शुक्रवार, 28 अक्तूबर 2011

प्रेमी जोड़ों का लोकपाल,दीवाली का बदलता स्वरुप --- ब्लॉग4वार्ता -- ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार, दीवाली का खुमार उतर रहा है, लोग अपनी जेबें झाड़ रहे हैं, देख रहे हैं कितना खर्च हो गया, चचा भी हिसाब लगा रहे थे। त्यौहार के जोश-जोश में कुछ अधिक ही खर्च कर गए। अब खर्च हो गया तो हो गया, साल भर पड़ा है भरपाई के लिए, आगे देखा जाएगा, जो होगा सो निपट लेगें। दीवाली पर एतिहासिक दौर चला बधाईयों और शुभकामनाओं का। जिधर देखो उधर ही बधाईयों के टोकरे सिर पर लिए लोग फ़िर रहे थे बाजार में। कुछ आशीर्वाद जमा करने के लिए झोले लेकर घूम रहे थे। मंत्रियों संत्रियों के यहाँ मिठाई और ड्राईफ़्रूट के डिब्बों की बहार है। खाए जाओ खाए जाओ, पर अधिक खाओगे तो बदहजमी होने की आशंका है, चलते हैं आज की ब्लॉग4वार्ता पर............

सबसे पहले चलते हैं सतीश पंचम जी के ब्लॉग पर, पढिए एक उम्दा पोस्ट प्रेमी जोड़ों का लोकपाल.....जानूं तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो... - और तुम मुझे अच्छी लगती हो... - लेकिन तुममें एक कमी है - कैसी कमी... - तुम कंजूस बहुत हो.... - इसमें सरकार का दोष है... - सरकार ? - हाँ सरकार, व...वो लोकपाल नहीं ला रही....उसका तुम्हारी कंजूसी से क्या रिश्ता...लोकपाल होता तो सारे भ्रष्टाचारी अंदर होते....जमाखोर जेलों में होते.... तो - तो क्या...नेचुरल है कि चीजों के दाम तब कम होते.....और मुझे कंजूस न होना पड़ता... - लेकिन प्रियवर मुझे आपकी ये कंजूसी जरा भी अच्छी नहीं लग रही....ऐसे में हम लोगों का मिलन होना मुश्किल है.....

बस एक टिकाऊपन का ही भय है वरना तोयह एक आम धारणा रही है कि अपने आस-पास के माहौल और घटित होती घटनाओं से इंसान रूपी प्राणि न सिर्फ सबक लेता है अपितु अपनी जीवनचर्या में यथार्थ के धरातल पर उतारने की कोशिश भी करता है! लेकिन जहां तक मैं समझ पाया...रूटीनवही सुबह,वही रातें... वही दोपहर ,वही शामें.... कुछ भी अलग नहीं... जीवन के ये दिन...... बस यूँ ही.... बीतते जाते हैं. बोझल बातें हैं.... बेबस सांसें हैं ..... रुकी-रुकी धडकनें.... थमी-थमी मुस्कुराहटें.... एक ही पल मेंछुप गया सूरज क्षितिज में आज नींद और सपने जीवन की डोर रुक गये पलकों पर एक ही पल में घर की दीवारें मंदिर के कलश गिरिजा के क्रास मस्जिद के गुम्बद कर दिये दफन एक ही पल में बंद हो गई राहें टूट गई पगडंडियां तंग ...

ये क्या हो रहा है वीरू भाई का ब्लाग है 'राम राम भाई'. इस ब्लाग का पता है http://veerubhai1947. blogspot. com/ लेकिन आज 27.10.2011 को शाम 5 बजे के आस-पास इस पर एक पोस्ट उन्होंने प्रकाशित की 'कोंग्रेस का भाग्य दिग्विजय सिंह ...अन्ना भी भ्रष्ट......इसलिए , कौन सा लोकपाल ....कहाँ का लोकपाललीजिये टीवी की ब्रेकिंग न्यूज़ है .....अपने गाँव रालेगन सिद्धि में अन्ना हजारे खड़े हो कर मूतते पकडे गए हैं .........चारो तरफ हाहाकार मचा हुआ है .......टीवी चै...कौन हो तुम .*कौन हो तुम .....* *ख्वाब हो * *या * *हकीकत हो * *या * *एक परछाई * *कौन हो तुम .....* *जो रात की चांदनी तले* *आँखों की नींदें * *चुरा ले जाते हो * *और भोर होते ही * *सूरज की किरण में * *विलीन हो जाते ह.....

