ललित शर्मा का नमस्कार, नरैण तिवारी की कलई आखिर खुल ही गयी। बहुत दिनों तक कोर्ट को झांसा देते रहे। आखिर उज्जवला भी प्रोफ़ेसर शेरसिंह की बेटी है। रोहित शेखर ने सिद्ध कर दिया कि वह नरैण तिवारी का बेटा है। फ़ेसबुक पर नरैण दत्त छाए हुए हैं। बुढौती बेटा जो मिला है। खुशी भी नहीं मना सकते तो रो भी नहीं सकते। आखिर सांड को एक दिन बैल बनना ही पड़ता है अगर बिना मान्यता का हो तो। काली राम का फ़ट गया ढोल, हो गया उसका डिब्बा गोल... हे नरैण तू अब हरि-हरि बोल………अब अपुन काहे टैम खराब करें नरैण के पीछे चलते हैं वार्ता पर और प्रस्तुत हैं आज के बेहतरीन ब्लॉग लिंक्स……।
मै 'असम '...... मै 'असम '* *भारतीय संस्क्रति का * *सिरमौर 'असम ' ..................* * * *आज -* *जलता , झुलसता * *असम बन गया हूँ ...................* *दर्द की कतरनों से * *कई सवाल जेहन में * *उभर रहे हैं ....* *हिंसा... उम्र पूरी हुई , ख़त अधूरा रहा एक तरही मुशायरे में मेरी प्रस्तुति दिल दुखाते रहे , याद आते रहे हर घड़ी ज़ेह्न में झिलमिलाते रहे हम थे नादां जो जां तक लुटाते रहे एक संगदिल से हम दिल लगाते रहे किस नशीली नज़र से निहारा हमें उम्र भर ये क़द... कोंपलें ......और भी चलो मैं तुम्हारे साथ चलूंगी जीवन भर साथ निबाहूँगी तुम्हारे पदचिन्हों पर अपने पग रखूँगी तुम्हें अपना सर्वस्वा मानकर तुम्हें और तुम्हारे सभी को ह्रदय से अपनाऊंगी सभी अपनों को भूल कर तुम्हारे रास्ते चलूंगी...
सात सुरों की सरगम बन ..... इन्द्रधनुषी से रंगों संग हिंडोले की मैं पेंग बन जाऊँ ! नाज़ुक से ख़्वाब सजा मीठी सपनीली नींद बुलांऊ ! कांच की खनक ला यादों में काँटों की तीखी चुभन भुलाऊँ ! सात सुरों की सरगम बन मन वीणा में बरस-दरस जा... उपन्यास सम्राट प्रेमचंदउपन्यास सम्राट श्री प्रेमचन्द (1880-1936) का असली नाम धनपत राय श्रीवास्तव था |हिन्दी और उर्दू दौनों ही भाषा पर उनका सामान अधिकार था |अपने लेखन के लिए दौनों ही भाषाओं का उपयोग किया प्रारम्भ में उर्दू नें...श्रीमद्भगवद्गीता-भाव पद्यानुवाद (२३वीं-कड़ी) पंचम अध्याय (कर्मसन्यास-योग - ५.११-२०) तन, मन, बुद्धि और इन्द्रिय से सब फल की आसक्ति त्याग कर. करता कर्म है योगी केवल आत्म शुद्धि को ध्येय मान कर. (११) कर्म फलों की आसक्ति तज योगी परम शान्ति है पाता...
सावधान सोशल नेटवर्किंग आपकी नौकरी खा सकती है फेसबुक ट्विटर ने हम सभी की जिंदगी बदल दी है चलते-फिरते खाते - पीते हर बात हम लोग अपने स्टेटस पर लिख देते है ऐसा करना सही या गलत इस पर सबकी अपनी राय हो सकती है पर ये आजकल हमारी जिंदगी का हिस्सा है . ... आनंद एक तस्वीर बहुत पुरानी भी नहीं तुम बेतहाशा मुस्करा रहे हो तुम्हारी आँखों से छलका पड़ रहा है प्यार और छलक रहीं हैं मेरी आँखें तभी से !जालिमों की हकीकत को, पिरोयें कहाँ तक अल्फाजों में ! *किस कदर बेहयाई भरी ऐ खुदा तुमने इन दगाबाजों में,* *मेज तले मसलते हैं हाथों को, झाड़-पोंछते हैं दराजों में ! * * * *फलता-फूलता आ रहा यह तिजारत, बदस्तूर जमाने से,* *कहीं पोसते हैं इसे ये संत-समा...
अगस्त में जुटेंगे ब्लॉगिंग के महारथी दैनिक हिन्दुस्तान, लखनऊ,27.07.2012 लखनऊ (वरिष्ठ संवाददाता) । देश व विदेश के ब्लॉगर अगले महीने लखनऊ मे जुटेंगे । नए मीडिया के सामाजिक सरोकार पर बात करेंगे । इस बहस-मुहाबिसे मे पिछले कुछ दिनों से चर्चा के के... जय सरकार माल पचाओ सारा लेना नहीं डकार जय सरकार जी भर करो गरीबों पे तुम अत्याचार जय सरकार देशभक्त फाँसी पे छोडो सब गद्दार जय सरकार जो पद चाहे जिसे दिला दो वोट जुटाकर जय सरकार संसद के लिए सांसदों का सिक्कों ...ईश्वर १. ईश्वर की होती है जो इच्छा वह कर लेता है उसके पास समय हैं संसाधन हैं बल है छल है बहाने हैं क्योंकि वह ईश्वर है २. इधर ईश्वर नहीं सुनता है प्रार्थनाएं चीखें अनुनाद अनुरोध क्योंकि ईश्वर होता जा रहा है...
