शनिवार, 13 नवंबर 2010

इसे क्या कहे देश की व्यवस्था या अव्यवस्था - दिल्‍ली के किसी नुक्‍कड़ पर समीर लाल जी मिल जाएं तो हैरत मत कीजिएगा - ब्लॉग 4 वार्ता - शिवम् मिश्रा

प्रिय ब्लॉगर मित्रो,
प्रणाम !

 सूर्य की उपासना भारतीय संस्कृति का सदा से ही अभिन्न अंग रही है। कार्तिक मास में होने वाली छठ पूजा वस्तुत: सूर्यदेव की ही आराधना है। सूर्य की उपासना के तर्क भी हैं। दरअसल, सूर्य मानवमात्र के लिए अत्यंत उपयोगी है। हमारी संस्कृति में पालन-पोषण करने वाले और मुश्किलों से उबारने वाले को ही भगवान मानकर पूजा जाता है। सूर्यनारायण बिना किसी भेद-भाव के सबको नित्य दर्शन, ऊर्जा और आरोग्यता देते है। वे जीवन के देवता हैं। पेड़-पौधे, वनस्पतियां और मनुष्य, सभी उनसे ही अनुप्राणित हैं।
प्रकाश, ताप और ऊर्जा के अक्षय स्त्रोत भगवान सूर्य के प्रति मानव आदिकाल से ही श्रद्धावनत रहा है। सूर्य की जीवनीशक्ति और अक्षय ऊर्जा के कारण उनकी पूजा की प्रथा संसार की लगभग सभी प्राचीन सभ्यताओं- मिस्त्र, मेसोपोटामिया, भारत, चीन आदि में मिलती है। ऋग्वेद में भी सूर्य-महिमा का उल्लेख है। सूर्य देव आकाश में उदित होकर गरीब-अमीर, सभी को अपनी रश्मियों से ऊर्जा प्रदान करते हैं।
पुराणों में उल्लेख है कि सूर्य की आराधना से तन-मन स्वस्थ रहता है। यह तथ्य सबसे पहले शुक्लयजुर्वेद में प्रतिपादित हुआ और अथर्ववेद ने भी सूर्य की रश्मियों में आरोग्यदायिनी शक्ति होने की पुष्टि की। बाद में वैज्ञानिकों ने भी इसे माना और सूर्य चिकित्सा की पद्धति विकसित हुई।
वाल्मीकि रामायण में रावण पर विजय प्राप्त करने से पूर्व भगवान श्रीराम के द्वारा सूर्योपासना किए जाने का विवरण मिलता है। मान्यता है कि सूर्योपासना से आत्मविश्वास जागता है और मनोबल पुष्ट होता है। 


ब्लॉग 4 वार्ता  मंच के पूरे वार्ता दल की ओर से आप सबको छठ पर्व की बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं !

आइये अब चलते है आज कि ब्लॉग वार्ता की ओर .....

सादर आपका 


------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

इन्साफ से मौत....! :- *मेरी पिछली पोस्ट **निजता का मोल **में मैंने रियलिटी टीवी शोज की टीआरपी के लिए चैनल्स और उनमे भाग लेने वाले प्रतिभागियों के द्वारा अपनाये जा रहे हथकंडों की बात की। आप सभी की अर्थपूर्ण टिप्पणियों के ज़रिये...

क्या शिक्षा द्वारा अर्जित ज्ञान कभी बेकार जाता है. ? क्या शिक्षा अनुपयागो हो सकती है कभी ? :- हमने ये तो सुना है की ऊर्जा का ह्रास नहीं होता । सिर्फ़ इसका स्वरुप बदलता है । Kinetic ऊर्जा potential में बदलती है और जरूरत पड़ने पर वापस उसी स्थिति आ जाती है। पानी से बिजली बना सकते है । गोबर से गैस । और ...

