सोमवार, 21 जून 2010

डैड , आई वांट टू बी जस्ट लाईक यू डैड .. ब्‍लॉग4वार्ता ... संगीता पुरी

आप सबों को संगीता पुरी का नमस्‍कार , उम्‍मीद है , रविवार को पोस्‍ट किए गए महत्‍वपूर्ण चिट्ठों की चर्चा आप सबों को अवश्‍य पसंद आएगी।


कल फादर्स डे था , इस खास मौके पर ब्‍लॉग जगत में बहुत सारे पोस्‍ट हुए , डॉ सुभाष रॉय जी ने बहुत ही बढिया लेख लिखा है , हे पिता मनुष्‍य को बचा लो । खुशदीप सहगल जी ने भी फादर्स डे के इतिहास की चर्चा की है। अनुराधाजी ने भी यादों के फ्रेम में जड़ी तस्वीरें पोस्‍ट की हैं। डैड , आई वांट टू बी जस्ट लाईक यू डैड ! यह कह रहे हैं अजय कुमार झा जी
इस अवसर पर बी एस पाबला जी की पोस्‍ट भी ध्‍यान देने योग्‍य है। के सी वर्मा जी लिखते हैं ....

पिता बिना नही मिलता जीवन,  मिलती पहचान ,
पिर्तु बिना ना मिलती जग में ,आन-बान और शान 

पिता हमारे- तुम्हारे दोष- गुणों का परमाण होता है ,
तुम सगुणी तो पिता है पारस ,नही वो पाषाण होता है 


डॉ अजमल हुसैन खान की रचना पर भी एक नजर ......
पिता वो हैं जो जीवन
राह पे चलना सिखाते हैं ।
डगर कैसी भी हो हर
हाल में बढ़ना सिखाते हैं ।
जो हम गिरते संभलते हैं
वो बढ़कर थाम लेते हैं 



कल दिन था पिता का जादू ने तो पिता को हैप्‍पी फादर्स डे कहा , माधव ने भी अपने पापा के लिए एक पोस्‍ट लिखा , पर जाकर तो देखिए आदित्‍य मां का राजदुलारा बना हुआ है


जून महीने में भी गरमी चरम पर है , तभी तो धीरज शाह जी ने पोस्‍ट किया है , गरमी में इंसान ही नहीं जानवर भी प्‍यासा है, इसके साथ ही पढिए बेचैन आत्‍मा क्‍या कह सही है । अब गर्मी है तो लोग दही भी खाएंगे , दही की परिभाषा यहां पढें। मुल्‍ला नसरूद्दीन की 72वीं रचना को लेकर आए है गजेन्‍द्र सिंह जी। जींस की महिमा के बारे में जानकारी दे रहे हैं विनोद कुमार पांडेय जी


कुमारेन्‍द्र सेंगर जी ने पहली पॉडकास्टिंग के रूप में हास्‍य कविता पोस्‍ट की है ,आप भी आनंद लें। देव बाबू ने आज अपने ब्‍लॉग पर 100 वीं पोस्‍ट की है , उन्‍हें हमारी बधाई !आचार्य वाग्‍भट्ट के बारे में जानकारी देते हुए  काब्‍य शास्‍त्र का 19 वां भाग लेकर आए हैं मनोज कुमार जी


मयंक भारद्वाज जी पी डी एफ फाइलों को जोडना सिखा रहे हैं। टाइटिल टैग्‍स से संबंधित टिप्‍स दे रहे हैं सुनील जी।  चंदन कुमार जी फ्री में वेबसाइट बनाने के बारे में जानकारी दे रहे हैं। सॉफ्टवेयर के रूप में पीरियोडिक टेबल को दिखा रहे हैं नवीन प्रकाश जी।


राजकुमार ग्‍वालानी जी जानकारी दे रहे हैं कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खासकर एशियाई देशों में बॉडी बिल्डिंग से महिलाओं को जोडऩे के लिए अंतरराष्ट्रीय महासंघ ने महिलाओं के लिए नियमों में बदलाव किए हैं। एंडरसन को भारत लाने के लिए केन्‍द्र सरकार के दबाब के बारे में जानकारी दे रही है कुसुम ठाकुर जी। अनुराग शर्मा जी  का कहानी प्रस्‍तुत करने का अंदाज ही गजब है , आज पढिए .. 'एक शाम बार में' । डॉक्‍टर गांव जाने के नाम से ही भागते हैं , ऐसे में सरकार ने गांव जानेवाले डॉक्‍टरों को बोनस अंक देने का फैसला किया है। 


