सोमवार, 12 अगस्त 2013

सुनो भाई गप्प-सुनो भाई सप्प... ब्लॉग 4 वार्ता... संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार... रात की झील पर.....तैरती उदास कि‍श्‍ती हर सुबह आ लगती है कि‍नारे मगर न जाने क्‍यों ये जि‍या बहुत होता है उदास ..... ऐ मेरे मौला कहां ले जाउं अब अपने इश्‍क के सफ़ीने को तेरी ही उठाई आंधि‍यां हैं है तेरे दि‍ए पतवार.... कहती हूं तुझसे अब सुन ले हाल जिंदगी की झील पर उग आए हैं कमल बेशुमार उठा एक भंवर मुझको तो डूबा दे या मेरे मौला अब पार तू लगा दे....लीजिये प्रस्तुत है, आज की वार्ता ...........

एक ऐतिहासिक दिन ... - *इंतज़ार की घड़ियाँ समाप्त ... सिर्फ 5 दिन बाद ... जी हां सिर्फ 5 दिन बाद 15 अगस्त को हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी... लगातार 1 घंटे बोलेंगे...उदास नुक्कड़, लाल चोंच वाली चिड़िया... - तो आज आखिर मेरी उससे मुलाकात हो ही गई. कितने दिनों से वो मुझे चकमा देकर निकल जाता है. कई बार तो उसकी बांह मेरे हाथ में आते-आते रह गई. और कई बार मेरा हाथ ..पागल - हाथ में पत्थर उठाये वह पगली अचानक गाड़ी के सामने आ गयी तो डर के मारे मेरी चीख निकल गयी. बिखरे बाल, फटे कपडे, आँखों में एक अजीब सी क्रूरता पत्थर लिए हाथ ऊपर..

आप चल रहे हैं न वर्धा? - वर्धा में महात्मा गांधी हिन्दी विश्वविद्यालय के तत्वावधान में ब्लागिंग पर एक और सेमीनार ( 2 0 -2 1 सितम्बर, 2013) का बिगुल बज चुका है। ..नेताओं की सुरक्षा हटा लेनी चाहिए सुरक्षा बलों को - श्रीगंगानगर-कोई भूमिका नहीं,बस आज सीधे सीधे यही कहना है कि जिन नेताओं के हाथ में देश सुरक्षित नहीं है,देश की रक्षा करने वाले जवान सुरक्षित नहीं है ..तुमको सलाम लिखता हूँ..... - याद करो वो रात.. वो आखिरी मुलाकात.. जब थामते हुए मेरा हाथ हाथों में अपने कहा था तुमने... लिख देती हूँ मैं अपना नाम हथेली पर तुम्हारी सांसों से अपनी...

सामयिक दोहे ! - बादल झाँकें दूर से,टिलीलिली करि जाँय। बरसें प्रीतम के नगर,हम प्यासे रह जाँय।। माटी की सोंधी महक,हमें रही बौराय। बदरा प्रियतम सा लगे,जाते तपन बुझाय।। ... वित्तमंत्री ... - *लघुकथा : वित्तमंत्री* चमचमाती कार से चार व्यक्ति उतर कर ढाबे में प्रवेश किये तो ढाबे का मालिक काउंटर से उठकर सीधा उनकी टेबल पर पहुँचा … क्या लेंगे हुजूर...दर्द ही दर्द - दर्द होने पर चेहरे पर विभिन्न तरह की भंगिमाएं बनती हैं। दर्दमंद मनुष्य के चेहरे को देख कर गुणी जन अंदाज लगा लेते हैं कि उसे शारीरिक या मानसिक किस तरह का ... 

धड़कन भी धड़क रही है...........!!! - हाथो में महेंदी लगी है.... कलाइयों में हरी चूड़ियाँ भी सजी है, फिर लगी सावन की झड़ी है..... कि हर आहट पर.... धड़कन भी धड़क रही है........ दस्तक - दस्तक रोती बिलखती हर गली मोहल्ले में, सांकल अपना पुराना घर ढूंढती है. सजी थी कभी मांग में जिसकी, वो चौखट वो दीवार ओ दर ढूंढती है. डाले बांहों में बांहे,...क्या से कया हो गयी - घुली मिली जल में चीनी सी सिमटी अपने घर में गमले की तुलसी सी रही शोभा घर आँगन की | ना कभी पीछे मुड़ देखा ना ही भविष्य की चिंता की व्यस्तता का बाना ओढ़े ...