अच्छा लिखते हैं तो क्यों नहीं आते जनाब :- अपने ब्लाग जगत में हर दूसरा ब्लागर एक ही नसीहत देने का काम करता है कि ब्लागरों को अच्छे लेखन की तरफ ध्यान देना चाहिए। हम जानते हैं कि अच्छा लेखन करने वालों की कमी नहीं है। लेकिन अपने ब्लाग जगत में उनकी वही...


बेटा!!… मेडल जुगाड़ से जीते जाते हैं ….समझे? :- चौथी क्लास की कोई दोपहर रही होगी … लेकिन जेहन में अभी भी उतनी उजली है… रघुनाथ मुंशी जी ने पूरे क्लास को संबोधित किया … गाना वाना आवत है कौनो को ? सरकारी प्राइमरी और कान्वेंट की नर्सरी में फर्क के नाम पर ... 

मैंने भी तब से ख़ुश रहने का व्रत ले लिया है.....!! :- (समय की कमी है ..एक पुरानी कविता आपकी नज़र..) अँधेरे में मेरी खुशियाँ दोहरी हुई बैठी थीं, चिर अविदित सी, जाने कहाँ से तुम चले आए, प्रज्ञं, ज्ञानी, धीमान की तरह, यति बन कर अनुसन्धान करते रहे तुम, मेरा...