इन दिनों विविधता से भरा है हिंदी ब्‍लॉग जगत , यहां कैरियर से जुडी खबरें भी हैं , तो जी के अवधिया जी के द्वारा हिन्दी की अंग्रेजी के प्रति दासता पर चिंतन भी हो रहा है। मनीष जी ने जीजा के प्रति उपजी शार्ट टाइम ईर्ष्या के कारण अपनी कलम चलायी है तो संजीव तिवारी जी के द्वारा केन्‍द्र सरकार के द्वारा जिंदल समूह के काम रोकने के साहसी कार्रवाई का भी पोस्‍ट है। यशवन्त कोठारी का व्यंग्य : मातमपुर्सी की साड़ी भी पढने को मिल रही है , वहीं सचिन अहीर बता रहे हैं कि अब मुंबई में भी फ्ल्‍ैट सस्‍ते मिलेंगे। धर्मेन गोयल जी ने जानकारी दी है कि किडनी ट्रांसप्‍लांट करना अब आसान होगा।  अजेय बताते है , बाढे पूत पिता के धर्में  , तो नितीश के बिहार में राहत के सच का खुलासा कर रहे हैं एस एन विनोद जी । यहां तक कि हिमांशु पांडेय जी ने 'रामायण' की आरती पोस्‍ट की है।

रविवार, 20 जून 2010

डबल ख़ुशी का दिन --- १००वी ब्लॉग वार्ता ,१००वा फादर्स डे



आज तो ख़ुशी का अवसर हैं! आप पूछेंगे क्यों? तो बता देते हैं! आज १००वा फादर्स डे मनाया जा रहा हैं और साथ ही ब्लॉग  वार्ता की यह १००वी ब्लॉग वार्ता हैं! तो हुआ न डबल ख़ुशी का दिन!!!!!!!













शुक्रवार, 18 जून 2010

चलो अब चलू ...बहुत हो गया .........छुट्टिया ख़तम--ब्लोग 4 वार्ता ----ललित शर्मा

बस्तर में सुबह के ८ बज रहे हैं और हम आगे घूमने जाने की तैयारी कर रहे हैं.लोटपोट का चूहा गायब है. लगता है सामने के मंदिर में मोदक का भोग लगाने गया है. उसके बिना बहुत ही कठिनाई हो रही रही है वार्ता लिखने में.चूहे के बिना ही काम चलाने की कोशिश हो रही है.अगर काम बन जाये to ठीक है.ब्लॉग जगत का भ्रमण करके कुछ लिंक आपके लिए लेकर आये हैं.मैं ललित शर्मा आपको ले चलता हूँ आज की ब्लोग 4 वार्ता पर.........  आज सिर्फ शीर्षक दे रहा हूँ............

ड्यूटी जाते समय कर्मचारी को ट्रक ने टक्कर मारा, मौत



अच्छे विचार : बुरे विचार


झांसा खाना, झांसा देना

गुज़री है आज मेरे पाँव छूकर.....


चलो अब चलू ...बहुत हो गया ..................छुट्टिया ख़तम..........



गुरुवार, 17 जून 2010

चलती का नाम गाड़ी-ब्‍लॉगिंग फिर से शुरू==बलॉग4वार्ता-----ललित शर्मा

नमस्कार मित्रों, मानसून की पहली बरसात हो रही है,इसे प्री मानसून की बरसात कहा जा रहा है। कल हमारे घर में बतर कीरी(पतंगा, शलभ) भरमार हो गयी थी। बतर कीरी इसलिए कहा जाता है कि पहली बरसात में यह अपने बिलों से निकल कर बाहर आ जाती है और कुछ देर बाद इसके पंख झड़ जाते हैं। छत्तीसगढी में बतर का अर्थ होता है खेतों की जुताई और बुआई का समय। इनके निकलने से किसान समझ जाता है कि बरसात होने वाली है और खेती किसानी का समय हो चुका है। इसलिए इसे खेती के लिए संकेत भी माना जाता है। चलिए मैं ललित शर्मा आपको ले चलता हुँ ब्लाग वार्ता पर.....