रामप्यारी के चक्कर में डा. दराल ने बर्थ-डे मनाया "दो और दो पांच: के सेट पर ! - *रामप्यारी ने आजकल ताऊ टीवी का काम संभालना शुरू कर दिया है. उसी की पहल पर ब्लाग सेलेब्रीटीज से "दो और दो पांच" खेलने का यह प्रोग्राम शुरू किया गया है. ..जिन्दगी. - जिन्दगी जिन्दगी सिर्फ दो अक्षरों की कहानी है एक साँस आनी है एक साँस जानी है, मृत्यु समय धन दौलत याद नही आती याद आता है तो सिर्फ एक घूँट पानी है ....धीरज हिलता है ... - अब विश्व -यातना को और नहीं सह सकता है यह प्राण नहीं सह सकता है हे! प्रभो ...

होने को फसल ए गुल भी है, दावत ए ऐश भी है - बारिशें नहीं होती इसलिए ये रेगिस्तान है। इसका दूसरा पहलू ये भी है कि ये रेगिस्तान है इसलिए बारिशें नहीं होती। एक ही बात को दो तरीके से कहा जा सके तो हमें ... सुनो भाई गप्प-सुनो भाई सप्प – सुनो भाई गप्प-सुनो भाई सप्प मनमोहन की नाव में, छेद पचास हजार। तबहु तैरे ठाठ से, बार-बार बलिहार॥ नाव में नदिया डूबी नदी की किस्मत फूटी नदी में सिंधु डूबा जा....सिर्फ एक झूठ - आज डायरी के पन्नें पलटते हुये एक पुरानी कविता मिली.... लिजिये ये रही.. अगाध रिश्ता है सच झूठ का सच का अस्तित्व ही समाप्त हो जाता है सिर्फ़ एक झूठ से ।...


 


दीजिये इज़ाजत नमस्कार .....

18 टिप्पणियाँ:

मैं अपने ब्लॉग 'देहात' को 'Blogoday' में शामिल कराना चाहता हूँ .
इसका url है - http://dehatrkj.blogspot.com
'देहात' व्यक्तिगत ,सामाजिक ,पर्यावरण एवं कविताओं से संबंधित है .
धन्यवाद ,
राजीव कुमार झा
email- rajivj35@gmail.com

बढ़िया वार्ता ... मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए आभार !

bahute khub sandhya ji .. ek se badh kar ek rochak links sajaye apne .. :) subhkamnaye

बहुत लाजवाब चर्चा.

रामराम.

बहुत अच्छी वार्ता...
बढ़िया लिंक्स...

शुक्रिया
सस्नेह
अनु

बहुत सुंदर लिंकों का चयन,मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए आभार,,संध्या जी,,,

RECENT POST : जिन्दगी.

संध्या जी बढ़िया ब्लॉग वार्ता ४ |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
आशा

PLZ MY BLOG ADD - http://sabkuchyhan.blogspot.com/

रोचक चिट्ठों का सुंदर चयन
मेरा ब्लॉग भी शामिल करें

http://archanat18.blogspot.in/

बहुत खुब बधाई जी

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हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच} की पहली चर्चा हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती -- हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल चर्चा : अंक-001 में आपका सह्य दिल से स्वागत करता है। कृपया पधारें, आपके विचार मेरे लिए "अमोल" होंगें | आपके नकारत्मक व सकारत्मक विचारों का स्वागत किया जायेगा | सादर .... Lalit Chahar

सुन्दरम मनोहरम ब्लॉग वार्ता।

सुंदर वार्ता सुंदर सूत्र ।

मै अपना ब्लॉग http://prathamprayaas.blogspot.in आपके ब्लोगोदय पर शामिल करना चाहती हूँ रिप्या मेरे ब्लॉग को भी शामिल करें.. मैने आपका ब्लॉग का लोगों भी अपने ब्लॉग पर लगा लिया है..
धन्यवाद

मैं मेरा ब्लॉग 'आपकी सहेली' जिसका लिंक है 'http://jyotidehliwal.blogspot.com' को ब्लागोदय में शामिल करना चाहती हूँ. कृपया मेरे ब्लॉग को शामिल करे...
शुक्रिया.

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