सोमवार, 11 जून 2012

बरसात की एक रात का चिंतन , मेघ घटाएं छाई गगन में .......ब्‍लॉग4वार्ता ........संगीता पुरी

आप सबों को संगीता पुरी का नमस्‍कार ,  टीम अन्ना की सदस्य किरन बेदी ने अब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तुलना महाभारत के धृतराष्ट्र से की है। बेदी ने कहा रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री सरकार में भ्रष्टाचार की ओर से आंखें मूंदे हुए हैं। बेदी के इस बयान पर कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने गरम हो गए। उन्होंने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि ऐसे व्यक्तिगत आरोपों से कोई फायदा नहीं होगा। वहीं, कांग्रेस ने जवाबी हमला करते हुए कहा है कि टीम अन्ना ने भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को 'निजी अभियान' और 'निजी महत्वाकांक्षा' में तब्दील कर दिया है। इससे पूर्व केंद्रीय मंत्री वी. नारायणसामी के शनिवार को यह आरोप लगाया था कि अन्ना हजारे 'विदेशी शक्तियों' के समर्थन वाले राष्ट्र विरोधी तत्वों से घिरे हैं। परस्‍पर आरोप प्रत्‍यारोप के सिवा अपने देश में कुछ और नहीं होता , भगवान बचाए इस देश को , अब आज की कुछ महत्‍वपूर्ण पोस्‍ट पर डालते हैं एक नजर ... 

प्रगति का सार्वभौम फार्मूला  हमने देखी है आपके अन्दर मानवता की एक झलक, इसलिए आमंत्रित किया है, कुछ कहने का दुस्साहस किया है. क्या कहा आपने भाई साहब? आपको अध्यात्म से लगाव है. कोई बात नही, केवल इतना सोचिये: केवल एकांगी विकास क्या करेग.. शौचालय या सोचालय... एक हास्य व्यंग  सोच शौचालयों में खिलती है ना जाने कितने अविष्कार हुवे यहाँ से मनुष्य की वैचारिक क्षमता यहाँ शीर्ष स्थान पर होती है ये वो शांति का केंद्र है जहाँ मनुष्य खुद को खुद के करीब पाता है और यही करीबी विचारों-च..टीस नहीं जा पाई  *टीस नहीं जा पाई * बाग नहीं, पेड़ नहीं- ना ही वो अमराई, ना वो वानर-सेना – ना ही कोयल आई. हर सुबह आ जाती थी, इठलाती-बलखाती, जाने किस गाँव गयी, अस्त-मस्त पुरवाई. बौर-नहीं, आम नहीं, छना-फटा घाम नहीं, ताशों की ...

सबसे प्रिय ब्लॉग पुरस्कार - 3 : चन्द्रहार का 'दो नम्बरी' कृपया इस आलेख को पढ़ने के पहले निम्न दो भाग अवश्य पढ़ें: **भाग -1, भाग -2 * *________________________* * * * * * * राग सारंग मो सम कौन कुटिल खल कामी। जेहिं तनु दियौ ताहिं बिसरायौ, ऐसौ नोनहरामी॥ भरि भर... आज का प्रश्न-315 question no-315  आज का प्रश्न-315 question no-315 प्रश्न-315: आइन्स्टीन ने अपने जीवन के अंतिम वर्ष किस सिद्धांत पर कार्य करते हुए गुजारे?  उठो सवेर हुयी - * * *उठो सवेर हुयी -* *सपने जगा रहे हैं सोने वालों* * * *घोड़े की जीन , गधे पर लगाने वालों ,* *दिखाने को सूरज ,दीया जलाने वालों,* *सजा काट चुके निर्दोष,को रिहा कराने ,* *सूखे दरख्त को हरा करने...

बागी टिहरी गाये जा  ब्रिटिश शासन से कभी भी प्रत्यक्ष तौर पर शासित न होने वाला टिहरी, उस उत्तराखण्ड राज्य का एक जनपद है जो प्रत्यक्ष ब्रिटिश शासन के अधीन रहे (ब्रिटिश गढ़वाल और कुमाऊ कमिश्नरी) इतिहास का सच है। 1947 की आजादी के ..नवगीत: क्यों??... - संजीव सलिल नवगीत क्यों??... - संजीव सलिल * * कहीं धूप क्यों?, कहीं छाँव क्यों??... * सबमें तेरा अंश समाया, फ़िर क्यों भरमाती है काया? जब पाते तब- खोते हैं क्यों? जब खोते तब पाते पाया। अपने चलते सतत दाँव क्यों?... *...मेघ घटाएं छाई गगन में .......!! ग्रीष्म की भीषण तपन से , भले ही जलता रहा जिया ...! हे भुवंन पति ... जब तुमने ही दी, ग्रीष्म की झुलसाती पीड़ा.... धरा हूँ ...धरित्री बन मैंने धैर्य धारण किया ...! मेघ घटाएं छाई गगन में ... घनश्याम ...बरसात की एक रात का चिंतन --- ललित शर्मा  मैने रात 1 बजे बारिश की आवाज रिकार्ड की। बारिश की बूंदो की आवाज के साथ झिंगुरों का स्वराघात बादलों की गड़गड़ाहट के कारण रहस्यमय संगीत पैदा कर रहा था। बारिश का संगीत सुनिए फ़ुहारों के साथ। कुछ आवाजे शुन्य में प्रगट हो रही हैं। जैसे कोई सरसराती आवाज में कुछ कह रहा हो।

टूट गया है क्या वह सांचा बाबाजीकितना झूठा, कितना साचा बाबाजी हमने सब का चेहरा बांचा बाबाजी अग्निपथ टू देख के दर्शक चौंक उठे विजय से ज़्यादा हॉट है कांचा बाबाजी जुहू तट पर अपनी अपनी आयटम संग खोज रहे सब कोना- खांचा बाबाजी ...सुमित प्रताप सिंह ने डॉ. किरण बेदी को भेंट की दिल्ली गान की सी डी कल 9 जून, 2012 को डॉ. किरण बेदी ने अपना जन्मदिन दिल्ली के गुरुद्वारा बंगला साहिब में मनाया. उनके सभी सगे-सम्बन्धियों व शुभचिंतकों ने उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएँ दीं. इस अवसर पर डॉ. किरण बेदी के विशेष निमंत्रण पर पहुँचे दिल्ली गान के रचयिता सुमित प्रताप सिंह ने जन्मदिन शुभकामनाएँ देते हुए डॉ. किरण बेदी को ओउम् तथा दिल्ली गान की सी.डी. भेंट की.ये बहुरूपिये (व्यंग्य काव्य) *घर घर की ये घण्टी बजाकर*** *मूक बधिर बन के आते*** *धर्म का पर्चा दिखा दिखा कर*** *चंदे की हैं भीख मांगते।*** *इनसे बढ़कर वो और निराले*** *जो चंदन तिलक लगा के आते*** *हाथ लिये थाल आरती का* *भगवान के नाम पर...
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आज के लिए बस इतना ही .. मिलते हैं एक ब्रेक के बाद .....

9 टिप्पणियाँ:

संगीता जी, बरसात के आगमन पर स्वागत करती वार्ता के लिए बधाई

मेघ आये छाये और छमछम बरसे भी...
बढ़िया वार्ता... बधाई

अच्छी वार्ता कई लिंक्स से सजी |
आशा

बहुत सुन्दर लिंक संयोजन

पहली फुहार ..........सुन्दर वार्ता !

बढ़िया लिंक... सुंदर वार्ता...
सादर आभार।

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