शुक्रवार, 11 जून 2010

जूता-सास गारी देवे-न अगाड़ी न पिछाड़ी -ब्लाग4वार्ता------ललित शर्मा

आज ब्लाग वार्ता विलम्ब हो गयी क्योंकि कल से नेट खराब चल रहा था।एक ब्लागर मीट की चर्चा है अविनाश जी के ब्लाग पर। उन्हे हमारी शुभकामनाएं, ब्लागर मीट होनी चाहिए, ब्लागर मिलते रहने चाहिए। यह ब्लाग जगत के लिए अच्छा ही है। अब मै ललित शर्मा आपको फ़टाफ़ट कुछ लिंक दे रहा हुँ.............

सबसे पहले लेते हैं रजनीश परिहार जी का चिट्ठा--दोष एंडरसन का नहीं हमारी व्यवस्था का है... भोपाल गैस काण्ड एक बार फिर चर्चा में है..मिडिया में एंडरसन के बारे में बहुत कुछ लिखा जा रहा है !अब तत्कालीन कलेक्टर मोती सिंह ने कई नयी बातें सामने रखी है!ये सच है की भोपाल गैस कांड का सबसे बड़ा गुनाहगार ...बाबूलाल दमदार,लाचार है सरकार!-ऐसे फैसलों से ही ईमानदार होते हैं हताश वैसे तो पहले से ही इस बात का अंदेशा था कि आईएएस बाबूलाल अग्रवाल साफ बच निकलेंगे। अपनी दमदारी का लोहा मनवा चुके पूर्व कृषि सचिव बाबूलाल को जिस तरह से निलंबित करने में सर...

बेतहाशा काम, बेशुमार दाम, इससे हुई मौतें तमाम *डॉ. महेश परिमल* एयर इंडिया एक्सप्रेस की दुबई से मेंगलोर आने वाली फ्लाइट दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसके कारणों की जाँच चल रही है। ब्लेक बॉक्स मिल गया है। अभी तक जो भी पता चला है, उससे यही लगता है कि यह दुर्घट... आया यौवन का ज्वार--एक गीत रामेश्वर शर्मा जी छत्तीसगढ एक जाने माने कवि एवं साहित्यकार हैं। इन्होने कई छत्तीसगढी फ़िल्मों के लिए गीत लिखे हैं। हिन्दी और छत्तीसगढी में निरंतर लेखन कार्य करते हैं। साथ ही साथ भोजपुरी में भी लिखते हैं। इ...

प्रीत का रंगप्रीत चदरिया ऐसी ओढ़ी हो गयी मैं बेगानी अपना पता खोजती डोलूं बन के मैं दीवानी बांसुरी की धुन पर वन -वन खोजूं बन के मैं मतवाली श्याम प्रीत की ओढनी ओढ़ के हो गयीं मैं अनजानी श्याम के रंग में ऐसी रंग गयी...आओ हुजुर तुमको सितारों में ले चलूँ आज हम ब्लोगोत्सव की सुनहरी यादों को आपके समक्ष रखने का विनम्र प्रयास कर रहे हैं , ताकि उन महत्वपूर्ण क्षणों को आप करीब से महसूस कर सकें जिससे आप वंचित रह गए थे . हम शुरुआत ब्लोगोत्सव के समापन समारोह से कर...

हताश और निराश लोगों.. शायद यह कविता आपके काम आ जाए जो कोई भी यह कहता है कि वह जीवन में कभी निराश नहीं हुआ तो शायद वह झूठ बोलता है। फरेब और मक्कारी का पंजा जब संवेदनशील आदमी को जकड़ता है तो आदमी मौत को भी गले लगाने के लिए आतुर हो जाता है। एक दिन ऐसे ही निरा... भोपाल गैस त्रासदी : उस दिन क्या हुआ था?-तब मैं पैदा भी नहीं हुआ था। मुझे आज तक यह नही पता था कि उस दिन आखिर क्या हुआ था? सामान्य ज्ञान की किताबों में थोड़ा सा लिखा रहता, ऐसी दर्दनाक घटना के बारे में सुन कर ज्यादा जानने की इच्छा होती लेकिन...

