शनिवार, 29 अक्तूबर 2011

कब छपेगी टॉप-टेन गरीबों की सूची ? ---- ब्लॉग4वार्ता --- ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार, चलते हैं लेट लतीफ़ वार्ता पर, फ़टाफ़ट लिंक सेवा के अंतर्गत :)छायावाद की प्रवृत्तियांछायावादी काव्य का विश्लेषण करने पर हम उसमें निम्नांकित प्रवृत्तियां पाते हैं :- 1. वैयक्तिकता : छायावादी काव्य में वैयक्तिकता का प्राधान्य है। कविता वैयक्तिक चिंतन और अनुभूति की परिधि में सीमित होने के का...क्या पढ़ें, क्या नहींबोलते वि‍चार 22 आलेख व स्‍वर - डॉ.आर.सी.महरोत्रा यों तो पढ़ने के लिए लाइब्रेरियाँ भरी पड़ी हैं,पर चूँकि हमारी जिन्दगी सब कुछ पढ़ डालने के नाम पर बहुत छोटी है, इसलिये ‘क्या पढ़ना है, क्या नहीं’, इसका च...आने वाला पल जाने वाला है .....आने वाला पल जाने वाला है हो सके तो इसमें ज़िंदगी बिता दो पल जो यह जाने वाला है" टिक-टिक करती वक्त की सुईयाँ यदि आप वास्तव में व्यस्त हैं तब भी यह आपको अपनी ओर ध्यान देने के लिए मजबूर ज़रूर करती हैं, ...

सुलगती आगसच ! मुझे न थी खबर कि - मेरा अस्तित्व सूखी लकड़ी सा भी है कभी सोचा भी नहीं था कि - जिस दिन जलूँगी, बस जलते रहूँगी हाँ, याद है वो रात, जब तुमने कड़कड़ाती ठण्ड में माचिस की तिली से सुलगाया था मुझे तिली के स्पर...कहाँ मिलेंगे कोमल रिश्तेकहाँ मिलेंगे कोमल रिश्ते   दीवाली अभी गयी नहीं है भाई दूज  है याद दिलाता, बहना के अंतर में निर्मल स्नेह की पावन धार बहाता ! पुलक जगी कैसी भीतर जब फोन की घंटी थी खनकाई, कानों में भाई-भाभी की प्रीत भरी जब ध्व...मोहब्बत और जुदाई याद * जब मोहब्बत की दिल को सोंप दिया तुम्हें , सहज ही और तब आपने कहा ...... "बहुत याद आते हो तुम" एक अजीब सा अहसास हुआ आज जब जिन्दगी वीरान हो गयी तुम्हारी याद तडपाती है तुम तो हमेशा याद रहते हो लेकि...

कब छपेगी टॉप-टेन गरीबों की सूची ?भारत के सबसे अमीर दस व्यक्तियों की सूची आज के अखबारों में छपी है .एक अमरीकी पत्रिका की रिपोर्ट के हवाले से ऐसी सूची हर साल दीपावली के बाद दो-तीन बार देश भर के अखबारों में पढ़ने को मिलती रहती है,...याद....!!!याद आते हो तो कितने ---- अपने -से लगते हो तुम ---- वर्ना, हर लम्हां गुजरता हैं ---- तुम्हारे ख्यालो में ---- चुप -सी आँखों में आज ---- फिर वही सवाल उठा ---- क्या राहत मिलेगी मुझे ---- इन बंद फिजा...इतिहास की धरोहर "रोम"..इटली की राजधानी रोम - इस नाम से जूलियस सीजर , नेरो , जैसे कई नाम ज़ेहन में चक्कर लगाने लगते हैं.इतना कुछ है रोम में कि ना जाने कब से आपको इसकी यात्रा कराने के बारे में सोचा और हर बार यह सोच कर रुक गई क...

जीवन के रंगजिंदगी के हर कदम हर पड़ाव हर मोड़ पर ,घटनाओं को अलग अलग कोण से देखते हुए बहुत कुछ सीखा जा सकता है.सच तो यही है की हर घटना कुछ सिखाने के लिए ही होती है ओर अगर थोडा रुक कर चीज़ों को देखा जाये उन्हें महसूस क...श्रीलाल शुक्‍ल की यादें ...पिछले दिनों हमने यहॉं छत्‍तीसगढ़ के चर्चित साहित्‍यकार श्री विनोद साव जी का एक आलेख प्रकाशित किया था, जब श्रीलाल शुक्‍ल जी एवं अमरकांत जी को ज्ञानपीठ पुरस्‍कार देने की घोषणा हुई थी। उपन्‍यासकार, व्‍यंग्‍यक..." अजब दिन थे मोहब्बत के "अजब दिन थे मोहब्बत के... अजब रातें थी चाहत की..... कभी गर याद आ जाएँ.... तो पलकों की हथेली पर.... सितारे झिलमिलाते हैं.... !!!. हमें अब याद आता है बहुत मासूम थे हम भी कि हम एक अजनबी को उम्र की हँसी...

दीवाली और घर की सफाईदीवाली के पहले की एक परम्परा होती है, घर की साफ़ सफाई। घर में जितना भी पुराना सामान होता है, वह या तो बाँट दिया जाता है या फेंक दिया जाता है। वर्षा ऋतु की उमस और सीलन घर की दीवारों और कपड़ों में भी घुस जा...चलिए आज के लिए भारतीय क्रिकेट टीम को जीत की शुभकामनाएं दे दें !!23 अक्‍तूबर को ईडन गार्डन्स पर खेले गए पांचवें और अंतिम वनडे अंतरराष्ट्रीय मैच में भारतीय क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड को 95 रन से हराकर सीरीज 5-0 से जीत ली और क्लीन स्वीप करके क्रिकेट प्रेमियों को दिवाली का शा...टीम अन्ना और देशजिस तरह से टीम अन्ना के लोगों ने अपने मुंह खोलने शुरू कर दिए हैं उसके बाद इस टीम की विश्वसनीयता पर ही लोगों को संदेह होना स्वाभाविक है. साथ ही इंडिया अगेंस्ट करप्शन की बैठक से खुद को दूर रखने की अन्ना की म...


बस आज इतना ही, मिलते हैं ब्रेक के बाद, राम राम

7 टिप्पणियाँ:

फटाफट वार्ता ........बेहतर लिंक्स...!

बहुत बढ़िया है यह फटाफट वार्ता भी........सुन्दर लिंक्स...

अच्‍छी वार्ता ..
महत्‍वपूर्ण लिंक ..
आभार !!

सुन्दर व रोचक वार्ता।

फटाफट वार्ता फटाफट देखकर फटाफट लिंक्स पर जाते हैं.

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