आप सबों को संगीता पुरी का नमस्कार ... आज की वार्ता में प्रस्तुत है कुछ चिट्ठों के साथ उसकी एक एक टिप्पणियां भी ....
सफेद घर में पढिए ... सतीश पंचम जी की पोस्ट .. अलहदा बमचक
और साथ में देवेन्द्र पाण्डेय जी की टिप्पणी ....
फोटू में एक बुद्धिजीवी ऊँचाई पर बैठा चिंता में मगन है...और ऊपर कैसे चढ़ूँ..? आगे तो खुला आसमान है! नीचे लोग खड़े लोग दिखाई नहीं दे रहे।
शायद चीख रहे होंगे...
नीचे उतर..नीचे उतर..।
चला बिहारी ब्लॉगर बनने में ... सलिल वर्मा जी की पोस्ट ... बाद मरने के मेरे
और साथ में सतीश सक्सेना जी की टिप्पणी …
आँखों में , पट्टी बाँध
कर, गाड़ी चला रहे !
टकरायेंगे , कहाँ पर ?
हमें खुद पता नहीं !
जब तक जियेंगे, हम भी जलाये रहें दिया !
कब आसमान रो पड़े ? हमको पता नहीं !
लोगों का क्या है रस्म
निभाकर निकल पड़े
मौत आएगी मिलन
को , हमें ही पता नहीं
कब जायेंगे घर छोड़ कर, सोंचा नहीं सनम ,
मरने का समय तय है, पर हमको पता नहीं !
अनहद में .. विमलेश जी की पोस्ट .. नील कमल की एक गज़ल
और साथ में मनीष जी की टिप्पणी...
सरल शब्दों में सहज अभिव्यक्ति...
बहुत ही सुन्दर...
अपनी मिट्टी अपने गाँव की याद दिलाती रचना...
स्वास्थ्य सबके लिए में ... कुमार राधारमण जी की पोस्ट ..आँखों को नज़र न लगने दें
और साथ में रेखा जी की टिप्पणी …
हम आपके द्वारा बताए गए सुझावों पर अमल करके जरुर लाभ उठाएँगे......आभार
श्रद्धासुमन में ... अनिता जी की पोस्ट .. विवेक चूड़ामणि
और साथ में वन्दना जी की टिप्पणी ...
जीवन सत्य से परिचित कराती सुन्दर प्रस्तुति।
विचारों का चबूतरा में .. शिखा कौशिक जी की पोस्ट .. जनता का हक़ है !
और साथ में Pallavi जी की टिप्पणी …
यही तो समस्या है की जनता जाग कर भी नहीं जागती.... बढ़िया प्रस्तुति समय मिले तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपजा स्वागत है।
देशनामा में .. खुशदीप सहगल जी की पोस्ट .. साधना की गिरफ्तारी...देखी दुनिया की यारी...खुशदीप
और साथ में अजय कुमार झा जी की टिप्पणी ...
चमकती दुनिया का काला सच , कितना क्रूर और कितना भयावह । परवीन बॉबी , और अभी कुछ दिनों पहले आई खबर राज किरण के बारे में भी , और अब साधना से संबंधित ये समाचार । मायावी दुनिया है ये । वैसे आपने बिल्कुल दुरूस्त फ़रमाया कि आज के सितारे ज्यादा व्यावसायिक और सुरक्षित हैं कम से कम आर्थिक पक्ष के लिहाज़ से तो जरूर ही
हिंदी2टेक में .. नवीन प्रकाश जी की पोस्ट .. India Against Corruption की वेबसाईट
और Amrita Tanmay जी की टिप्पणी ...
बढ़िया लिंक
KAVITARAWAT में .. कविता रावत जी की पोस्ट .. गरीब, कमजोर पर हर किसी का जोर चलने लगता है!
और साथ में aarkay जी की टिप्पणी ...
कविता जी , गरीब और गरीबी पर बहुत सी कहावतें और मुहावरे बने हैं , जैसे :
" गरीबी में आटा गीला "
" गरीब की जोरू सबकी भाभी "
" रेशम में टाट का पैबंद "
आदि आदि !
कोई आश्चर्य नहीं कि स्वामी राम तीर्थ ने गरीबी को एक पाप कहा था !
कुदरत का कहर भी गरीबों पर ही टूटता है !
बढ़िया आलेख !
दिनेश की दिल्लगी दिल की सगी पर .. रविकर जी की पोस्ट .. घाट-घाट पर घूम, आज घाटी को माँगें ||
और साथ में veerubhai जी की टिप्पणी ...
महत्वपूर्ण अपडेट !शुक्रिया ब्लॉग पर दस्तक का .आज के हालात पर सटीक व्यंग्य .बधाई .
सदा पर .... सदा जी की पोस्ट .. रूह ने आवाज दी है ....
