सोमवार, 16 जुलाई 2012

जीते जी मर जाएगा ये अनीता सुनीता तो चली अन्तरिक्ष में .. ब्‍लॉग4वार्ता .. संगीता पुरी

संगीता पुरी का नमस्‍कार , भारतीय मूल की नासा की 46 वर्षीय अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स रविवार को एक रूसी सोयुज अंतरिक्षयान में अपने दो सहकर्मियों रूसी सोयुज कमांडर युरी मालेंचेनको और जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी के फ्लाइट इंजीनियर अकीहीको होशीदे के साथ सवार होकर अपनी दूसरी अंतरिक्ष यात्रा पर चार महीनों के अपने मिशन पर रवाना हुईं। उनका अंतरिक्ष यान कजाखस्तान स्थित प्रक्षेपण केंद्र से कैरियर रॉकेट से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित हुआ और मध्यवर्ती कक्षा में पहुंच गया। सुनीता विलियम्स की ये दूसरी अंतरिक्ष यात्रा है।ओहायो में जन्मीं सुनीता 2006-07 में अपनी पहली अंतरिक्ष यात्रा के दौरान 195 दिन तक आइएसएस में रही थीं। अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा समय तक रहने वाली महिला का रिकॉर्ड सुनीता के ही नाम है। अंतरिक्ष के कार्यक्रमों के अलावा सुनीता विलियम्स पृथ्‍वी के कार्यक्रमों से भी जुडी रहेंगी। अमेरिका में छह नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से मतदान करेंगी। सुनीता विलियम्स 27 जुलाई से प्रारंभ हो रहे लंदन ओलंपिक खेलों को आइएसएस से देखने के प्रति भी उत्साहित हैं। इस खास खबर के बाद चलते हैं ब्‍लॉग4वार्ता के सफर पर ......

आयत... - मेरे कानों में कुछ गिरने की आवाजें थीं..सफ़र के दौरान क्या गिरा होगा भला. चौंक के देखती हूँ आस पास. सब सलामत है. ट्रेन अपनी गति से चल रही है.सौदा ... - अभी अभी तो सन्नाटा था, और अभी अभी है हो-हुल्लड़ अरे, किसके बाप मर गए, औ किसको मिल गए हैं बाप ? ... उफ़ ! कैसे भरें वो दम, अब ईमान का कल ही सौदा किया,खा दो मुझे भी.......... - तू मुझे भूल ना जाये इसलिए याद करती हूँ देख तेरे लिए ही जीती और मरती हूँ और इक तू है पास होकर भी पास नही होता तेरा दिल मेरे साथ नहीं होताहसदा की कमला बघेल ...संस्कारधानी रायपुर से 40 किलोमीटर  दूर नवापारा से नदी पर कर के आगे चलते रहे तो सुन्दर हरे भरे से पेड़ो  के बिच से सुगम रास्ता जाता है हसदा नंबर 1 को ..खिसोरा हसदा के नाम से जाना जाता है ये गाँव ..बड़े करेली से कुछ ही दुरी पर स्थित है हसदा ... यहाँ का वातावरण काफी मोहक सा है .

अब चेक नहीं भेजेगी एल. आई. सी. - यदि आपने या आपके परिजनों ने या आपके परिचितों/मित्रों ने एल. आई. सी. की पालिसी/पालिसियाँ ले रखी हैं तो इसे ध्यान से पढ़िएगा और तदनुसार ही कार्रवाई कीजिएगा जीमेल में खोज सम्बन्धी उपयोगी टिप्स - जीमेल में खोज के तरीके। इन टिप्स का उपयोग करके सालों पुरानी किसी भी मेल को चुटकी में खोजिये। [[ यह पोस्ट सामग्री का केवल एक अंश है. मिलकर ठुमके लगाओ , तो ग़ज़ल होती है -- कवियों की वाणी, हमारी जुबानी ! - आज रविवार १५ जुलाई से हास्य कार्यक्रम *ग्रेट इंडियन लाफ्टर चेलेंज ५* शुरू हो रहा है . यह *लाइफ ओ के चैनल* पर*लाफ इंडिया लाफ* के नाम से रात १० बजे दिखाया राजनीति को कैरियर समझना लोकतंत्र के लिए खतरनाक ! - आश्चर्य और चिन्ता का विषय है कि अब राजनीति को जन सेवा अथवा समाज सेवा के पवित्र माध्यम के रूप में नहीं,


