शुक्रवार, 29 जून 2012

इक रात अमावस है फिर चाँद का आना है... ब्लॉग4वार्ता....संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार... दिनोदिन महंगाई इस कदर बढ़ रही है, कि इसका असर हर जगह दिख रहा है. कोई क्षेत्र ऐसा नहीं रहा जहाँ इसने अपना रौद्र रूप न दिखाया हो. सब्जियों से लेकर अन्य सभी घरेलू सामानों कि कीमतों में बेइंतिहा वृद्धि हो गई है. ऐसे में खबर है 1 जुलाई से पेट्रोल की कीमत 4 रुपये तक घट सकती है. यदि ऐसा हुआ तो आम आदमी को काफी हद तक राहत मिल सकती है, देखते हैं क्या होता है.  लीजिये प्रस्तुत हैं, आज की वार्ता कुछ पोस्ट लिंक्स के साथ....

आप अपने बच्चों से प्यार नहीं करते क्या... क्या आपको याद है थियेटर या सिनेमा हॉल में जब आपने पहली फिल्म देखी थी तब आपकी उम्र क्या थी... खैर छोडिये अगर याद नहीं है तो... अक्सर मैं देखता हूँ, कई लोग गोद में छोटे बच्चों को लेकर फिल्मे...आगत की चिंता नहीं  *धनमद-कुलमद-ज्ञानमद, दुनिया में मद तीन, अहंकारियों से मगर, मति लेते हैं छीन। गुणी-विवेकी-शीलमय, पाते सबसे मान, मूर्ख किंतु करते सदा, उनका ही अपमान। जला हुआ जंगल पुनः, हरा-भरा हो जाय, कटुक वचन का घाव पर, ... ........आज कुछ बातें कर लें ... कौरवों के विनाश के बहुत दिनों पश्चात नारदजी ने श्री कृष्ण से प्रार्थना की कि जिस कार्यवश वे धरती पर अवतरित हुए थे वह तो पूर्ण हो गया ....इसलिए अब वे वैकुण्ठ को प्रस्थान करें .कृष्ण ने कहा " परन्तु अभी एक...

सुरूर वही दिन वही रात वही सारी कायनात कुछ भी नया नहीं फिर भी कुछ सोच कुछ दृश्य अदृश्य दिखाई दे जाते कुछ खास कर गुजर जाते फिर शब्दों की हेराफेरी जो भी लिखा जाता नया ही नजर आता खाली आसव की बोतल में भर...इक रात अमावस है फिर चाँद का आना है ढलती हुई हर रात का बस इतना फ़साना है सारी दीवारें तोड़कर उसे कल फिर चली आना है.. रोकेगा कोई कितना चाहत की चांदनी को इक रात अमावस है फिर चाँद का आना है पाक मोहब्बत की तस्वीर निराली है इक जज़्बात है दिल... किसी मर्द का हाथ उठने से पहले ....  * * *विदेशों मे बस जाने वाले पुरुषों की न ही मानसिकता बदलती है और न ही वहाँ ब्याह कर पहुँची लड़कियाँ पूर्वग्रह मुक्त हो पाती हैं । कई भारतीय महिलाएँ अमेरिका मे आकर भी माँबाप और समाज की झूठी मान मर्याद...

गीता हरिदास -सतीश सक्सेना *कुछ दोस्त , रिश्तेदारों से भी बढ़कर होते हैं , जिनसे आप अपना कोई भी खुशी और दुख बाँट सकते हैं , इन मित्रों के लिए एक बार लिखा यह गीत याद आ गया !* *धोखे की इस दुनियां में ,* *कुछ प्यारे बन्दे रहते हैं !* ..कुछ शामें भूलने लायक नहीं होती .हर शाम ऐसी नहीं होती कि उसे भुलाया जा सके. उस दिन मौसम बेहतर था. वक़्त हुआ होगा कोई सात बजे का और गर्मी के दिन थे. शेख कम्प्यूटर्स के आगे दो कुर्सियों पर लड़कियां बैठी हुई थी. उन कुर्सियों पर अधपके कवि,... दाने-दाने को मोहताज लोकगायिका : पत्रिका में प्रकाशित शेखर झा की रपट  रायपुर। लोककला व लोक कलाकारों के संरक्षण के लिए करोड़ों रूपए खर्च करने वाले छत्तीसगढ़ में लोक कलाकारों के सामने खाने के लाले पड़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ी लोकसंस्कृति को देशभर में प्रसिद्घि दिलाने वाली 68 वर्षी... 

नेह धागे  .* * *कमजोर होते हैं , नेह धागे ,* *जोड़ोगे दिल से, तो कायम रहेगा -* *** *वर्षा जो सावन,हुलस वीथियों में ,* *जख्मों का दर भी मुलायम रहेगा -* *** *न बीतेंगी रातें ,सितारों को गिनते ,* *मधुर ..." सोने की मुद्राएँ ........."   शीर्षक देखकर लोग सोचेंगे शायद स्वर्ण मुद्राओं की बात हो रही है | परन्तु ऐसा नहीं है | आज अचानक यूँ ही ख्याल आया कि, लोग सोते समय विभिन्न प्रकार के आकार ग्रहण करते हैं और उनके सोने की मुद्रा से उनके व्यक... .जीवन की आपाधापी में कब वक्त निला * * *जीवन की आपाधापी में कब वक़्त मिला*** * * * (हरिवंश राय बच्चन)* * * * * *जीवन की आपाधापी में कब वक़.. 

बहुत बहुत आभार ,, एक साल लिखते हुआ ,"काव्यान्जली" में पोस्ट एक सौ उनहत्तर मिल गए अब तक मुझको दोस्त, अबतक मुझको दोस्त,बहत्तर रचनाये लिख डाली तीन हजार तीन सौ पैतीस , टिप्पणियाँ भी पाली, पहली टिप्पणी में मिला , मुझको ...  मेरी भी सुन लो - *यह पंक्तियाँ एक प्रयास है गर्भ में पल रहे स्त्री भ्रूण के मन की बात को कहने का - * बहुत अनिश्चित मेरा भाग दुर्भाग से गहरा नाता है यूं तो दुनिया मुझ से चलती मुझ पर ही खंजर चल जाता है माँ बचा ले मुझको तेरी..... के बीमार का हाल अच्छा है... *अच्छे ईसा हो मरीज़ों का ख़याल अच्छा है, * *हम मरे जाते हैं तुम कहते हो हाल अच्छा है...* *उनके देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक,* *वो समझते हैं के बीमार का हाल अच्छा है...* *रोज़ आता है याँ मेरे दिल को तसल....

ये आभासी दुनिया है यहाँ ऐसा ही होता है...

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चलते-चलते  कुछ बातें....कुछ यादें... सफ़ेद घर की... देते हैं वार्ता को विराम फिर आपसे मुलाकात होगी तब तक के लिए नमस्कार......

9 टिप्पणियाँ:

petrol ki keemat to ghat gayi hai, lekin usse kya hone waala hai.. oont ke muhn mein jeera...
khair meri post ko shaamil karne ka shukriya..

लिंकों का अच्छा संकलन,सुंदरा वार्ता,,,,,

bahut badiya vaarta prastuti.. aabhar!

बहुत ही अच्‍छी वार्ता ... बेहतरीन लिंक्‍स ..

वार्ता के अन्दर भी वार्ता
वास्तविक रूप से स्तुत्य
सादर

रोचक ब्लॉग चर्चा, आँखें खोलता व्यंग..

वार्ता बहुत अच्छी लगी संगीता जी ,मुझे शामिल करने पर हार्दिक आभार

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