शनिवार, 17 जुलाई 2010

आग की लपटों में जलते रिश्ते--जिन्दगी के रंग कई रे-ब्लाग4वार्ता--ललित शर्मा

नमस्कार, आज बिजली रानी नाखुश है, जल्दी जल्दी जाती है, हमें एक पोस्ट दुबारा लिखनी पड़ी है, भैंस गयी पानी में, लिखे-लिखाए पर पानी फ़िर गया और इधर हमारे मित्र लोग बार- बार फ़ोन कर रहे हैं, बैठे हैं शेरे पंजाब ढाबे में खम्बा उखाड़ के, उनको भी समय दे्ना है, इसलिए जल्दी से कुछ लिंक देता हूँ उम्दा चिट्ठों के, चलिए मेरे साथ ब्लाग नगरिया की सैर पर.......

लोकसंघर्ष परिकल्पना सम्मान : वर्ष की श्रेष्ठ चित्रकार श्रेष्ठता का पैमाना : लोकसंघर्ष परिकल्पना सम्मान अल्पना माने रंगोली…'अल्पना' शब्द संस्कृत के - 'ओलंपेन' शब्द से निकला है, ओलंपेन का मतलब है - लेप करना। मगर किसी का नाम हो अल्पना और वह अपने नाम के अनुरूप अपनी अभिरुचियों को विकसित करते हुए जीवित किवदंती बन...वादों का चमन झुलस चुका है तेरे वादों का चमन हमदम,भरम के पानी से कब तक करूं जतन हमदम। समन्दरे-वफ़ा ही मेरे इश्क़ की महफ़िल , तेरा दग़ा के किनारों सा अन्जुमन हमदम। कुम्हारों की दुआ है मेरे प्यार की धरा को,अजीज़ है तुझे क्यूं ग़ै...


बिना किसी इन्टरनेट कनेक्शन के अपने मोबाइल पर वेब सर्फ़ कीजिये (HP Labs India)जी हाँ आपने जो शीर्षक में पढ़ा वो सही है, अपने मोबाइल पर आप बिना किसी इन्टरनेट कनेक्शन(जीपीआरएस, 3G,WiFi, आदि) के आप अपनी मनपसंद वेब-साईट देख सकेंगें | ऐसी नयी तकनीक(अभी पेटेंट नहीं मिला है) को ला रहा है H...एक वर्ष की ब्लॉग यात्रा ... अभी पिछले दिनों हरियाणा की एक महिला ब्लॉगर से बात हुई ..सामान्य परिचय के आदान प्रदान के दौरान जब उन्हें बताया कि मैं जयपुर से हूँ तो उन्हें आश्चर्य हुआ ...वो मुझे बनारस वासी मानती थी ... ब्लॉगिंग के शुरू...

पुलिस वाला चोरहा अउ चोर हा पुलिस बने हे. मैं बार बार कहता और लिखता रहा हूँ की छत्तीसगढ़ी दर्शकों को मूर्ख मत समझो. लेकिन लोग हैं की मेरी बात मानते ही नहीं. आज अपना भाग्य आजमाने एक और छत्तीसगढ़ी फिल्म " मया दे दे मयारू" रिलीज़ हो रही है. सबको इस ...एंटी वायरस हटाने का औजारये आम समस्या है की आप किसी एंटी वायरस या एंटी स्पायवेयर को काटकर नया या अन्य एंटी वायरस प्रोग्राम अपने कंप्यूटर पर इन्स्टाल करना चाहते हैं पर आपका पुराना एंटी वायरस अन इंस्टाल ही नहीं होता इससे निपटने के ...

पुरानी खांसी कहते हैं कि यह देश किसानों का देश है, लेकिन दुनिया के पेट को रोटी देने वाला किसान जिस तरह से भूखा रहता है। दाने-दाने को तरसता है, उसे देखकर नहीं लगता है कि वास्तव में यह देश किसानों का सम्मान करना भी जानत...बिना अश्लील हुए सैक्सी थीं मधुबाला मधुबाला का जन्म 14 फरवरी 1933 को दिल्ली में हुआ था। उनका वास्तविक नाम मुमताज जहां बेगम था। 1942 में महज 9 साल की उम्र Continue Reading »

जिन्दगी के रंग कई रे .... क्या आप में से कोई ऐसा भाग्यवान है जिसने कभी खराब समय देखा ही न हो? मैं समझता हूँ कि अच्छा और खराब समय तो सभी के जीवन में आते ही रहता है। अच्छे समय में तो हम अपनी मस्ती में इतने डूब जाते हैं कि मन के किसी ...प्रभाष जी के जन्मदिन पर विशेष ख़लिश हिन्दुस्तानी पत्रकार ''प्रभाष जोशी'' रोज़ की तरह देश विदेश की खबरों के लिए मैं नेट पर बैठा था.हिंदुस्तान के पोर्टल से पता चला की ''प्रभाष जोशी'' का निधन हो गया.मैं चोंक गया.ये कैसे हो सकता है...दर्जन...

