मंगलवार, 23 अक्तूबर 2012

ब्लॉग जगत की नव देवियाँ- अष्टमी...ब्लॉग 4 वार्ता... ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार ............. माँ दुर्गा जी की आठवीं शक्ति का नाम महागौरी है | इनका वर्ण पूर्णत: गौर है | इनकी गौरता की उपमा शंख, चक्र और कुंद के फूल से की गई है | इनकी आयु आठ वर्ष की मानी गई है- ' अष्टवर्षा भवेद गौरी ' | इनके वस्त्र एवं समस्त आभूषण आदि भी श्वेत है | इनकी चार भुजाएं है | इनका वाहन वृषभ है | इनके ऊपर के दाहिना हाथ अभय-मुद्रा में तथा नीचे वाले दाहिने हाथ में त्रिशूल है | ऊपर वाले बायें हाथ में डमरू और नीचे वाले बायें हाथ में वर मुद्रा है | इनकी मुद्रा अत्यंत शांत है | अपने पार्वती रूप में जब इन्होने शिव जी को पति रूप में पाने के लिए तपस्या की थी तो इनका रंग काला पड़ गया था | इनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान् शिव ने इनके शरीर को पवित्र गंगा-जल से मल कर धोया तब इनका शरीर बिजली की चमक के सामान अत्यंत क्रन्तिमान-गौर हो गया | तभी से इनका नाम महागौरी पड़ा |  

श्वेते वृषे समारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः |
महागौरी   शुभं  दधान्महादेवप्रमोददा ||
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आज मिलिए सुषमा 'आहुति' जी से मार्च 2011 कानपुर  से  ब्लॉगिंग कर रही हैं। अपने बारे में लिखते हुए कहती हैं -  सुषमा "आहुति" शिक्षा-बी.एड.एम.ए.( यु जी सी नेट समाजशास्त्र) कार्य-डिग्रीकॉलेज में प्रवक्ता... पिता-श्री हरी चन्द्र माता-श्रीमती जमुना देवी.... .....पता-कानपुर ब्लॉगलिंक-sushmaaahuti.blogspot.com परिचय-मेरा परिचय तब तक अधूरा है जब तक मै अपने माता पिता का जिक् ना कर लूँ आज मै जो कुछ भी हूँ इनके ही त्याग और कठिन संघर्ष के कारण ही हूँ इनके ही दिये आर्शीवाद और दिये संस्कारो से ही आज मैने अपनी पहचान बनायी है..!!!!........... रंग तितलियों में भर सकती हूँ मैं...... फूलो से खुशबू भी चुरा सकती हूँ मैं.... यूँ ही कुछ लिखते-लिखते इतिहास भी रच सकती हूँ मैं......!!! 

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इनकी प्रथम पोस्ट:

एक लम्हा...!!!

एक लम्हा जो जिँदगी से कभी गया नही,
 हम भूले हो उसे एक पल के लिये ऐसा भी कभी हुआ नही..!

 रास्ते बहुत थे कुछ जाने पहचाने कुछ अन्जाने,
 पर मंजिल तक जो जाता,
 हमे ऐसा कोई रास्ता मिला नही..!!

 हमे वो मिला है जो नसीब मेँ था,
 किसी से शिकवा कोई गिला नही,
 हमने निभाया है जिँदगी का साथ हर हालात मे,
 मुकाम और भी मिल सकते थे,
 पर वक्त ने साथ दिया नही...!!!

 एक लम्हा जो बदल सकता था जिँदगी के मायने,
 बहुत कोशिश की जिँदगी को बदलने की,
 पर जिँदगी से वो लम्हा मिला नही......!!!!


अद्यतन पोस्ट: 

कोई रिश्ता है हमारा......... !!!


         इस रिश्ते को क्या नाम दूँ..?         
सिर्फ महसूस होता है....

कि हमारा कोई रिश्ता है.....


नज़र नही आता किसी को,

दिखाई देता भी नही है...

सिर्फ हवा के झोकों के साथ,

साँसों को महसूस होता है...

कि हमारा कोई रिश्ता है..


पन्नो पे लिखा जा सकता नही,

शब्दों में बांधा जा सकता नही..

निशब्द सा कोई रिश्ता है हमारा......


ख्वाबों में भी सजाया जा सकता नही,

ख्यालों में भी लाया जा सकता नही...

धडकनों के साथ महसूस होता है...

कि हमारा कोई रिश्ता है....


सवाल कोई करता नही,

ज़वाब भी कोई चाहता नही....

निरूत्तर सा है कोई रिश्ता 
है हमारा....

आगाज़ कोई करता नही,

अंजाम भी कोई चाहता नही,

अनंत सा है कोई रिश्ता 
है हमारा.....

ना कुछ कहना चाहता है किसी से,

ना ही कुछ सुनना चाहता है किसी से....

ख़ामोशी को बयां करता कोई रिश्ता है हमारा...........


ना किसी सफ़र की चाह है इसको,

ना किसी मंजिल की तलाश है इसको...

मेरी परछाई के साथ-साथ चलता....

कोई रिश्ता है हमारा.........


आज की वार्ता समाप्त करते हैं कल फिर आपसे मुलाकात होगी तब तक के लिए राम-राम .............

10 टिप्पणियाँ:

सुषमा जी से परिचय करवाने के लिए आभार ललित जी|विजय दशमी पर हार्दिक शुभ कामनाएं |
आशा

सुन्दर कवितायें, शुभकामनायें।

सुंदर रचनाएँ ... सुषमा जी को शुभकामनायें

बहुत अच्छा लगता है इन्हें पढना...सभी को विजयादशमी की अग्रिम शुभकामनायें...

बहुत सुन्दर रचनाएँ.

सुषमा जी की रचनाएँ बहुत सुन्दर एवं भावपूर्ण होती है..
सुषमा जी शुभकामनाएँ आपको....
:-)

thank u sir... aapne mujhe aap sabhi ke bech parchit karya.....aapka bhaut-bhaut abhaar.....

'विद्या समस्तास् तब देवि भेदः स्त्रियः समस्ता सकल जगत्सु,,त्वयैकया पूरितमम्बयैतत्...'
इस शृंखला मैं नवदेवियों के रूप में इन नव-रूपों और उनकी कला के प्रस्तुतीकरण से ऐसा लगा कि उपरोक्त कथ्य सम्मुख उपस्थित हो गया हो !
इनका का ब्लाग-मंच पर स्वागत और प्रस्तुतकर्ता को बधाई !

सुषमा जी से परिचय करवाने के लिए आभार

shusama AHUTI ko NAV DEWIYON men shamil kiya jana achchha laga nishchit hi inaki lekhani men MAA SRASWATI ka wash hai.

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