यह कविता पोस्टर्स खास आपके लिये :- * जन संस्कृति मंच का 12 वाँ राष्ट्रीय सम्मेलन * आगामी *13- 14 नवम्बर 2010* को जन संस्कृति मंच का 12 वाँ राष्ट्रीय सम्मेलन भिलाई - दुर्ग में होने जा रहा है । इस सम्मेलन का उद्घाटन सत्र ...
इसे क्या कहे देश की व्यवस्था या अव्यवस्था - - - - - - mangopeople :- दीवाली के बाद का दिन मेरे लिए अच्छा नहीं गया | दीवाली के दूसरे दिन मेरी भाई और साथ आ रही मेरी फुफेरी बहन एक सड़क दुर्घटना के शिकार हो गये | एक सड़क दुर्घटना और उससे जुड़ी देश की चार व्यवस्थाए किस तरह की ... 
दिल्‍ली के किसी नुक्‍कड़ पर समीर लाल जी मिल जाएं तो हैरत मत कीजिएगा :- मेरे ऊपर माउस चलायेंजी हां, हिन्‍दी ब्‍लॉग उड़नतश्‍तरी के समीर लाल जी कल आपको करौल बाग अथवा कनाट प्‍लेस में चहलकदमी करते मिल जाएं तो हैरान मत होइयेगा क्‍योंकि वे दिल्‍ली पधार चुके हैं। वे हिन्‍दी संसार और ...
आपके लिए कैसा रहेगा 12 और 13 नवंबर का दिन ?? :- 12 , 13 और 14 नवंबर को भी ग्रहों की स्थिति कुछ पक्षों के लिए अनुकूल और कुछ पक्षों के लिए प्रतिकूल है। इसके बावजूद अधिकांश लोगों के समक्ष मनोनुकूल माहौल बनेगा। छिटपुट घटनाओं को छोड दिया जाए तो राष्ट्रीय... 
"मौलाना अबुल कलाम आजाद" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक") :- *आज 11 अक्टूबर, 2010 को* *स्वाधीनता संग्राम के अमर सेनानी* *मौलाना अबुल कलाम आजाद का* *122वाँ जन्मदिवस है!* *-----------* *आज राष्ट्रीय शिक्षा दिवस है * *अर्थात देश के पूर्व शिक्षा मंत्री * *स्व. मौलाना अब...
आइये जरा देखें और बताएं ये कौन सा पक्षी है. :- दीपावली से एक दिन पहले मैं सुबह जब अपनी छत पर पौधों को पानी दे रहा था तो सामने वाले मकान की दीवार पर एक पक्षी को देख कर चौंक गया. वो छत की दीवार पर बैठा एक मांस का टुकड़ा खा रहा था. इस पक्षी का आकार...
सुन्दर पुस्तक पर बनी एक साधारण फिल्म "Eat ,Pray and Love" :- ब्लॉग पर लिखना शुरू किया तो अपनी कुछ पसंदीदा किताबों का जिक्र करने की सोची थी. उसमे से ही एक किताब थी "Eat , Pray, and Love " जो एक महिला पत्रकार के सच्चे अनुभवों पर आधारित है. इस किताब पर फिल्म बनने की ... 
इंडिब्लॉगर पर वोट कैसे दें ? (Tutorial for Voting on Indiblogger) :- मैंने *पिछली पोस्ट [आखिर हिन्दी ब्लॉगर वोट देने में इतने कंजूस क्यों हैं ?]* लिखी थी तो कुछ ईमेल और टिप्पणियों से मुझे लगा कि बहुत सारे ब्लॉगर्स को पता ही नहीं है कि *इंडिब्लॉगर* में वोट कैसे दिया जा...
कर्मकांड और ज्‍योतिष बिल्‍कुल अलग अलग विधा है !! :- कुछ अनजान लोगों को मैं अपने प्रोफेशन ज्‍योतिष के बारे में बताती हूं , तो एक महिला के ज्‍योतिषी होने पर उन्‍हें आश्‍चर्य होता है। क्‍यूंकि उनकी जानकारी में एक ज्‍योतिषी और गांव के पंडित में कोई अंतर नहीं है...
भाग्य काम करता है या कर्म अथवा पुरुषार्थ, समय बलवान है या प्रकृति ? कारण क्या है? :- *कारणवाद (पंच समवाय)* किसी भी कार्य के पिछे कारण होता है, कारण के बिना कोई भी कार्य नहिं होता। जगत में हर घटना हर कार्य के निम्न पांच कारण ही आधारभुत होते है। काल (समय) स्वभाव (प्रकृति) नियति (होनहार) कर्...
कहाँ खो गई वो खुशी? :- कितने खुश होते थे हम भाई-बहन जब हम सभी को एक साथ बैठा कर माँ खाना परसती थी! हम चार भाई और एक बहन में कोई एक भी अनुपस्थित होता तो हम सभी उसके आने की प्रतीक्षा करते और उसके आ जाने के बाद ही एक साथ खाना खाते ...
ये कैसा चुनाव? :-  * * * शिक्षक-स्नातक निर्वाचन कल सम्पन्न हो गया . खबर भी नहीं हुई. कोई इसकी सूचना नहीं मिली. हाँ अख़बार में दो प्रत्याशियों का विज्ञापन तो देखा लेकिन ये नहीं पता था कि ये मतदान होना कब ...
बदनसीबी ! :-  जिन्दगी के सफ़र में मुझसे आँख मिचोली करता रहा उजाला। जब कभी मुझे सफलता की चावी मिली, कोई कमवख्त बदल ले गया ताला॥ असफलता की गलियों में जिन्दगी बस यूँ ही दीन-हीन रही। क्योंकि वो सड़क जो मुझे सफलता की मंजिल ...
अनलिखा पत्र हूँ :- थरथराती हुई उंगलियों से फ़िसल छांव पलकों की ओढ़े अधर चूम कर मेज पर गिर गई इक कलम के सिरे पर अटक रह गया अनलिखा पत्र हूँ मन की गहराईयों से उमड़ते हुए भाव के सिन्धु की एक भीनी लहर पाटलों पर संवरते हुए चित्र में ... 
 सड़क मार्ग से महाराष्ट्र: किसी दूसरे ग्रह की सैर करने से चूके हम! :- उन पुलिस वालों के साथ कारों की दौड़ सरीखे फिल्मी अंदाज़ में रुमाल एक हाथ से दूसरे हाथ में लेते हुए मैं* परभनी शहर में दाखिल *हुआ। बमुश्किल साढ़े तीन बजे थे सुबह के। सामने ही दिखा एक पेट्रोल पम्प। पुलिस ...
दस साल चढ़े अढाई कोस .....शेफाली :- दस साल चढ़े अढाई कोस .....शेफाली *शीर्षक* पर चौकें नहीं क्यूंकि व्यंग्यकारों को यह सुविधा होती है कि वे कहावतों और मुहावरों को अपनी आवश्यकतानुसार किसी भी रूप में तोड़ मरोड़ सकते हैं | कल यानि ९ नवम्बर को...
अब खड़ाऊँ शत्रुघ्न के हवाले :- जब राम जी को वनवास के दौरान यह खबर मिली कि अयोध्या में घोटाला हुआ है तो वे न तो उदास हुए और न अपनी प्रसन्नता ही उन्होंने लक्ष्मण जी को जाहिर होने दी । पर जो लोग यह दावा करते थे कि वे खत का मजमून भाँप लेते ...


