संध्या शर्मा का नमस्कार...सर्वप्रथम आजादी के महानायक सुभाषचन्द्र बोस को हमारा शत-शत नमन... प्रस्तुत है मेरी पसंद के कुछ लिंक्स जिसमे से कोई ह्रदयस्पर्शी हैं, तो कुछ आंदोलित करती है, तो कोई आल्हादित कर जाती हैं, कुछ ऐसी प्रतीत होती हैं जैसे कोई आमने-सामने बैठकर बात कर रहा हो. लीजिये यह है, आज की वार्ता...
जैसा कि हम सभी जानते है कि आज नेताजी सुभाष चन्द्र बोष का जन्म दिवस है। २८ अप्रैल १९३९ जिस दिन वे कौंग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर उससे अलग हुए थे, उस...
साबरमती, चरखा और ट्रैफ़िक ----- ललित शर्मा
सुबह उठा, तो देखा कबूतर अकेला था। प्रेम चोपड़ा के डर से कबूतरी नहीं आई। आज नामदेव जी की वापसी थी, वापसी की टिकिट हम दोनों की साथ ही थी पर मुझे तो अभी और घुमना था। सुबह कार्यक्रम बना कि साबरमती आश्रम चला जा...
शब्द चित्र-NH -30 से
posted by ब्लॉ.ललित शर्मा at NH-30
बहुत यकीन है ...
मुझे बहुत यकीन है ....तुमपे और अपने प्यार पे भी . पर..... पता नहीं क्यूँ फिर भी.... जब कभी यह ख्याल भी मन में आ जाता है कि, तुम किसी और के साथ हो तुम किसी और के पास हो तो........ कुछ दरक सा जाता है दिल कसम...
तुम्हीं कहो मैं क्या लिखूँ..
*तुम्हीं कहो मैं क्या लिखूँ* कुछ आस लिखूँ विश्वास लिखूँ या जीवन का परिहास लिखूँ भीगी सी वो रात लिखूँ या आँखों की बरसात लिखूँ तुम्हीं कहो मैं क्या लिखूँ तुम्हें दूर कहूँ या पास कहूँ प्यारा एक अहसास लि...
श्रद्धांजली नेता जी को !
जैसा कि हम सभी जानते है कि आज नेताजी सुभाष चन्द्र बोष का जन्म दिवस है। २८ अप्रैल १९३९ जिस दिन वे कौंग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर उससे अलग हुए थे, उससे पहले के उनके कार्यों और उपलब्धियों और साथ ही इस...
"लोग समझते हैं मैं कवि हूँ"
मैं तो शब्दों के पीछे दौड़ता-भागता हूँ जैसे कोई बच्चा दौड़ता है रंग-बिरंगी तितलियों के पीछे. करता हूँ इन्तजार फूलों की डालियों पर उसके बैठने का, फिर करता हूँ सहज दिखने का सजग प्रयास. धीरे-धीरे चपल...
पूर्णता , अपूर्णता
पूर्णता , अपूर्णता
कोई व्यक्ति कोई जगह कोई प्रश्न कोई हल .... पूर्ण है क्या ? किसी चित्रकार के चित्र में क्या सारी रेखाएं सही होती हैं ? क्या संस्कारों का एक ही परिणाम होता है ? जो तुम सोच रहे वही हर परिवेश की पृष्ठभूम...
बदल गया है विजय चौक का चरित्र
बदल गया है विजय चौक का चरित्र
विजय चौक वैसे तो देश में सैकड़ो होंगे लेकिन देश का सबसे प्रतिष्ठित विजय चौक है संसद भवन के साथ राष्ट्रपति भवन के सामने उत्तरी और दक्षिणी ब्लाक के ठीक सामने जहाँ से शुरू
दीवाना राधे का.....
दीवाना राधे का.....
*आज मेरी बिटिया ने फिर मेरा सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। उसके स्कूल में रविवार को वार्षिक उत्सव का कार्यक्रम था। पिछले साल अपनी कक्षा में प्रथम आने के लिए उसे प्रमाण पत्र और मैडल मिला। जब वो स्टेज पर पुर...
