संध्या शर्मा का नमस्कार... कहते हैं यदि आपके पास अपार संपत्ति और वैभव न हो, आपका लौकिक वैभव छूटा हुआ पर आत्मिक सम्पदा बढ़ी है, तो आपका ठाटबाट सम्राट से कम नहीं है. अच्छी आत्मा वही है जो सिर्फ अपने लिए न सोचे, अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण रखे, उसके हर कार्य से भावी पीढ़ी का कल्याण हो. क्यों न हम भी जीकर देखें अपने जीवन को एक सम्राट की तरह... आज मन में आया आप सब से साझा करूँ कुछ विचार... आइये अब चलते हैं आज की ब्लॉग4वार्ता पर...
लीजिये प्रस्तुत है मेरी पसंद के कुछ लिंक्स.... बस एक स्मरण!
शायद भूल गयी है बात वो सारी... जो चलना सीखते वक़्त हम सबने सीखा था, गिरते थे फिर उठ कर चलने का हम सबमें सलीका था! उस भोले-भाले उम्र में न समझ थी, न फ़लसफ़ों का ज्ञान था... बस भोलापन था, और शायद वही सभी रटंत...
कुछ बेतुकी बातें ......................
वाक्यों से मिलकर अहसास पुरे होते हैं और अहसासों से मिलकर जज्बात। जज्बातों से मिलकर ख़्याल बनता है और ख़्यालों से मिलकर बनती है रचना।...
बौखलाहट या दंभ?
उत्तरप्रदेश की जनता का अपमान राष्ट्रपति शासन की धमकी उ त्तरप्रदेश में पांच चरणों के मतदान के बाद आ रहे रुझान देखकर कांग्रेस की सिट्टी-पिट्टी गुम है। कांग्रेस की यथा स्थिति यानी चौथे पायदान पर बने रहने की...
चोंच में अटका अंत...
*- प्रतिभा कटियार* 'फिर क्या हुआ?' चिडिय़ा ने पूछा... 'फिर...?' चिड़ा खामोशी के सिरहाने पर सर टिकाते हुआ बोला...'फिर क्या होना था.' 'अच्छा तुम्हारे हिसाब से क्या होना चाहिए फिर...?' चिड़े ने करवट बदली औ...
तिनके का दर्द
एक तिनका न जाने क्यूँ बाकी रह गया घोंसले में सजने से जी रहा है.. आजकल डर–डर के गिन रहा है सांसे.. इस चिंता में हवा उड़ा न ले जाए पानी बहा न दे धुप जला न दे मिट्टी दफ़न न कर दे उसके अस्तित्व को.. सोंचता ...
देने वाला देता हर पलदेने वाला देता हर पल मौन में ही संवाद घट रहा दोनों ओर से प्रेम बंट रहा, एक नशीली भाव दशा है ज्यों चन्द्र से मेघ छंट रहा ! एक अचलता पर्वत जैसी एक धवलता बादल जैसी, कोई मद्धिम राग गूंजता एक सरलता गाँव जैसी ! ...
माँ मुस्कुराती है*आज भी याद आती हैं वो हंसती हुई आँखों के छलकते हुए आंसू ,* *वो पुरनम हवाएं,गुनगुनाते नगमें,फूलों से महकता हुआ मौसम , * *आज भी याद आतें हैं बहुत सब ,जब भी सपनों में माँ मुस्कुराती है.............* *उससे बि...
अनुष्टुप छंद (प्रायोगिक प्रविष्टियाँ)
सभी सम्माननीय सुधि मित्रों को सादर नमस्कार. मित्रों, भारतीय छंद शास्त्र सचमुच महासागर की तरह है. इसमें ऐसे ऐसे मोती हैं जिसकी चमक से विश्व साहित्य हमेशा जगमगाता रहा है. ओपन बुक्स आनलाइन से जुड़ने के पश्चात
गीतिका
*यादों को विस्मृत कर देना बहुत कठिन है, ख़ुद को ही धोखा दे पाना बहुत कठिन है। जाने कैसी चोट लगी है अंतःतल में, टूटे दिल को आस बंधाना बहुत कठिन है। तैर रही हो विकट वेदना जिनमें छल-छल, उन आंखों की थाह जानन...
