ललित शर्मा का नमस्कार,"भड़ास4मीडिया" के संचालक यशवंत सिंह को नोयडा पुलिस ने अश्लील मैसेज भेजने एवं उगाही करने का आरोप लगा कर गिरफ़्तार कर लिया। इस आशय की एक पोस्ट युग-जमाना पर देखने मिली। हरे प्रकाश उपाध्याय कहते हैं कि -कहने को तो हम लोकतांत्रिक राज्य में रह रहे हैं। तमाम लोकतांत्रिक दिखावेबाजियां भी कम नहीं हैं। पर सब अवसर का ही खेल है अंततः। इस व्यवस्था में भी वहीं कि समरथ को नहीं दोष गुसाईं। अगर आप सत्ता से किसी न किसी रूप में जुड़े हैं या सत्ता आपकी मुट्ठी में है, तो विधान और व्यवस्था को आप अपने अनुकूल जब चाहें जैसा, उस रूप में मरोड़ और मोड़ दें। पर इसी व्यवस्था में यह नौटंकी भी कि बड़ा से बड़ा मंत्री चुनावों के वक्त गराबों की टूटी हुई दालान में टूटती हुई चारपाई पर दांत निपोरते हुए, दीनता और मानवीयता के कुशल अभिनय करते हुए जा बिराजता है। मगर वहीं जब फिर से सत्ता का हिस्सा बनकर राजधानी में आ बिराजता है, तो क्या मजाल कि वह टूटी हुई चारपाई का मालिक इस सत्ता के मालिक के दरवाजे पर भी आ फटकने की जुर्रत करे। अब चलते हैं आज की वार्ता पर…
....आज कुछ बातें कर लें ..( ४ ) अब जब रावण को लेकर वस्तुत: सभी जिज्ञासाएं शांत हो गयीं हैं तो एक अंतिम प्रश्न रह जाता है कि इस शोध का औचित्य क्या था . मेरे एक ब्लॉगर मित्र ने इसी प्रश्न को उठाया था , उनका कहना था कि "मैं ये नहीं स..शब्द खोज लिया निरुत्तर प्रश्न मैं कौन? रेखाएं कहती गई तस्वीरें सारी .. पर अस्तित्व कहाँ ?? तू मेरा और मैं तेरा जलती लौ संग भड़कता गया ये उद्वेलित उत्तर ...!!! जुलाई का महीना जुलाई का महीना बस्ते के बोझ का महीना फीस और किताबों की कीमत से पस्त मगर भविष्य को देख कर खुशी से मुसकुराती जेब का महीना आशा का महीना अभिलाषा का महीना ऊंची महत्वाकांक्षा का महीना (धरती की झुर्रियां)हिंदु...
अलकनंदा का रोमांच .रोमांच की भी अपनी एक उम्र होती है और हर उम्र में रोमांच का एक अलग चरित्र. यूँ तो स्वभाव से रोमांचकारी लोगों को अजीब अजीब चीजों में रोमांच महसूस होता है,स्काइडाइविंग , अंडर वाटर राफ्टिंग, यहाँ तक कि भयंकर ... श्रीमद्भगवद्गीता-भाव पद्यानुवाद (१९वीं-कड़ी) चतुर्थ अध्याय (ज्ञान-योग - ४.१०-१९) राग, क्रोध, भय को तज कर, सच्चे मन से शरण में आया. ज्ञान यज्ञ से कर पवित्र मन, उसने मेरे स्वरुप को पाया. जैसे भाव सहित वह आता, उसी भाव से मैं अपनाता. पार्थ कोई भी मार... पूरा करें तो कैसे करें दास्तान को पूरा करें तो कैसे करें दास्तान को. हर पल बदल रहे हैं वो अपने बयान को. इस घर की कहानी भी अजीबो-गरीब है मेहमां बना के रख दिया है मेज़बान को. बिजली सी भर गयी है परिंदों के परों में मुमकिन नहीं है रोकना उनकी...
मेरे घनश्याम सलोने मेरे घनश्याम सलोने अवतरित हुए तुम आज मेरे घनश्याम सलोने अँजली भर-भर लाए नीर तपित हिये की प्यास बुझाने कब से तरसे व्याकुल चातक मन अकुलाए देख हर्षित तरंग उठे कंपित अधर मुस्काए धुले कलुष मन आज भर-भर अश्रु ...gazal सब से अपने गम छुपाते ज़िन्दगी की शाम में चुपके से आँसू बहाते ज़िन्दगी की शाम में दोष किसका है जो बदतर जिंदगी है मौत से वक्त का मातम मनाते ज़िन्दगी की शाम में ख्वाब सारे टूट जायें, साथ छोड़े जिस्म भी आँखें ...वयस का भार चेहरे की झुर्रियों में अनुभव का सार है, पर क्यूं ये लग रहा है, वयस हम पे भार है । डगमगाते हैं कदम, मन चाहे हो मजबूत , भावों की ओढनी क्यूं अब तार तार है । कोई पूछे तो, दें सकेंगे, सलाह हम भी कुछ, पर किसक...