यह सड़क कहीं नहीं जाती... आज की पोस्ट सचित्र देने का मूड हुआ है. जीवन की आपाधापी में कई चित्र ऐसे सामने आ जाते हैं कि मुंह से बरबस वाह निकल जाता है, ऐसे ही कु छ फोटो मुझे मिले, जिन्हे मै आपसे साझा करने का लोभ रोक... क्यों नींद उनको सारी रात नहीं आती---- भाई तिलक राज कपूर जी का लेख पढ़कर ग़ज़ल लिखना सीखने का प्रयास किया है । इस में मत्ला और मक्ता सहित सिर्फ पांच शेर (अश`आर ) कहे हैं । इसमें काफिया --आत है जैसे गात , रात , बात आदि । रदीफ़ है --नहीं आती । पहले...

सास गारी देवे दिल्ली-6 पर मिली टिप्पणियों के बाद 'सास गारी ... ' पारंपरिक छत्तीसगढ़ी लोक गीत का मूलतः रिकार्डेड 'ऑडियो' और 'टेक्स्ट' देना जरूरी लगा, इसी दौरान एक छत्तीसगढ़ी फिल्म में फिर से यह गीत आया है। हबीब तनवीर जी की...जीवन पथ जीवन के छोटे से पथ पर कदमों के छोटे से रथ पर बढते हैं हम जीवन पथ पर पग-पग रखकर बढते हैं हम ऊंचे-नीचे जीवन पथ पर मिलते हैं कुछ ऎसे पत्थर देते हैं जो हमको टक्कर खाते ठोकर - देते ठोकर टक्कर देते बढते हैं हम जी...

जूता जूता पैरों में होता है सभी जानते हैं कोई नयी बात नहीं लेकिन जूता पैरो की ठोकरों में रहता है सदैव झेलता हुआ तिरस्कार अवहेलना हां मैं कर रहा हूं जूते की बात जो पैरों में नहीं हमारे बीच रहता है -- न अगाड़ी न पिछाड़ी ... उफ्फ !! ये नई गाड़ी (लघुकथा) *मार साले को .... अबे तेरे बाप की गाड़ी है जो खरोच मार दिया. पकड़ लो साले को ! * *और मैं भी नई चमचमाती गाड़ी को देखने लगा. खरोंच को भी देखने की जिज्ञासा हुई. पूरी गाड़ी देखा पर खरोंच नजर नही आई. * *उधर उस ...

भला नीबू में क्या खासियत सही कहा न मैंने.नीबू में तो एक ही गुण होता है - पानी, सलाद और भोजन के स्वाद में ज़रा सी मीठी-मीठी खटास पैदा करना और ये बात तो सब जानते हैं. ये कौन सी नयी बात है ? ज़रा याद कीजिए कि बचपन में दोपहर में जब माता...बचपन-शोभना 'शुभि' बहुत दिन हुए कवितायें लिखते हुए. आज सोचा एक और लिखू पर न जाने कैसे दिमाग में एक बात आ गयी. या यूँ कहो कुछ यादें दिमाग पर छा गयी. जून का महीना, गर्मी ने है सुख छीना, याद आई गयी वो बचपन की गर्मी की छुट्टियाँ...

खोटे सिक्के क्यों चलाता है स्वतन्त्र देश में लागू होता है हम पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार चलती है लेखनी हमारी जिसमे होती नही धार आता नहीं है हमें किसी से लेना उधार प्रतिबिम्ब हमारा कहता है हमसे मालूम है तुझे स...और ऐसे शुरू होती है लड़ाई...खुशदीप  मेरे दोस्त पीटर और उसकी पत्नी रबैका के बीच लड़ाई की शुरुआत कैसे होती है... पीटर रबैका को कैंडल डिनर के लिए रेस्तरां ले गया... पीटर ने रेस्तरां में अपने लिए ऑर्डर दिया...*चिकन सूप, चिकन रोस्टेड, चिकन कोर...

