बुधवार, 19 जनवरी 2011

ब्लोगिंग का रजनीकांत ... मैनपुरी में - ब्लॉग 4 वार्ता - शिवम् मिश्रा

प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,
प्रणाम !

वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं को स्टेशन पर सामान ढोने की समस्या से जल्द ही निजात मिल जाएगी। देशभर के महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों पर ट्राली सेवा उपलब्ध कराई जा रही है। इससे उन्हें सामान के साथ ट्रेन में चढ़ने और उतरने में सुविधा होगी। यह सेवा 24 घंटे उपलब्ध रहेगी। इस सेवा का लाभ उठाने के लिए अग्रिम बुकिंग करानी होगी। साथ ही मामूली रकम चुकता करनी होगी।
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'वरिष्ठ नागरिकों और महिला यात्रियों की मदद के लिए आधुनिक ट्रालियां जल्द ही उपलब्ध कराई जाएगी। जिससे वह अपने सामान के साथ ट्रेन तक आसानी से आ-जा सके।' फीस का निर्धारण क्षेत्रीय रेलवे करेगा। इसे स्टेशनों पर प्रमुखता के साथ प्रदर्शित किया जाएगा। इन ट्रालियों का नियंत्रण वर्दीधारी कर्मियों के हाथों में रहेगा, जिन्हें 'रेल यात्री सेवक' के नाम से जाना जाएगा।
अधिकारी ने बताया कि इस सेवा को सबसे पहले हावड़ा और सियालदाह स्टेशन पर पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के आधार पर पायलट प्रोजक्ट के तौर पर शुरू किया जाएगा। बाद में इसे अन्य स्टेशनों पर लागू किया जाएगा। इसे बुक करने वाले फोन नंबर की जानकारी जल्द ही दी जाएगी। रेलवे ने हावड़ा और सियालदह में इस सेवा को शुरू करने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया [एसबीआइ] के साथ करार किया है। समझौते के मुताबिक एसबीआइ ट्राली मुहैया कराएगी और उसकी देखरेख करेगी।

अब जब तक यह योजना लागू हो और आप और हम में से बहुत से लोग इसका फायेदा उठा सकें तब तक समय बिताने के लिए चलिए ब्लॉग जगत की एक सैर को चलते है ब्लॉग 4 वार्ता  के इस मंच से आज की ब्लॉग वार्ता के साथ !

सादर आपका 


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अपनापन और उसके कारण... :- हर उम्र की अपनी धडकन है , हर मोड़ की अपनी जकड़न है । हर राह की अपनी गाथा है , हर व्यक्ति की निज परिभाषा है । हर राग के अपने साज यहाँ , हर साज के अपने राग यहाँ । हर धर्म की अपनी भाषा है , हर... जाने कितने ...


एक बार फ़िर गांव की ओर …पटना , दानापुर और जाने कितनी ही यादें – I :-  हमारा स्कूल जिसकी एक झलक देखने की ललक ही हमें जाने इस बार क्या क्या हासिल करवा गई मुझे सफ़र में रहना पसंद है और स्थितियां कुछ ऐसी बनती हैं या कि शायद उसे कहीं सहमति और कहीं असहमति से मैं ही उन स्थितियों ...


ए फलक चाहिए जी भर के नजारा हमको - दाग देहलवी :- ए फलक चाहिए जी भर के नजारा हमको जा के आना नहीं दुनिया में दोबारा हमको हम किसी जुल्फे-परेशा की तरह ए तक़दीर खूब बिगड़े थे मगर खूब सवारा हमको शुक्र सद शुक्र की अब कब्र में हम जा पहुचे तौसने-उम्र ने मंजिल पे ...


"अकेला चना भी भाड़ फोड़ सकता है" :- *दोस्ती हो तो ऐसी ..........| रिया और पूजा की दोस्ती को जो भी देखता अनायास उसके मुँह से यह बात निकल हीं जाती | बचपन से दोनों साथ खेली ,पढ़ी साथ में हीं बड़ी हुई | दोनों के अंकों में कुछ ज्यादा फासला भी नही...


हास्य कविता एक समस्या और उसका हल :- जब हम अंधे, बहरे, लंगड़े या लूले हो जाते है | तो हम इस समाज की सहानुभूति पाते है | मग़र जब हम ऊँचा या कम सुनते है , तो उसी समाज में हास्य का कारण बन जाते है | जब आप आपने को इस अवस्था में पाइये | तो...


खट्टी-मीठी यादों का इक साल :- पूरा एक साल गुजर गया, अपनी,उनकी,सबकी बातें करते...और बातें हैं कि ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रहीं....बाढ़ में किसी हहराती नदी सी उमड़ी चली आती हैं. और उन बातों को एक बाँध में बाँधना जरूरी था सो इस ... 


"अमन का सन्देश" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक") :- ** *सेवा का व्रत धार लिया है।* *मानवता से प्यार किया है।। * * * *रंग बहुत थे ढंग बहुत थे,* *कभी न उल्टा पथ अपनाया,* *जिसको अपना मीत सुनाया,* *उससे ही है धोखा खाया,* *हमने सूई-धागा लेकर,* *बैरी का भी वक्ष ... 


शायद प्रारब्ध की हर घटना का स्थान और समय निश्चित होता है. :- इस बार जैसी ठंड तब भी पड़ी थी। क्या इंसान क्या पशू-पक्षी सभी बेहाल हो गये थे। ऐसे ही में एक गिद्धराज अपनी सर्दी दूर करने के लिए धूप में एक वृक्ष की फुनगी पर बैठे थे। उसी समय उधर से यमराज का निकलना हुआ। उनको...