आज पहले एक नया चिट्ठा लेते हैं "चलती का नाम गाड़ी" इस पर आपको यात्रा वृतांत पढने के लिए मिलेंगे तथा आपके अवश्य ही काम आएगा इसकी पहली पोस्ट पढिए"चलती का नाम गाड़ी" से चलिए तुरतुरिया-लव कुश की जन्म भूमि मित्रों, पाठकों की मांग पर हमने 'चलती का नाम गाड़ी' नामक यह ब्लाग प्रारंभ किया है, आपको यहां यात्राओं से संबंधित वृतांत पढने मिलेंगें। इसी के शुभारंभ की कड़ी में चलिए आज तुरतुरिया चलते हैं.बरसात हुयी है, मौसम ठंडक है. ऐसे में इस प्राचीन स्थल का भ्रमण करनाएक नयी यात्रा के मंसूबे के साथ लौट आए---अचानकमार के जंगल गाड़ी में अवधिया जीहम बिलासपुर पहुंच कर कोटमी सोनार जाना चाहते थे जहां क्रोकोडायल पार्क बना हुआ है। उदय भाई को साथ लेकर हम पहुंचे अरविंद झा जी के पास, उन्हे साथ लिया और चर्चा हुयी कि अब किधर चलना है? तो बात-चीत से फ़ैसला हुआ कि कोटमी सोनार न जाकर, रतनपुर..

वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता का रिजल्ट काऊंट डाऊन शुरु प्रिय ब्लागर मित्रगणों,हमने वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता के आयोजन की घोषणा 16 मार्च 2010 को की थी. तब से इस में शामिल की गई रचनाओं का प्रकाशन ताऊजी डाट काम पर निरंतर जारी था. इस प्रतियोगिता मे हमें आशातीत रचनाएं प्राप्त हुई. इस प्रतियोगिता के सभी.. चाय बिन मांगे , पानी मांगे से हम पिलाने लगे ---एक ग़ज़लकहते हैं -- अतिथि देवो भव: । हमारे देश में अतिथि का आदर सत्कार करना परम कर्तव्य माना जाता है । लेकिन ऐसा लगता है कि बदलते ज़माने के साथ यह सोच भी बदल रही हैं । बोर्ड रूम में मीटिंग चल रही थी । अस्पताल की ग...

ब्‍लॉगिंग फिर से शुरू  .अमिताभ बच्‍चन एक दिन अविनाश वाचस्‍पति के घर आए आप क्‍यों मुस्‍कराए बिग बी तो थे खूब मुस्‍कराए कौन बनेगा करोड़पति मैं हुआ है/था इसी का प्रचार लेनोवो मुझे तो यही याद आता है हो सकता है गलत भी हो। पर गलत ...स्टेज पर मोहम्मद रफ़ी साहब को गाते हुये सुनिये और नौशाद साहब भी साथ में हैंएक बहुत सुन्दर गाना है "मधुबन में राधिका नाचे रे". स्वयं रफी साहब को गाते हुये देखिये, नौशाद साहब साथ में खड़े हैं. एक divine feeling है इस गीत में. object width="500" height="405"> रफी साहब के सबसे छोटे ...

सब मसालेदार है जी...सुबह के नाश्ते में मसालेदार पराठा, मसालेवाली चाय, हाथ में मसालेदार अख़बार में मसालेदार ख़बरों की चुस्की, मसालेदार लंच का डब्बा, मसालेदार स्कूटर को, मसालेदार किक लगा कर, मसालेदार ट्राफिक में, मस...थोड़ी पचक गई थी तोंद, उसे बढ़ाया आज हो गया हूँ "विचार शून्य" * कार्यालय से आते ही अपनी तोंद पे नजर दौड़ाया आवाज सुनाई दिया, भूख लगी है, भोजन बना नहीं था, पैकेट में रखी मूंगफल्ली चबाया. देर नहीं लगी भोजन ब...

भीख मांगता बचपन: दिल्ली से योगेश गुलाटी दिल्ली में मेट्रो ने जिधर का रुख किया उधर वैभव और विलासिता के नित नये नज़ारे उभर आये! या यों कहें कि उन्नति की प्रतीक अट्टालिकाओं की शोभा बढाने मेट्रो ट्रेन भी वहां जा पहुंची! पन्द्रह साल पहले तक नोएडा एक सुन... मैं अच्छा कैसे बन जाऊं, मैं अच्छाई से डरता हूँ.... इसमें कुछ प्रश्न छिपे हैं जो कभी बचपन में उठा करते थे...फिर आज की एक सोच दिखानी चाही...प्रश्न अभी भी मन में है...इसलिए आपसे उत्तर की आशा रखता हूँ..... मर्यादा जीवन भर पूजी, बदले मे वनवास मिला... बड़ी सत...

