सोमवार, 13 फ़रवरी 2012

रुपहला छत्तीसगढ और मिठलबरा की आत्मकथा -- ब्लॉग4वार्ता -- ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार, गिरीश पंकज जी के बहुचर्चित उपन्यास "मिठलबरा की आत्मकथा" के तेलगु संस्करण का विमोचन पेंशनर्स क्लब रायपुर में हुआ। उपन्यास के अनुवादक गणपत राव हैं। इन्होने बड़ी खुबसूरती से उपन्यास का अनुवाद किया है। किसी भी साहित्य के अनुवाद में अनुवादक दो भाषाओं को जोड़ने के लिए सेतू की भूमिका निभाता है। साहित्य का अनुवाद अन्य भाषा-भाषियों को आपस में जोड़ने का कार्य करता है। इस अवसर पर हम गिरिश पंकज जी एवं गणपत राव जी को हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं। अब चलते हैं आज की लेट लतीफ़ वार्ता पर……

आकाशवाणी विनाशवाणी की राह पर..यह नारा सत्य साबित हो तो बेहतर..! निश्चय ही आकाशवाणी से समय-समाज-व्यक्ति-दिनचर्या में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं। बहुत कुछ आज भी हम स्वाद की तरह याद करते हैं तो वह आकाशवाणी की ही कृपा से। गाँव गिराँव में...सूरज की बात सुनो*सूरज की बात सुनो*** * * *श्यामनारायण मिश्र*** * * *एक नदी क्या सूखी*** * बालू में फंसी कई नावें।*** *मछुआरे !*** *हिलक-हिलक रोने से होगा क्या ?*** * सूरज की बात तो सुनो।*** *जो पहाड़ टूटा है*** ...

सोलांग घाटी में बर्फबारीइस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें। 8 दिसम्बर, 2011 की सुबह मैं और भरत कुल्लू में बस अड्डे के पास एक सस्ते यानी दो सौ रुपये के रेस्ट हाउस में सोकर उठे। पडे पडे ही लगा कि रात बारिश ...स्वप्न मरीचिका, यथार्थ संग ईमारत के दूसरे माले पर के एक किराये वाले फ़्लैट से निकलकर मैं जब बाहर को निकला तब नहीं जानता था ...लगे जो बन्द पड़ी * *खोलता इसे * *बेचैन मन मेरा* *रोज़ ख्यालों में पढ़ी * *2 .* *बन्द किताब * *कोई राज़ छुपाए * *सारे जहां से * *राज़ में जो है छुपा* *वह दिल में बसा * *3 .* *बन्द किताब...बन्द किताब

सच ! ज़माना बदलता हैपहले रिश्ते प्यार के लिए होते थे, चीज़ें इस्तेमाल करने के लिए..​​* *​​ ​अब चीज़ों को प्यार किया जाता है और रिश्तों को इस्तेमाल...​ ​​ ​ज़िंदगी की इस कड़वी हक़ीक़त को छोड़िए, इस ...चक्रव्यूह
मेरा दिमाग आजकल दिल पे खूब बिगडता है .. कहता है..मना करता है ...समझाता है पुरजोर कोशिश करता है कि मैं इस जी के जंजाल में ना पडूँ . इक बार फंसी तो निकल नहीं पाउंगी चक्रव्यूह है ये ,अन्दर ही रह जाउंगी मैं 
 
स्मृतियों में रूसअसल में ये मेरे हाथ में तो 18 जनवरी को ही आ गयी थी, लेकिन यदि मैं समय से समीक्षा कर देती तो हमेशा व्यस्तता का रोना रोने वाली मेरी इमेज का क्या होता? टूट न जाती? इस .२०७वीं हड्डीयूं तो सामान्य आदमी के शरीर में २०६ हड्डी होती है लेकिन बंधुवर सचेत हो जाइए। एक एक्सट्रा हड्डी भी हमारे शरीर में न जाने कबसे चिपकी बैठी है और हमें इसका पता ही नहीं। या फिर पता होने के बाद भी हम इसे अपने श...
 
आन क लागे सोन चिरैया, आपन लागे डाइनयह पोस्ट पुनः प्रकाशित है। उन लोगों के लिए जिन्होने इसे नहीं पढ़ा, उन लोगों के लिए जो इसे पढ़कर भूल गये और उनके लिए भी जो पढ़कर नहीं भूले :-) काशिका में लिखी इस कविता का शीर्षक है.... वैलेनटाइन ब..विद्यासागर नौटियाल का जानाविद्यासागर नौटियाल के निधन से हिन्दी ने एक समर्थ भाषा-शिल्पी और अप्रतिम गद्य लेखक को खो दिया है.29 सितंबर 1933 में जन्मे नौटियालजी का जीवन साहित्य और राजनीति का अनूठा संगम रहा. वे प्रगतिशील लेखकों की उस व...
 
पेप्सी का बाप है फैंटा*यू*पी के चुनावी चौपाल का आज 22 वां दिन है, इस दौरान आईबीएन 7 की टीम ने लगभग पांच हजार किलो मीटर का सफर पूरा कर लिया है और अब तक 35 जिलों में हम दस्तक दे चुके हैं। इसमें 19 जगहों पर हम चौपाल लगा चुके हैं...मैं जिंदगी का साथदेवानंद की पुस्तक 'रोमांसिग विथ लाइफ' तो पूरी तरह पढ़ी नहीं, ... पुस्तकें इतनी महंगी हो गई हैं कि पढ़ने के थोड़ा-बहुत शेष रह गए मोह के बाद भी पसंद की सारी पुस्तकों को खरीद पाना संभव नहीं। कोई अच्छा पुस्तक....
 
ये जो जापान है.सोनी का टेलिविज़न, तोशिबा का लैपटॉप, असाही की बीयर,पैनासॉनिक की प्रसाधन सामग्रियाँ , तोयोता की कार, सेको की घड़ी, कैसिओ का म्यूज़िक प्लेयर,शिन्कान्सेन बुलेट ट्रेन , यामाहा की मोटरसायकल और होंडा का स्कूटर ...गृह प्रवेशसमस्त स्नेही मित्रों को सादर अभिवादन. कुछ समय से जिस अत्यधिक व्यस्तता के चलते आप सभी स्नेहीजनों से अवांछित दूरी बनी रही उसका पटाक्षेप मंत्रोच्चार व शंख ध्वनि के साथ बड़े ही पवित्र ढंग से हुआ. इश्वर की अस...
 
लो गिरीश बाबू भी हो गये सम्मानितएक आत्मीय समारोह बनाम "एक पंथ:बहुकाज" कितना व्यग्र थे श्री डा० विजय तिवारी "किसलय" जी सोच रहे होंगे कि शहर भर की सड़कों का निर्माण काश आज तो रुक जाता. तो आमंत्रित लोग सहज विशुलोक आ सकते. जी सच ऐसा ही हुआ ...रुपहला छत्‍तीसगढ़ हबीब जी के नया थियेटर का अभिवादन-संबोधन रहा है। 'पीपली लाइव' के पात्र इसका अनुकरण करते हैं तब लगता है कि हम नया थियेटर के किसी वर्कशाप में उपस्थित हैं। फिल्‍म आरंभ होती है हबीब तनवीर और नया थिये... ...

5 टिप्पणियाँ:

सुंदर लिंक्‍स ..
रोचक वार्ता !!

धन्‍यवाद, आभार आपका.

अच्छे लिंक्स, अच्छी वार्ता...धन्‍यवाद

अच्छे लिंक्स,..धन्‍यवाद|

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