प्रेम सरोवर
प्रेम सरोवर
* ** **मैं फूल टाँक रहा हूँ तुम्हारे जूड़े़ में*** *** **तुम्हारी आँख मुसर्रत से झुकती जाती है*** * ** **न जाने आज मैं क्या बात कहने वाला हूँ*** * ** **ज़बान खुश्क है आवाज़ रुकती जाती है ।***
रामटेक-गोटेगांव, ब्राडगेज रेल लाइन को लेकर समवेत गुहार :
रामटेक-गोटेगांव, ब्राडगेज रेल लाइन को लेकर समवेत गुहार :
सिवनी। जिले के पंच परमेश्वरों की आवाज रामटेक गोटेगांव रेल लाइन के लिये बजट प्रावधान कराने के लिये देश की महापंचायत लोकसभा तक पहुचना शुरू हो गयी हैं।इस अभियान के दूसरे दौर में सिवनी विधायक नीता पटे...
कुछ पुराने पेड़ बाकी हैं अभी तक गाँव में
कुछ पुराने पेड़ बाकी हैं अभी तक गाँव में
*स*मस्त सम्माननीय सुधि मित्रों को सादर नमस्कार... पिछले पंद्रह दिनों से अत्यधिक व्यस्तता ने ब्लॉग पठन - पाठन से दूर कर रखा था. अब जल्द ही नियमितता स्थापित कर लूंगा. *इस दरमियान आप सभी से मिले स्नेह के लिए...
जिंदगी
जिंदगी
१. हैं कुछ सवाल मन में, रहते हैं उमड़ते – घुमड़ते कभी – कभी छलक आते हैं आंसू बनकर आँखों के कोरों पर और कभी पसीने की बूंदो में चमक उठते हैं मेरी पेशानी पर.. २. क्षितिज पर जमीन-आसमां क्यूँ मिलते नहीं हैं
वह और हम
वह और हम
वह और हम जब परमात्मा हमारे द्वार पर खड़ा होता है हम नजरें झुकाए भीतर उसे पत्र लिख रहे होते हैं भोर की पहली किरण के साथ हर सुबह जब वह हमें जगाने आता है करवट बदल कर हम मुँह ढक के सो जाते हैंजब किसी के अधरों स...
सभी के दिलों में हमेशा अमर रहेंगे महानायक - नेताजी सुभाषचन्द्र बोस
सभी के दिलों में हमेशा अमर रहेंगे महानायक - नेताजी सुभाषचन्द्र बोस
जिन लोगों ने देश की स्वतन्त्रता के लिए अपना सर्वस्व यहाँ तक कि प्राण तक न्यौछावर कर दिया,नेताजी सुभाषचन्द्र बोस भी उन महान सच्चे स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों में से एक हैं जिनके बलिदान का इस देश में सही आ...
" वो महकते रहें,हम बहकते रहें ...."
" वो महकते रहें,हम बहकते रहें ...."
* * *उनकी पसंद,* खुशबू, सबेरे के अखबार की, पहली बरसात की, पिसी मेहंदी की, जले दूध की, भीगे कोहरे की, तिल के पुए की, भीगी सड़क की, सावन की रात की, और नींबू के अचार की, *मेरी पसंद, * खुशबू, उनके साथ की, उन...
हमारे शहरों के रेल मार्ग सुन्दर क्यों नहीं हो सकते ?
हमारे शहरों के रेल मार्ग सुन्दर क्यों नहीं हो सकते ?
अमेरिका की मशहूर टी वी होस्ट ओपरा विनफ्रे की आगरा यात्रा और इस शहर की साफ़ सफाई और रख रखाव पर उनकी प्रतिक्रिया ने आगरा शहर के अधिकारियों और ज़िम्मेदार संस्थाओं को चेताया हो या नहीं कम से कम मुझे तो बहुत विचल...
देव प्रकाश चौधरी को एनएफआई नेशनल मीडिया फेलोशिप
देव प्रकाश चौधरी को एनएफआई नेशनल मीडिया फेलोशिप
नुक्कड़ ब्लॉग समूह की महा बधाई युवा पत्रकार देव प्रकाश चौधरी को नेशनल फाउंडेशन ऑफ इंडिया की ओर से 17वें नेशनल मीडिया फैलोशिप का अवार्ड दिया गया है। मूलत: चित्रकार लेकिन पेशे से पत्रकार देव प्रकाश बीएजी, ...
Roshi: त्रासदी
Roshi: त्रासदी
त्रासदी: सुबह पेपर में पड़ाएक युवक ने की आत्महत्या दो दिन से था पेट खाली पोस्त्मर्तम रिपोर्ट ने यह बताया गरीबी का था आलम की पूरा परिवार समां जाता ...
