होने का भय दिखा कर गर्भाशय निकालने का गोरख धंधा कर रहे 4 डाक्टरों का अरएसबीवाय अनुबंध रद्द हुआ है. आंचल नर्सिंग होम महावीर नगर, स्वामी नारायण हास्पिटल पचपेढ़ी नाका और छत्तीसगढ हास्पिटल राजिम का आवेदन निरस्त कर दिया गया है. सिर्फ़ 4 डॉक्टरों का पंजीयन निलंबित करने से समस्या का हल नहीं होने वाला। इनके खिलाफ़ आपराधिक मामला दर्ज कर जेल भेजा जाना चाहिए। इन डॉक्टरों की प्रापर्टी को नीलाम करके उनका मुआवजा देना चाहिए जिनकी कोख इन्होने थोड़े से रुपए के लिए उजाड़ कर जीवन भर के लिए अपंग बना दिया । सिटी हास्पिटल का तो बाकायका विज्ञापन हो रहा है, वाल राईटिंग कर लिखवाया गया है कि 7500/- रुपए में बच्चेदानी का आपरेशन करवाईए"
ये था आज शाम फेस बुक पर ललित शर्माजी का स्टेटस. पढ़कर ऐसा लगा लोग चंद रुपयों की खातिर किस हद तक गिर चुके हैं, सचमुच ये इंसान कहलाने लायक भी नहीं हैं भगवान तो दूर की बात है. छोटी - मोटी सजा काफी नहीं इनके लिए, इन्हें तो ऐसी सजा मिलनी चाहिए की ये खुद उदाहरण बन जायें ऐसा अपराध करने वालों के लिए और ऐसे अपराध करने के बारे में सिर्फ सोचने से ही उनकी रूह कांप उठे....  लीजिये प्रस्तुत हैं, वार्ता में कुछ पोस्ट लिंक्स... आशा है आपको पसंद आएगें....

सौन्दर्य जबसे समझ लिया सौन्दर्य का असल रूप तबसे उतार फेंके जेवरात सारे न रहा चाव, सजने सवरने का न प्रशंसाओं की दरकार ही रही नदी के आईने में देखी जो अपनी ही मुस्कान तो उलझे बालों में ही संवर गयी खेतो में काम करने... आओ हमारे भी देश.... कभी आओ हमारे भी देश धर के दुल्हन का तुम भेष मेरी गलियों से जो गुजरो तुम में गलियों में झालर लगा दूँ मेरे आँगन जो आओ प्रिये तुम्हारे पावं में माहवार लगा दूँ फूलों से सजा दूँ केश रूप सादा तुम्हारा सलोना... चाँद की तस्वीर ....... *वक्त के चेहरे पर * *फेकी हुयी रंगीन स्याही सी ,* *7गुणा 7 नाप की * *चाँद की तस्वीर ,* *तुम्हारे दिल के फ्रेम में * *ऐसी फिट है * *जिसमे कम या ज्यादा की * *कोई गुंजाईश नहीं ......

देखो मंगल मेघ है आया *देखो मंगल मेघ है आया* इस भीषण सी गर्मी में शीतल पवन का सुखद सा झोंका संग अपने संदेशा लाया उठो ,करो स्वागत देखो ,मंगल मेघ है आया पत्ते –पत्ते शाख –शाख पर धरती के कण-कण में जीवन की हर धड़कन हर पल हर क्षण ...जाने कब फिर मिलना हो  जाने कब फिर मिलना हो कुछ तुम कह दो, कुछ हम सुन लें कलियों का कब खिलना हो जाने कब फिर मिलना हो ! चंद श्वास लेकर आये थे कुछ ही शेष रही हैं जिनमें, कहीं अधूरा न रह जाये किस्सा, हम तुम मिले थे ...सन्नाटा.... सूना रास्ता ये जाने किधर को जाता है... सीधी सड़क है आसान सी राह दिखती है.. मगर कोई राहगीर नहीं!! सन्नाटा सा पसरा है... अक्सर कुछ उदास चेहरे वहाँ से आते दिखते, खाली हाथ आँखों में लाल डोरे शायद राख से सने...

एक विलक्षण व्यक्तित्व – श्री हरिशंकर रावत आइये आज आपका परिचय एक ऐसे विलक्षण व्यक्ति से करवाती हूँ जिनकी निष्ठा, लगन एवं समर्पण की अद्भुत भावना ने एक सूखे टीले को हरे भरे खूबसूरत चमन में बदल दिया ! पेड़ पौधों, फूल पत्तियों से बेइंतहा प्यार और ... कॉपी राईटर(पेशे से कापी राइटर का दर्द इन कविताओं में )* * * १ बेचता हूँ शब्द इसलिए कबीर नही हूँ भक्ति नही है शब्दों में इसलिए तुलसी नही हूँ बाजार की आंखों देखि लिखता हूँ इसलिए सूर नही हूँ दिमाग से सोचता हूँ कामन आदमी *हरदम व्यथा की आग में जलाया गया मुझे ,* *रास्ते का पत्थर हूँ ,बताया गया मुझे - * * * *पीने का साफ पानी मयस्सर नहीं हुआ ,* *बहती नदी शराब की, डुबाया गया मुझे-..