और संगीता स्वरुप ( गीत ) जी की टिप्पणी…
और दिल उसे तरंगित करता है
अपनी धड़कनों के साथ .....
एक सच सुनने के लिए
सच को कहना सच को मनन करना
बहुत जरूरी होता है
दिल तक पहुंची बात ...सुन्दर अभिव्यक्ति
दुनिया रंग रंगीली में .. मीनाक्षी पंत जी की पोस्ट .. नई सुबह
और प्रवीण पाण्डेय जी ने कहा…
चाँद और तारे मन के भावों को समझते हुये।
उच्चारण में .. डॉ रूपचंद शास्त्री जी की पोस्ट .." उपहार कहाँ से लाऊँ" ( डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
और यादें....ashok saluja . जी की टिप्पणी …
आज की सच्चाई बयाँ क्र दी आप की रचना ने ..
गली-गली हैं चोर-लुटेरे, पथ में छाया अँधियारा,
कौन डगर से अपने घर को, सही-सलामत जाऊँ!
शुभकामनाएँ!
तीसरा वाला वचन सबसे अच्छा लगा.
आरंभ में .. संजीव तिवारी जी की पोस्ट ..
सफेद घर में पढिए ... सतीश पंचम जी की पोस्ट .. अलहदा बमचक
और साथ में देवेन्द्र पाण्डेय जी की टिप्पणी ....
फोटू में एक बुद्धिजीवी ऊँचाई पर बैठा चिंता में मगन है...और ऊपर कैसे चढ़ूँ..? आगे तो खुला आसमान है! नीचे लोग खड़े लोग दिखाई नहीं दे रहे।
शायद चीख रहे होंगे...
नीचे उतर..नीचे उतर..।
चला बिहारी ब्लॉगर बनने में ... सलिल वर्मा जी की पोस्ट ... बाद मरने के मेरे
और साथ में सतीश सक्सेना जी की टिप्पणी …
आँखों में , पट्टी बाँध
कर, गाड़ी चला रहे !
टकरायेंगे , कहाँ पर ?
हमें खुद पता नहीं !
जब तक जियेंगे, हम भी जलाये रहें दिया !
कब आसमान रो पड़े ? हमको पता नहीं !
लोगों का क्या है रस्म
निभाकर निकल पड़े
मौत आएगी मिलन
को , हमें ही पता नहीं
कब जायेंगे घर छोड़ कर, सोंचा नहीं सनम ,
मरने का समय तय है, पर हमको पता नहीं !
अनहद में .. विमलेश जी की पोस्ट .. नील कमल की एक गज़ल
और साथ में मनीष जी की टिप्पणी...
सरल शब्दों में सहज अभिव्यक्ति...
बहुत ही सुन्दर...
अपनी मिट्टी अपने गाँव की याद दिलाती रचना...
स्वास्थ्य सबके लिए में ... कुमार राधारमण जी की पोस्ट ..आँखों को नज़र न लगने दें
और साथ में रेखा जी की टिप्पणी …
हम आपके द्वारा बताए गए सुझावों पर अमल करके जरुर लाभ उठाएँगे......आभार
श्रद्धासुमन में ... अनिता जी की पोस्ट .. विवेक चूड़ामणि
और साथ में वन्दना जी की टिप्पणी ...
जीवन सत्य से परिचित कराती सुन्दर प्रस्तुति।
विचारों का चबूतरा में .. शिखा कौशिक जी की पोस्ट .. जनता का हक़ है !
और साथ में Pallavi जी की टिप्पणी …
यही तो समस्या है की जनता जाग कर भी नहीं जागती.... बढ़िया प्रस्तुति समय मिले तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपजा स्वागत है।
देशनामा में .. खुशदीप सहगल जी की पोस्ट .. साधना की गिरफ्तारी...देखी दुनिया की यारी...खुशदीप
और साथ में अजय कुमार झा जी की टिप्पणी ...
चमकती दुनिया का काला सच , कितना क्रूर और कितना भयावह । परवीन बॉबी , और अभी कुछ दिनों पहले आई खबर राज किरण के बारे में भी , और अब साधना से संबंधित ये समाचार । मायावी दुनिया है ये । वैसे आपने बिल्कुल दुरूस्त फ़रमाया कि आज के सितारे ज्यादा व्यावसायिक और सुरक्षित हैं कम से कम आर्थिक पक्ष के लिहाज़ से तो जरूर ही
हिंदी2टेक में .. नवीन प्रकाश जी की पोस्ट .. India Against Corruption की वेबसाईट
और Amrita Tanmay जी की टिप्पणी ...
बढ़िया लिंक
KAVITARAWAT में .. कविता रावत जी की पोस्ट .. गरीब, कमजोर पर हर किसी का जोर चलने लगता है!
