रविवार, 5 फ़रवरी 2012

शरबती आँखों का ब्लेकमेल --- ब्लॉग़4वार्ता ------------ ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार,  गुगल पर सरकारी दबाव है कि सरकार के खिलाफ़ लिखने वाले ब्लॉग को बैन किया जाना चाहिए। गुगल ने सरकार की बातें मान कर डोमेन में परिवर्तन कर दिया। अब भारत के ब्लॉग डॉट इन सब डोमेन से दिखाई दे रहे हैं। डॉट इन सब डोमेन से इंडिया के ब्लॉगर्स की छंटाई हो गयी। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। प्रजातंत्र में जनता की सरकार है और उसे अपनी सरकार की नीतियों की आलोचना करने का हक है। लेकिन इसके लिए संयत एवं संसदीय भाषा का प्रयोग करना  ही उचित है। कल एक मित्र ने मुझसे प्रतिक्रिया मांगी थी प्रिंट मीडिया के लिए, शायद मेरी प्रतिक्रिया उन्हे जंची नहीं। मैने कहा था - व्यक्तिगत चरित्र हनन एवं धर्म जैसे संवेदनशील विषयों पर छींटा कशी करने वालों पर तो निसंदेह वैन कर देना चाहिए, उटपटांग लिखने वालों को ब्लॉक किया जाना चाहिए। अब चलते  हैं आज की ब्लॉग़ 4 वार्ता पर……

दसमत कैनाकैना यानी कन्या। ध्यातव्य है कि छत्तीसगढ़ी कथा गीतों में स्त्री की उपस्थिति भरपूर है। स्त्री पात्रों को केंद्र में रखकर गाई जाने वाली गाथाओं में स्त्री की वेदना और पारिवारिक जीवन में उसकी दोयम दर्जे की ...मृतकों के साथ एक षड्यंत्रमृतकों के साथ एक षड्यंत्र - विस्वावा शिम्बोर्स्का किन परिस्थितियों में देखते हैं आप मृतकों के स्वप्न? क्या सोने से पहले आप अक्सर उन के बारे में सोचते हैं? सब से पहले क्या दीखता है? क्या एक सा ही नज़र आता...उड़ानवह सिखा रहा था तुम्हे फिर से प्रेम करना तुमने उसी पर पलट वार किया वह सिखा रहा था तुम्हे उड़ना तुमने उसी का पर काट दिया पड़ी रहो अब यहीं सड़ती हुई…

जय हिन्दुस्तानी नेता...नमस्कार मित्रों, मेरे घर के पास एक नेताजी हैं, जो कांग्रेस के प्रचंड समर्थक हैं, और इस कदर समर्थक हैं की उन्होनें अपने आचार विचार, व्यक्तिगत जीवन में कांग्रेस शामिल कर लिया है। अडियल और व्यक्तिवादी सोच.....एक गीत पुराने पन्नों से मैं बोलूं कुछ, तुम कुछ सोचो हम साथ बहें पर साथ नहीं तुम हमसाए हो, मेरे साथी हो फिर भी हाथों में हाथ नहीं. तेरे कांधों पर रखकर सर पलकों की थिरकन गिनते थे जब गर्म हथेली में अपनी तकदीर की सर्दी भरते थे वो नर्...मेहनत कशों का देश .कल टीवी पे एक प्रोग्राम आ रहा था .....जिंदगी लाइव ....या ऐसा ही कुछ ......जिसमे वो दिखा रहे थे,,,

आओ-आओ...नाटक देखो.चाय की दुकान पर बैठा अखबार पर चर्चा कर रहा लोगों का वो झुंड अचानक उठ कर उस शोर की दिशा में चल देता है...शोर में आवाज़ सुनाई दे रही है, कुछ युवाओं की...अरे क्या कह रहे हैं ये...ये चिल्ला रहे हैं...आओ आओ...न...पहले तीन में आओ, आईपैड मिल जायेगाएप्पल ने शिक्षा के क्षेत्र में पहल करते हुये आईबुक ऑथर के नाम से एक सुविधा प्रारम्भ की है। इस एप्लीकेशन के माध्यम से आप कोई पुस्तक बड़ी आसानी से लिख सकते हैं और आईट्यून के माध्यम से ईबुक के रूप में बेचकर ...“आँखों देखा हाल : लाल बाग से।”महिला सशक्तिकरण की जब भी बात होती है हमेशा महसूस किया है कि मोर्चे निकालने से बात नहीं बनेगी। 

सरकारी काम याने मेरी गिरफ्तारीइस कार्यालय के पत्र क्रमांक फलाँ-फलाँ, दिनांक फलाँ-फलाँ द्वारा आपको सूचित किया गया था कि आप रुपये 6,846/- जमा कराएँ। आपने उपरोक्त रकम अब तक जमा नहीं की है। इस पत्र द्वारा आपको अन्तिम सूचना दी जाती है कि द...माचिस की डिबिया तीली माचिस की हरेक तीली की नोक पर पिछले दस हज़ार सालों का इतिहास दर्ज़ है. उस नोक की एक रगड़ से उत्पन्न आग इंसान की पैदा की गयी पहली आग की स्मृति है.और ये सिर्फ उस ताप की स्मृति ही नहीं है उस ज़ायके की स्मृ...समारोह 2-- संगीत SSSSशादी के समारोह में 17 जनवरी को हुआ संगीत......जिसमें ऐसा कोई न बचा जो झूमा न हो .. 

तुम बेसहारा हो तो ...कल बाद दोपहर मैं अंबाला छावनी में एक टी-स्टाल पर चाय की चुस्कियां ले रहा था .... उसी स्टाल पर किसी मोबाइल पर यह सुंदर सा गीत भी बज रहा था, बहुत दिनों बाद सुन रहा था, अच्छा लग रहा था। मुझे नहीं पता था यह उस...एक रन पर धोनी ने कमाए ढाई लाख रुपए क्या आपको पता है कि भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की वार्षिक आय कितनी है? शायद आप नहीं जानते, जानना भी नहीं चाहते। फिर भी आप जान ही लें, क्योंकि यही वे व्यक्ति हैं, जो एक तर...मतला और एक शेरएक बेवजह की बात है अगली दो बातें महाबार गाँव के धोरों की स्मृतियों से बुनी है.

अनामिकाएं ही होते हैं हम.मेरी छोटी बहन का नाम अनामिका है... फेसबुक पर हमें एक और छोटी बहन मिली उसकी हमनाम! कुछ दिन पूर्व उसके जन्मदिन पर( २४ जनवरी को ) उपहारस्वरूप एक कविता लिखी थी उसके लिए... आज प्रस्तुत है यहाँ...:) जिसका कोई न...न्यू मीडिया पर दुनिया भर की तमाम सरकारों की तिरछी नज़रनवभारत टाइम्स पेज 10 – दिनांक 04/02/2012 Rate this: Like this:Be the first to like this post.शरबती तेरी आँखों की-ब्लैकमेलआँखों पर मीलों मील लम्बे अफ़साने आपको मिल जायेंगे साहित्य और फ़िल्मी गीतों में। गीतकार राजेंद्र कृष्ण ने भी आँखों पर तरह तरह के गीत लिखे हैं। प्रस्तुत गीत जो कि फिल्म ब्लैकमेल का गीत है में आँखों को शरबती कि उ...

वार्ता को देते हैं विराम, मिलते हैं अगली वार्ता में, राम राम
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3 टिप्पणियाँ:

अच्छे लिंक्स, सुन्दर वार्ता... आभार

सुन्दर लिंक संयोजन्।

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