मंगलवार, 8 जून 2010

एक पैग और---अब तो बस करो--फिजूल खर्ची--ब्लाग4वार्ता-----ललित शर्मा

मानसून आने को है किसानों ने अपनी तैयारी कर रखी है, खेत जोतकर, खाद डाल कर अब इंतजार हो रहा है बरसात का। लेकिन मौसम के भविष्य वक्ताओं ने कहा है कि इस वर्ष बरसात कम होगी। याने फ़िर सूखे का सामना करना पड़ सकता है, अरे यार! जरा शुभ-शुभ बोलो, कहो कि वर्षा अच्छी होगी। सच्चे दिल से प्रार्थना करो भगवान भी सुनेंगे। अब मै ललित शर्मा ले चलता हुँ आपको कुछ उम्दा चिट्ठों की चर्चा पर.............

शुरुवात करते हैं क्रांतिदूत से.तेरा यौवन सुन्दर-वन सा मृग-नयनी सी आंखें तेरी होठ तुम्हारे कमल फ़ूल सा केश घने बादल के जैसा तेरा यौवन सुन्दर-वन सा. तेरा तन हो जैसे चंदन रंग तुम्हारा किरण सूर्य का तेरा मन है मलय पवन सा तेरा यौवन सुन्दर-वन सा. उद्यान-शिला से वक्ष...कारवां गुजर गया गुबार देखते रहे ---एक शाम वरिष्ठ कवि गोपाल दास नीरज जी के साथ --- २८ मई को दिल्ली के हिंदी भवन में सुप्रसिद्ध वरिष्ठ कवि एवम गीतकार श्री गोपाल दास नीरज का एकल काव्य पाठ सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । ८६ वर्ष की आयु में भी नीरज जी का कविता के प्रति उत्साह देखकर दंग रह जान...

बेवजह की शोध: फिजूल खर्ची!! एक समाचार पढ़ता था...अब आ गई सिगरेट छुड़ाने वाली मशीन दिल्ली के दो सरकारी अस्पतालों और इनके तंबाकू से निजात दिलाने वाली क्लिनिकों में कंपनयुक्त एक्यूप्रेशर तकनीकी की जल्द ही शुरुआत हो सकती है। जर्मन निर... एक रात अघोरियों के साथ @ अघोरवासा रात के बारह बज चुके थे । उस वातानुकूलित कमरे में मैं , नतालिया और सवेटा मौजूद थे । सवेटा नेट पर किसी फ़्रेंड से चैटिंग में व्यस्त थी । नतालिया बेड पर मेरे पास ही तीन तकियों के सहारे अधलेटी सी बैठी थी । हमने... 

मज़ा शीघ्र चला जाता है, परन्तु कलंक हमेशा लगा रहता है माना कि श्रेष्ठ कार्य में मेहनत पड़ती है, मेहनत शीघ्र समाप्त हो जाती है, परन्तु कीर्ति अमर रहती है; जब कि नीच काम में, चाहे उसके करने में मज़ा भी आता रहा हो, मज़ा शीघ्र चला जाता है, परन्तु कलंक हमेशा लगा ... धन्य है ब्लागदुनिया !!! ब्लागजगत में कदम रखते समय कभी नही सोचा था कि "ब्लागदुनिया" सचमुच इतनी मायावी व प्रभावी होगी ... सचमुच चमत्कार से कम नही है .... न जाने कितने महापुरुषों से परिचय करा दिया ... सचमुच धन्य है ब्लागजगत !!

आपको बुरा लगे तो लगे मगर यह जरूर कहूंगागाय-भैंस एक बार बहुत सारा चारा खा लेती हैं और बाद में आराम से बैठ कर जुगाली करती हैं। मेरी ये पोस्टें भी मेरी जुगाली ही है। पिछली ब्लागर मीट ने मेरे दिमाग में कुछ विचार भर दिये हैं। इस ब्लागर मीट में मुख्य...मेरठ ब्लागर्स मीटिंग, मज़ा आ गया... शनिवार रात तकरीबन दस-सवा दस बजे अविनाश जी का फोन आया कि रविवार को मेरठ चलना है, वहाँ ब्लोगर्स की एक बैठक रखी गई है, मैं नए शहरों की यात्रा ज़्यादा पसंद करता हूँ, सो मना करने का सवाल ही नहीं ...