आनन्द और लक्ष्मी कहां वसते हैं ? सन्तुष्टो भार्यया भर्ता भर्त्रा भार्य्या तथैव च।* *यस्मिन्नेव कुले नित्यं कल्याणं तत्र वै ध्रुवम्* ।। मनु.।। *जिस कुल में स्त्री से पुरूष और पुरूष से स्त्री सदा प्रसन्न रहती है उसी कुल में आनन्द लक्ष्मी और...अब तो बस दे दे दरस, ओ सांवरे अब तो बस दे दे दरस, ओ सांवरे अब तो बस दे दे दरस, ओ सांवरे जग की ज्वाला में जला मन, ढूंढे तेरी छाँव रे अब तो बस............................................ एक तेरी प्यास तेरी आस, हर एक श्वास...

आखिर हम लोग नमक क्यों कम नहीं कर पाते ? यह तो शत-प्रतिशत सच ही है कि नमक का ज़्यादा इस्तेमाल करने से ब्लड-प्रेशर होता ही है---वही चोली दामन वाला साथ, कितनी बार हम लोग इस के बारे में बतिया चुके हैं। लेकिन फिर भी जब मैं अपने आस पास देखता हूं तो पाता...देसिल बयना - 34 : पूत सपूत तो का धन संचय.... करण समस्तीपुरी राम-राम ! अरे ई दुनिया का है ? वृथा मोह-माया है। आदमी भौतिक सुख-सुविधा के पाछे रन-रन करते रहता है। कौनो-कौनो आदमी के लिए तो धने संपत्ति सबस बड़का चीज होता है। मगर लालटेन प्रसाद ऐसन में स...

ब्लागरोत्थान की कोचिंग क्लास पार्क की एक बैन्च पर तीन मित्र बैठे है, मिश्रा, अनोखेलाल और चौबे----तीनों ही हिन्दी के ब्लागर. अब ये आपके सोचने पर है कि आप चाहे तो इसे किसी ब्लागर मीट का नाम दें या मित्रों की आपस की गुफ्तगू. अब इनमें मिश...दो खुशखबरियां, सिगरेट छोड़ने के नुस्खे के साथ आज आपको २ समाचार सुनाता हूँ.. पहली तो खुशखबरी है कि अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सा समुदाय का आयुर्वेद में विश्वास बढ़ता ही जा रहा है.. खुद ही देख लीजिये, 'हाथ कंगन को आरसी क्या??(चित्र पर चटका लगा बड़ा कर ...

नेतागिरी हमारे छत्तीसगढ़ की छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना सन 2000 में की गई । बिना किसी प्रयास के आसानी से बन गया था यह राज्य । राज्य बनते ही राजनीति ने यहां नई करवट ली। दिल्ली से फ़रमान आया और अजीत जोगी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैढ़ गए ।.जन जन तक ज्‍योतिष के ज्ञान को ले जाने का प्रयास -कल के आलेख से हमें जानकारी मिली कि आसमान के गोलाकार 360 डिग्री के 12 भाग कर 12 राशियां बना दी गयी है। अभी तक तो आपको इनके नाम भी याद हो गए होंगे। जन्‍मकुंडली में जिस खाने में 1 लिखा होता है , वह मेष राशि क...

ऐ जिन्दगी ! मैं संवारूं भी तुझे तो क्या सोचकर ! जख्म जो दिए, वो रखे है मैंने ज़िंदा खरोंचकर ! ऐ जिन्दगी ! मैं संवारूं भी तुझे तो क्या सोचकर !!* * मुरादें बही सब धार में, फंसा ही रहा मझधार में, अब लाभ है क्या, सैलाब के अवशेषों को पोंछकर ! ऐ जिन्दगी !...क्या हुआ जो ना चढा पोस्ट ब्लोगवाणी पर क्या हुआ जो ना चढा पोस्ट ब्लोगवाणी पर वाह-वाही ना मिली छोटी - बङी नादानी पर. मैने जो कविता कहा तुने वही कहानी लिखी कुछ ने चटका न भरा ब्लोग की दिवानी पर. उनकी झूठी , मामुली बातें चढी जो आसमां अपनी बातें रेत...

चलते चलते आज का कार्टून

 
 MASTAN TOONS --पर--फ़ुटबाल फ्लू ...

बस आज यहीं पर वार्ता को देते हैं विराम--आपको ललित शर्मा का राम राम

बुधवार, 16 जून 2010

तीन टाँग का कौआ,बैल बाजार,थानों की हक़ीक़त,गाँव-गाँव गौशाला----ब्लाग4वार्ता

नमस्कार मित्रों, कल रात मानसून की पहली बरसात हुयी और हम जी भर के भीगे। शहर से घर के लिए चले थे तो आकाश में बस बादल छाए हुए थे। जब 5किलोमीटर चल लिए तब बरसात प्रारंभ हुयी फ़िर पूरे 22किलोमीटर भीगते हुए आए। बड़ा मजा आया, मानसून की पहली बरसात में भीगना आनंददायक रहा। आज से स्कूल भी प्रारंभ हो रहे हैं। बच्चों में भी स्कूल जाने के लिए उत्साह है, अब चहल-पहल प्रारंभ हो चुकी है। अब चलिए मेरे साथ आज की ब्लाग वार्ता पर, लेते हैं कुछ चिट्ठे...........

