शनिवार, 3 जुलाई 2010

कैसी लड़ी जाए ये लड़ाई - क्या गुलामी हमारे जींस में है - ब्लॉग 4 वार्ता - शिवम् मिश्रा

प्रिय ब्लॉगर मित्रो
प्रणाम !

आज एक बार फिर आप सब से सामने हाज़िर हूँ एक नयी ब्लॉग वार्ता ले कर अपने इस ब्लॉग 4 वार्ता के मंच से !
उम्मीद है इस बार भी आप सब को यह वार्ता पसंद आएगी !

आपका
शिवम् मिश्रा


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ब्लांगबाणी!!!! तेरे नाम से :- राज भाई बता रहे है कुछ आइये सुनते है !

क्या गुलामी हमारे जींस में है...खुशदीप :- खुशदीप भाई ने उठाये है कुछ सवाल !

हमारी जान लेने के नए-नए तरीके -भाग दो :- संजीव शर्मा आगे बताते है .......!

हैरान हूँ ब्राज़ील की हार से :- चन्दन अपनी सुनते है !

अपने ब्लॉग पर 8-10 विजिटर्स ऑनलाईन देखना किसे अच्छा नहीं लगेगा? :- बात तो सही है ...आप क्या कहते है ?

“.. ..कुछ-कुछ होता है!” (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’) :- फिल्म नहीं है जी......... कविता है !

हम लोगों ने निर्गुण- निराकार शब्दों को हाउ बना डाला है ---- अमित शर्मा :- कुछ ज्ञान की बाते !

देशहित में आतंकवाद से निपटने हेतु उदारवादी नीतियों में परिवर्तन करना अब जरुरी हो गया है ... :- महेन्द्र मिश्र जी के विचार !

ऐसे सीखा बूढ़े तोते ने राम राम कहना! :- काश कि हम भी कुछ सीख लेते !

१० वो हमारे पीछे खड़े मुस्कुराते रहे :- राजकुमार जी बताते है कि वह मुस्कुराते है !

११ स्वास्थ्य के लिये शुल्क बिना सोचे समझे और वित्तीय प्रबंधन के लिये सोच समझकर ? [ Fees for Health and Wealth] :- विवेक जी की भी सुन लीजिये !

१२ बरखा की ऋतु :- आइये हम भी भीगें !

१३ Delhi Metro करें एक रोजाना का सफ़र....Rohit :- बोले तो एकदम बिंदास !

१४ कैसी लड़ी जाए ये लड़ाई, कैसी देखी जाए प्रहार? :- गजेंद्र सिंह भाटी बता रहे है

अपने पदचिन्हों को मुझे अपने हृदय में रखने दो



बिखरे सितारे ! ५) और दिन गुज़रते रहे... :- जो जीवन अनगिनत घटनाओं से भरा हुआ हो...उन लम्हों को कैसे चुनूँ?? है कोई जवाब ?

१८ विवाह के चित्र जयन्ती-कृष्ण जी :- बहन को दीजिये आशीष !

१९ भारतीय वास्तु शास्त्र तथा इसके विज्ञान आधारित मूल नियम :- पंडित जी बतायेगे और हम लाभ उठायेगे !

२० मान गए मम्‍मी की एस्‍ट्रोलोजी को !! :- देर आमद दुरुस्त आमद !


२१ आक्टोपस महाराज की जय :- आप भी जयकारा लगाइए दरबार में !

२२ जर्मनी एक अजेय टीम की तरह खेला, माराडोना का निर्वस्त्र प्रदर्शन का सपना चकनाचूर :- अब क्या कहे !?

२३ ''बहुरूपिया'' ब्लॉगर :- राजीव ओझा जी बता रहे है ब्लॉग और ब्लॉगर के बारे में !

२४ बरसात :- अब जब बरसात होगी तो मन तो बावरा होगा ही ना !

और अंत में एक कार्टून

२५ कार्टून : अब उत्तरप्रदेश का नाम क्या होगा?



अगली बार फिर मुलाकात होगी कुछ और ब्लोगों की वार्ता के साथ .............तब तक के लिए .....

जय हिंद !

18 टिप्पणियाँ:

क्‍या खूब एकलाइना है .. बहुत बढिया !!

अच्छा लगा आज के ब्लागवार्ता मे।

->सुप्रसिद्ध साहित्यकार और ब्लागर गिरीश पंकज जी का साक्षात्कार पढने के लिऐ यहाँ क्लिक करेँ

बहुत सुंदर लगी आज की चर्चा जी . धन्यवाद

बहुत लाजबाब चर्चा...बधाई..

मजा आ गया...सब ब्लॉग यहीं से कवर कर आये. :) आभार इस उम्दा लिंकिंग के.

सटीक चर्चा छोड़ा नहीं एक भी पर्चा

वाह ही वाह्! एकदम मनभावन चर्चा...
बहुत बढिया!

मिश्रा जी चर्चा बहुत अच्छी रही ।मेरी रचना लेने के लिये धन्यवाद.....

बहुत उम्दा लिंक्स और रोचक एक लाईना ने तो चार चांद लगा दिए हैं जी

मैंने शायद एक बार पहले भी लिखा था...

चर्चम् शिवम् सुंदरम्...

कितनी मेहनत करते हो यार शिवम...बड़ा ही श्रमसाध्य है, एक एक रचना को पढ़ना और फिर चंद ही शब्दों में उसका
सार देना...इतने सारे अच्छे लिंक एक साथ...

मेरी पोस्ट को जगह देने के लिए आभार...

जय हिंद...

बहुत ही अच्छी चर्चा!

शिवम् भाई !
आज आपने अच्छे अच्छे ब्लाग पढवाए, आपका आभार ! ब्लाग चर्चा में आनंद शायद इसीलिये अधिक आता है कि अच्छे ब्लाग बिना मेहनत किये मिल जाते हैं ! आपकी सशक्त लेखनी से एक शिकायत करनी है . एक लाइन में ही वर्णन क्यों ...

अगर आप हर लेख का सन्दर्भ देते हुए अपनी भाषा में विश्लेषण करते तो मुझे लगता है और सुंदर हो जाता ! यह सुझाव सिर्फ आपको, आपकी क्षमता पर विश्वास होने के कारण है , कृपया अन्यथा न लें !!

भविष्य में और अच्छी चर्चा के लिए अग्रिम शुभकामनायें

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