रविवार, 10 जून 2012

चाँद हंसता, चाँद मुस्काता, चाँद रोता है...ब्लॉग4वार्ता....संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार... देश में हर जगह बेईमान, फिर भी मेरा देश महान...! राजनीती से लेकर प्रशासन तक हर कहीं भ्रष्टाचार अपनी जड़ें जमा चुका है, लालच सर चढ़कर बोल रहा है, और नीयत में आ गया है खोट.स्वयं भ्रष्टाचार किया और नाम लगा दिया चूहों का. जी हाँ ऐसा ही कुछ पता चला है यूपी के इलाहबाद स्थित भारतीय खाद्य निगम के गोदाम में निरीक्षण के दौरान. वहां से करीब 3 करोड़ रुपये की कीमत का 50 ,000  मी. टन गेहूं -चावल गायब है और दलील दी गई चूहे खा गए.क्या अन्नदाता किसान इसलिए दिन-रात कड़ी मेहनत से अनाज उपजाता है कि वह खुले में रखकर भीगने सड़ने दिया जाये या उसे गोदाम से गायब कर दोष चूहों पर मढ़ दिया जाये...? आइये अब चलते है आज कि ब्लॉग 4 वार्ता पर कुछ उम्दा लिंक्स के साथ...  

शब्द ज़मीन से जोड़ देता है कोई शब्दों को ज़मीन से जोड़ देता है तो कोई उनसे आसमान फोड़ देता है कोई पडोसी के बाग़ से गुलदस्ता तोड़ देता है तो कोई शब्दों की बेवजह होड़ देता है कोई बतखोरी पे जोर देता है तो कोई शब्दों से भावो...चाँद हंसता, चाँद मुस्काता, चाँद रोता है चाँद हंसता, चाँद मुस्काता, चाँद रोता है चांदनी शब् में तनहा तनहा चाँद खोता है उनके रुखसार ये गुलाबी गुलाबों के तरह कह रहे मुझसे दीवाना क्यूँ कोई होता है तैरते रहते हैं जो ख्वाब ...स्पर्श खामोशी कहां टूटती है? बढ़ती जाती है दूरियां शब्दहीनता से संवादहीनता के स्पर्श तराश देते हैं हमें बुत की तरह तुम्हारा तर्क, तुम्हारी खामोशी, तुम्हारे फरेब ने खुद ब खुद उजागर कर दिया तुम्हारे अंतर्मन को .....

चांदनी रात- मुझे जन्मदिन की स्नेह और शुभकामनायें देने के लिए, दिल की गहराइयों से आभार सहित आपको शुक्रिया , इसी तरह स्नेह के सागर में डूबे हुए , अमूल्य मोती सा.... ब्याह रचाने के लिये,,,,, - ब्याह रचाने के लिये, * * एक लड़की मुझसे कुछ कहना चाहती है, उसकी बातों से लगता है, वो मुझे चाहती है! उसने कहा कि, मैंने तुमसे प्यार किया, मैंने उससे कु...माफ़ करो इन्हें, ये तो इनके पढने-खेलने के दिन हैं... - * 5 जून को दिए दिल्ली हाई कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले ने 15 वर्ष की उम्र में हुए एक मुस्लिम लड़की के विवाह को जायज ठहराया.. * वैसे भारतीय संविधान क.
 
 किंकर्तव्यविमूढ़ - भगवान ने कोई भी चीज सीधी नहीं बनाई है, मीठे में ढंग से बीमारी तो कड़वे में औषधीय गुण डाल रखे हैं, भोग में दुख तो धैर्य में सुख छिपा रखा है, न्यूनता में दु... अंदेशा ... - अब उनसे दौड़, अपनी कब रही थी 'उदय' जिन्होंने जीत के तमगों में गड्ड-मड्ड कर लिया था ? ... उफ़ ! हुआ वही, जिसका अंदेशा था 'उदय' लोगों ने, खुद को 'खु... फ़ुरसत में … इशकज़ादे – विषय पुराना पटकथा नई - *फ़ुरसत में **…** इशकज़ादे **–** विषय पुराना पटकथा नई* मनोज कुमार आज फ़ुरसत में एक बार फिर से फ़िल्मी चर्चा करने का मन बन गया है। कल ही देखी “दो दूनी चार”... 
 
