शुक्रवार, 8 जून 2012

मुझे इंसान न कर, कैलेंडर कर दे...ब्लॉग4वार्ता....संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार... पुत्र की मौत भी उनके इरादों को डिगा नहीं पाई, उस दम्पति का जज़्बा देखकर नतमस्तक होने को जी चाहता है. कैप्टन अनिल गाडगिल और उनकी पत्नी कविता गाडगिल ने 2002 में 21 मिग दुर्घटना में अपने दिवंगत पुत्र के नाम से "अभिजीत एयर फ़ाउंडेशन" स्थापित किया और अपने 27  वर्षीय  पुत्र को खोने के बाद भी देश के पहले मोबाईल फ़्लाईट सिमुलेटर की स्थापना की, ताकि किसी अन्य के साथ ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण हादसा ना हो. लीजिये अब प्रस्तुत है, आज की ब्लॉग 4 वार्ता इन सुन्दर - सुन्दर लिंक्स के साथ....


मुझे इंसान न कर, मुझको कैलेंडर कर देमुझे वो न दे सही, इतना तो मगर कर दे... मुझे मंज़िल न सही, उसकी बस डगर कर दे... मेरे दामन मे पके घर हैं, और दिल कच्चे... मेरी सरकार, अब मुझे भी तू, शहर कर दे... कोई आए जो, लिखे नाम, हो न फ़र्क मुझे... बहार...एलीज़ामेरे घर के सभी रास्तों को काट गयी तुम्हारे हाथ की कोई लकीर ऐसी थी घर आये हुए चैन की सांस ली भी ना ली थी, कि अम्मा का वही "लड़का देखो पुराण" चालू हो गया. इस बार ताई अम्मा, अप्पी और भाई जान के फंदे में आ ह...ग्रीष्म-1: ग्रीष्म-गरिमा-2ग्रीष्म श्रूंखला में ब्रजभाषा से निकली यह ’ग्रीष्म-गरिमा’ आपके सम्मुख है, कवि हैं अल्पज्ञात कवि ’सत्यनारायण’। पहली कड़ी के बाद आज दूसरी कड़ी - *ग्रीष्म-गरिमा* जबै अटकत आपस में बंस, द्रोह दावानल पटकत आय ।...

डिम्पल की दावेदारीयूपी में अखिलेश के सीएम पद सँभालने के बाद हो रहे कन्नौज उपचुनाव में जिस तरह से सपा प्रत्याशी और अखिलेश की पत्नी डिम्पल यादव के ख़िलाफ़ प्रदेश के विपक्ष ने घुटने टेक दिए हैं उसे लोकतंत्र के लिए शुभ सं...'राजशौचालय' रॉक्स डूड“हे अमात्य, क्या तुम बता सकते हो कि हमारे इस अभेद्य दुर्ग में हाज़त आदि का क्या प्रबन्ध है” ? “हे राजन्.....मैं खुद इस बारे में अपनी ओर से चिंतित हूं.....” “चिंतित होने से क्या होगा अमात्य, हाज़त चिंता क...गड़बड़झाला ...साईकल है रेस में पर कोई नहीं है संग ! जीत-हार का भय नहीं अब हैं - चहूँ ओर भुजंग !! गड़बड़झाला देख के जनता हुई है दंग !!!

बदनाम बॉलीवुड उर्फ लव, सेक्स और धोखा हिंदी सिनेमा में काम करने के लिए मुंबई में संघर्ष करने वाली तमाम लड़कियों का खर्च कैसे चलता है? और किन मजबूरियों में इन लड़कियों के पांव दलदल में जा धंसते हैं, इसकी तफ्तीश की पहली कड़ी को लेकर मिली प्रति...फेसबुक सूक्तियां कलाकार प्रशिक्षित होता है ।लेकिन फेसबुक यूजर न तो कलाकार है और न प्रशिक्षित है ,वह तो यूजर है। xxxxx कलाओं में कुछ भी रचसकते हैं और उससे मुक्त भी हो सकते हैं। फेसबुक में यह संभव नहीं है। फेसबुक कला ... अफसरों की मनमानी... जिला पंचायत की सामान्य सभा की बैठक से दूसरी बार अफसर नदारत रहे और जनप्रतिनिधियों को धरने पर बैठना पड़ा। यह रमन राज में जारी अफसरशाही का एक ऐसा नमूना है जो कभी देखने को नहीं मिलेगा। जिला पंचायत में भाजपा का...

बरसात में याद *बरसात में याद** *ब्रजेश कानूनगो बरसात और याद का बड़ा गहरा संबंध रहा है। बरसात आतीहै तो बहुत सी भूली हुई बातें याद आने लगती हैं।प्रथम दृष्टया लगता है कि बरसात और याद के बीच बड़ा कोमल सा रोमांटिक संबंध है...  मन के नीड़ में...! बादलों के पीछे से झांकती रौशनी जैसे हो शब्दों की ओट से झांकती कविता दर्ज़ करती हुई अपनी उपस्थिति स्थापित करती हुई अपना वजूद भरी भीड़ में... बादल छंट जाते हैं और रौशनी आ जाती है सन्मुख शब्द विलीन हो जाते हैं... मौन का उत्सव  मौन का उत्सव ठठा कर हँसा वह नजरें जो टिकीं थीं सामने लौटा लीं खुद की ओर और तभी गूंज उठा था सारा जंगल उस मुखर अट्टाहस से.... ठिठक गए पल भर को आकाश में गरजते मेघ सुनने उस हास को थम गया सागर ... 

