शनिवार, 8 अक्तूबर 2011

ब्रेब मनटोरा - सामाजिक चेतना की आंच -- ब्लॉग4वार्ता -- ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार, दुनिया एक रंगमंच है सूचना और तकनीक के इस दौर में रंगमंच की महता कम हो गयी . वर्तमान वैश्विक परिदृश्य पर अगर दृष्टिपात करें तो यह महसूस होता है कि मानव ने भौतिक विकास के कई आयाम हासिल किये हैं . भौतिक विकास की दृष्टि से मानव ..हम सोचा हमउ भ्रष्टाचारी रावण मार आउं दशहरे के दिन नुक्कड़ पर बैठे बैठे हमें देशभक्ती के कीड़े ने काटा, तत्काल दिमाग में आईडिया फ़्लैश हुआ और हमने आसिफ़ भाई से कहा - "चलो गुरू रावण को मारा जाय"। आसिफ़ भाई बोले - " मियां सटक गये हो क्या, नेताओं के...अस्मिताओं के सम्मान से ही एकात्मताः सहस्त्रबुद्धेविचारक एवं चिंतक *विनय सहस्त्रबुद्धे* का कहना है कि छोटी-छोटी अस्मिताओं का सम्मान करते हुए ही हम एक देश की एकात्मता को मजबूत कर सकते हैं। वे यहां माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं सं...इसे मैं क्या कहूँ ?मैंने आज तक उसको, कभी बेवफा कहा ही नहीं | मगर वफ़ा की बात हो तो , उसका ज़िक्र भी अच्छा नहीं लगता | ज़रूर उसकी बेवफायी भी एक मज़बूरी रही होगी | मेरे इस भरम का टूटना भी , मुझे कभी अच्छा नहीं लगता |

मै थोड़ी हैरान हूँ !जिस विषय पर आज लिखने जा रही हूँ हालाँकि उस विषय पर पहले भी लिख चुकी हूँ, पर इस बार बात और सोच थोड़ी अलग है | विषय है बालश्रम | जानती हूँ विषय पुराना है पर विश्वास रखिये...रावण..जला रावणकल फिर धू..धू कर जला रावण मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने कल फिर बुराइयों के प्रतीक को तीरों से बींध दिया दर्द से बोझिल विभीषण वही पास खड़े थे नाभि में अमृत की बात बताते वो बात जो जगत के स्वामी को मालूम...बस यूँ हीं, कुछ कही अनकही भावनायें.कल मैंने* “कौन बनेगा करोड़ पति” *का दूसरा मौक़ा के एक अंक का एक एपिसोड देखा। जिसमें एक ऐसी महिला को खेलने का मौक़ा दिया गया था। जिसके पति पुलिस विभाग में काम करते हुए शहीद हो गए थे। इस खेल के दौरान उस मह... अपनो का साथ खुद को खोया भी नहीं,तुमको पाया भी नहीं कभी फिर साथ तुम्हारा ,अब कैसे मेरा अपना होगा || हमने हर गम से निखारी है यादे ,दिनो दिन तुम्हारी , तू ही बता कि ,मेरी बगावत का आखिरी रास्ता क्या होगा...

मैं छह महीने पुराना हो गया.ये तारीख मेरे लिए खास है, क्योंकि आज मेरा ब्लाग " आधा सच " छह महीने पुराना हो गया। इस दौरान मैने विभिन्न विषयों पर कुल 51 लेख लिखे। इसे लेख कहना शायद सही नहीं होगा, हम इसे अपना विचा...मेरे गुरु की नगरी ~ हुजुर साहेब -*तख़्त श्री सचखंड साहेब 'नांदेड ' * * * *गुरुद्वारा संचखंड साहेब * *अन्दर का द्रश्य --यह खालिश सोना हैं * हम तारीख10 सितम्बर को *हुजुर साहेब नांदेड *की यात्रा पर निकले थे --आज दूसरा दिन हैं .....जीमेल में एक ही ब्राउजर में एक से अधिक खातों में लोगिन कैसे करेबड़े दिनों के बाद लिखी जा रही आज की इस पोस्ट में हम सीखेंगे - जीमेल में एक ही ब्राउजर में एक से अधिक खातों में लोगिन कैसे करे. अधिक पढने के लिए नीचे अधिक पढ़े पर क्लिक करे. 1. अपने जीमेल खाते में लोगिन..और मेरे करीब आता गया.और मेरे करीब आता गया. वो मुझे जितना आज़माता गया. उसको जीने का हुनर आता था, वो जो दुनिया से मुस्कुराता गया. ईद की उसको साल भर खुशियाँ, जो गले मिल के दिल मिलाता गया. ये हकीक़त थी, आँख थी मेरी, ख़्वाब लेकि...

