ललित शर्मा का नमस्कार, आज की एकल स्पेशल वार्ता में सुरेश शर्मा जी के व्यंग्य चित्रों का आनंद लिजिए। सुरेश जी के व्यंग्य चित्र कभी विसंगतियों पर करारा प्रहार करते हैं, तो कभी हौले से गुदगुदाते हैं एक स्मित दिन भर छाए रहती है, जब इनके व्यंग्य चित्रों से सुबह होती है।
वार्ता को देते हैं विराम, मिलते हैं ब्रेक के बाद, राम राम---
वार्ता को देते हैं विराम, मिलते हैं ब्रेक के बाद, राम राम---
11 टिप्पणियाँ:
हा हा हा
मायके गमन और शीतलहर ड्यूटी वाले तो जबर्दस्त :)
बड़ी हंसमुख वार्ता... मुस्कान बिखेरने की ताक़त रखती है... आभार
बहुत स्पेशल ...!
सुरेश दादा के कार्टून का मैं भी एक फैन रहा हूँ ... आपने बिलकुल सही कहा ... सुबह की शुरुआत इनके कार्टून से होती है तो दिन भर उसकी याद ताज़ा बनी रहती है ... ख़ास कर अगर इनके कार्टून में उठाया गया मुद्दा कहीं भी सामने आ जाए तो और भी मज़ा आ जाता है ... आभार आपका !
aap sabhi ka atyant aabhaar...
बहुत ही सुन्दर
एक से बढिया एक कार्टून।
सिलेंडर वाला बेस्ट लगा :):)
सारे ही बल्ले बल्ले हैं. कुछ तो देखे भी हुए थे :)
सभी अच्छे हैं... वाह वाह वाह
जी
गज़ब कार्टून हैं भाई
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