खुशदीप सहगल जी का मक्खन आज संगीता पूरी जी के ब्लाग पर पहुंच गया है, क्यों और कैसे ये आप देखिए खुशदीप सहगल जी का मक्‍खन .. आज मेरे ब्‍लॉग पे मक्‍खन पहली बार शहर जा रहा था , मक्‍खनी को भय था कि वहां मक्‍खन बेवकूफ न बन जाए, क्‍यूंकि उसने सुना था कि वहां के लोग गांववालों को बहुत बेवकूफ बनाते हैं' 'शहर से लौटकर मक्‍खन ने बताया कि वो खामख्‍वाह ही उ...राजकुमार सोनी जी को मिला है एक मुडा-तुडा नोट.. एक मुडा-तुडा पांच का नोट शायद आपके किसी काम न आए लेकिन मेरे लिए इसकी अहमियत थोड़ी ज्यादा है * *नौकरी को अपनी माशूका बनाने के लिए जब मैं भागता रहा एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर तब..... तब एक मुडा-तुड़ा नोट ह...

कबाड़ खाना पर अशोक पांडे जी बता रहे हैं कि सारे पेड़ भागते हैं मेरे पीछे नंगे पांव ...आज सुबह आपने निज़ार क़ब्बानी की कुछ छोटी छोटी प्रेम कविताएं पढ़ीं. उसी क्रम को बढ़ाते हुए अब पेश हैं इसी कवि की प्रेम कविताओं की अगली किस्त. मैं उम्मीद करता हूं यह इन प्रेम कविताओं की आख़िरी किस्त नहीं होगी....संजय भास्कर जी कह रहे हैं छोटे मांगे तो भीख बड़ा मांगे तो चंदा है ........!! लोकल बस से उतरते ही जैसे हमने एक दोस्त से माचिस मांगी , हाथ बढ़कर , कर देख रहा था एक भिखारी उसने भी हाथ पसार दिए हमने भाषण झाड़ते हुए कहा *' भीख मांगते हुए शर्म नहीं आती ' ?* वह बोला .... मगर भिखमंगा ...

कौशल तिवारी जी खरी खरी कह रहे हैं वेदांता की दादागिरी,गैस त्रासदी पर न्याय? न्याय प्रणाली को लेकर इन दिनों पूरे देश में बहस चल पड़ी है। प्रक्रिया से विलंब होते फैसले ने नैसर्गिक न्याय के सिध्दांत को तो पीछे छोड़ा ही है आम लोगों का विश्वास भी तोड़ा है। पिछले दिनों न्यायालय के दो फैसले ऐ...कल अवधिया जी बहु्त खुश दिखाई दे रहे हैं क्योंकि कल हमारे नापसन्दीलाल छुट्टी पर थे जब कोई वस्तु अनायास ही उपलब्ध हो, और वह भी मुफ्त में, तो उस वस्तु का उपयोग करने की इच्छा जागृत हो ही जाया करती है। ब्लोगवाणी ने भी हम सभी को नापसन्द वाला बटन उपलब्ध करवाया हुआ है; और वह भी बिल्कुल मुफ्त मे...

अरविंद झा जी क्रांति दूत पर बता रहे हैं गुलामी. वह गुलाम है लेकिन उसकी मानसिकता नहीं. क्या हो गया जो उसने दो वक्त की रोटी के लिये ठाकुर से कुछ रुपये उधार ले लिये, इसके बदले में ठाकुर ने भी तो उसकी जमीन गिरवी रख ली थी.दो दिनों से उसका बेटा बीमार था कैसे ...उपदेश सक्सेना जी कह रहे हैं गैस ने बिगाड़ा महंगाई का हाज़मा. भोपाल गैस कांड पर आये फैसले ने एक और जहां देश भर की जनता जो उद्वेलित कर दिया है वहीँ केन्द्र सरकार को इसने एक बड़ी राहत भी दी है. देश में महंगाई ने एक बार फिर नई ऊँचाईयों छ...