घनी छांवअकस्मात एक दिन थम गर्इ सांसें आस में बेवजह पथरा गर्इ आंखें सहते-सहते उपेक्षा फैल गर्इ खामोशी सफेद बर्फ जैसी तमाम उम्र उसने काट दी रिश्तों के धुन्ध में खीज और बेबसी में रेशों में हांफती मेरी फटती रही छाती... मेरी कविताएं या तुम????? सोचती हूँ... किसकी ज्यादा दीवानी हूँ मैं?? कौन अधिक प्रिय है मुझे???? मेरी कवितायें या तुम ??? शायद तुम!!! तुमसे बेपनाह मोहब्बत जो है मुझे... या नहीं!!! मेरी कवितायें... जिनमें तुम हो.... तुम.........जि... पहली फुहार टपकता पसीना सूखे नदी नाले पिघलते हिम खंड करते बयान गर्मीं का हैं बेहाल सभी करते इंतज़ार वर्षा का छाईं घनघोर घटाएं बारिध बोझिल जल के घट से आपस में टकराते गरज गरज जल बरसाते दामिनी दमकती होती सम...
रुकी हुई ज़िंदगी ठहरे हुए पलों में कैद एक बेमानी बेमकसद ज़िंदगी के सलीब को खुद अपने ही कन्धों पर ढोना पड़ता है , अगर ज़िंदा होने के अहसास से रू ब रू होना हो तो बीते दिनों की खुशबू और यादों के घने वनांतर में ... मेडागास्कर पध्दति से खेती - चंपारण में आज दिनांक 1 जुलाई 2012 को "मेडागास्कर पध्दति" (श्री पध्दति) से धान की खेती का शुभारंभ हुआ. छत्तीसगढ़ के किसान इस पद्धति से धान का उत्पादन दो से त...वेदों के देश भारत में आयुर्वेद की दशा - ऋषियों , मुनियों और विद्वानों की धरती से उसकी पहचान ही विलुप्त होती जा रही है। क्यों हमारे तथाकथित बुद्धिजीवी पश्चिम की भाषा, संस्कृति और चिकित्सा पद्धति क...
शहर के बीच में ये घोंसले नहीं होते… - कब्र में ज़िंदगी के हौंसले नहीं होते… सरहदों पे यहाँ, घोंसले नहीं होते… चबा रहे हैं ज़मीं, आसमाँ, फ़िज़ा सारी… यहाँ इंसान कभी पोपले नहीं होते… कहीं सूखे ... -:चाय:- - -: चाय :- आज की जनसंख्या में चाय पीने का माहौल है, कई रंग कई ब्रांड में बिकता,मेरी बहुत पोल है! लक्ष्मण, को बाण लगा, संजीवनी का रोल था, आज बच्चा पैदा होते...अवज्ञा के बाद ...! - कोभम कस्बे के एडम की पुत्री का नाम एफिओंग था , उसकी सुंदरता पर मुग्ध होकर सभी युवक उससे विवाह करना चाहते थे ! विवाह प्रस्ताव अक्सर आते और युवती के माता पि...
लड़कियों की उड़ान किसी इत्तफाक़ का मोहताज़ नहीं.... - पिछली पोस्ट में जब कई माताओं-पिताओं द्वारा अपने ही बच्चों के पालन-पोषण में विभेद पर आलेख लिखा तो लगा इस विषय पर भी लिख देना चाहिए जो मेरे मन में अक्सर हल... वादा...... - * * * * * * * * * * * बड़ा सलीके से वो झूठ बोलना तेरा,* * औ जा... खाली मन का कोरा पन्ना - खाली मन का कोरा पन्ना खाली है मन बिल्कुल खाली सर-सर जिसमें हवा गुजरती, कभी अनल बन लपट सुलगती नहर विमल सलिल की बहती ! मधुर गूंजता कलरव जिसमें ..
वार्ता को देते हैं विराम, मिलते हैं एक ब्रेक के बाद, राम राम ……
21 टिप्पणियाँ:
बढ़िया वार्ता ...बढ़िया लिंक्स....
हमारी रचना को शामिल करने का शुक्रिया ललित जी.
सादर
अनु
लाजवाव वार्ता ललित जी |
मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
आशा
यशवंत की गिरफ़्तारी ....बातें बहुत सी हो रहीं हैं ....लेकिन सच क्या है यह तो वही जाने .......आज की इस उम्दा वार्ता के लिए आपको सलाम ...!
बहुत सुन्दर वार्ता ललित जी ! मेरी रचना को इसमें स्थान दिया आपका बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार !
सुन्दर वार्ता ....धन्यवाद
सुन्दर सूत्र वार्ता..
रोचक वार्ता में अच्छे लिंक्स मिले ...
आभार!
लाजवाब वार्ता एवं सुन्दर लिंक्स के लिए आभार ललितजी
अच्छे लिंक्स
अच्छी वार्ता
बहुत बढ़िया वार्ता ...
बढ़िया वार्ता ...रोचक लिंक्स
बहुत ही रोचक लिंक्स के लिए धन्यवाद
jai gurudev
उत्तम लिन्क्स
अत्यंत रोचक अंदाज में लिंक प्रस्तुत किये हैं...आभार !
यशवंत की गिरफ्तारी का मामला तो अजीब ही होता जा रहा है.बढ़िया वार्ता की है आपने
रोचक वार्ता...सुन्दर लिंक्स ...आभार
मेरी पोस्ट शामिल करने के लिये आपका बहुत बहुत धन्यवाद सर!
सादर
उत्कृष्ट चुनिन्दा लिंक्स के लिए आभार ललित जी।
bahut sundar links...meri pravishti ko sthan dene ke liye hardik dhanywaad.
pahli baar mere post ko jagah dene ke liye aabhar..
शुक्रिया...यहाँ तक लाने के लिए...!
कई नए दोस्तों के ब्लाग्स तक पहुंची...!
मुझे शामिल करने के लिए आभार...!!
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