और साथ में aarkay जी की टिप्पणी ...
कविता जी , गरीब और गरीबी पर बहुत सी कहावतें और मुहावरे बने हैं , जैसे :
" गरीबी में आटा गीला "
" गरीब की जोरू सबकी भाभी "
" रेशम में टाट का पैबंद "
आदि आदि !
कोई आश्चर्य नहीं कि स्वामी राम तीर्थ ने गरीबी को एक पाप कहा था !
कुदरत का कहर भी गरीबों पर ही टूटता है !
बढ़िया आलेख !
दिनेश की दिल्लगी दिल की सगी पर .. रविकर जी की पोस्ट .. घाट-घाट पर घूम, आज घाटी को माँगें ||
और साथ में veerubhai जी की टिप्पणी ...
महत्वपूर्ण अपडेट !शुक्रिया ब्लॉग पर दस्तक का .आज के हालात पर सटीक व्यंग्य .बधाई .
सदा पर .... सदा जी की पोस्ट .. रूह ने आवाज दी है ....
और संगीता स्वरुप ( गीत ) जी की टिप्पणी…
और दिल उसे तरंगित करता है
अपनी धड़कनों के साथ .....
एक सच सुनने के लिए
सच को कहना सच को मनन करना
बहुत जरूरी होता है
दिल तक पहुंची बात ...सुन्दर अभिव्यक्ति
दुनिया रंग रंगीली में .. मीनाक्षी पंत जी की पोस्ट .. नई सुबह
और प्रवीण पाण्डेय जी ने कहा…
चाँद और तारे मन के भावों को समझते हुये।
उच्चारण में .. डॉ रूपचंद शास्त्री जी की पोस्ट .." उपहार कहाँ से लाऊँ" ( डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
और यादें....ashok saluja . जी की टिप्पणी …
आज की सच्चाई बयाँ क्र दी आप की रचना ने ..
गली-गली हैं चोर-लुटेरे, पथ में छाया अँधियारा,
कौन डगर से अपने घर को, सही-सलामत जाऊँ!
शुभकामनाएँ!
तीसरा वाला वचन सबसे अच्छा लगा.
आरंभ में .. संजीव तिवारी जी की पोस्ट ..
और Arvind Mishra जी की टिप्पणी ...
शायद अवधिया जी ने मुझे इसके कुछ अंश काफी पहले भेजे थे....इतने कम अंश से यह स्थापित होना मुश्किल है कि यह साईंस फिक्शन है .....
कल्पतरू में ... विवेक रस्तोगी जी की पोस्ट .. पिटने को तैयार रहें, भारत में अराजकता पैर पसार चुकी है । और anshumala जी की टिप्पणी . ..
श्री राम क्या इन लोगो ने तो भगतसिंह के नाम को भी बदनाम किया है और ये मुद्दा तो सरकार के लिए मुंह मांगी मुराद है |
ZEAL में .. दिब्या जी की पोस्ट ... मेरे देश की धरती गद्दार उगले उगले रोज मक्कार ..
और कुश्वंश जी की टिप्पणी ...
दिव्या जी प्रशांत भूषण तो मोहरा है, दरअसल सबके पीछे है कौन गंभीरता से सोचे . ज़रा गौर करे , अन्ना का आन्दोलन , जुडती हुयी जनता , अन्ना को राष्ट्रपति का लालच , एक के बाद एक टीम अन्ना निशाने पर. बाबा राम देव को लाठिया दिया, अन्ना को बरगला दिया.भ्रस्ताचार पर जब सरकार चलाने वाले ही जेल में हो तो कौन दूर करेगा देश से भ्रष्टाचार. किस्मे है इतना दम की अपनों ही को भ्रष्टाचार में फ़साने का कानून लाये . देश में जरूरत है दिवस जी की आज़ाद भारत फ़ौज . दिवस जी के अरमानो को (mile) उड़ान इन्ही कामनाओ के साथ एक सच्चा भारतीय .. जय हिंद जय भारत .
पाखी की दुनिया में .. अक्षिता पाखी की पोस्ट .. वाकर में मस्ती करती अपूर्वा (तन्वी)
और Amit Kumar जी की टिप्पणी …
अपूर्वा को नजर न लगे..काला टीका लगा देना पाखी बेटू.
एक आलसी का चिट्ठा में .. गिरिजेश राव जी की पोस्ट .. कुछ गँवार चित्र
और Smart Indian - स्मार्ट इंडियन जी की टिप्पणी …
लगता है पर्व-त्योहार पर गाँव का पूर्णानन्द उठाया गया है। मिस्सी की रोटी और बथुये का साग? घेंवड़ा और बोड़ा क्या होता है?