दिलीप कह रहे हैं दिल की कलम से आसमान से टूटा तारा...आँख से टूटी पलक....और इंसान की फितरत... अक्सर सोचता हूँ जब भी तारा टूटता है या पलक का बाल टूट कर गिरता है...तो हम कुछ मांगते क्यूँ है...उसी सवाल का जवाब जो सोच पाया वही है ये रचना...पुरानी है...थोड़े संपादन के साथ... नभ के दामन से कल इक सिता... गोदियाल जी अंधड़ पर कह रहे हैं मन की ! बात, आप सुनिए,आजकल यात्रा एवं अत्यधिक व्यस्तता की वजह से अपने ब्लॉग के लिए कुछ लिख पाने में असमर्थ हूँ , फिर भी जब भी वक्त मिलता है कंप्यूटर खोल टिपियाने बैठ जाता हूँ ! इस टिपियाने और ब्लॉग जगत का विचरण करने का भी अपना ...

जापानी मौसी ले आई है तीन टाँग का कौआ अब दक्षिण अफ्रीका में FIFA (फ़ेडरेशान इंटरनेशनेल डी फुटबॉल एसेसिएशन) वार्ल्ड कप कल रहा है। फुटबॉल जापन में बेसबॉल के बाद सब से दूसरे लोकप्रिय खेल है। 2002 के वार्ल्ड कप, जापान और दक्षिण कोरिया, दोनों देशों ...कासे कहुं पर कविता जी महेश्वर यात्रा कर आई हैं, उनके अनुभव में आप भी शरीक हों,छुट्टियों में कही जाने का कार्यक्रम नहीं बन पाया तो सोचा चलो एक दो दिन के लिए महेश्वर ही हो आया जाये.वैसे मालवा की गर्मी छोड़ कर निमाड़ की गर्मी में जाना कोई बुध्धिमात्तापूर्ण फैसला तो नहीं कहा...

गि्रीश पंकज जी का गीत सुनिए हर घर में हो एक गाय और गाँव-गाँव गौशाला ... गाय... कहने को मनुष्येतर जीव है. लेकिन देखा जाये तो वह अपनी माँ से बढ़कर है. माँ का दूध हम दो साल तक पीते हैं लेकिन गाय कादूध जीवन भर. गाय से बनी चीज़ें भी हमारे साथ जीबव भी चलती है,. दही, मठा, छाछ, खीर, महिला थानों की हक़ीक़तबता रहे हैं डॉक्टर आशुतोष शुक्ला जीदेश में भ्रष्टाचार ने किस तरह से अपने पाँव पसार रखे हैं और किसी भी अच्छे काम को किस तरह से पलीता लगाया जाना है इसका ताज़ा उदाहरण सीतापुर जनपद मुख्यालय पर स्थापित महिला थाने में देखने को मिला. जनवरी माह में ...

देखिए-ब्लागर पहुंचे बैल बाजार जुन का माह किसानों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इस माह में किसान अपने खेतों को चौकस करते हैं, मेड़ सुधारते हैं। खेतों में बिखरे हुए कांटों को चुनकर जलाते हैं ताकि फ़सल लगाने के मौके पर पैरों में न चुभ...कौन थी आशा थी तुम्हारी कौन थी आशा थी तुम्हारी जो अभी पानी थी याद कैसी थी हमारी जो नहीं आनी थी हमने क्या दखल दिया ,आप खुद ही आ बैठे बचके जो निकल गए , राह को ही ले बैठे साथ होने में बुराई भी नहीं मानी थी || याद कैसी .... मन में जब...

अब चलते-चलते एक कार्टून

 

 
वार्ता को देते हैं विराम-आप सभी को ललित शर्मा का राम-राम

सोमवार, 14 जून 2010

टन्न और चियर्स --प्रियतम होते पास अगर----ब्लॉग 4 वार्ता---ललित शर्मा

दो दिनों की यात्रा के कारण वार्ता लिखने में चूक हो गई, अभी समय मिलते ही कुछ चिट्ठों के लिंक आप तक पहुचाते हैं. चलते हैं आपके साथ ब्लॉग 4 वार्ता पर तथा पेश करते हैं कुछ चिट्ठे.........

पहला चिटठा लेते हैं क्या आपने कभी देखा है ऐसा सम्मलेन ? कवि सम्मलेन और लोकतंत्र, हर बार लोगों को ठगने के बावजूद अपनी लोकप्रियता और आम जन की आस्था के कारण अस्तित्व में बने रहते हैं | शहर में विराट कवि सम्मलेन का आयोजन होने जा रहा है इसे कई दिनों से प्रचारित औ...झप्पी से जुड़ते हैं दिल संजय दत्त ने मुन्नाभाई एमबीबीएस में हिंदुस्तानियों को कुछ नए शब्द दिये हैं. एक है-जादू की झप्पी, हमारे यहाँ किसी के स्वागत में उससे गले मिलने की रवायत पुरानी है, अब विज्ञान ने इस बात पर ...