गुमान ... - हम न जाने कब, धीरे धीरे चट्टान से रेत के कण हो गए खबर न हुई ! चलो अच्छा ही हुआ हमें चट्टान होने का जो गुमान था टूट गया ! शायद अब हम टूटेंगे नहीं, ...
नवाब की टोपी और गरीब की झोपड़ी से दूर है चुनावी लोकतंत्र - वोट डालने की खुशी से ज्यादा आक्रोश समाया है वोटरों में इस चुनाव ने नेताओं को साख दे दी और वोटरों को बेबसी में ढकेल दिया। याद कीजिए चुनाव से ऐन पहले राजनेता...
कैसा रहेगा आपके लिए 23 और 24 जनवरी 2012 ?? - मेष लग्नवालों के लिए 23 और 24 जनवरी को बुद्धि ज्ञान के मामलों के लिए महत्वपूर्ण होंगे , संतान पक्ष के मामलों में महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं। किसी स...
कृष्ण लीला .........भाग 34
गुमान ... - हम न जाने कब, धीरे धीरे चट्टान से रेत के कण हो गए खबर न हुई ! चलो अच्छा ही हुआ हमें चट्टान होने का जो गुमान था टूट गया ! शायद अब हम टूटेंगे नहीं, ...
नवाब की टोपी और गरीब की झोपड़ी से दूर है चुनावी लोकतंत्र - वोट डालने की खुशी से ज्यादा आक्रोश समाया है वोटरों में इस चुनाव ने नेताओं को साख दे दी और वोटरों को बेबसी में ढकेल दिया। याद कीजिए चुनाव से ऐन पहले राजनेता...
कैसा रहेगा आपके लिए 23 और 24 जनवरी 2012 ?? - मेष लग्नवालों के लिए 23 और 24 जनवरी को बुद्धि ज्ञान के मामलों के लिए महत्वपूर्ण होंगे , संतान पक्ष के मामलों में महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं। किसी स...
कृष्ण लीला .........भाग 34
कान्हा की वर्षगांठ का दिन था आया नन्द बाबा ने खूब उत्सव था मनाया गोप ग्वालों ने नन्द बाबा संग किया विचार यहाँ उपद्रव लगा है बढ़ने नित्य नया हुआ है उत्प...
आज मदर्स डे नहीं है, फिर भी....
आज मदर्स डे नहीं है, फिर भी....
*यही एक तस्वीर मिली जिसमे आपने मुझे पकड़ा हुआ है...* माँ, पता नहीं क्यूँ आज आपकी बहुत याद आ रही है, मुझे पता है आपसे मिलकर भी आपसे कुछ नहीं बोलूँगा...
माटी भी मोक्ष पा जाती है ...!!
माटी भी मोक्ष पा जाती है ...!!
कोमल और कठोर ... स्वप्न और यथार्थ ... दो पहलू जीवन के ... दो किनारे सरिता के ...!! कभी कोमल स्वप्न ... कठोर यथार्थ ... कभी कठोर स्वप्न ... कोमल यथार्थ .....
तुम आई हो - बहुत अन्धकार में हाथ को न सूझे जहा हाथ प्यार मेरा उसको थामता है दबी हुई रुलाई हंसी में बदल भौचक हो जायेजैसे इस अकेले अँधेरे में तुम आई हो ...
तुम आई हो - बहुत अन्धकार में हाथ को न सूझे जहा हाथ प्यार मेरा उसको थामता है दबी हुई रुलाई हंसी में बदल भौचक हो जायेजैसे इस अकेले अँधेरे में तुम आई हो ...
मिलते हैं अगली वार्ता में, नमस्कार...
10 टिप्पणियाँ:
संध्या जी, बड़े मन से जुटाए हैं आपने ये सारे लिंक...
बढिया वार्ता संध्या जी। आभार
बहुत बढ़िया वार्ता
आज के दिन इतना सब पढना संभव नहीं ....फिर भी बेहतर लिंक्स संयोजन के लिए आपका आभार ....!
अच्छी वार्ता रही ..
आभार संध्या जी !बहुत बढ़िया वार्ता !
बहुत खूबसूरत लिंक संयोजन्।
बढ़िया वार्ता ..
अच्छे लिंक्स मिल गए हैं.
बहुत बढ़िया वार्ता
यहाँ स्थान देने के लिए दिल से आभार...संध्या जी
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