शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2012

मैं जानता हूँ जो वो, लिखेंगे जवाब में --- ब्लॉग4वार्ता --- ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार, रेल बजट आने वाला है और यात्री सुविधाओं के लिए मांगों की सुगबुगाहट शुरु हो गयी। ऐसी ही एक मांग स्वराज करुण जी की आई है -अगर चलती रेलगाड़ी में अचानक किसी की तबियत बहुत खराब हो जाए , दिल का दौरा पड़े ,तो ऐसे नाजुक वक्त में डाक्टरी मदद उसे कहाँ मिलेगी ? इसलिए यात्री ट्रेनों में भी डाक्टरों और पैरा मेडिकल कर्मचारियों की आपातकालीन चलित चिकित्सा टीम हर वक्त तैनात रहनी चाहिए . देश के प्रत्येक रेलवे स्टेशन में भी यात्रियों की सुविधा के लिए अस्पताल होने चाहिए . उनमे एलोपैथी के साथ-साथ आयुर्वेद ,होम्योपैथी और अन्य चिकित्सा प्रणालियों के डाक्टरों और दूसरे प्रशिक्षित बेरोजगारों को नियुक्त किया जा सकता है . बेरोजगारी की समस्या भी कम हो सकती है .भारत सरकार आगामी रेल बजट में इसके लिए भी कोई प्रावधान करना चाहिए। अब चलते है ब्लॉग नगरिया की सैर पर…………।


देवी से डर्टी पिक्चर के बीच विकास की कथा यदि लिखी जाए तो उसमें आए उतार-चढ़ावों से स्त्री के संघर्ष की कथा बखूबी उभरकर सामने आ जाएगी। दिलचस्प बात है कि मुस्लिम आक्रमणकर्ताओं क...परदेशी बेटे के नाम...... जो झूठे सपनों का सच था टूट गये वो सपने सारे ऐसे सपन कहाँ जुड़ते हैं विधिना ही जब ठोकर मारे कल लगता था आस-पास हो, आज लगा कि दूर हो गए ’डालर’ के पीछे क्यों बेटा ! तुम इतने मजबूर हो गए ? अथक तुम्हारी भाग-दौड़ य...

जीवन प्रतिफल !दो भिन्न रास्तों से निकले* ** *दो हसीन लम्हें,* ** *अपने अरमानों का पुलिंदा, * ** *उजले, अभिद्वारमय * ** *ख़्वाबों के परिधान में * ** *सलीखे से अपने पे समेटे,* ** *एक बिंदु पर* ** *संविलीन हो जाते है !* **.आओ तोड़ दें ये कारा. दोस्तोवस्की को पलटते हुए न जाने क्यों मन कहीं ठहर सा गया. ये वो जगह थी जब दोस्तोवस्की जेल में थे और उन्होंने अपने भाई माइकल को पत्र लिखा था, 'न मैं चीखा, न चिल्लाया और न ही साहस खोया. जीवन सर्वत्र है. जी...

ब्लॉगर में blogpot.in और blogpot.com को समझियेअगर आपके ब्लॉग पते पर blogpot.com की blogpot.in जगह दिखाई दे रहा है तो घबराइए मत आपका ब्लॉगर सुरक्षित है बस गूगल ने ब्लॉगर के लिए नयी तकनीक ccTLD ( redirected to a country-code top level domain ) शुरू कर..पश्चिमी देशों के अभिभावकों को 'टाइगर मॉम' की सीखआजकल एक किताब बहुत चर्चा में है...Amy Chua की लिखी 'Battle Hymn of The Tiger Mom', 'एमी चुआ' अमेरिका में Yale Law School, में law professor हैं. वे चीनी हैं पर उनका पालन-पोषण अमेरिका में ही हुआ है...