तिकड़म से ही मिलती हैं टिप्पणियाँ टिप्पणियाँ पाना भला किसे अच्छा नहीं लगता? ऊपर-ऊपर से भले ही हम कहें कि हम टिप्पणियों की परवाह नहीं करते पर जब हम अपने भीतर झाँकते हैं तो लगता है कि हमें भी टिप्पणियाँ पाने में खुशी होती है। *हिन्दी ब्लोगिं...उत्तराखंड की महत्वपूर्ण परम्परा है भिटौली भिटौली शब्द भेंट से बना है जिसका शाब्दिक अर्थ स्थानीय भाषा में मिलने से होता हैए जहां तक इस त्योहार का समबन्ध है तो इसमें शादीशुदा लड़्की के मायके वाले अपनी बहनध्बेटी को उसके ससुराल में जाकर भेंट ;यहां पर ...

सरकती जाये है रुख से नकाब आहिस्ता आहिस्ता आज रविवार का दिन है. आज "*सन डे सत्संग*" का दिन है . आज ध्यान केंद्र में भोजन में खिचड़ी और आमलेट बनाना तय हुआ है .मै आवश्यक सामग्री लेकर ध्यान केंद्र पहुँच गया हूँ .मेरे बाद डाक्टर अनिल वास्ती आये . मैने... हिंसा की देवी,तुम सुन रही हो न..? हिंसा की देवी, तुम सुन रही हो न..? * * * *हिंसा की देवी, * *तुम सुन रही हो न..? * * * *जब तुम अपने कोमल होंठों से गाती हो * *हिंसा के गीत * *तब लगता है, एक सुन्दर फूल* *काँटों के सा...

बस आँखों में दिखता पानी सूखे खेत, सरोवर,झरने,बस आँखों में दिखता पानी हाहाकार मचा है जग में,छाए मेघ न बरसा पानी। भ्रष्टाचार के दलदल में अब,अपना देश धंसा है पूरा कौन उबारे, सबके तन में ठंडा खून रगों का पानी। अब रक्षक को भक...विरोधी समूह के द्वारा प्रशंसा और सम्‍मान .. इससे बडा सुख क्‍या हो सकता है ??अपने तो हमेशा प्रशंसक होते हैं , इसलिए उसकी प्रशंसा आपको उतना सुख नहीं दे सकती , जितना एक विरोधी के द्वारा आपकी प्रशंसा किए जाने पर होता है। एक विरोधी के द्वारा प्रशंसा किए जाने का अर्थ है कि आप सही राह चल...

दीनदयाल शर्मा की कविता - समय समय* गलत काम में गुस्सा आता, धीरज क्यों नहीं धरता मैं। उम्मीदें पालूं दूजों से, खुद करने से डरता मैं।। आलस बहुत बुरी चीज है, किसको कैसे बतलाऊं। आलस की नदिया में बैठा, अपनी गागर भरता मैं।। समय क...अब तो बस करो... सुन लो ये मौन-क्रंदन,* *उसका भी है* *कुछ कहने का मन!* *अभी चल रही थी* *तैयारी उसके आने की,* *अभी विचारो में तुम्हारे* *पनप रहा है उसका दमन,* *तब नहीं सोचा था* *अब सोच रहे हो...* *तब के अवसर को समस्या जा...

