बुधवार, 4 जनवरी 2012

नए साल की जयहिन्द डायरेक्ट मैखाने से ------ ब्लॉग़4वार्ता - --- ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार,  वाहन मालिकों के सिर पर तलवार फ़िर लटक रही है। दो रुपए पेट्रोल का मुल्य बढाने को लेकर खींचा तान चल रही है। आखिर पैट्रोल का मुल्य बढा कर ही मानेगें। बढाए जाओ बढाए जाओ बस थोड़े दिन और हैं जनता तुम्हे भी बढा देगी। उसे भी समय का इंतजार है। राईट टू रिकाल होता तो अभी  ही बुला लेते। अब समय का इंतजार है। प्रजातंत्र में एक वोट सत्ता बदल देता है। अब चलते हैं आज की वार्ता पर, प्रस्तुत हैं कुछ उम्दा ब्लॉग लिंक............।

नये साल से अपना ब्लाग शुरु.... देव ब्लॉग जगत को नए साल की शुभ-कामनाएं...... वैसे इस साल का हमारा संकल्प थोडा हट के है, हमने अपने इस ब्लॉग को फिर से चालू करने का फैसला किया है.....पिछले ६ महीने से खाली फेसबुक पर ही चालू थे....शिकायत !ठिठुरते मौसम में* जिन्दगी की सांझ की अंगीठी तापते हुए तुम्हारी ये शिकायत वाजिब ही है कि उम्र दोनों की ही तमाम हुई सुलझाने में! ये बात और है कि मैंने जीवन की उलझने सुलझाई और तुमने अपनी सजीली साड़ी...

मन विश्राम यहाँ है पाताबोलों को जब गीत मिले तो जीवन को संगीत मिले तो, कुछ बिछड़े से मीत मिले तो मन विश्राम वहाँ है पाता ! कुछ न सोचें और लिख जाएँ शब्द अनमने से मिल जाएँ, होंठ न खुलें फिर भी गाएं मन विश्राम वहाँ है...भूख अक्सर दौड़ती देखी है मैने..रेल की पटरी, सड़क, फुटपाथ पर भी, भूख अक्सर दौड़ती देखी है मैने... बंदगी, अच्छाइयाँ, ईमान जैसी, नीयतें दम तोड़ती देखी हैं मैने... वो लकीरें जिनके जालों मे कहीं पर, क़ैद है किस्मत बदलते हिंद की, कल.. चाय की ...

अफवाहों का साल 2012नया साल मुबारक कई अफवाहों से उलझा साल आखिरकार दरवाजे पर हर साल की तरह धड़ल्ले से दस्तक देकर घर के अंदर दाखिल हो ही गया। सच मे..... ये बेहद सच्चे मन से मान ही लिया जाये की ये सारी अफवाहें इस साल मे सच हो ...ब्लॉगर्स का सम्मान सांपला सांस्कृतिक मंच सेश्री पद्मसिंह जी स्मृति चिन्ह भेंट करते हुये अन्तर सोहिल इंदु मां को स्मृति चिन्ह भेंट संजय जी (मंजे) द्वारा श्री राजीव तनेजा जी को स्मृति चिन्ह भेंट अश्वनी जी द्वारा श्री राज भाटिया जी को स्मृति चिन्ह भें...

स्वार्थरहित रिश्तों का आकाश.एक पुरानी कविता का यूँ याद आ जाना... कभी कहीं खो जाने के बाद... कुछ याद था... कुछ पुनः लिखा... इससे पहले कि फिर खो जाये... सहेज लें! किसी जन्म का सम्बन्ध रहा होगा तभी तो वह इतना अपना लगा! रिश्तों की परि...बचा रहता है इंतजार...सब कुछ खत्म होने के बाद भी बची रहती है धूप के भीतर की नमी पत्थरों के भीतर की हरारत रेत के भीतर उग ही आता है कोई समंदर आग की आंखों में छलक उठते हैं दो आंसू बंजर धरती पर उगती हैं उम्मीदें सब कुछ खत्म होने...

छत्तीसगढ़ में बढ़ रही है ‘छिछान’ प्रवृत्ति इस तस्‍वीर को देख रहे हैं आप? गौर से देखें, छत्तीसगढ़ में इस पक्षी को ‘छिछान’ कहते हैं। इस पक्षी की यह विशेषता होती है कि प्रशिक्षित होने के बाद यह अन्य पक्षियों को मारकर अपने मालिक को द...छी! कुत्ते के माँस के मोमो कल आपकी *कलम घिस्सी* यानि कि मैं अपनी कलम को घिस रही थी कि तभी मेरे पापा ड्यूटी से आए और बोले, "तुझे मोमो खाना बहुत पसंद है न. आज मैंने दो नार्थ ईस्ट लड़कों को पकड़ा है जो कि कुत्ते, भैंसे और सुअर के माँ...