प्रीत के पांव में ... * * * * * * *प्रीत के पांव में काँटों का * *सिलसिला न मिले-* *प्रेम दूरी है ,तो राम, सीता को* *लक्षमण को उर्मिला न मिले-* * **** *दर्द ,जब त्याग, बन जाये ,* *इ..my various short stories published in dainik bhaskar DB star *1-Found a rose in my diary...* *flower was now dry,lost its smell and colour...* *but the thorn hurts even more.* * * * * *2-Cutting onions,reading sad stories,* *watching tragic movies,pretending stomach ... बी.ए. के बाद एलकेजी की पढ़ाई प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का ब्यौरा देखकर कुढ़न हुई। लगा, मुझ बी.ए. पास को पहली कक्षा में बैठाया जा रहा है। किन्तु जब, प्रशिक्षण का स्तर निर्धारण करने हेतु हम लोगों के ‘ज्ञान’ की जानकारी लेने वाला प्रश्न-पत्र स...
मैंने तुम्हे याद किया है.....!!! *गुजरते हुए हर लम्हे के साथ,* * आने वाले हर पल के साथ,* * मैंने तुम्हे याद किया है.....* * टूटते बिखरते सपनो के साथ, * * हर अनजाने और अपनों के साथ,* ....इन्तजार,,, *इन्तजार,,, शाम ढलने तक, मैंने इन्तजार किया, वर्ष बदलने तक मैंने इन्तजार किया ! मेरे लफ्ज तुमसे, कुछ कहना चाहते थे, तेरे गुनगुनाने तक मैंने इन्तजार किया ! बेवफाई बह रही थी, मेरे अश्क-ऐ-समंदर में, फिर भी ... कात्यायनी की दो कविताएँ *स्त्री का सोचना एकांत में * चैन की एक साँस लेने के लिए स्त्री अपने एकांत को बुलाती है। एकांत को छूती है स्त्री सम्वाद करती है उससे जीती है पीती है उसको चुपचाप एक दिन वह कुछ नही कहती अपने एकांत से ...
क्राइम वॉरियरमैय्या मोय तो “एनडी” सो ही “पापा” ला के दे संजीव चौहान सादर नमन। देश के कानून को। दिल्ली हाईकोर्ट की उस बेंच को, जिसने रोहित शेखर के पापा (नारायण दत्त ति... नेग और ब्याज - *सुना है तिवारी साहब किन्नरों को नेग के साथ साथ पिछले 32 सालों का ब्याज भी बाँट रहे है ???* वरना इस बाज़ार में आया क्यों था ? - "सच बोल ...सिद्धांत न बघार तू बिकाऊ है या खरीदार होगा वरना इस बाज़ार में आया क्यों था ? मैं जानता हूँ चल पड़े हैं क्रान्ति के कुटीर उद्योग कितने मशाल की मिसाल ...
बर्फ़ानी आश्रम एवं संत बालयोगी का योग ----- प्रारंभ से पढें नर्मदा माई के दर्शन करके हम बर्फ़ानी बाबा की खोज में निकले। यह पता नहीं था कि उनका आश्रम नर्मदा उद्गम स्थल के पीछे ही है। दो-चार किलोमीटर ... वरदान है "108 संजीवनी एक्सप्रेस" - शासन द्वारा डेढ़ वर्ष पूर्व 25 जनवरी 2011 को शुरू की गयी* "108 संजीवनी एक्सप्रेस"* आपात परिस्थितियों में मरीजों के लिए वरदान बन गयी है....बाबा जी के चरणों में अरबी अरबी परणाम ! - बाबा ताऊश्री के पास भक्त जनों की भीड हर समागम में बढती ही जा रही है. यूं तो दुनियां में हर वस्तु का अनुपात बराबर ही होता है. इस नियम का पृकृति में भी अपव...
चलते चलते एक व्यंग्य चित्र
9 टिप्पणियाँ:
वार्ता बहुआयामी है |अच्छी लिंक्स |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
आशा
आपका परिश्रम हमारा समय बचा देता है। 'वार्ता' पढते-पढते ही कुछ ब्लॉग पढने की सुविधा मिल जाती है।
हॉं, अपना ब्लॉग शामिल देख कर अच्छा लगा। धन्यवाद। आभार।
बेहतरीन लिंक्स....‘बुढौती बेटा’ अच्छा कटाक्ष किया है आपने....
रोचक वार्ता
बेहतरीन वार्ता के लिए आभार...
आपके यायावरी जीवन की महत्वपूर्ण सफलता "नवीन पुरातात्विक खोज- मड फोर्ट बड़े उरला " के लिए बहुत-बहुत बधाई ललितजी ...
बहुत ही अच्छी प्रस्तुति।
badiya links
अच्छे लिंक्स
सुंदर वार्ता
बहुत रोचक वार्ता..
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