देखिएगा कि अन्ना भी न कन्फ्युजियायें ! - *" वे ईमानदार आदमी हैं और करप्शन में उनके शामिल होने का * *सीधा सबूत नहीं है। बहरहाल कोई रिमोट कंट्रोल है जो उनके फैसलों को तय * *करता है और इसलिए उन पर संद..हम भी चलो लगाएँ पेड़ ....... - हम भी चलो लगाएँ पेड़ ....... लगते हैं हमको अति प्यारे हरे भरे ये सुन्दर पेड़ हरित वसन ये धरती माँ के अनुपम पर उपकारी पेड़ | धूप ओढ़ लेते हैं सिर पर दूषि... ख्याल बोलते हैं। - *रातें ख्याल टकराने के लिए हैं!! * *और मेरे ख्याल बातें करते हैं।* *ऐसी ही फिर अँधेरी रात है।* *पत्ते बिखरे हैं आसपास,* *रुखी-सी इस जमीन में...
 
सरगुजा: उदयपुर में राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी --------- ललित शर्मा - रामगढ महोत्सव स्थल हमारी सुबह देर से हुई, बाकी साथी तैयार होकर चले गए और हम अलसाए पड़े थे। 11 बजे उदयपुर जनपद मुख्यालय में संगोष्ट्री प्रारंभ होनी थी, समय प...देव व्रत - मैं प्रतिभा सक्सेना जी के ब्लॉग लालित्यम् की नियमित पाठक हूँ. प्रतिभा जी के इस ब्लॉग पर आजकल पांचाली कथा की श्रृंखला प्रस्तुत की जा रही है. इसी श्र... श्रीमद्भगवद्गीता-भाव पद्यानुवाद (१३वीं-कड़ी) तृतीय अध्याय (कर्म-योग - ३.१-७) * * *अर्जुन * कर्म मार्ग की यदि तुलना में, बुद्धि मानते श्रेष्ठ हो माधव. क्यों मुझको करते हो उद्यत हिंसक युद्ध धर्म को केशव. कहीं कर्म की करें प्रशंसा, कहीं ज्ञान की महि...
 
किसी उम्मीद में किसी उम्मीद में शब् भर रहा, जलता दिया भोर की किरणों ने, आकर जो हंगामा किया तपिश से भर गया एहसास, एक खुशबू लिए सुबह की लालिमा ने, ओ़स को जी भर पिया यह क्यों होता है कैसे, लगे मौसम हो जैसे अभी बदली,अभी धू... गेंद जरा सी इधर-उधर - पहाड़ी के नीचे गयी - इस चिट्ठी में, नैनीताल के गवर्नर हाऊस के अन्दर गोल्फ कोर्स की चर्चा है। नैनीताल में गवर्नर हाऊस के अन्दर एक गोल्फ कोर्स है। यह अजूबा है। मेरे हिसाब से यह ... मेरे मरने की दुआ माँगेंगे मेरे अपने!! - मेरे मरने की दुआ माँगेंगे मेरे अपने!! ये कभी कहते ना थे मेरे प्यारे सपने!! आज मेरे जो दिल पे गुज़री है क्या कहूँ!! मुझ को जो जुदा कर गए मेरे ही अपने!! उनको...



वार्ता को देते हैं, विराम मिलते हैं, अगली वार्ता पर तब तक के लिए नमस्कार .......

10 टिप्पणियाँ:

उम्दा वार्ता के साथ बढिया व्यंग्यचित्र

वार्ता तो बढ़ि‍या है ही, मेरे व्‍यंग्‍यवि‍त्र को भी सम्‍मि‍लि‍त करने हेतु आपका आभार.

वार्ता का यह अभिनव प्रयास बेहतर लगा ...!

आराम से बैठकर पढ़ते हैं, स्तरीय सूत्र...

बहुत सुन्दर लिंक्स .........बहुत कुछ पढने को मिला

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी में किसी भी तरह का लिंक न लगाएं।
लिंक लगाने पर आपकी टिप्पणी हटा दी जाएगी।

Twitter Delicious Facebook Digg Stumbleupon Favorites More