समुन्दर...नाव...बदली..समुन्दर...नाव...बदली... पूछोगे नहीं क्यों मौन रुचा क्यों न फूटे बोल, न तुमसे बोली नहीं चाहती बनना नाव, न ही बदलीमेरा वही समुन्दर दे दो मै लहराती, गाती नदिया मैं चलती-चलती ही जाती तुम बने समुन्दर,  मुझको लेकर...अख़बार की तरह हर ब्लॉगर ज़रूरी होता है. दीवाली बीत गई...आज गोवर्धन है...अखबारों की छुट्टी की वजह से आज की सुबह बड़ी सून है...किसी चीज़ की अहमियत तभी पता चलती है, जिस दिन वो नहीं होती...अखबार पढ़ना रूटीन में शामिल है...लेकिन इस अखबार को हमारे घ...कुछ विचार बिखरे बिखरेपहले उसे अपना लिया ,फिर निमिष में बिसरा दिया अनुरोध निकला खोखला ,प्रिय आपने यह क्या किया | बीती बातें वह ना भूला ,कोशिश भी की उसने इन्तजार भी कब तक करता ,गलत क्या किया उसने | है आज बस अनुरोध इतना ,घर में आ...

फलक पर बद्दुआएंमेरे घर की देहरी लांघ रहे थे तो मैंने अभिवादन किया। वे मुझसे ही मिलने आ रहे थे, लेकिन ताज्जुब उनका ध्यान मेरी ओर बिलकुल नहीं था। मेरे अभिवादन की ओर भी नहीं। मेरे नमस्कार को दरकिनार करते वे सीधे जमीन पर झुक...अन्न-कूट गोवर्धन पूजा की हार्दिक बधाईअन्न-कूट गोवर्धन पूजा* * * कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को गोवर्धन उत्सव मनाया जाता है। इस दिन बलि पूजा, अन्न कूट, मार्गपाली आदि उत्सव भी सम्पन्न होते है। अन्नकूट...जिंदगी के सफ़र के साथ दीवाली का बदलता स्वरुपएक और दीवाली आकर चली गई । एक बार फिर हमने वायु और ध्वनि प्रदूषण से परिपूर्ण बड़े उत्साह से दीवाली का जश्न मनाया । लेकिन दीवाली हमेशा ऐसी न थी । आज शांति के साथ बैठकर जब हमने दीवाली मनाई तो बचपन की बहुत ...

बस आज इतना ही, मिलते हैं ब्रेक के बाद , राम राम
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10 टिप्पणियाँ:

lalit bhaai happy dipaavli aapke aashirvaad se 4500 posten puri ho gyi hai ab aapke hukam ke mutaabiq shighr hi 5000 posten hote hi apko btaa dungaa shukriyaa jnaab ....akhtar khan akela kota rajsthan

अच्‍छे लिंक्‍स बढिया प्रस्‍तुति !!

अच्छी वार्ता रही आशा है दीपावली अच्छी तरह मनाई होगी |
मेरी कविता शामिल करने के लिए आभार |मेरीओर से आपको सपरिवार शुभकामनाएं इस पर्व पर |
आशा

बढ़िया लिंक्स बढ़िया वार्ता.

ग्राम चौपाल के सभी प्रशंसक बहनों व भाइयों को ब्लॉग4वार्ता के माध्यम से दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं .

हमें खेद है कि तकनीकी कारणों से आप कुछ दिनों से ग्राम चौपाल में नहीं पहुँच पा रहें .

http://photoashok.blogspot.com/2011/10/blog-post_26.html

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