शुक्रवार, 24 जून 2011

मेरे सपनों का भारत .. एक पत्र प्रधानमंत्री के नाम .. ब्‍लॉग4वार्ता .... संगीता पुरी



 मेरे सपनों का भारत ऐसा ही तो है। सरकार ने देश के हर परिवार को प्रति माह प्रतिव्यक्ति रु.500.00 के हिसाब से सहायता राशि देने की घोषणा कर रखी है किन्तु उसे लेने के लिए कोई दावेदार नहीं मिल रहा है। क्‍या करें ...कभी ख्‍वाहिश नहीं होती कभी पैसे नहीं होते। भारतीयों ने नहीं किसी को छलना सीखा , अब  धोखा और विश्वास तो कभी कभी होगा ही। अपने हिस्‍से का सुख  कैसे छोड दे कोई ?? इसलिए तो लग रहा है  ... क्या यही गांधी का, आजाद हिन्दोस्तान है  !! आखिर विचारों का जीवन चक्र तो चलता ही रहेगा। मनुष्य के व्यक्तित्व के प्रतिबिंब उसके विचार होते हैं ... सोचते विचारते हैं , काम करते हैं । गलती कर कर के बने, महा-अनुभवी लोग | इसमें अब  ईश्वर की क्‍या गलती है ??








18 टिप्पणियाँ:

वार्ता का यह नया अंदाज और प्रस्तुतिकरण ...!

बहुत सुंदर प्रस्तुति . अपनी रचना का लिंक इसमें सम्मिलित देखना सुखद अनुभूति है । धन्यवाद एवं शुभकामनाएँ ...

सुंदर अंदाज़ और रोचक प्रस्तुति । सारे लिंक्स महत्वपूर्ण लगे । शुभकामनाएं

संगीता दी बेहद उम्दा अंदाज़ ... बधाइयाँ औए शुभकामनाएं !

संगीता जी,आज गजब चर्चा की है आपने,
एक स्क्रीप्ट में सभी लिंक पिरो दिए।
अंतिम पंक्ति कमाल की बनी है।

साधु साधु साधु

वाकई ब्लॉग वार्ता........शुक्रिया..

बहुत बढ़िया संयोजन ... अच्छी वार्ता

क्या बात है संगीता जी आज पहली बार आई हूँ आपने तो मन मोह लिया

संगीता जी,वाकई बहुत सुन्दर संयोजन है. जिसप्रकार आपने विषयों को जोड़ा है,अद्भुत है. सभी पाठकों के चेहरे पर "मुस्कान" बनी रहे.

बहुत-२ शुक्रिया संगीता पुरी जी...

वाह वाह वार्ता का बहुत ही रोचक अन्दाज़ है।

संगीता पुरी जी,
बहुत बहुत धन्यवाद ब्‍लॉग4वार्ता में शामिल करने के लिए |
आपकी इस प्यार भरी मेहनत की जितनी भी प्रशंसा की जाय कम है |
इतने सारे और खूबसूरत से पेश किये गये लिंक्स के लिए आभार |

संगीता जी,
यदि माँ शारदा ने आभूषण धारण किये हों.... हार. अंगूठी. पायल आदि ..
सबसे पहले जिसपर दृष्टि पड़ेगी... वह अधिक द्वितिवान आभूषण ही होगा.
जब पाठ्य रचना से अधिक आकर्षक दृश्य रचना हो जाती है तब पाठ्य रचना में निहित सौन्दर्य कमतर लगने लगता है. इसलिये इन्हें अलग-अलग ही रखना चाहिए.
इससे मौलिकता प्रसन्न होती है.
इस बात को आपके ब्लॉग-संकलन पर कह पा रहा हूँ. आपने श्रेष्ट लिंक लिये. आभार.

संगीता जी, आपने कितनी मेनहत व खूबसूरती से सारे लिंक्स प्रस्तुत किये है, मुझे शामिल करने के लिये ... आभार !

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