नुक्कड में .. अविनाश वाचस्पति जी की पोस्ट .. दीपावली पर हिंदी ब्लॉगिंग की पुस्तकों से छूट वापिस लेने की संभावनाएं
और डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण) जी की टिप्पणी …
जिन्होंने 6 महीने पहले ही 450 रुपये जमा किये हैं,
उन्हें तो दिवाली से पहले ही प्रेषित करवा दीजिए।
बहुत दिन हो गये हैं इन्तजार करते हुए!
बर्गवार्ता में .. स्मार्ट इंडियन जी की पोस्ट .. क्या आपको कुछ पता है?
और Archana जी said...
नहीं पता था ...पर आपकी चिंता जायज है, ब्लॉग-जगत के आभासी रिश्तों का अनुभव हुआ है हाल ही की रायपुर यात्रा के दौरान...एक-दूसरे की खैरियत की दुआ तो की ही जानी चाहिये ...निर्मला जी शीघ्र स्वस्थ हो,और संध्या जी का भी जबाब मिले इसी दुआ के साथ आपका आभार..
राजभाषा हिंदी में ... मनोज कुमार जी की पोस्ट ..पुस्तक परिचय-1 व्योमकेश दरवेश
और मनोज भारती जी की टिप्पणी …
पुस्तक समीक्षा बहुत सार-गर्भित और पुस्तक के साथ-साथ लेखक,आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी जी के बारे में भी बहुत कुछ कह गई। साहित्यिक कृतिया प्राय: आम पाठक के लिए बोझिल हो जाया करती हैं,दुहराव लेखक का दोष नहीं है;बल्कि आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी जी के विराट व्यक्तित्व के चुनिंदा प्रसंगों को देना भर है। पुस्तक का मूल्य हार्ड-बाउंड में होने के कारण पाठक को ज्यादा लग सकता है;शीघ्र ही पेपर-बैक संस्करण भी उपलब्ध हो जाएगा। इस पुस्तक-समीक्षा शृंखला को शुरु करने के लिए आभार!!!धन्यवाद सहित
ललित डॉट कॉम में .. ललित शर्मा जी की पोस्ट .. निगाह जलती हुई ढिबरी पर -- ललित शर्मा
और संध्या शर्मा जी की टिप्पणी ....
यही कामना है, सभी के जीवन का एक - एक पल दीप के आलोक से प्रकाशित हो और मन और जीवन लक्ष्मी की विभूति से परिपूर्ण... सुन्दर पोस्ट
प्रेम सरोवर में ..प्रेम सागर सिंह जी की पोस्ट .. हर पल यहाँ जी भर जियो
और साथ में चला बिहारी ब्लॉगर बनने जी की टिप्पणी ...
हमने ज़िंदगी का पैमाना लंबी उम्र, खूब पैसा और ऊंचा ओहदा... इसी को मान लिया है.. हम तो कब से भूले बैठे हैं कि
ज़िंदगी फूलों की नहीं,
प्रेम सरोवर में ..प्रेम सागर सिंह जी की पोस्ट .. हर पल यहाँ जी भर जियो
और साथ में चला बिहारी ब्लॉगर बनने जी की टिप्पणी ...
हमने ज़िंदगी का पैमाना लंबी उम्र, खूब पैसा और ऊंचा ओहदा... इसी को मान लिया है.. हम तो कब से भूले बैठे हैं कि
ज़िंदगी फूलों की नहीं,
फूलों की तरह मंहकी रहे!!
ज्ञानवाणी में .. वाणीगीत जी की पोस्ट ... नैतिकता की यह परिभाषा किसके लिए है !!!
इस पोस्ट की सारी टिप्पणियों को पढकर अपने भी विचार दे आइए!!!
फिर मिलते हैं एक ब्रेक के बाद ....
फिर मिलते हैं एक ब्रेक के बाद ....
6 टिप्पणियाँ:
संगीता जी बहुत ही सुन्दर है आज की वार्ता... बड़ी ही लगन से संजोयी है आपने टिप्पणियों के साथ... शुभकामनाये और आभार आपका...
लिंक्स के साथ टिप्पणियों का समावेश अच्छा लगा .. उम्दा वार्ता
संगीता पुरी जी, पोस्ट-टिप्पणी मिलन का एकदम अलग अन्दाज़ रहा आज!
मेरे ब्लॉग का लिंक
टिप्स हिंदी में
वाह संगीता जी बहुत खूब वार्ता की है आज तो ………………बहुत मेहनत का काम है। सुन्दर चर्चा।
अरे वाह ..नया अंदाज. पोस्ट के साथ टिप्पणी का समावेश पोस्ट का फ्लेवर समझने में मदद करता है.
बढ़िया वार्ता.
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी में किसी भी तरह का लिंक न लगाएं।
लिंक लगाने पर आपकी टिप्पणी हटा दी जाएगी।