औजार के प्रति लगाव  JAPANI MAUSI KI बात कल जापान के वैज्ञानिक उपग्रह, क्षुद्रघह अंवेषी, हायाबुसा 7 सालों के बाद अंतरि क्ष से वापस आया। सालों अनेक काम करके आखिर वायुमंडल में आकर जल गया। इस हायबुसा को भूरि प्रशांसा करते आवाज़ जापान में भरा था। ज़र... अम्माजी का लचीलापन (लघु कथा ) अम्माजी की तीखी आवाज़ घर से सटे छोटे से किचन गार्डेन से पार होती हुई पूजा करती हुए शुभी के कानों तक पहुंची । कल ही गाँव से आई है अम्माजी और आज सुबह सुबह पूरे घर की व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए किचन गार...

प्रियतम होते पास अगरप्रियतम होते पास अगर मिट जाती है प्यास जिगर ढ़ूँढ़ रहा हूँ मैं बर्षों से प्यार भरी वो खास नजर टूटे दिल की तस्वीरों का देता है आभास अधर गिरकर रोज सम्भल जाएं तो बढ़ता है विश्वास मगर तंत्र कैद है शीतल घर म...पहली बार दारु.. मैगी, सुट्टे के बाद(झाँसी के किस्से... हास्य से)--------->>>दीपक 'मशाल'  . अब जब मैगी और सुट्टे के प्रथम पान की कथा आपसे बिन पूछे ही कह सुनाई तो सोचता हूँ कि मदिरापान पुराण क्यों छोड़ा जाए??? वैसे भी इस मामले में मैं मोतीलाल नेहरु जी को ठीक मानता हूँ कि जब गांधी जी ने उनसे एक बा...

भारत में कुपोषण चिन्ता ही नहीं चिन्तन भी कीजिये श्रद्धा मंडलोई की रिपोर्ट में वे कहतीं हैं "यूनिसेफ के मुताबिक विकसित देशों में 150 मिलियन (15 करोड़) बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। जैसाकि हम सभी जानते हैं भारत दक्षिण एशिया में बसा हुआ है, जहां करीब 78 मिलि... ताऊ पहेली - 78 (Hazarduari Palace Museum, Murshidabad ) विजेता श्री Smart Indian - स्मार्ट इंडियन  प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली 78 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है Hazarduari Palace Museum, Murshidabad (West Bengal) और इ...

जीवन..... पुनर्निर्माण के दौराहे पर पिछली पोस्ट से लगातार (५) खट्टी मीठी जिंदगी के टेढ़े मेढ़े रास्तों पर, मीठे मीठे सपनो की बात ही न्यारी है/ जिंदगी के साथ साथ जनम लेते हैं सपने, सपनो ... घर में जगह ए़क घर बनाया है हमने भी रख कर सपनो को गिरवी घर में जुटाई जरुरत और गैर जरुरत के सामान कुछ सुविधाएँ और कुछ देखा देखी ख्याल रखा घर कैसा लगेगा दोस्तों की नजरों में फिक्र की कैसा लगेगा घर पडोसी की नजरों में ब...

टन्न और चियर्स ! एक साथ ऊपर उठकर हवा में छलकते पैमाने, मदयम 'टन्न' की स्वर लहरी, चेहरे पे मंद-मंद बिखरती सारे दुःख-दर्द , ग़मों पर मानो कोई विजयी मुस्कराहट , और मटकती आँखों का वो नशीला अंदाज ! मुद्दत से, सोचता हूँ पता नहीं क्...तू तो यशोदा है मगर मैं कृष्ण न बना...जब भी मैं गिरा आँख से आँसू तेरे गिरा... मुझको जो सदा थामता आँचल का वो सिरा... शीत मे छाती से वो चिपका हुआ बचपन... वो गोद मे तेरी कहीं दुबका हुआ बचपन... मैं चल रहा समेटते यादें यूँ अनमना... तू तो यशोदा है ...

जन जन तक ज्‍योतिष के ज्ञान को ले जाने का प्रयास - ३ आज एक बार फिर से शीर्षक में परिवर्तन करते हुए पिछली कडी को आगे बढा रही हूं। हमारा सामना अक्‍सर कुछ वैसे लोगों से होता है , जो ऐसे तो कभी ग्रहों या ज्‍योतिष पर विश्‍वास नहीं करते , पर जब कभी लंबे समय तक चलन...शहरोज़ भाई को समर्पित एक कविता...खुशदीप दो दिन से मेरठ था...आज आकर नेट खोला तो *सतीश सक्सेना* भाई की पोस्ट और *अविनाश वाचस्पति* भाई की ईमेल...*शहरोज़* भाई को लेकर पढ़ीं...तब से मन इतना खट्टा है कि बता नहीं सकता...देश के सिस्टम पर क्रोध भी बड़ा आ...