आग की लपटों में जलते रिश्ते. पिछले दिनों ''हम सब साथ-साथ '' पत्रिका के संपादक किशोर श्रीवास्तव जी का sms आया ... जुलाई-अगस्त अंक के लिए रिश्ते -नातों पर केन्द्रिक रचनायें चाहिए ....उन्हीं दिनों ये नज़्म उतरी थी ....''आग की लपटों में ...डायरी के पन्ने - ८ एक मन था जो बेचैन हुआ था क्यों था ये पता नहीं था कब तक रहती पीड़ा मन में और कब तक रहता संशय मन में कब तक मैं समझाता मन को और कब तक मन समझाता मुझको कब तक रहता सन्नाटा और कब तक रहती खामोशी मौन टूट पडा था मेरा...

द्वितीय प्रमोद वर्मा स्मृति आलोचना सम्मान प्रमोद वर्मा स्मृति आलोचना सम्मान * *मधुरेश और ज्योतिष जोशी को * *रायपुर *। द्वितीय प्रमोद वर्मा स्मृति आलोचना सम्मान से प्रतिष्ठित कथाआलोचक मधुरेश और युवा आलोचक ज्योतिष जोशी को सम्मानित किया जायेगा । यह ...उज्ज्वला अब खुश थी(कहानी) --------- ----------->>>दीपक 'मशाल'.देखा आपने रात में कैसी रासलीला चल रही थी मोहल्ले में? पानी सर से ऊपर होता जा रहा है अब तो.. वो तो अच्छा है दीदी के हमारे बच्चे अभी बहुत छोटे हैं.. वर्ना इन कमीनों की हरकतें देख सुन क्या असर पड़ता उ...

ख्यालों के निशाँ साहिल है मेरी सोच मन के सागर की तेरी यादों की रेत पर मेरे ख्यालों के निशाँ हैं उन नक़्शे पाँव पर जब मैंने अपनी चाहत को रखा तो हकीक़त की लहर ने मिटा दिए आ कर मेरी कल्पना के निशाँ ... ...त्यागपत्र (समापन किस्त) - ३८ मनोज कुमार दोस्तों कथानक को समाप्त करते हुए अपार हर्ष हो रहा है कि आपने इतने लंबे समय तक हमारा साथ दिया। आपम प्रोत्साहन और मार्गदर्शन ही हमारा प्रेरणा स्रोत रहा। हमने ए...

हम तो हम हैं.......अब हम तो आखिर हम हैं .सच ही कहा है किसी ने चाहें जहाँ भी हों अपनी पहचान कभी नहीं खोनी चाहिए. अब किसी दूसरे देश में दूतावास होते किसलिए हैं अपने देश के ? इसलिए ना कि वहाँ आपके अपने दूत बैठे हों, व...कहां से आया ये सॉरी..........!सॉरी, मैं लेट हो गया..। सॉरी, मैं वो काम पूरा नहीं कर पाया..। मेरी वजह से तुम्हारी ट्रेन छूट गई, आई एम सारी.. मैने तुम्हारा दिल तोड़ा, सॉरी.. सॉरी, मैने तुम्हें गलतफहमी में थप्पड़ मार दिया। ये क्या अब क्य...

बेटा, तुम्हारे पिता ने इसे इतनी बार धोया है कि ललित जी की उम्दा कविता पढी तो अपनी यह पुरानी पोस्ट याद आ गयी * एक गांव के बाहर एक घना वट वृक्ष था। जिसकी जड़ों में एक दो फुटिया पत्थर खड़ा था। उसी पत्थर और पेड़ की जड़ के बीच एक श्वान परिवार मजे से रहता आ रहा... Meri Awaz: मधुमेह भोजन तालिका 1..."मधुमेह भोजन तालिका 1. प्रात: उठते ही एक ग्लास पानी में आधा नींबू डालकर पीयें। एक सप्ताह बाद (केवल ग्रमियों में..."

चलते चलते एक व्यंग्य चित्र


 
 
 
वार्ता को देते हैं विराम--आपको ललित शर्मा का राम राम

12 टिप्पणियाँ:

बढ़िया लिंक थमा कर चले, अब हम टहलते हैं इन पर...आभार.

ललित भाई
चर्चा का निखार देखते ही बन रहा है.
काफी अच्छी लिंक्स सामने है
कुछ पर जा चुका हूं
कुछ पर अभी जा रहा हूं
आपको बधाई

और हां...
मेरी पोस्ट की चर्चा भी इसमें शामिल है. इसके लिए आपको विशेष आभार.

बहुत बढ़िया लिंक्स मिले ...ललित भाई ! मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए आपका आभार !

अच्छे लिंक्स मिले ..आभार

वाह , अच्छे लिंक्स मिले. जा रहा हूं देखने.

अच्छी वार्ता। हमारी रचना को सम्मान देने के लिए आभार।

बहुत सारे अच्छे लिंक्स सजोये हुए एक बढिया चर्चा!!
आभार्!

लिंक बहुत अच्छी हैं. मधुबाला का तो क्या कहना. हम तो अभी तक उनका पोस्टर अपने कमरे में लगाए रहते हैं.
जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड

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