नक्सलियों फ़िर कायराना हरकत की है, सुरक्षा बलों पर घात लगा कर हमला किया और 26 जवान शहीद हो गए। दंतेवाड़ा की घटना के बाद से केन्द्र सरकार से सेना भेजने की मांग की जा रही है,लेकिन गृहमंत्री चिदम्बरम इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं जिसका परिणाम सुरक्षा बल भोग रहे हैं। लगता है नक्सलियों की पहुंच भी उपर तक है जो इनके फ़ैसलों को प्रभावित कर रही है। अन्यथा इतने लोग मारे नहीं जाते। अब मैं ललित शर्मा आपको ले चलता हूँ आज की ब्लाग वार्ता पर.............
पहला चिट्ठा लेते हैं अहफ़ाज रसीद का, इन्होने नक्सलियों को वेल डन कहा है अब क्यों कहा है ये आप स्वयं पढिए well done नक्सलियों...good job? ( लहू- लुहान घटना स्थल पर जवानों के रक्त और जूते..) ( घटना -स्थल से ट्रैक्टर और बाद में सेना के विमान से भेजे गये शव) ( इसी रास्ते के उपयोग से जवानों को मदद मिली) ...अगला चिट्ठा लेते हैं भाई सूर्यकांत गुप्ता का वे बहुत गुस्से में है नक्सली वारदात के लिए कहते हैं सब्र का इम्तिहान न लो, (1) हे नक्सली, असली है या नकली! साक्षात तू नर पिशाच है कौन है तेरा उपासक "कायराना हरकत" कह करते इति श्री, तुम्हे देते सह, तभी तंदूरी बना रहा तू मानव की बेशक (2) क्या उसूल है, क्यों करता तू यह सब, इस...
पहले जिंदगी सरकती थी , अब दौड़ लगाती है. पिछली पोस्ट के वादानुसार, प्रस्तुत है एक कविता अस्पताल में लिखी गई , आँखों देखी , सत्य घटनाओं पर आधारित । शहर के बड़े अस्पताल में ,खाते पीते लोग भारी भरकम रोग का उपचार कराते हैं । तीन दिन बाद रोगी हृष्..वे तुम्हारी पकड़ में नहीं आएँगी जब तुम बाहरी चीजों को देखोगे और उन्हें पाना व रखना चाहोगे, वे तुम्हारी पकड़ में नहीं आएँगी, दूर भागेंगी मगर जिस वक्त तुम उनसे मुँह फेर लोगे और ज्योतिस्वरूप अपनी अन्तरात्मा के रूबरू होंगे, उसी क्षण अ...
व्यंग्य: धर्मपत्नी की महिमा *भय्या पत्नी की भी अजीब ही महिमा है। पता है कि आप कार्यालय में हैं, अब रोज़ ही जाते हैं तो वहीं होंगे। लेकिन श्रीमती जी का फोन पर एक ही सवाल होता है ‘कहां हो?’।* अब बन्दा परेशान! हम भी चुटकी लेने के लिए बो...आंखों में बेशरमी और जीवन का सच... छत्तीसगढ में बैठी भाजपा सरकार जिस तरह से कार्य कर रही है वह आने वाले दिनों के लिए कहीं से शुभ संकेत नहीं है। अधिकारी और नेताओं के बीच तालमेल से विकास तो हो नहीं रहा है केवल छत्तीसगढ़ को लूटने की साजिश चल रही ...
अपने मोहल्ले की लड़कियों के बारे में लगता है कि मैं एक बार फिर कविताओं की ओर लौटने लगा हूं। यह सही हो रहा है या गलत मैं नहीं जानता, बस इतना कह सकता हूं कि एक छटपटाहट ने घेर रखा है जिससे मुक्त होना थोड़ा कठिन लग रहा है। पिछले कुछ समय से मैं लग...चिर-प्रतीक्षा कब तक अवगुंठित रहूँ जीवन या जीवन-क्षरण में? मैंने तो न देर की प्रिय! आपके शुभ संवरण में...... प्रेम वर्षा से प्रिय तुम आज अंतस सिक्त कर दो, संग रहना तुम सदा ही प्रेम के इस आचरण में....... मैंने तो न देर की...
