पच्चीस की रात बहुत थकान तीन से चार घंटे की नींद अल्ल सुबह पांच बजे श्रीमति जी ने एक चाय के साथ जगा दिया नींद आंखों को सो जाने के लिये उकसा रही थी उफ़्फ़ दूसरी बार श्रीमति जी के डपटे जाने पे जागना ही तय कर लिया अब क्या बताएं पिटने या डपटे जाने के बाद जागने के अभ्यस्त हम भारतीय जाने कब जागेंगें.. दूसरों के छिद्रांणवेषण करते करते हम खुद के आंकलन की आदत ही भूल चुके हैं. बहरहाल महाकौशल मेले की थकान और दीगर सरकारी कामकाज के साथ नैगेटिव-सोच और ध्वनियों से जूझते जूझते कल रात मन बहुत उदास था सोचा कि उन सब को गरियाऊं जो नैगेटिव है पर फ़िर मुझे वो घरेलू कुत्ता हां वही सफ़ेद वाला पामेरियन कुत्ता शैकी याद आ गया जो भौंकता तो था पर उसके साथ पीछे पीछे खिसक भी रहा था..
जी मैं उसकी मानिंद नहीं होना चाहता सो बस प्रात:ईश स्मरण के साथ जागा चाय पी और निकल पड़ा कमिशनर साहब के बंगले के बाद आफ़िस में ध्वज-वंदन और फ़िर स्टेडियम में बारिश और जाड़े की जुगलबंदी के बीच मामाजी यानी मध्य-प्रदेश के मुख्य मंत्री जी की सदारत में आयोजित समारोह में पहुंचे और अपनी झांकी को पहला स्थान मिलते ही प्रसन्नता से भीग गये..
सच सोच को आकार देना कितना कठिन होता है.. जो आकार दे देते हैं वो जीतते है जैसे ललित शर्मा और गिरीश पंकज साहब अरे बधाई दीजिये इन महारथियों को .
और हां मल्लिका जी को लेकर इस छब्बीस जनवरी ब्लागर जो एक भारतीय नागरिक हैं तनिक मूड मे नज़र आते हैं.. भाई प्रवीण पाण्डेय जी न दीनता न पलायन का संदेश देते गहरा प्रभाव छोड़ रहे हैं
कल मैं अपने एक मातहत से काम करवा रहा था उसने कई गलतिया की मूर्खता वश कुछ अंतत: वो कार्य न कर सका ... सच मूर्खता की कोई दवा नहीं होती..
शिइईईईईईईईईईईईई किसी से कहना कि-"शाहरूख खान बनेंगे, पाबला परिवार के पड़ोसी !?" खबर पुरानी है पर हर्ज़ क्या है ओल्ड इज़ गोल्ड
भारत देश हमारा प्यारा - वाक़ई प्यारा है ..तभी तो नींद से जूझता गिरीश सशरीर आप सबको गणतंत्र दिवस की बधाई देने ब्लाग4वार्ता पर ललित बाबू का हुक़्म बज़ा रहा है...
4 टिप्पणियाँ:
अनोखे अंदाज़ में अनोखी वार्ता... आभार
अमर रहे गणतंत्र हमारा... जय हिंद
रोचक लिंक संकलन ..बेहतर वार्ता
aabhaar
aabhaar
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