आयो रे बसंत चहुँ ओर*धरती में पात झरे* *अम्बर में धूल उड़े* * * *अमवां में झूले लगल बौर* *आयो रे बसंत चहुँ ओर.* * * *कोयलिया 'कुहक' करे* *मनवां का धीर धरे* * * *चनवां के ताकेला चकोर* *आयो रे बसंत चहुँ ओर.* * * *कलियन में मधुप...
चिंगारी...
चिंगारी अपने घर में अपने हाथों आग लगाते देखे लोग आग लगाकर खुदही उसमे जलभून जाते देखे लोग जो भी करेगा बच पायेगा इसकी क्या गारंटी है, फिर भी घात लगाकर हमने बम बरसाते देखे लोग सफेद लबादा पहनके तनमें दलाली क...
जो गीत तुम खुद का कह रहे हो मुकुल ने उसको जिया है पगले
(गिरीश"मुकुल") at मिसफिट Misfit
लाल क्रांति के लिए दो अपने लाल!
‘’हर घर से एक युवक दो या फिर मौत के लिए तैयार हो जाओ......’’ ये फरमान जारी किया है नक्सलियों ने और इस फरमान का असर है कि लोग अपनी धरती, अपना जन्मस्थान और अपनी कर्मस्थली को छोडकर शरणार्थी बन गए हैं।...
चलो चलें माँ .... ( एक लघु कथा )
नन्हा लंगूर डिम्पी अपने कान में उंगली डाले ज़ोर ज़ोर से चीख रहा था ! जिस पेड़ पर उसका घर था उसके नीचे बहुत सारे बच्चे होली के रंगों से रंगे पुते ढोल बजा बजा कर हुड़दंग मचा रहे थे ! कुछ बच्चों के हाथ में कुल्...
जिंदगी एक सुहाना सफ़र -- सफ़र करना हमेशा अच्छा लगता है । लेकिन जब राहें इतनी सुन्दर हों तो मन बाग़ बाग़ हो जाता है । वास्तव में पृथ्वी पर खूबसूरती की कमी नहीं है । पहाड़ी सड़कें...
चाहतें तो तुम्हारे मन में भी भांवरे डालती हैं .......
कान्हा चलो आज तुमसे कुछ बतिया लूं कुछ तुम्हारा हाल जान लूं सुना है तुम निर्लेप रहते हो कुछ नहीं करते सुना है जब महाप्रलय होती है तुम गहरी नींद में सो ...
वक्त आयेगा एक दिन ! -
* * * * * * * * * * * * * * * * *दिन आयेगा महफ़िल में जब, होंगे न हम एक दिन,* *ख़त्म होकर रह जायेंगे सब रंज-ओ-गम एक दिन।* * * *नाम मेरा जुबाँ पे लाना, नागव...
तालमेल के अभाव में अव्यवस्था व लापरवाही की भेंट चढ़ गई बच्चों के नेत्र परीक्षण की योजना
कांकेर :- राजीव गांधी शिक्षा मिशन द्वारा स्कूली बच्चों के नेत्र परीक्षण, चिकित्सा व चश्मा वितरण की योजना स्वास्थ्य विभाग के साथ तालमेल के अभाव में अव्य...
अब लेते हैं आपसे विदा मिलते हैं, अगली वार्ता में, नमस्कार.....
11 टिप्पणियाँ:
अच्छी आत्मा वही है जो सिर्फ अपने लिए न सोचे
सुंदर संदेश के साथ बढिया वार्ता के लिए शुभकामनाएं
सार्थक सन्देश ...
अच्छी वार्ता !
सुन्दर वार्ता...
अंतिम लिंक नहीं जुड़ रहा...
सादर.
बहुत बढ़िया वार्ता लगी आज की संध्या जी ! मेरी लघु कथा को इसमें आपने सम्मिलित किया आपका बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद !
सुंदर संदेश ..
अच्छे लिंक्स ..
बहुत बढिया वार्ता !!
achchhe links...
संध्या जी
आपकी पठन वृत्ति को नमन
वाह बेहतरीन वार्ता
bahut hi achche links---------dhanyvad
संध्या जी बहुत अच्छी और बहुरंगी लिंक्स दी हैं आज ब्लॉग वार्ता ४ में |आपकी लिंक्स चुनने की पसंद बहुत प्रभावी है |
आशा
सुंदर संकलन ...आभार
जाते हैं पढ़ने..
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