चश्मदीद मैं भी हूं. राक्षस बाप के हाथों लक्ष्मी बिटिया के गर्दन कटने का, राखी पहनानेवाली हाथों को भरोसे की अंगुली पकङाकर कोठे तक पहुंचाने का चश्मदीद मैं भी हूं. मजहब की आग में गाजर-मूली की तरह इंसानों के कटने का, मासूमों पर बो.हम ऐसा क्यों करते हैं ? बचपन में हम बहनें बहुत लड़ा करती थीं ..सभी भाई बहन का ये जन्म सिद्ध अधिकार है ..और लड़ते हुए गुस्से में एक दूसरे को ना जाने क्या क्या कह दिया करते थे .तब मम्मी बहुत डाँटती थीं , कि शुभ शुभ बोला करो, ना ज...
एक अदृश्य सूली हर सुबह समेटती हूँ ऊर्जाओं के बण्डल और हर शाम होने से पहले छितरा दिया जाता है उन्हें कभी परायों के तो कभी तथाकथित अपनों के हाथों.. कई बार तो.. कई-कई बार तो भरनी चाही उड़ान 'हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते...लहू से तर रहे बस्तर हमें अच्छा नहीं लगता बस्तर फिर लहूलुहान हो गया; लगता है हम छत्तीसगढ़ के लोग केवल लाशें गिनाते जायेंगे. आज हम गिन रहे हैं, पता नहीं कल हमें भी कोई गिनने बैठ जाए.सरकार असफल होती जा रही है और उधर नक्सलियों के हौसले बुलंद होते जा ...
कुतुबमीनार को नीचा दिखाने की कोशिश भी हुई थी. दिल्ली की कुतुबमीनार तो खैर दिल्ली की पहचान ही बन गयी है। परन्तु इसको भी पीछे छोड़ने की कोशिश की गयी थी बीते जमाने मे। जहां कुतुबमीनार खड़ी हो आकाश से बातें कर रही है उसी प्रांगण मे और भी बहुत से बने-अधबने अ...क्या आप भी बनाना चाहते है इन्डली व ब्लोगिरी जैसा ब्लॉग एग्रीगेटर ?जब से सबका चहेता और लोकप्रिय हिंदी ब्लॉग एग्रीगेटर ब्लॉगवाणी की सांसे अटकी पड़ी है तब से हर किसी के मन में हलचल मच रही है कि काश हिंदी ब्लॉग एग्रीगेटर्स की संख्या ज्यादा हो ताकि कोई एक या दो एग्रीगेटर पर नि...
समझदार या नासमझ??? कभी-कभी कुछ बातें बिलकुल ही समझ से परे होती हैं... समझ नहीं आता कि हम किस पाले में हैं, या वो हमें क्या समझते हैं... कभी हम उनके लिए दुनिया में सबसे ज़्यादा समझदार इंसान होते हैं और फ़िर कभी अचानक से पूरे ब...नागा बाबा मरा नहीं है ........ यादवचंद्र पाण्डेय की बाबा नागार्जुन को समर्पित एक कविताआज बाबा नागार्जुन का 100 वाँ जन्मदिन है। आज से उन का जन्मशती वर्ष आरंभ हो गया है। बाबा के बारे में कुछ भी लिख कर सूरज को दिया नहीं दिखाना चाहता। उन के जीवन, कृतित्व को कौन नहीं जानता? यादवचंद्र पाण्डेय उ...
"मैंने देखा है सब कुछ सितारों भरी रातें, प्यार की बातें...अरे..अरे..अरे...इतनी तेज सीढिय़ां मत चढ़ो, गिर जाओगी.रुक जाओ...रुक जाओ...अरे रुको भी. लड़का पीछे से चिल्लाता रहा. लेकिन लड़की के कान आज मानो सुनने के लिए थे ही नहीं. सिर्फ बालियां पहनने के लिए थे. गोल-गोल ...दिन है सुहाना आज पहली तारीख है किशोर कुमार का गाया यह गीत आज भी उतना ही प्रासंगिक लगता है जैसे ही अभी अभी घडी के कांटे नें पहेली तारीख का संकेत दिया बरबस ही यह गाना याद आ गया शायद आप को भी पसंद आये* ** *दिन है सुहाना आज पहली तारीख है*...
पति, पत्नी और वो...खुशदीप क्या लिखूं आज...मुद्दों की तो इस देश में कोई कमी नहीं...लेकिन आज किसी भी मुद्दे पर लिखने का मूड नहीं है...होता है जनाब कभी कुछ नहीं लिखने का मूड भी होता है...लेकिन फिर भी लिखना है...चलो आज ऐसा ही करके देखत...भारत की जनगणना 2011 : एक गाँव से सीधा प्रसारण सुबह 5:48, 27 जून 2010 दिन रविवार* आसमान में घुँघराले बादल छाये थे, जिनसे रह रह कर एकाध बूँद टपक पड़ती थी। पूरब से आने वाली ठंडी हवायें अपनी मस्तानी चाल से बहती हुई, पेड़ क...