नापसन्दी का जो चटका है हमारा ....(पैरोडी...ये जो चिलमन है दुश्मन है हमारी ) नापसन्दी का जो चटका है हमारा इतना तगड़ा ये फटका है हमारा दूसरा और कोई यहाँ क्यूँ रहे मेरी ही पोस्ट के दरमियां क्यूँ रहे हाँ यहाँ क्यूँ रहे ये यहाँ क्यूँ रहे हां जी हां क्यूँ रहे ये जो हाट लिस्ट है...बचपन (माँ की गोद में)खट्टी मीठी जिंदगी के टेढ़े मेढ़े रास्तों पर, मीठे मीठे सपनो की बात ही न्यारी है/ जिंदगी के साथ साथ जनम लेते हैं सपने, सपनो के साथ चलती जिंदगी हमारी है/ जीवन का पहला साल, सपनो से मालामाल, माँ की गोद मी...

सुनिए पत्नी म्हात्तम--ताऊ शेखावाटी द्वारा--------ललित शर्मा कई दिनों पहले ताऊ शेखावाटी ने मुझे फ़ोन पर बताया था कि वे रायपुर पहुंच रहे हैं 7 तारीख को प्रखर समाचार वालों ने धमतरी में कवि सम्मेलन में बुलाया है। हमें भी इंतजार था कि ताऊ जी से पुन: मुलाकात होगी। ताऊ जी...एक संपादक ने किया पत्रकारिता को शर्मसार पत्रकारिता जगत के इतिहास का कल का दिन एक काला दिन था। काला दिन इसलिए कि एक संपादक की करतूत के कारण सारा पत्रकारिता जगत शर्मसार हो गया है। कम से कम हमारे ढाई दशक की पत्रकारिता में तो हमने ऐसा न कभी देखा और ...


अब देते हैं वार्ता को विराम - सभी को ललित शर्मा का राम-राम
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22 टिप्पणियाँ:

सुन्दर चर्चा....अच्छे लिंक्स मिले...

ललित जी
आप योग्य व प्रतिभाशाली ब्लागर हैं, यदि आप चर्चा में तीन से पांच पोस्ट की चर्चा शामिल करें जो आपके नजरिये से महत्वपूर्ण हों, तब आपका मान सम्मान "चर्चा जगत" में निश्चिततौर पर ऊंचा होगा, शुभकामनाएं!
आचार्य उदय

महराज पाय लागी। बने लगाये हस खोटा सिक्का ल घलो। आभार्। मोला आज अब्बड देर होगे हे। जाथौ अभी. सन्झा जुवर गोठियाबो। जय राम जी की।

महत्वपूर्ण पोस्ट, साधुवाद

बहुत शानदार चर्चा………………मेरी पोस्ट को जगह देने के लिये आभार्।

बहुत अच्छा लगता है चर्चा के लिए ब्लॉग देखने में |बधाई
आशा

बहुत शानदार चर्चा………………मेरी पोस्ट को जगह देने के लिये आभार्।

बहुत-बहुत धन्यवाद। आपने मेरी पोस्ट को शामिल किया उसके लिए। चर्चा भी शानदार है।

बहुत अच्छा लगता है चर्चा के लिए ब्लॉग देखने में |बधाई
आशा

बहुत-बहुत धन्यवाद।

lalit ji meri post ko sthan dene ke liye aapka aabhar... saath hi kai achhe blog links mile... hindi blogging ko apke prayas se jati milegi aur mil bhi rahi hai

मेरी पोस्ट को जगह देने के लिये आभार्। ब्लोगवाणी पर पसंद नापसंद को लेकर सब आपस में क्यूँ झगड़ रहें है ?आप जैसे वरिष्ठ ब्लोगर कृपया कुछ करें....

ललित जी
सादर अभिवादन
आपकी चर्चा में देर से आने की माफ़ी दीजिये
सफ़ल चर्चा उत्तम लिंक


ऎई-शाब्बास्से ! ऎसी मनमोहक प्रस्तुति और इतनी सफ़ाई से लिंक पिरोये हैं कि आपकी मेहनत पर प्यार और इसे अब तक न देख पाने के लिये अपुन पर गुस्सा आता है । बेहतरीन !

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