निःशब्द की पहचान... :- कभी-कभी सन्नाटों में खामोश पत्थर भी चीखते हैं, हवाएं सीटियाँ बजाती हैं, पत्ते मीठा राग सुनाते हैं, वर्षा की बूँदें संगीत का अतीन्द्रिय सुख देती हैं, फूलों की पंखुड़ियां हवा की लय पर थरथराती हैं और बहुत कुछ ...


ऐंटिलिया का वैभव :- ऐंटिलिया नाम जब गूगल पर खोजने की कोशिश की तो पता चला कि पुर्तगाल के पश्चिम, अतलांतिक महासागर में स्थित क्षेत्र है ऐंटिलिया. किसी कालखण्ड में यह सात द्वीपों का एक समूह था. भारतवर्ष की वित्तीय राजधानी कही...


तीखे दर्द में लब पर, मधुर मुस्कान रखते हैं। -नीरज गोस्‍वामी :- -नीरज गोस्‍वामी - मजे़ की बात है जिनका, हमेशा ध्यान रखते हैं। वोही अपने निशाने पर, हमारी जान रखते हैं। मुहब्बत, फूल, खुशियाँ,पोटली भर के दुआओं की, सदा हम साथ में अपने, यही सामान रखते हैं । यही सच्ची वजह ...


इस TRP के मदारी तो हम ही है !!! :- आजकल टी वी पर प्रसारित होने वाला एक शो "बिग बॉस" काफी चर्चा बटोर रहा है पिछले दो दिनों से लगभग हर न्यूज़ चैनल (?) चिल्ला चिल्ला कर "सारा खान" और "अली मर्चेंट" की पूर्व शादी की खबरे दिखाता रहा है ! कल रात...



बेरोजगारी दूर करने का सरल उपाय – क्‍या कम्‍पनियां ध्‍यान देंगी? – अजित गुप्‍ता :- सारी दुनिया में बेरोजगारी अपने पैर फैला रही है और दूसरी तरफ अत्‍यधिक काम का दवाब लोगों को तनाव ग्रस्‍त कर रहा है। परिवार संस्‍था बिखर गयी है और विवाह संस्‍था भी दरक रही है। अमेरिका से चलकर ओबामा भारत नौकरियों की तलाश में आते हैं और मनमोहन सिंह जी कहते हैं कि हम नौकरी चुराने वाले लोग नहीं हैं। बेटा इंजिनीयर या मेनेजमेंट की परीक्षा देकर निकलता है और उसे केम्‍पस के माध्‍यम से ही नौकरी मिल जाती है।


डूबते सूरज को नमस्कार ! :- नमस्कार मित्रों!
अभी-अभी लौटे हैं छठ घाट से। भगवान भाष्कर का संध्या पूजन कर। आज तो दिन भर चहल पहल रही। हालाकि इन्द्र देवता नाराज़ थे इस बार सो पोखर में पर्याप्त जल नहीं था और जो भी बचा था वह हानिकारक जीव जंतुओं का आश्रयस्थल ही था। पर गांववासियों के हौसले की दाद देनी होगी, जो था उसकी साफ़ सफ़ाई की गई...