सोलवां साल. मुझसे किसीने कहा, 'मेरी 'ग्रैंड=डॉटर' का सोलवां साल शुरू होनेवाला है.....आप मेरी ओर से कुछ लिख दीजिये' तो अपनी समझ के अनुसार यही लिख पाई . अब आज के सन्दर्भ में पता नहीं ये कितना सही है ? सोलवां साल यानि... परिकल्पना सम्मान हेतु नामांकित ब्लोगर्स की सूची  स्नेही साथियों, यह शाश्वत सत्य है कि दो व्यक्ति एक ही चीज को देखता हैं, परन्तु कुछ भिन्न आकर्षण उस वस्तु में दोनों को दिखाई देता है। कोई जरूरी नहीं कि जिन व्यक्तियों के कुछ विशेष गुण मुझे आकर्षित क...  बदल रहा है सिनेमा और उसकी सुंदरता भी...  परिवर्तन संसार का नियम है तो ज़ाहिर है सिनेमा भी इस नियम से बंधकर चलेगा। सिनेमा जब से अस्तित्व में आया है, तब से इसमें निरंतर परिवर्तन होते रहे हैं। भारतीय सिनेमा के मौजूदा स्वरूप, चलन और सौंदर्य के नए म.. 

रुपया शांति नहा रही थी। बाहर से अजय की आवाज़ आई- ये क्या है शांति? आवाज़ में बेसब्री थी और हैरानी भी और शायद थोड़ा ग़ुस्सा भी। अन्दर से शांति ने जानना चाहा कि अजय किस चीज़ की बात कर रहा है। मगर उसका जवाब कुछ ऐ... अभिव्‍यक्ति और आपत्ति प्रकट करना हिंदी ब्‍लॉगरों का अधिकार है : सम्‍मान की सूची पर हम चुप नहीं रहेंगे  जी हां, हिंदी ब्‍लॉगर हैं हम बहुत कम हमें कहते हैं हिंदी चिट्ठाकार । जबकि चिट्ठी लेखन से ही आदिकाल में हुई लेखन की शुरूआत । यह ब्‍लॉग वह ब्‍लॉग यह अबला वह बावला मैं सबला आंवला हितकारी है नहीं व्‍यापारी है.  समान नागरिक संहिता(Uniform Civil Code ) - आवश्यकता और अनिवार्यता  ! शुरुआत करूंगा इन चार ख़बरों से; *पहली खबर अगस्त २०१० की है जिसमे एक नाबालिग शादीशुदा जोड़े को दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रोटेक्शन दिया था। जहां लड़के ने 18 साल पूरे नहीं किए थे, जबकि लड़की 16 साल की थी। कोर...

ये मदिरा है बहुत नशीली बाबाजी  तेज़ हवा और एक थी तीली बाबाजी फिर भी हमने बीड़ी पी ली बाबाजी घर की सादी छोड़ के बाहर ढूंढ रहे रंग-रंगीली, छैल-छबीली बाबाजी रूप के रस में जो डूबे, वे ना उबरे ये मदिरा है बहुत नशीली बाबाजी नेता...  फ़राज़ ज़िन्दगी से यही गिला है मुझे तू बहुत देर से मिला है मुझे हमसफ़र चाहिये हुजूम नहीं इक मुसाफ़िर भी काफ़िला है मुझे ... जीवन का श्रृंगार बेटियाँ  *पेश है बेटियों पर एक लम्बी रहना .* *जीवन का श्रृंगार बेटियाँ* *निर्मल जल की धार बेटियाँ * *देखो तो दिल खुश हो जाए * *लगे रोज़ त्यौहार बेटियाँ * * प्यार से इनको सदा संवारो * *कभी न होती भार बेटिया....

वार्ता को देते हैं, विराम मिलते हैं, अगली वार्ता पर तब तक के लिए नमस्कार ..........

7 टिप्पणियाँ:

बहुत से लिंक देखना बाकि है ...शुक्रिया....और कैप्टन साहब को नमन इस कार्य के लिए.....

khubsurat link ki shrikhala ke liye SANDHYA JI ko dher sari badhi aur
GOOD MORNING.

बहुत बढ़िया वार्ता संध्या जी...

शुक्रिया.
अनु

बड़ी ही रोचक वार्ता, गाडगिल दम्पति का प्रयास स्तुत्य है।

बहुत सुंदर लिंक्स
अच्छी वार्ता

बहुत बढ़िया लिंक्स संध्या जी. आभार

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