ललित शर्मा का नमस्कार, अन्ना ने जब से भ्रष्ट्राचार के विरोध में आन्दोलन किया तब से सेवा शुल्क में वृद्धि हो गयी है, उत्कोच के साथ रिस्क शुल्क भी जोड़ दिया गया है। कहीं पकड़ में आ गए घूस लेते हुए तो छूटने के लिए खर्च बढ गया है। जो काम 100 में होता था अब उसके 1000 हो गए हैं। 900 रुपए घूस लेने के रिस्क कव्हर के लिए जोड़ दिए। अब आम जनता को अधिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। भ्रष्ट्राचार खत्म तो नहीं हुआ वरन अब आम जन का खर्च बढ गया है। केन्द्र सरकार ने भी अन्ना के बिल को डस्टबीन में डाल दिया है। अब उसका कोई नाम लेवा ही नहीं है। जैसे एक आन्दोलन करने बाद दिल्ली जीत ली हो और अब दु:ख भरे दिन बीते रे भैया, सुख आयो रे, रंग जीवन में नया लायो रे। चलते हैं आज की...