उसकी आँखें :- उसकी आँखें गहरी आँखें दरवाजे पे ठहरी आँखे बरस बीते अबतक सीली तारो सी रुपहली आँखें दिलतक आई मैंने पाई प्यार भरी रसीली आँखें आँखों में अबतक ज़िंदा है दर्द पगी पनीली आँखें...


बीमार राम को बोन कैंसर है, मदद चाहिए.. :- बीमार राम अपनी मां के साथंराम टोप्पो की उम्र १४ वर्ष है. वह बीमार है. आपको बताते चलें कि उसे बोन कैंसर है. गरीबी के कारण मां उसका इलाज नहीं करा पा रही है. रांची शहर के डाक्टर्स जवाब दे चुके हैं. वे इसे दिल...


वक्री शनि का मनमोहन सिंह और जूलियन असांजे पर प्रभाव ? :- पिछले कुछ महीनों से भारतीय अर्थव्यवस्था को घोटालों का ऐसा ग्रहण लगा है कि हटने का नाम ही नहीं ले रहा। इसी श्रृंखला में पिछले शुक्रवार को माननीय सर्वोच्च न्यायालय में सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुये न्याय...


खटीमा ब्लोगर मीट में पढ़ा गया आलेख अभिव्यक्ति में :- *विगत दिनों खटीमा ब्लोगर मीट की गूँज पूरी दुनिया में सुनाई दी, आज **खटीमा ब्लोगर मीट की अभिव्यक्ति **अभिव्यक्ति पत्रिका** में देखकर सुखद एहसास हुआ ! * *उल्लेखनीय है कि वहुचर्चित खटीमा ब्लोगर मीट के दौर...


बात अनकही :- *आज कोई तमहीद नहीं ,बस एक ग़ज़ल मुलाहेज़ा फ़रमाएं * *"बात अनकही"* *_______________* * * *जब कभी डराती है शब की तीरगी मुझ को * *मां ही इक मिनारा है दे जो रौशनी मुझ को* * * *बोलती थीं नज़रें पर लफ़्ज़ बे सदा ...


ख़ून का रिश्ता :- हम पहिले जऊन ऑफिस में थे, वहाँ ऑफिस त खुलता था दस बजे, मगर हमरा काम साढ़े नौ बजे से सुरू हो जाता था. बस एक के बाद एक लगातार टेलीफोन पर टेलीफोन. एगारह बजे से पहिले फुर्सत नहीं. अब जब काम था त था. ई डेढ़ ... 


ज्‍योतिष में सर्पधर तारामंडल को तेरहवीं राशि मानने का कोई औचित्‍य नहीं !! :- परिवर्तन प्रकृति का नियम है , इसलिए कोई भी क्षेत्र इससे अछूता नहीं होता। पर परिवर्तन की एक सीमा होती है , कहीं भी किसी परिवर्तन को एकबारगी नहीं लादा जा सकता। जबतक शास्‍त्र के रूप में विकसित किए गए सिद्धांत... 


लीजिये अब एक पोस्ट हमारी भी देख लीजिये :- ब्लोगिंग का रजनीकांत ... मैनपुरी में 


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आज की ब्लॉग वार्ता बस यहीं तक ..... अगली बार फिर मिलता हूँ एक और ब्लॉग वार्ता के साथ तब तक के लिए ......
 
जय हिंद !!

13 टिप्पणियाँ:

कुली बेचारे क्या करेगे जी फ़िर ?
जय हिंद !!

रेलवे में ट्राली सुविधा कि जानकारी देते अच्छी वार्ता के लिये बधाई |आशा

बहुत अच्‍छी वार्ता लगायी आपने .. महत्‍वपूर्ण लिंक्स मिले .. आभार शिवम जी !!

वरिय़्ठ नागरिकों के लिए खुशखबरी के साथ सभी लिंकों का चयन भी उत्तम है!

बहुत बढिया वार्ता के लिए बधाई
आज का सफ़र यहीं से शुरु करते हैं।
आभार

बढ़िया वार्ता ....रेलवे की सुविधाओं की जानकारी के लिए आभार ..

बहुत बढिया वार्ता

बहुत बढ़िया ,कमाल की प्रस्तुति

मेरे ब्लॉग की लिंक जोड़ने हेतु धन्यवाद |

सही है, भाई कोई लिंक भी दे दिए होते रेलवे की इस घोषणा का... | वैसे रेलवे की योजना बनेगी... और फिर योजना की ऐसी तैसी भी अपनी आँखों के सामने ही हो जाएगी...
सरकारी फाइलों में ट्राली आएगी... और सरकारी फाइलों में ही सब कुछ हो जायेगा.... ससुरा कुरता पैजामा के खाने का एक और तरीका है और क्या...
रजनी कान्त को देख कर मजा आ गया... महफूज़ भाई की खैरियत जानकर मन को संतोष हुआ...

आप सब का बहुत बहुत आभार !

मैंने अपने वादे के मुताबिक़ एक लेख लिखा है .
कृपया आप और दीगर सभी लोग उसे एक नज़र देख लीजिये और बताइए की उसमें क्या कमी है ?
आपकी महरबानी होगी .
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/01/energy-of-anger.html

आपकी रचना अच्छी लगी अब आप मेरी पढ़कर बताएं की मेरी रचना आपको कैसी लगी ?
http://vedquran.blogspot.com/2011/01/absolute-peace.html

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