'मुझे तो ढहना ही है' शब्दों की उलझी हुई सी बेतरतीब सी इमारत - भावनाओं की उथली दलदली नींव पर कब तक टिकेगी पता नहीं पर जब तक अस्तित्व में है बेढब कलाकारी की झूठी तारीफ़ों सच्ची आलोचनाओं तटस्थ दर्शकों की चौंधियाती आँखों में झांक ... ना तन्हा हूँ ना गम के घेरे , ना तन्हा हूँ ना गम के घेरे , ना खुशियों से दूर ना भाव तरेरे , ना व्याकुल दिल ना बाँहों में तेरे , ना दूर हुए न नजरे फ़ेरे , मोहब्बत की कसक फिर भी , सपनों में तू अब भी मेरे  ...सूरज का हलवा, त्रिवेणी, तुम्हारी याद... रात को सस्ते मे मिल गया शायद... कुछ सुर्ख, कुछ काले कद्दूकस से... उस एक पाव सूरज को घिसे जा रही है... तारे भूखे हैं बहुत आज... अमावस है न... चाँद की बोरी कल चुक गयी थी... पर लगता है... आज रसोई महकेगी... आज.....

"रियर व्यू मिरर ........." .'रियर व्यू मिरर' एक २ गुणे ४ इंच का अदना सा आईना , बस कार की छत में अटका हुआ | कीमत उसकी बमुश्किल १०० / १५०रुपये | कार चाहे ५ लाख की हो , दस लाख की हो ,पचास लाख की हो या हो नैनो एक लाख की , बिना इस १५० ... पहली बारिश में... रात अचानक बड़े शहर की तंग गलियों में बसे छोटे-छोटे कमरों में रहने वाले जले भुने घरों ने जोर की अंगड़ाई ली दुनियाँ दिखाने वाले जादुई डिब्बे को देखना छोड़ खोल दिये गली की ओर हमेशा हिकारत की नज़रों से देखने .... .......आज कुछ बातें कर लें आज २१ जून २०१२ ....पापा की चौथी पुण्यतिथि ... इन चार सालों में , कभी नहीं लगा की पापा हमारे साथ नहीं - उनकी कही बातें इस कद्र ज़ज्ब हैं हम सबके भीतर .....की जब भी मुश्किल समय में पापा को याद कर आँखें...

चिरस्थायी प्रेम - प्रेम जैसे विराट विषय पर शोध जारी है। कौतूहल इसे समझने का , नित नए विचारों को जन्म देता है। दो प्रेम करने वालों के मध्य परस्पर बात-चीत एवं आपसी व्यवहार के ... यह स्वर्ण पंछी था कभी... - यह स्वर्ण पंछी था कभी.... यह स्वर्ण पंक्षी था कभी, मृतप्राय घोषित कर दिया, भूमि सात्विक थी कभी मद्पेय क्लेशित कर दिया! आक्षेप किस पर क्या रखू अवयव निरूपि...  हिडिम्बा टेकरी और गंजों के लिए खुशखबरी ………… ललित शर्मा - प्रारंभ से पढें हम बोधिसत्व नागार्जुन संस्थान के पिछले गेट से पहाड़ी पर चढने के लिए चल पड़े। इस पहाड़ी को स्थानीय लोग हिडिम्बा टेकरी कहते हैं। धूप बहुत तेज ... 

देते हैं वार्ता को विराम फिर आपसे मुलाकात होगी तब तक के लिए नमस्कार.....

15 टिप्पणियाँ:

इस प्यारी वार्ता में हमारी रचना शामिल करने का शुक्रिया संध्या जी....

अनु

सारे के सारे सूत्र स्तरीय और पठनीय..

बढिया लिंक्स से सजाई वार्ता, मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए आपका आभार संध्या जी।

बेहतरीन संध्या जी ।
मैं जिस गंजे को
खबर देना चाहता हूं
उसके बड़े बड़े नाखून है
वो एक आफ़िस का बास है
http://sanskaardhani.blogspot.in/2012/06/blog-post_21.html

ब्लॉग4वार्ता पर मेरे ब्लॉग को शामिल करने के लिए आपका ह्रदय से बहुत बहुत आभार संध्याजी

इस वार्तालाप में मेरा भी अलाप हुआ | धन्य भाग हमारे | आभार संध्या जी | अन्य सभी प्रस्तुतियां भी अत्यंत उत्कृष्ट |

सुन्दर लिंक्स से सजी सार्थक वार्ता संध्या जी ! मेरे आलेख को आपने इसमें स्थान दिया आभारी हूँ ! आपका ह्रदय से धन्यवाद !

बहुत सुंदर सार्थक चर्चा,,,,मेरी रचना को ब्लॉग वार्ता में स्थान देने के लिये आभार,,,,

shukriya sir itne saare links ek jagah parose hain dheere dheere khaoonga...

सुंदर व सार्थक चर्चा

सारे लिंक्स बहुत सुन्दर...मेरे लिंक 'आओ हमारे भी देश ' को शामिल करने के लिए धन्यवाद...

बेहतरीन लिंक्स उपलब्ध कराने के लिए आपका आभार।

बहुत ही अच्छे लिंक्स............

इस वार्ता मे मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार..टिप्पणी स्पेन में चली गई थी..देर से आने के लिए माफी..

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