सोमवार, 18 मार्च 2013

हिटलर भी गूगल रीडर के बन्द होने से नाराज है.. ब्लॉग 4 वार्ता... संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार... मेरी ही आँखें मेरे ही अक्स को घूरती हैं अनजान की तरह वो कुछ शब्द जो यकीं दिलाते मुझे मेरे होने का क्यों नहीं बोलती कितना मुश्किल है इनकी ख़ामोशी तोडना...तुम कहते हो आसान है सब. सच कहूँ.... कुछ भी अजीब नहीं लगता, आदत सी हो गई है ,कर भी क्या सकती हूँ ,फिर भी कोशिश में हूँ,अपनी ही आँखों में, अपनी पहचान... ढूंढ़ने की...सच बहुत मुश्किल है आज की इस बनावटी मुखौटों से भरी दुनिया में खुद को भी पहचानना, आज इंसान इंसानियत भूलकर अपने इंसान होने की पहचान भी खोता जा रहा है... लीजिये प्रस्तुत है आज की वार्ता ...

जीवन झांकता है... - नवम्बर की सर्दी कुछ ख़ास नहीं और यहाँ कोलकाता में तो बिलकुल भी नहीं... सुबह के ९ बज रहे हैं, यूँ ही भटकने निकल पड़ा हूँ, बाकी के साथी आगे निकल चुके हैं...कुछ बातों की कल्पना भी मुश्किल होती है !!! - बचपन मे एक कहानी पढी थी। एक किसान के घर एक नेवला था जो बिल्कुल घर के सदस्य की तरह था। किसान दम्पति भी उसे अपने बेटे की तरह रखते थे। ..इंतज़ार - काटे न कटें रतियाँ ,वे अबहूँ न आए | बाट निहारूं द्वार खडी,विचलित मन हो जाय || भूली सारे राग रंग ,कोई रंग न भाय | पिया का रंग ऐसा चढा ,उस में रंगती जाय|| ...

सुनो कन्हाई तुम्हारी प्रीत ना हमें रास आयी - सुनो कन्हाई तुम्हारी प्रीत ना हमें रास आयी इकतरफ़ा प्रेम धुन की जो मुरली तुमने बजायी उसी धुन ने हममें भी ये बात जगायी जो तुम चाहो मोहना किसी एक का सर्वस...क्या आप अपनी औलाद से प्यार करतें हैं ??? - *ये कैसा बचकाना और बेहूदा सवाल है .....?* *यकीनन ,हर माँ-बाप अपनी औलाद को प्यार करते हैं .....* *बस,ये ही जानने के लिए आपको यहाँ खींच कर ..अब मन छायो बसंत .......!!!!!! - किसलय अनुभूति देती ..... सागर सी ... सुनील तरंग ... सुशील उमंग ..!!!! रंग भर भर ... झर-झर निर्झर बहें....! निसर्ग झूम झूम गाए... सुमंगल स्वस्तिवाचन ....! रंज और दर्द की बस्ती का मैं बाशिन्दा हूँ - ...

हमारा चेहरा - सोचता हूँ बिना पंख उड़ जाऊं और उस को कोसूं जिसने पंख नहीं दिए .... सोचता हूँ प्रारब्ध से मिली सम्रधता से टेढा चलूँ इतराऊँ पैरों तले , दबते, कीड़े मकोडों... हकीकत : दिल्ली से भीख मांगते रहे नीतीश ! - *बि*हार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली आए तो थे अधिकार मांगने लेकिन भीख मांगकर चले गए। उनके पूरे भाषण में एक बार भी ऐसा नहीं लगा जैसे वो अपने अधिकार की...कमीने क़ानून बनाने वाले-- - प्राईमरी हेल्थ सेंटर (PHC), शाहजहांपुर में दो साल की बच्ची , जिसने ठीक से चलना और बोलना भी नहीं सीखा था , के साथ वार्ड बॉय ने दो बार बलात्कार किया ! ..

डायरी का एक और सीला पन्ना.... - सफ़र में होंगे कांटें भी इस बात से बेखबर न थे मगर खबर न थी के चुभेंगे इस कदर कि तय न हो सकेंगी ये लम्बी दूरियां कभी..... (या कौन जाने ,कोई चुनता रहा हो का... .सर्वोत्तम कृषक पुरस्कार, - *होती अच्छी आय,* कृषि से बढ़िया जगत में , नहिं कोई व्यवसाय ! नहीं किसी की चाकरी , होती अच्छी आय !! होती अच्छी आय, सीख वैज्ञानिक नुस्खा !  ... कुण्डलिया - रहता हो जो गाँव में, मध्यवर्ग इंसान। "हाई-फाई" क्यों उसे, पूछें अपना मान॥ पूछें अपना मान, उसे जो प्रॉफिटवाला, "भाई रेडीमेड", खरीदें पॉकिटवाला। निकला काफी दू..