भूभल: सामाजिक चेतना की आंच का प्रज्जवलन सुस्थापित रचनाकार मीनाक्षी स्वामी का उपन्यास ‘भूभल’ हाल ही में मुझे पढ़ने को मिला। यह बलात्कार के कानूनी पहलू पर केन्द्रित है। यही इसकी सार्थकता और अनूठापन है क्योंकि इस पहलू को केंद्र में रखकर लिखा गया य...मैकपुरुष का प्रयाणसुस्थापित रचनाकार मीनाक्षी स्वामी का उपन्यास ‘भूभल’ हाल ही में मुझे पढ़ने को मिला। यह बलात्कार के कानूनी पहलू पर केन्द्रित है। यही इसकी सार्थकता और अनूठापन है क्योंकि इस पहलू को केंद्र में रखकर लिखा गया य...दशहरा पर्व पर नीलकंठ के दर्शन.नीलकंठ दशहरा पर्व पर नीलकंठ के दर्शन को शुभ और भाग्य को जगाने वाला माना जाता है. जिसके चलते दशहरे के दिन हर व्यक्ति इसी आस में छत पर जाकर आकाश को निहारता है ताकि साल भर उनके यहाँ शुभ कार्य का सिलसिला चलत..अंग्रेजी उपन्‍यास ब्रेब मनटोराहमारे पाठकों को याद होगा कि वर्ष 2008 में छत्‍तीसगढ़ के प्रसिद्ध वनस्‍पति विज्ञानी डॉ.पंकज अवधिया जी के आलेखों को हम नियमित रूप से अपने इस ब्‍लॉग में प्रकाशित कर रहे थे। पंकज जी 'आस्‍था परम्‍परा विश्‍वास...

दुरी बस कुछ दिनों की.समस्त आत्मीय जनों को आपके अपने गौरव शर्मा "भारतीय" की ओर से सादर प्रणाम, आदाब, सतश्री अकाल !!* *सर्वप्रथम देरी से माफ़ी के साथ नवरात्री विजयादशमी की बधाई स्वीकार करें, तथा दीपावली की अग्रीम ब...अपनों को गुनगुना रहे हैं !दोस्ती का दंभ वो इस कदर भर रहे थे लगा जैसे किसी न किसी से डर रहे थे ! ... अजब खेल, गजब तमाशे चल रहे हैं अपने ही अपनों को गुनगुना रहे हैं ! ... हमारी मुहब्बत को नक्काशी की जरुरत नहीं है 'उदय' खुद सजती है, खुद...चार गुना पावरफ़ुल हो गया है रावणयंहा छत्तीसगढ में रावण जी बहुत पावरफ़ुल हो गये हैं।पहले से चार गुना।जी हां मैं सच कह रहा हूं।जभी तो कल दशहरा मैदान में रावण जी एक बार में जले ही नही।जले क्या नही रामजी का तीर उन तक़ पहुंचा ही नही।दूसरे तीर...उत्सवधर्मिता के नशे में नगाड़ा वादनझुँड के झुँड दशहरा मैदान पर टूटे, बुराई के प्रतीक रावण को फूँका और हिलते-डुलते घर चले आए। अपने भीतर के रावण को, जिसे वहीं भस्म होने के लिए छोड़ आना चाहिए था, उसे व....

मिलते हैं अगली वार्ता में, एक शार्ट ब्रेक के बाद - राम राम.

9 टिप्पणियाँ:

रावण पर केन्द्रित वार्ता और हमारी पोस्ट का लिंक ....शुक्रिया आपका

अच्छे लिंक्स
मुझे सम्मान देने के लिए आभार

जय हो दादा अचानक यात्रा के बाद थका लौटा हूं धन्यवाद बेहतरीन वार्ता के लिये

maja aaya ..maja aaya bahut maja aaya ..links bahut hi rochak hai ..aapka chunav behatarin hai sir

ललित जी
नमस्कार आपके ब्लॉग अग्ग्रेगाटर के लिये मैं अपने सारे ब्लोग्स के लिंक्स भेज रहा हूँ . कृपया इन्हें अपने अग्ग्रेगाटर में स्थान दे. धन्यवाद.

आपका
विजय

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Vijay Kumar
+91 9849746500

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