रविवार, 24 जून 2012

कुत्तों के बीच पली यह बच्ची आज बोलती नहीं बल्कि भौंकती है !!


                           कुत्तों के बीच पली यह बच्ची आज बोलती नहीं बल्कि भौंकती है !! शीर्षक देख अचम्भित हूं लोग अपने बारे में क्या क्या लिख जाते हैं.ये तो भाई लक्ष्मण रेखा का उल्लंघन वैसे ये तो सब करते है न लक्ष्मण रहे न रेखा में वो बात.. मां ने गीत गाया और टल गई बच्ची की मौत !! गीत बेशक असरदार होते हैं जी. जागरण जंकसन पर बेहतरीन ब्लाग्स मौज़ूद हैं उनमें से कुछ ताज़ातरीन ये रहे :- 

                              अपने स्लाग-ओव्हर वाले साहब बता रहे हैं कि मच्छर अब 
डाक्टर-ईंजीनियर बनेंगे मन्ने मन में एक सवाल आया बनेंगे क्या...... हैं........ हा हा डाक्टर बाबू 

लोग बुरा मत मानियो हम तो मसखरी कर रिये है. 
दो महत्वपूर्ण विषयाधारित लिंक अवश्य देखिये




 halchal

नई-पुरानी हलचल पर वार्ता चमक रही है.........
आभारी है वार्ता-टीम 
नव्या हिंदी साहित्य पर ये प्रेम कविताएं » बांच लीजिये जी क्योंकि शरद कोकास जी 1989 की कवितायें - संगीत की तलाश में हैं. मिली तो आपको पढ़वा देंगे हमारे जीजू..........................ज्ज्ज्ज्ज्ज्जूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ

काव्य मंजूषा पर अदाजी बोली अब कहाँ मिलते हैं, ऐसे भारत के लाल, ऐसे भाई, ऐसे शिष्य और ऐसे पुलिस वाले  एक और लिंक जो बेहद मह्त्वपूर्ण है दे रहा हूं व्याधि पर कविता या कविता की व्याधि 
विचारोत्तेजक आलेख अवश्य पढ़ने योग्य है.अगर आपका घर नहीं है तो आप बराए मेहरबानी "SUN_ASTRO"  पर जाएं बन जाएगा घर. 
   
अब गिरीश मुकुल को इज़ाज़त दीजिये पर इसे न भूलिये "बास इज़ आलवेज़ ..."

4 टिप्पणियाँ:

बहु आयामी सुंदर लिंक्स से सजी वार्ता ...शुभकामनायें.

स्टाईलिश वार्ता ...अच्छे लिंक्स !
आभार !

सुन्दर लिंक संयोजन

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