दोस्तों…आज बड़े दिनों बाद इस चर्चा के जरिये आप सबसे रूबरू होने का मौका मिला है …अपनी पसंद के कुछ लिंक दे रहा हूँ..उम्मीद है कि आपको भी पसंद आएंगे
ललकार रहे हैं अलबेला जी बहुत घमण्ड है अपने रिकोर्ड पर बी एस पाबला को | बता रहे हैं योगेन्द्र मौदगिल जी कि… छोरियां क्या से क्या हो गई … |
अतिथि तुम कब आओगे? जूनियर ब्लाँगर एसोसिएशन इलाहाबाद मीट "आधिकारिक निमंत्रण पत्र" | देखिये…खेल-खेल में संगीता जी क्या देन का प्रयास कर रही हैं? खेल खेल में ज्योतिष की जानकारी देने का प्रयास - 2 |
पहली बार मैग्गी…पहली बार सूट्टा…सब सोच रहे होंगे ये सांड अकेला क्यूँ छुट्टा | हिन्दुस्तानी होने के फायदे बता रहे हैं योगेश शर्मा |
अचानकमार (अमरकंटक) के घने जंगलों में गुप्त ब्लॉगर मीट | कसाब के बैडलक के बारे में जानिए क्रितिश भट्ट के इस कार्टून से |
हरिभूमि में प्रकाशित शाह नवाज़ का व्यंग्य पढ़िए "चूहा तो महज़ प्राणी है" | |
12 टिप्पणियाँ:
बढिया चर्चा राजीव जी
बधाई
बढिया
आईये जानें .... क्या हम मन के गुलाम हैं!
वाह जी, बढ़िया नन्हीं सी चर्चा.
चोखी चर्चा लागे
फोटुएं देखकर ही मज़ा आ गया अलबेला जी ।
अतिथियों के प्रति ऐसी सोच पाश्चात संस्कृति का प्रभाव है... हमारे लिये तो देवता है, और सभी को प्रात: संगम भी ले जायेगे।
वाह .. बढिया !!
चर्चा अच्छी लगी .. मेरे ब्लॉग के लिंक के लिए आपका आभार !!
वाह क्या बात है!
बेहतरीन!
आपने इतनी मेहनत से सुन्दर चर्चा तैयार की.. ब्लॉगजगत को बढ़ावा देने के लिए ये भी महत्त्वपूर्ण है.. आभार आपका.. मसि-कागद को याद रखने के लिए भी..
बढ़िया प्रस्तुति ...आभार
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