हिंदी विदेशी भाषा की तरह है हिंदी विदेशी भाषा की तरह है डॉ. वेदप्रताप वैदिक गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले पर किसी भी हिंदीभाषी को जबरदस्त गुस्सा आ सकता है। उसने अपने एक निर्णय में कह दिया कि हिंदी तो किसी भी...कम से कम अपने राजनयिक पर हमले के विरोध में ही सही चीनी सामानो का बहिष्कार होना चाहियेचीन में हमारे राजनयिक पर हमला हुआ।हमारे दो भाई वंहा बंधक हैं।चीनी व्यापारी उन्हे रिहा नही होने दे रहे हैं,कोर्ट से रिहाई के आदेश के बावज़ूद्।चीन पहले से हमारी ज़मीन के एक बड़े हिस्से पर कब्ज़ा जमाये बैठा ह...

एक करुण कहानी,एक आईआईटीयन की जुबानी बहुत समय से भारत के प्रसिद्द आई आई टी के किसी छात्र से बातचीत करने की इच्छा थी.मन था कि जानू जिस नाम का दबाब बेचारे भारतीय बच्चे पूरा छात्र जीवन झेलते हैं उस संस्था में पढने वाले बच्चे क्या सोचते हैं.कई ...मुस्कराते - हँसते बीते २०१२ - ब्लॉग बुलेटिनप्रिय ब्लॉगर मित्रो ,* *प्रणाम !* * * * सब से पहले आप सब को नव वर्ष की बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ औए शुभकामनाएं ! कैसा रहे कि आज के बुलेटिन की शुरआत हँसते मुस्कराते हुए हो ... ???* *मालुम है अप सब यही कह ... 

कभी तुम कुछ कहते हो कभी तुम कुछ कहते हो , कभी तुम चुप रहते हो , पर हमेशा मुझसे ही कुछ , .मौसम हुआ कोंपलकुमार रवीन्द्र नए साल में वरिष्ट विद्वतजन का आशीर्वाद मिले, इस से बड़े सौभाग्य की बात और हो भी क्या सकती है| इस साल की पहली पोस्ट के लिए आदरणीय कुमार रवीन्द्र जी ने अपना नया नवेला नवगीत भेज कर हमें अनुग्र..."अजीब है ना" यह सन्देश अभी-अभी Internet पर मिला इस आशा के साथ कि इसे और लोग भी देखें-पढ़ें। इसीलिए........... एक रोटी नहीं दे सका कोई उस मासूम बच्चे को लेकिन उसकी यह तस्वीर लाखों मे बिक गयी, जिसमें रोटी के लिये वह ब...

पार्टी हैकमान...v/s....रोन्दडू नेता की श्रीमती जी !पार्टी हाईकमान के सामने* - आप को चुनाव का टिकट चाहिये.... ठीक है हम इस पर विचार करेंगे लेकिन क्या आप बता सकते हैं कि आप मंत्री होते हुए भी सरे बाजार क्यों रो रहे थे। - बस रूलाई आ गई थी सर, क्या करता, बह...दस्तखत बैंक में कस्टमर का पहचान दू तरह से होता है. पहिला, आपसी सम्बन्ध अऊर दोसरा हस्ताक्षर यानि सिग्नेचर से. आपसी सम्बन्ध त आदमी के ब्यौहार पर निर्भर करता है. मगर सिग्नेचर असली पहचान होता है. इसमें कोनों तरह के...

नए साल की जयहिन्द लोग-बाग आते हैं जापान , लोग जाते हैं वापस हिन्दुस्तान । किं आश्चर्यम्? लेकिन कम हैं वो ख़ुशक़िस्मत जो नेता जी का स्मृति-लाभ पाते हैं यहाँ आकर । तोक्यो के बीच इस बौद्ध मंदिर में सुरक्षित हैं नेता जी के भस्म...बजरिया में बाजारू बातेंसन्दर्भः नीलाम, विपणन, पण्य, क्रय-विक्रय, गल्ला, हाट, दुकान, पट्टण, पोर्ट, पंसारी * [image: bazar] य ह स्थापित तथ्य है कि वैश्विक स्तर पर भाष विभिन्न भाषाओं में अन्तर्सम्बन्ध की बड़ी वजह मानव समूहों का आ...


वार्ता को देते हैं विराम, मिलते हैं ब्रेक के बाद, राम राम तब तक इधर भी हो आईए...................

9 टिप्पणियाँ:

सुन्दर रंगों से रंगी, अच्छे लिंक्स से भरी वार्ता के लिए आभार...

अच्‍छे अच्‍छे लिंक्‍सों से सुसज्जित बढिया वार्ता ..
आभार !!

बेहतर है वार्ता .....संकलन उतना ही प्रासंगिक .....!

वाह जी वाह! बढ़िया वार्ता है जी...

अच्छे लिंक्स से सजी है ये वार्ता

सुन्दर लिंक्स सजाये हैं वार्ता में

अच्छी लिंक्स और सटीक वार्ता |
आशा

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