शनिवार, 20 अप्रैल 2013

एवरी थिंग इज फ़ाईन... ब्लॉग 4 वार्ता... संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार..यूँ तो हमरी आदत है,  सुबह के साढ़े चार या पौने पाँच बजे उठ जाने का। बचपन से बाबा ने ऐसी आदत लगाई कि आज तक, हम उस आदत के मारे हुए हैं। हमरा जल्दी उठना कई बार, लोगों को हमको कुछ न कुछ सुनाने का ज़बरदस्त मौका दे ही देता है, 'न खुद सोती है न हमें सोने देती है', ई उलाहना हम सैकड़ों बार सुन चुके हैं। यही आदत अब हम विरासत स्वरुप अपनी बेटी को भी दे ही दिए हैं। अब हम...

शनिवार, 13 अप्रैल 2013

कबहुँ नैन हँसे, कबहुँ नैन बीच कजरा... ब्लॉग 4 वार्ता... संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार..आ जाए जब जीना और मरना जीवन के प्रत्येक पल में, हर आती जाती श्वास दे अहसास मृत्यु और पुनर्जन्म का, पहचान लें अपनी कमियाँ निरपेक्ष भाव से जो मिटा दे कलुष अंतर्मन का, देखें केवल द्रष्टा भाव से सभी अच्छे और बुरे कर्मों को, बिना किसी पूर्वाग्रह के झांकें दूसरों के अंतर्मन में और कर पायें तादात्म्य आत्मा से, लगती है सहज तब मृत्यु भी जीवन में घटित घटनाओं की तरह, नहीं होता अनुभूत कोई अंतर तब जीवन और मृत्यु में. ...लीजिये...

शनिवार, 6 अप्रैल 2013

अनुभुति की सुकृति युगे-युगे...ब्लॉग 4 वार्ता... संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार...मानव धर्म वह व्यवहार है जो मानव जगत में परस्पर प्रेम, सहानुभूति, एक दूसरे का सम्मान करना आदि सिखाकर हमें श्रेष्ठ आदर्शो की ओर ले जाता है। मानव धर्म उस सर्वप्रिय, सर्वश्रेष्ठ और सर्वहितैषी स्वच्छ व्यवहार को माना गया है जिसका अनुसरण करने से सबको प्रसन्नता एवं शांति प्राप्त हो सके। धर्म वह मानवीय आचरण है जो अलौकिक कल्पना पर आधारित है और जिनका आचरण श्रेयस्कर माना जाता है। संसार के सभी धर्मो की मान्यता है कि विश्व एक...

बुधवार, 3 अप्रैल 2013

मैं चाहे जो करूं, मेरी मर्ज़ी...ब्लॉग 4 वार्ता... संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार...एक बेहतरीन ऐतिहासिक वार्ता के बाद वार्ता में काफी रौनक दिखाई दे रही है ... उम्मीद करते हैं कि इतिहास को जल्दी-जल्दी दोहराया जायेगा...शुभकामनायें...:)....लीजिये प्रस्तुत है, आज की वार्ता ........  आओ चुनरिया सतरंगी कर दूँ - आओ चुनरिया सतरंगी कर दूँ अबकी बार होली में आओ प्रीत रंग हजार बिखेर दूं अबकी बार होली में जागा है मधुमास मास आज सुगंध लिए ॠतुराज आया ...होली...

सोमवार, 1 अप्रैल 2013

आज की एतिहासिक वार्ता में कोई भी ब्लागर बचा नहीं सब के चिट्ठे दर्ज़ हैं यहां..

सवाल : दो माइक क्यों जवाब : जब सियासी मामला हो तो मुंह दो जाते हैं     समीरलाल समीर ने एक लम्बी ज़द्दो-ज़हद के बाद ब्लागर्स की एक सियासी पार्ती की घोषणा अंतत: आज़ जबलपुर आकर कर ही दी . उनका अचानक जबलपुर आगमन हुआ.आज़ अल्ल सुबह 5:30 बजे उड़न-रक़ाबी ने जबलपुर के रामपुर एम.पी.ई.बी. की पहाड़ियों जैसे ही लैण्ड किया वैसे ही उधर मौज़ूद जबलपुरिया ब्लागर्स   सह फ़ेसबुकिये क्रमश: विजय तिवारी, बवाल, राजेश दुबे , अनूप...

Page 1 of 23412345Next
Twitter Delicious Facebook Digg Stumbleupon Favorites More