गिरगिट भी शरमा जाता है :- राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रत्येक मसले पर गिरगिट की तरह से रंग बदलने का आदि रहा है। महात्मा गाँधी की हत्या भी की और जब जरूरत होती है तो कहतें हैं कि गाँधी हत्या से संघ का कोई सम्बन्ध नहीं है। संघ को जब हिन्दू भावनाओ को उग्र कर लाभ उठाना होता है तो मस्जिद तोड़ी कहते हैं और जब मस्जिद तोड़ने की बात स्वीकार करने की बात आती है तो हमारा उससे कोई लेना देना नहीं है कहते हैं।


बचपन की यादे जो मै सज़ोये हुये हूँ -१ :- बचपन की तरफ जब मुड़कर देखता हूँ तो जीवन के नवरस याद आ जाते है . बम्बई ........ जी हां उस समय बम्बई ही थी वह .सपरिवार घूम रहा था तो एक जगह मचल गया कैमरे के लिए सड़क पर लोट गया बच्चा जिद पर था पापा के आगे ...


जालियांवाला बाग ,शहीदी कुआं ....और कुछ यादें ..पंजाब यात्रा -५ :- * * *पिछली पोस्ट में आप पढ चुके हैं कि कैसे हमने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर की सैर और कुछ खरीददारी वैगेरह के बाद , वहीं पास में ही स्थित , जालियांवाला बाग की ओर बढ चले । जालियांवाला बाग के लिए मेरी धुंधली ...


भक्तिमय हुआ बिहार, डूबते सूर्य को अ‌र्ध्य शाम को :- छठ पर्व के अवसर पर पूरा बिहार ही भक्ति के रंग में डूब गया है। छठ व्रती शुक्रवार को कार्तिक शुक्ल षष्ठी की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्ध्य अर्पित करेंगे। राजधानी समेत पूरे राज्य में इस चार दिवसीय पर्व को ...


लीजिये आज फिर अपनी डफली आप बजाता हूँ और अपनी पोस्ट का लिंक दिए जाता हूँ  ....

-------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
आज की ब्लॉग वार्ता बस यहीं तक ..... अगली बार फिर मिलता हूँ एक और ब्लॉग वार्ता के साथ तब तक के लिए ......

जय हिंद !!

17 टिप्पणियाँ:

शिवम भाई गज़ब ढा देते हो यार
शुक्रिया

बहुत अच्छे लिनक्स को समेटे है वार्ता....... मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए शुक्रिया.....

सभी को छठ पर्व की शुभकामनाएं।

बहुत परिश्रम करते हैं आप शिवम् जी
बहुत ही अच्छी रही वार्ता..
शुभकामनाएं..!

बहुत अच्छी वार्ता ...छठ पर्व की शुभकामनायें

बहुत ही अच्छी वार्ता ...बहुत ही संग्रहणीय लिंक्स हैं । शुभकामनाएं

अच्छी वार्ता |बधाई
आशा

शिवम जी

मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए धन्यवाद |

बहुत अच्छी रही वार्ता ....अच्छे लिंक्स समेटे है आपने !

सभी को खासकर अपने बिहारी भाइ बहनों को छठ पर्व की बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं ! एवम समीर जी का भारत आगमन पर स्वागत !

अच्छी वार्ता...छ्ठ पर्व की शुभ कामनाएं. आभार
सादर,
डोरोथी.

बहुत बढ़िया शिवम् भाई

आप सब का बहुत बहुत आभार !

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी में किसी भी तरह का लिंक न लगाएं।
लिंक लगाने पर आपकी टिप्पणी हटा दी जाएगी।

Twitter Delicious Facebook Digg Stumbleupon Favorites More