सेटिंग और दलाली का मजा... राज्य बनने के पहले भोपाल के पत्रकारों और पत्रकारिता की स्थिति को लेक रायपुर में अक्सर निंदा की जाती थी कि वहां किस तरह की पत्रकारिता होती है कैसे पत्रकार दो-पांच के लिए मंत्रियों और अधिकारियों से सेटिंग कर ...अब आया ऊँट पहाड़ के नीचे अब आया ऊँट पहाड़ के नीचे* हमें क्या मालूम था, लोगों के आशीर्वाद मिल रहते थे वे थे सब "छद्म" और थे हम आँख मीचे अब न रहेगा बांस ना रहेगी बांसुरी "*घुरुवा" *हट जाएगा हम तो लेते हैं विदा इस ब्लॉग की दुनिया से, ...

जिंदगियाँ सँवारने वाला हो तलाक कानून डॉ. महेश परिमल* हिंदू विवाह कानून में संशोधन को केंद्र ने मंजूरी दे दी है। इसके अनुसार एक साथ रहते हुए दंपति को लगे कि अब साथ-साथ रहना मुश्किल है, तो उन्हें आराम से तलाक मिल जाएगा। देखा जाए, तो तलाक एक ऐ... हमें तो सिर उठाकर जीने की आदत है ~~~ माना कि आप कद में मुझसे बहुत बड़े हो* *पर मेरे सामने तो सिर झुकाये खड़े हो * *हमें तो सिर उठाकर जीने की आदत है* *रास्ता दीजिये मुझको, क्यूँ रास्ते में अड़े हो * **  गुगल सर्च से स...

ब्लोगर महान नहीं होता, महान होता है पोस्ट सीनियर ब्लोगर, जूनियर ब्लोगर, बड़े ब्लोगर, छोटे ब्लोगर, महान ब्लोगर .... आखिर क्या है यह? ब्लोगर महान होता है या उसका पोस्ट उसे महान बनाता है? हमारा तो मानना है कि सिर्फ रचना ही छोटी, बड़ी या महान होती है जो...ओह ले भाई, हम्बै, हरियाणवी मखौल आज की पोस्ट श्री ताऊ रामपुरिया जी, श्री ललित शर्मा जी, श्री राज भाटिया जी, श्री डाO टी एस दराल जी, श्री मो सम कौन जी, श्री नीरज जाट जी और हरियाणवी पसन्द करने और समझने वालों के लिये स्पेशली प्रकाशित की है। ...

अब लेते हैं विराम ---आप सभी को ललित शर्मा का राम राम

रविवार, 13 जून 2010

अचानकमार (अमरकंटक) के घने जंगलों में..ललकार रहे हैं अलबेला जी …चूहा तो महज़ प्राणी है

दोस्तों…आज बड़े दिनों बाद इस चर्चा के जरिये आप सबसे रूबरू होने का मौका मिला है …अपनी पसंद के कुछ लिंक दे रहा हूँ..उम्मीद है कि आपको भी पसंद आएंगे
 
ललकार रहे हैं अलबेला जी
बहुत घमण्ड है अपने रिकोर्ड पर बी एस पाबला को 

बता रहे हैं योगेन्द्र मौदगिल जी कि…
छोरियां क्या से क्या हो गई …


 maudgil
अतिथि तुम कब आओगे?
जूनियर ब्‍लाँगर एसोसिएशन इलाहाबाद मीट "आधिकारिक निमंत्रण पत्र"
देखिये…खेल-खेल में संगीता जी क्या देन का प्रयास कर रही हैं?
खेल खेल में ज्‍योतिष की जानकारी देने का प्रयास - 2sangita
पहली बार मैग्गी…पहली बार सूट्टा…सब सोच रहे होंगे ये सांड अकेला क्यूँ छुट्टा dipak हिन्दुस्तानी होने के फायदे बता रहे हैं योगेश शर्मा योगेश शर्मा

अचानकमार (अमरकंटक) के घने जंगलों में गुप्त ब्लॉगर मीट

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कसाब के बैडलक के बारे में जानिए क्रितिश भट्ट के इस कार्टून से

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हरिभूमि में प्रकाशित शाह नवाज़ का व्यंग्य पढ़िए
"चूहा तो महज़ प्राणी है"

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