आज प्रियंकर, राजकुमार ग्वालानी, राजेश त्रिपाठी तथा विनोद पाराशर का जनमदिन हैआज 1 जुलाई को - अनहद नाद वाले प्रियंकर, - राजतन्त्र व खेलगढ़ वाले राजकुमार ग्वालानी, - राजेश त्रिपाठी - नया घर वाले विनोद पाराशर का जनमदिन है बधाई व शुभकामनाएँ आने वाले जनमदिन आदि की जानकार...पहली जुलाई है--स्कूल चलो--स्कूल चलोआज जुलाई की पहली तारीख है, स्कूल जाने का दिन। जब पहली बार स्कूल में नाम लिखाने गए दादा जी के साथ तो इतना भय नहीं था। लेकिन जब एक साल बाद दूसरी क्लास की पढाई शुरु होने को थी तो स्कूल जाने का मन ही नहीं था।...
ये गाँव है गाँव.....अमरीका नहीं.....खड़खड़ीया दुपहरी.....लूची वाली आँच.....जनसंख्या वाली संख्या..........सतीश पंचमजब गर्मी के मौसम में तपिश के साथ पछिवहीं लूची वाली आँच चेहरे पर पड़ती है तो लगता है जैसे चेहरे पर किसी वेल्डिंग नोजल का मुंह खोल दिया गया है। एकदम आग। रस्ता चलना दूभर ....... बाहर निकलने में ज...“ग़ज़ल में प्रार्थना” कोई फूलों का प्रेमी है, * * * *कोई कलियों का दीवाना! * * मगर हम उसके आशिक हैं, वतन का हो जो परवाना!! जवाँमर्दी उसी की है, जो रक्खे आग को दिल मे, हमारी शान का परचम था, ऊधम सिंह वो मरदाना! म...
चलते चलते आज का कार्टून
सुरेश शर्मा (कार्टूनिस्ट) द्वारा CARTOON DHAMAKA -पर
अब चर्चा को देता हूँ विराम---आप सभी को ललित शर्मा का राम राम--मिलते हैं एक ब्रेक के बाद.....................
25 टिप्पणियाँ:
बहुत उम्दा चर्चा...
बहुत ही सुन्दर चर्चा!
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यहीं से कुछ लिंकों पर चले गये!
कुछ पर जा रहे हैं!
बहुत बढ़िया और उम्दा चर्चा
सारे लिंक्स तो शाम को ही पढ़ पाएंगे । ललित जी , साथ में एक कमेन्ट अपना भी डाल दें , तो चर्चा और दिलचस्प बन जाएगी । आभार ।
शहीद हुए उन सैनिकों को, जांबाज सिपाहियों को शत शत नमन.
इतने लंबी फेहरिस्त थी, मजेदार रही चर्चा। आज हाजिरी देनी है यहीं की ऑफिस मे इसलिये कर पाया पढ़ने मे इन्हे अपना कुछ टाइम खर्चा। जय जोहार्……।
अच्छे थे लिंक
काय भाई ललित जी पाबला जी के क्या हाल हैं
बढ़िया चर्चा......अच्छे लिंक्स मिले
बहुत बढिया चर्चा !!
:-) बेहतरीन चर्चा. बहुत खूब!
अच्छे लिंक्स मिले. बेहतरीन ....बढ़िया, उम्दा चर्चा.
अच्छे लिंक्स मिले ..बढ़िया चर्चा.आभार.
बहुत ही खूबसूरती से सजाया गया मंच !स्वस्थ सुन्दर चर्चा..कई लिंक्स भी मिले जहां नई जानकारियाँ मिली..वार्ता में हमारे कार्टून को प्रस्तुत करने के लिए आभार !
is tarah ki pahal ke liye dhanyawaad. aabhar..
बहुत ही सुन्दर चर्चा
nice links
llit ji kaaroon ne desh kaa nngaa sch blog ki uniyaa men utaar diyaa he dhnyvaad or bdhaai. akhtar khan akela kota rajsthan
जगह देने के लिए आभार सर..
महत्व देने के लिए आपका आभार। अच्ची चर्चा.
राम राम जी
बहुत खूब, सर जी !
achchhi charchaa.......
shubhkamanaayen...
Aisi badi-badi charchaon mein mere chhote se post ko jagah dene ke liye bahut-bahut shukriya...
aur dhanyawaad baaki posts se awagat karaane ke liye...
बहुत खूब - - -आपका -अशोक बजाज
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