हे दशानन ! है वो मनुष्य गुण-अवगुण से भरा नहीं जुड़ता मन राम से मेरा बहन के अपमान से पीड़ित होता है भाई के धोखे से दुखभर रोता है सुख दुःख सब सच्चे है उसके प्रतिशोध में भरा नहीं जुड़ता मन राम से मेरा ....  उस डोर का क्या हुआ?जैसे तेरा आशीर्वाद फलीभूत होता है वैसे ही मेरी प्रार्थनाएं फलीभूत हों, कुछ एक गांठें जो हमने बुन ली हैं ईश्वर करे वह सब मूलतः झूठ हो! जब आँख खुले तो दृश्य सहज ही सुन्दर... न्यारा और प्यारा भी लगे, चाहे किसी...

टूटना चाँद का ... दूर समंदर के उस पार एक ज्वार उठा कहीं कुछ टूटने की आवाज़ दब गयी इन लहरों के शोर में उन्हें लगा समंदर कोई ग़ज़ल सुना गया सैलानी जो ठहरे बस समंदर की ख़ूबसूरती भर निहार सके न देख सके उसके टूटने को उलटे दे गए...MY LOVEसंसार की रीतें बहुत हैं पुरानी जीना हमें है नहीं उन्हें दुहरानी, आओ मिलकर करें हम नये काम पुराने रिवाजों को करने दो विश्राम, करेंगे नये आज हम रीति निर्मित भले काम होंगे तो होंगे वो चर्चित, किन्तु न तोड़ें...

ढूँढती तुझे रही , हर जनम चनाब में ....पिछले दिनों ओ बी ओ परिवार ने ऑनलाइन तरही मुशायरा किया ....एक मिसरा दिया गया था जिस पर सभी को ग़ज़ल मुकम्मल करनी थी ...मिसरा था .... "मैं जानता हूँ जो वो, लिखेंगे जवाब में'' बह्र थी- बह्र मुजारे मुसम्मन अखर...जो मिल जाये,तो कह देना..मैंने तेरे होठों की ख़ातिर मुस्कानें, भेजी थी..........जो मिल जाये,तो कह देना. मैं लाज तुम्हारी आँखों को, लाली गुलाब की गालों को और धूप-छांव से बुनी हुई, चोटी भेजी थी बालों को. मैं हरित तृणों...

तो फिर हम में और उस कुत्ते में क्या फर्क है..?छोटे परदे पर दिन भर चलने वाले एक विज्ञापन पर आपकी भी नज़र गयी होगी.इस विज्ञापन में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अपनी मोटरसाइकिल पर एक कुत्ते को पेशाब करते देखकर नाराज़ हो जाते हैं और फिर...नृत्य भी ईश्वर के रूबरू होने का एक ज़रिया है !चौंसठ कलाओं में से एक प्रुमख कला है नृत्य -कला. विभिन्न हाव भाव के साथ एक लयबद्ध रूप में घूर्णन को ही नृत्य कहा जाता है . मानव के इतिहास जितना ही पुराना है नृत्य का इतिहास . नृत्य कला हमारी भारतीय संस्कृत...

वार्ता को देते हैं विराम, राम राम 


6 टिप्पणियाँ:

चर्चा तो गुड है

पर गुड़ कहां है

अच्छी वार्ता सुन्दर लिंक के साथ एक महत्वपूर्ण मांग करता परिचय... सरकार तक पहुँच जाये आपकी बात और सकारात्मक कदम उठाये जाएँ तो बहुत सी जिंदगियां बच सकती हैं... आभार

इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

ललित भाई,
जनहित में बहुत अच्छी मांग....
इसका तात्कालिक उपाय यह भी हो सकता है की Reservation कराते समय फॉर्म में अगर कोई डॉक्टर या पारामेडिकल स्टाफ सफर कर रहा हो तो उसके Contact Details रेलवे स्टाफ के पास उपलब्ध रहे, ताकि किसी Emergency में तत्काल सहायता उपलध हो सके, जैसे हवाई यात्रा में होता है...

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी में किसी भी तरह का लिंक न लगाएं।
लिंक लगाने पर आपकी टिप्पणी हटा दी जाएगी।

Twitter Delicious Facebook Digg Stumbleupon Favorites More