कि मोहोब्बत भी एक कफ़स है - लिख रहा हूँ मगर उस बीते हुये मौसम से बेखबर एक रूह सीने पर आ बैठी है। कहती है पीठ के तकिये को नीचे करो। इस पर सर रखो और सो जाओ. दुनिया खाली है।... .तुम्हारे लिये - तुम्हारे लिये एक बार फिर कल तुमने इतनी दूर से ही मेरे मन मेरी आत्मा को मेरे भीतर कहीं दूर तक छुआ. तुम्हारे शब्द कानों के रास्ते मेरे शरीर में अब तक घुल रहे..पर मिट्टी नहीं है ... - आओ ! आकाश में उड़ती हुई आँधियों ! बादलों जोर से गरजो ! बिजलियों थोड़ा और कड़को ! मैं ललकारती हूँ तुम्हें जितना बन पड़े तुम उतना भड़को ! अब मेरी मजबूती को ... 

पुस्तकें और पाठक .. 2 - पुस्तक की महता का कोई पैमाना शायद आज तक निश्चित नहीं हो पाया है कि वह कितनी महत्वपूर्ण है, लेकिन एक संकेत देता चलूँ कि आज जिन रचनाकारों के सामने हम नतमस्तक..हिटलर भी गूगल रीडर के बन्द होने से नाराज है - गूगल द्वारा अपनी लोकप्रिय फीड रीडर सेवा गूगल रीडर बन्द करने के निर्णय से प्रयोक्ताओं में काफी निराशा तथा नाराजगी है। इस फैसले से दुःखी लोगों की सूची में ... वाह वाह ताऊ क्या लात है? में श्री दिगंबर नासवा - होली के रंग में रंगे हुये रामप्यारे और मिस रामप्यारी दोनों ने आज इतनी भांग डकार ली कि दोनों बेसुध पडे हुये हैं. "चैन से होली मनाना है तो ताऊ की भंग पी ...  

रंगीलो राजस्थान : राठौड़ राजाओं का समाधि स्थल जसवंत थड़ा (Jaswant Thada) - मेहरानगढ़ किले से निकलने के बाद हमारा अगला पड़ाव था जसवंत थड़ा (Jaswant Thada) यानि राजा जसवंत सिंह का समाधि स्थल। पर इससे पहले कि हम किले से बाहर निकलते...Golden Temple स्वर्ण मन्दिर परिसर - अमृतसर-अमरनाथ-श्रीनगर-वैष्णों देवी यात्रा-01 इस यात्रा की रुप रेखा भी अपने कार्यालय में ही खींची गयी थी सन 2007 के जुलाई माह की बात है मैं दिल्ली में शाहद... .यहाँ पत्थर बहुत रोया वहां आंसू नहीं आते कभी सच्ची मुहब्बत को दिवाने दिल नहीं पाते, यहाँ पत्थर बहुत रोया वहां आंसू नहीं आते, रजा मेरी जुदा ठहरी रजा उसकी जुदा ठहरी, मुझे कलियाँ नहीं जँचती उसे कांटे नहीं भाते, डरा सहमा रहेगा उम्रभर ये दिल मेरा यूँ ही, तेरी फितरत से वाकिफ जबतलक हम हो नहीं जाते,...

इन्तजार रात की चौखट पर- भोर होने तक ... - रात की चौखट पर, शाम के रस्ते ही, सन्नाटे को चीर, उदासी पहुँच जाया करती है जाने क्यों, रात के घर में उजेला नहीं हुआ करता, स्वागत में बत्तियाँ बुझ जाया करती... अक्सर मैं --  आप सभी ब्लॉगर साथियों को मेरा सादर नमस्कार काफी दिनों से व्यस्त होने के कारण ब्लॉगजगत को समय नहीं दे पा रहा हूँ पर अब आप सभी के समक्ष पुन: उपस्थित हूँ ...Map your circles of creativity - *Most valuable management skill was no longer "operations" or "marketing" but "creativity--- Harvard business review * * ** *In 2010, IBM ran a survey of 1,...


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दीजिये इजाज़त नमस्कार.......

11 टिप्पणियाँ:

संध्‍या जी, बात तो चिन्‍ता की ही है। आखिर जो लोग रीडर के आदी हो गये हैं, वे बेचारे अब क्‍या करेंगे।

.......
भारतीय वैज्ञानिक ने हासिल किया नया मुकाम...

कितनी महनत करती हैं आप |पर यह ब्लॉग रोज नहीं आता कारण समझ नहीं आता |आदतन जब सुबह इसे खोलती हूँ तब अक्सत निराशा हाथ लगती है तब बहुत बुरा लगता है |
आज मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |

बहुत ही बेहतरीन वार्ता....संध्‍या जी

सुन्‍दर चयन। आज दिन भर के लिए अच्‍छी खुराक मिल गई।

बहुत ही सार्थक लिंकों का चयन,बेहतरीन प्रस्तुति.

"हिटलर भी गूगल रीडर के बन्द होने से नाराज है " वाले आलेख का लिंक आपनें दिया है लेकिन वो लेख ही गायब है !!
आभार !!

बढिया वार्ता
मुझे स्थान देने के लिए शुक्रिया

सुन्दर लिंक्स से सुसज्जित रोचक वार्ता

बहुत ही उम्दा लिंक्स,ब्लॉग वार्ता में मेरे पोस्ट स्थान को स्थान देने के लिए आभार,,

Recent Post: सर्वोत्तम कृषक पुरस्कार,

सच में हिटलर भी नाराज है गूगल रीडर के बंद होने से ....चलिए देखते हैं विकल्पों पर विचार करते हैं .....!!!

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