संध्या शर्मा का नमस्कार... आसमान छूती महंगाई के इस दौर में रहत देने वाली एक खबर है कि, 2014 तक जनता को 1 रूपया प्रति यूनिट की दर से बिजली मिल सकती है. पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया का अनुमान है कि देश भर में विद्युत् वितरण के तेजी से फैलते जाल, छोटे अपारंपरिक उर्जा प्रकल्पों कि बढती संख्या, निजी विद्युत् निर्माण इकाइयों की उत्पादन क्षमता में निरंतर हो रही बढ़ोत्तरी से आगामी 2 वर्षों में उपभोक्ताओं को भारी राहत मिलेगी. चलिए कुछ राहत की बात तो हुई, उम्मीद करते हैं ऐसा ही हो, आखिर उम्मीद पर ही तो दुनिया कायम है, हम भी कायम रखते हैं. आइये अब चले अपने ब्लॉग की दुनिया में ब्लॉग 4 वार्ता और कुछ चुने हुए लिंक्स के साथ....
आकार 2012: कठपुतली वाली मेडम आकार 2012 समापन कार्यक्रम छत्तीसगढ शासन के संस्कृति विभाग द्वारा गर्मियों की छुट्टी में राज्य के प्रमुख शहरों में सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के लिए "आकार" का आयोजन किया जाता है। इस आयोजन मे... नैनों की खातिर से रोई आल्टो ....शास्त्री जी की नैनों से हमारे घर में कोहराम मचा हुआ है। हमारी आल्टो तो इतनी खफा है कि पूरे समय इतना आग उगलती रहती है कि इस पर सवारी करना मुश्किल हो गया है। एसी चार पर भी चलाओ तो ये ठंडी नहीं होती है। मित्... हर बातों में हम होते हैं यूँ सबके हमदम होते हैं दुख के दिन में कम होते हैं साथ निभाये जो आफत में लोग वही मरहम होते हैं शायर चलता लीक छोड़कर उसके यही नियम होते हैं जो टकराते वक्त से जितना वही असल दमखम होते हैं जहँ टूटता दिल अपन...
कठपुतली, मैं काठ की .कुछ दिन सफ़र नए शहर को, कुछ शामें परिंदों से भरी, कुछ फेरे सुकून के... ऐसा ही हो ! दो बेवजह की बातें *कठपुतली * कुछ क़दम सफ़र डूबता, मन उदास कौन देस, कौन मुसाफ़िर. तनहा दरख़्त, सूनी शाख अबूझ, अस...और घूँघट डालना आ ही गया ........:) जब शादीशुदा ज़िन्दगी की शुरुआत की थी ,तब जिस चीज़ ने सबसे ज्यादा सताया था आज बरबस उसकी याद आ ही गयी | अरे नहीं बन्धुवर , वो न तो हमारी सासूमाँ थीं और न ही कोई सौतन | वो तो था बस ये मुआ घूँघट ...कुछ फिट .. राह मिल जायेगी ढल जायेगी रात, सहर फ़िर आयेगी, मन में हो विश्वास, राह मिल जायेगी. क्यों तलाशते राह मिलें न कांटे जिसमें. कहाँ मिलेंगे नयन न आये आंसू जिसमें. सुख दुःख ले लो साथ, वक़्त की देन समझ कर, गम क...
हे........ मत रोना हे........ मत रोना देखो तुम्हारी नम आँखें मुझे नहीं भातीं तुम जानते हो ना तभी तो तुम्हारी आँख की सारी नमी मैंने अपनी आँखों में समेट ली है अब बदरिया मेरी आँख से बरसे और तुम्हारे होंठों पर बस मुरली ही...निडर हो निडर घूम रही जंगल की पनाह में आवाज से दहशत भरती लोगों के दिलों में पर क्या वह माँ नहीं उसे ममता का लेशमात्र भी अहसास नहीं ? पर ऐसा कुछ नहीं हैं ममता के रूप अनेक वह भी है सतर्क माँ सहेज रह... आम आदमी हूँ मैं *अभी 2 दिन पहले यशोदा दीदी ने फेसबुक पर एक स्टेटस दिया था। उसी स्टेटस से प्रेरित कुछ पंक्तियाँ-* न महलों मे रहता न कारों मे चलता न जहाजों मे उड़ कर कहीं जाता हूँ मैं न नेता न अभिनेता न वादों से मुकरता जो ...
कोई तो मूरत दे देते दे डाली थीं जीने को जब इतनी साँसें जीने का भी कोई तो मकसद दे देते , इन साँसों की पीर तुम्हें जो पहुँचा आये कोई तो ऐसा हमदम कासिद दे देते ! आँखों में ख़्वाबों की किरचें चुभ जाती हैं इन ज़ख्मों...भाव -अनुभाव ** *खड़े हैं शान से , गुरुर है की हम चलते नहीं .* *फासले कायम है , न वो आये न हम आये -* * * *रोक हवाओं को ,पयाम देना कि हम भी अच्छे हैं ,* *अन्दर आग का दरिया , ऊपर ...सुबह अक्सर ही दीवारों पर तेरा नाम मिले... वो ठूंठ बाँह लिए कहता रहा, काम मिले... मुझे तरस नहीं, मेहनत का मेरी, दाम मिले... मैं थक गया हूँ रात से, के अब हो कुछ ऐसा... थोड़ी सुबह, या ज़रा दिन, ज़रा सी शाम मिले... मुझे तो, दर्द सहन करने की, आदत की ग...
" दरख़्त यादों के ......एक पौधा नन्हा सा , यादों का उनकी, उग आया , बिना बताये , बस चुपके से, मन में मेरे , जब कभी सूखने को आता, बरबस आंसू निकलते मेरे, और फिर हो जाता, वो हरा भरा, धीरे धीरे वो, बहुत बड़ा हो चला , और रोकने लगा, हर... नैनीताल भाग 4 - *नैनीझील * * * नैनीताल भाग 1, भाग 2, भाग 3, *पढने के लिए यहाँ क्लिक करे * *खुरपाताल* से हम निकले और गए *लवर्स पॉइंट्स* ! वहां की रंगीनियाँ और ऊँच..दंग हुये भगवान (दोहे) - आज दुनिया भर में महान संत कबीर जी का प्राकट्य दिवस मनाया जा रहा है.... महान संत का पुन्य स्मरण कर आप सभी सम्मानीय स्नेहीजनों को *कबीर जयंती* की सादर बधा...
वार्ता को देते हैं विराम मिलते हैं, अगली वार्ता पर तब तक के लिए नमस्कार ......
8 टिप्पणियाँ:
लगन से की गयी वार्ता के लिए आभार संध्या जी।
बहुत ही सुन्दर सूत्र संकलन..
बहुत सुंदर लिंक्स
वार्ता बहुआयामी और सुन्दर |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
आशा
बहुत सुंदर लिंक्स
अच्छे लगे लिंक्स .बढ़िया वार्ता.
सुंदर वार्ता
बहुत खूबसूरत वार्ता संध्या जी ! मेरी रचना को भी आपने इसमें शामिल किया आभारी हूँ ! सभी सूत्र पठनीय हैं !
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