 बरसात - बरसात कल मेरे शहर में बड़ी मिन्नतों बाद बरसात हुई. बदहाल सड़कों, बीमार नालियों, हांफते नालों, में फिर एक बार बात-मुलाकात हुईहिन्दी को टूटने से बचाएँ - हिन्दी को टूटने से बचाएँ : संदर्भ आठवीं अनुसूची डॉ. अमरनाथ संसद का आगामी मॉनसून सत्र हमारी राजभाषा हिन्दी के लिए सुनाEducation and qualification - हमारे देश में Education बहुत महँगी है, गरीब अपने बच्चे को पढ़ा नहीं पा रहा। और अफ़सोस कि इसी देश में Qualification बहुत सस्ती है, मी का कहर बनकर आएगा और उसे चन्द... बिन मां के बच्चे और सतीश भाई की किताब...खुशदीप - *बचपन में दो साल की उम्र की धुंधली यादों में मुझे , २० वर्षीया उर्मिला दीदी की गोद आती है जो मुझे अपनी कमर पर बिठाये, रामचंदर दद्दा अथवा प्रिम्मी दद्दा क... पब से निकली लड़की - *पब से निकली लड़की नहीं होती है किसी की माँ, बेटी या बहन, पब से निकली लड़की का चरित्र मोहताज हुआ करता है घडी की तेजी से चलती सुइयों का,

जीने का ढब - * * *जीने का ढब* * * *वो मुझे जीने का ढब समझा रहा था * *और मैने * *उसकी मासूमियत से * *जीवन की रिक्तता भर ली ,* *अब......* *सोचती हूँ* *किस संदूक मैं रखूँ ...  Education and qualification - हमारे देश में Education बहुत महँगी है, गरीब अपने बच्चे को पढ़ा नहीं पा रहा। और अफ़सोस कि इसी देश में Qualification बहुत सस्ती है, चंद शेर आपके लिए....... - मेरे शहर में एक गली हो ऐसी , जहाँ मुहब्बत ही पल रही हो । जहाँ फ़ज़र की नमाज भी हो . और लौ आरती की भी जल रही हो । क से काशी और क से काबा , म से मंदिर मस्जिद~~~~~~~~~ टैटू ~~~~~~~~ - कितना अच्छा किया था जो उस दिन मैंने अपने हाथ में तुम्हारी जगह अपने ही नाम का टैटू गुदवा लिया था.....तुम चाहते थे मैं तुम्हारा नाम लिखवाऊं....

 हरजाई, हरफ़नमौला, हरकारा - हि न्दी के बुनियादी शब्दभंडार में तीन तरह के *“हर”* हैं । पहला *‘हर’* वह है जो संस्कृत की* ‘हृ’* धातु से आ रहा है जिसमें ले जाने, दूर करने, पहुँचाने, खींच पहुँचेली...द अटेन्शन सीकर :-) -  इन दिनों बड़ा तूफान है ब्लॉगजगत में कहीं पर हिलोर है, कहीं झकझोर है, तो कहीं *‘वाचिक बदरोह’* है। इसी बदरोह के बीच सावनी फुहारों की रिमझिम का आनBolte Shabd 89 Sthayee & Bhashai - बोलते शब्‍द 89 आलेख डॉ.रमेश चंद्र महरोत्रा स्‍वर संज्ञा टंडन 171. 'स्‍थायी' व 'भाषाई' Productionमनरेगा और पीएम - महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण गारंटी योजना ( मनरेगा ) के संकलन और समीक्षा पर बोलते हुए पीएम मनमोहन सिंह ने जिस तरह से इस योजना की ख़ामियों के 