मोर लीलावती के लीला - बियंग कहां बोचक के जाबे तें। डोंगरी-पहाड़, अलीन-गलीन, जिहां हाबे, तिहां ले खोज के निकालिहौं। सात तरिया में बांस डारूंगा। केकंरा और मुसुवा के बिला मं हाथ डारहूं। अइसे काहत बइहाय गदहा कस किंजरे लगेंव। हुरहा पोस्टम... बात है कुछ रोज़ पहले की.....बात है कुछ रोज़ पहले की, टेढ़ी मेढी पगडंदियों से गुज़र रहा था... भोर होने वाली थी, पूरब से सूरज का मद्धम प्रकाश बिखर रहा था... पतझड़ के सताए, एक बूढ़े बरगद के नीचे, अचानक ठिठक गया... उन सूखी, बढ़ती उम्र की...

ए का जिनिस ए = यह क्या चीज है आनी बानी के बियन्जन अउ ओखर नाव। काला बचांव अउ काला खांव. एखरे ऊपर एक किस्सा के सुरता आगे. एक झन गवैंहा हा हलवाई के दुकान माँ जाथे अउ कई परकार के चीज माढ़े रथे ओमा ले एक मा इशारा करके पूछथे जी. ए का जिनिस ...क्या आसान, क्या मुश्किल-2...खुशदीप जीत की खुशी का इज़हार करना आसान होता है...* * * *हार को गरिमा के साथ स्वीकारना बहुत मुश्किल...* * * * * * * *हर रात सपना देखना आसान होता है...* * * *सपने को पूरा करने के लिए संघर्ष बहुत मुश्किल...* * * 

एक पैग और जिंदगी में जब भी कदम लडख़ड़ाए और आप गिर भी जाए तो डरना मत हिम्मत और हौसले से अपने को फिर से खड़ा करना और आवाज देना वैटर एक पैग और*  जो हमने दास्ताँ अपनी सुनाई आप क्यों रोये.....आवाज़ 'अदा' की.... आवाज़ 'अदा' की....* जो हमने दास्तां अपनी सुनाई, आप क्यों रोए तबाही तो हमारे दिल पे आई, आप क्यों रोए हमारा दर्द\-ए\-ग़म है ये, इसे क्यों आप सहते हैं ये क्यों आँसू हमारे, आपकी आँखों से बहते हैं ग़मों की ...चित्रावलियाँ-एक मुसाफ़िर के मोबाईल से.............!सूर्योदय हो गया है दूर जंगल में जुआ खेलते लोग (बस इतना ही जूम था मोबाईल में) इटारसी का प्लेट फ़ार्म इटारसी रेल्वे स्टेशन (यहां से मुम्बई एवं गुजरात -गोवा का रास्ता है) लहलहाते खेत सोने (कनक) के ...



चलते चलते एक कार्टून




 वार्ता को देते हैं विराम--सभी को ललित शर्मा का राम राम

14 टिप्पणियाँ:

जय राम जी की ललित भाई। डबरे (गड्ढे) का पानी भी होगा बडा उपयोगी। इसे कार्टून के जरिये आपने बताया है, आप तो सचमुच हैं योगी।

बहुत अच्‍छे अच्‍छे लिंक्स मिले .. अच्‍छी वार्ता की है आपने !!

बने सुघ्घर चरचा करे हस महराज! जय हो!!

badiyaa charcha ,cartoon khaas pasand aaya

आपकी तीखी नज़र से अच्छे अच्छे लिंक मिले पढने के लिए महाराज ! हमारा टाइम बचाने, और अपना टाइम खोटी करने के लिए धन्यवाद !

चोखा चर्चा रस...

जय हिंद...

अच्‍छी वार्ता की है आपने !!

बहुत बढ़िया वार्ता ......आभार |

आपने आज भी अच्छे लिक्स दिए हैं। चर्चा के लिए आभार।

बेहतरीन लिंक्स मिले ..आभार

बढिया चर्चा महाराज्!

बढ़िया चर्चा-उम्दा लिंक्स!!

बहुत अच्‍छे अच्‍छे लिंक्स मिले ..
आभार...!

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