1989 की कवितायें - बूढ़ा हँसता है यह कविता बूढ़े पर है या बच्चे पर , झोपड़ी पर या खाट पर , बादल पर भी हो सकती है और सूरज पर ..या फिर आग पर ...सीधे सीधे कह दूँ कि यह कविता भूख पर है ... 50 . बूढ़ा हँसता है झोपड़ी के बाहर झोलंगी पहेलीकभी मेरी सहेली बनकर यदा-कदा पहेली बनकर महानदी की धारा में लहरों संग भंवर बन मुखरित हो जाती हो मैकल पर्वत श्रृखला सी फैलकर ढलान में भी एक दुसरे से सटकर सम्मोहित कर जाती होवो भी तो माँ है...बचपन में मैं दो लोगों से डरता था एक दादा जी के जमाने के पीपल पेड़ में जमें भूतों से और दूसरा शामा से, उसका नाम शायद श्यामा रहा होगा, राजिम में उसे लोग शामा बही कहते थे बही मतलब पागल।सावन का महीना - कविता(*शब्द और चित्र: अनुराग शर्मा*) पवन करे सोर ...वृष्टि यहाँ वृष्टि वहाँ हँसता हुआ भीगे जहाँ खोजूँ जिसे छिपता कहाँ बढता रहे दर्द ए निहाँ मंज़िल मेरी वो है जहाँ -=<>=- चार पंक्तियाँ राष्ट्रकवि रामधारी ...
बस यूँ ही….चाँद चाँदनी को ढू़ँढ़ते -ढू़ँढ़ते परेशान चाँद आज घरती पर उतर आया कभी पेड़ों के झुरमुठ से कभी घर की खिड़की से झाँक -झाँक कर ढूंढ़ रहा बेचारा  जीते जी मर जाएगा ....(यह कविता उनके लिए जो, नारी को वस्तु समझते हैं ) मुझे ! बस पत्थर की इक, ख़ूबसूरत मूरत न समझ तू नासमझ, मैं ह्या हूँ, शर्म हूँ, और हूँ  ग़ैरत, नासमझ, तालिबे इल्म भी है, पास मेरे, मैं नहीं जाहिल कोई.बाबा रे बाबा - रामदेव का रामराज*बा*बा रामदेव योग गुरु के रुप में देश दुनिया में जाने जाते हैं, पर इन दिनों वो योग को छोड़ कई दूसरे मामलों में अपनी टांग फंसा चुके हैं। इसलिए वह आए दिन किसी न किसी विवाद में उलझे ही रहते हैं। "Dexpot" कंप्यूटर डेस्कटॉप के लिए एक बहुत अच्छा सॉफ्टवेर है |अगर आप अपने कंप्यूटर में एक साथ कई काम करना चाहते हैं तो *Dexpot 1.6*सॉफ्टवेर आप की बहुत मदद कर सकता है इस सॉफ्टवेर के द्वारा आप एक साथ कई अलग-अलग वर्चुअल डेस्कटॉप अपने कंप्यूटर में खोल सकते है!
 sunita williams cartoon, nasa, crime against women
 अब लेते हैं ब्रेक .. मिलते हैं अगली वार्ता में ....

13 टिप्पणियाँ:

हम क्‍या पढें - यह सुझाने के लिए आप कितना पढती हैं? बाप रे! यह श्रम करनेवाले आप सबको नमन।
मेरे ब्‍लॉग को शामिल करने के लिए धन्‍यवाद और आभार।

अच्छी चर्चा अच्छी लिंक्स |
आशा

बढिया वार्ता, उत्तम लिंक्स के साथ………आभार संगीता जी

बढ़िया वार्ता , मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए शुक्रिया संगीता जी .

बहुत सारे और अच्छे लिंक्स देखने को मिले संगीता जी,
हृदय से धन्यवाद

ज़बरदस्त अंदाज़ हैं लिंक प्रस्तुत करने का...

बढ़िया वार्ता और सुन्दर लिंक्स के लिए आभार संगीता जी ...

बहुत खूबसूरत लिंक संयोजन

बहुत सुंदर लिंक्स का संकलन
अच्छी वार्ता

मैं बैरागी जी की बातसे पूरी तरह सहमत हूँ हिंदी ब्लाग के लिए आपका यह परिश्रम अमूल्य है।

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