आप सबों को संगीता पुरी का नमस्कार .. भोजपुरी बहुत ही सुंदर, सरस, तथा मधुर भाषा है। भोजपुरी भाषाई परिवार के स्तर पर एक आर्य भाषा है और मुख्य रुप से पश्चिम बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तरी झारखण्ड के क्षेत्र में बोली जाती है। आधिकारिक और व्यवहारिक रूप से भोजपुरी हिन्दी की एक उपभाषा या बोली है। भोजपुरी अपने शब्दावली के लिये मुख्यतः संस्कृत एवं हिन्दी पर निर्भर है कुछ शब्द इसने उर्दू से भी ग्रहण किये हैं। भोजपुरी जानने-समझने वालों का विस्तार विश्व के सभी महाद्वीपों पर है जिसका कारण ब्रिटिश राज के दौरान उत्तर भारत से अंग्रेजों द्वारा ले जाये गये मजदूर हैं जिनके वंशज अब जहाँ उनके पूर्वज गये थे वहीं बस गये हैं। इनमे सूरिनाम, गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, फिजी आदि देश प्रमुख है। भारत के जनगणना आंकड़ों के अनुसार भारत मे लगभग 3.3 करोड़ लोग भोजपुरी बोलते हैं। पूरे विश्व मे भोजपुरी जानने वालों की संख्या लगभग 5 करोड़ है। इस तरह भोजपुरी भाषाभाषियों की संख्या भारत की समृद्ध भाषाओं- बँगला, गुजराती और मराठी आदि बोलनेवालों से कम नहीं है।
पर इंटरनेट में इस भाषा की स्थिति दयनीय ही दिखाई देती है। मैने इस भाषा को सर्च किया तो पाया कि इंटरनेट पर पूर्वांचल एक्सप्रेस में कुछ भोजपुरी खबरे और लेख आदि प्रकाशित किए जाते हैं। भोजवुड न्यूज इस वेबसाइट में तथा भोजपुरी के पारंपरिक गीत इस वेबसाइट में दिखाई पडे। भोजपुरी सिनेमा की चर्चा के लिए यह वेबसाइट भी बनाया गया है। अंजोरिया वेबसाइट भी इस क्षेत्रीय भाषा के प्रचार प्रसार में प्रतिबद्ध है और जय भोजपुरी भी कम नहीं। भोजपुरी संगीतो का संग्रह किया गया है इस ब्लॉग में।
मनोज भावुक जी के भोजपुरी गजल भोजपुरी दोहे भोजपुरी कविता भोजपुरी गीत कहानी , नाटक और सिनेमा के लिए भी वेब पेज के साथ साथ भोजपुरी के पारंपरिक गीतों के भी पन्ने मिले , पर उसमें सामग्री का सर्वथा अभाव है। मुंबई के शशि सिंह जी ने भी भोजपुरिया ब्लॉग नामक एक ब्लॉग बनाया था , पर उसमें अंतिम पोसट 2006 में ही डाली गयी है। एक भोजपुरिया जवान की डायरी भी 2005 और 2006 के मध्य चलती मिली , पर वो अभी बंद पू
प्रभाकर गांपालपुरिया जी का ब्लॉग भोजपुरी नगरिया काफी दिनो से भोजपुरी के अच्छे लेखों से समृद्ध है , क्यू न हो आपन बोली आपन पहचान है बाबू , यही तो है उनका स्लोगन। उनके ही चले गांव की ओर ब्लॉग में तीन सौ से अधिक भोजपुरी कहावतें हिंदी के अनुवाद और अर्थ सहित दी गयी हैं। इसके अलावे तरूण तिवारी जी का एक भोजपुरी ब्लॉग है .. ना काहू से दोस्ती ना काहू से वैर .... । इसी प्रकार अंबुज जी का आपन देश आपन ज्वार , अशोक दूबे जी का हमार धरती नामक ब्लॉग इंटरनेट में भोजपुरी को समृद्ध करने के लिए शुरू तो जरूर किया गया होगा , पर इनमें लेखन अनियमित ही है।
गूगल की ही साइट में लिखंत पढंत कोने में कब तक चली भोजपुरी के संग दगाबाजी नामक लेख में श्याम बिहारी श्यामल जी ने लिखा है ..भोजपुरी के जब-जब चर्चा उठेला त हमरा आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के एगो कथन हमेशा इयाद पड़ेला। कउनो भोजपुरी सम्मेलन में पहुंचल रहन। आपन उद्गार व्यक्त करे लगलन त सविस्तार बतवलन कि कइसे भोजपुरी के शब्द-संपदा अउर अभिव्यक्ति-क्षमता सबसे अधिक बा! अब जइसे हिन्दी में जे ई शब्द बा ‘तुम’, येकरा बोलला से का अइसन बुझाता कि ई संबोधन प्यार से हो रहल बा कि घृणा से? भोजपुरी में ‘तुम’ के अलगा-अलगा भाव-कोण के खातिर देख लीं कि केतना विकल्प बा! प्यार से कहीं त ‘तूं’, गोस्सा में बोलीं त ‘तें’, तनी सामान्य मन से बोले के होखे त ‘तु’! एक शब्द के येतना विकल्प कउन भाषा में मिली! ...पुरनिया द्विवेदी जी मंच से अफसोस जतवले रहन कि भोजपुरी में लेखन ना कइला के उनुका बहुत मलाल बा!
भोजपुरी बोलने , सुनने और समझनेवालों को अपनी भाषा के महत्व को बढाने के लिए इस दिशा में प्रयास करने की आवश्यकता है , आशा करती हूं आनेवाले समय में भोजपुरी इस बात पर ध्यान देंगे। यदि इन साइटों के अलावे भी कहीं भोजपुरी भाषा में कुछ लिखा पढा जा रहा हो तो टिप्पणी के द्वारा सूचना देने की कृपा करें। मिलते हैं एक ब्रेक के बाद ......अगली पोस्ट में इंटरनेट में मैथिल भाषा की चर्चा करते हुए.....
पर इंटरनेट में इस भाषा की स्थिति दयनीय ही दिखाई देती है। मैने इस भाषा को सर्च किया तो पाया कि इंटरनेट पर पूर्वांचल एक्सप्रेस में कुछ भोजपुरी खबरे और लेख आदि प्रकाशित किए जाते हैं। भोजवुड न्यूज इस वेबसाइट में तथा भोजपुरी के पारंपरिक गीत इस वेबसाइट में दिखाई पडे। भोजपुरी सिनेमा की चर्चा के लिए यह वेबसाइट भी बनाया गया है। अंजोरिया वेबसाइट भी इस क्षेत्रीय भाषा के प्रचार प्रसार में प्रतिबद्ध है और जय भोजपुरी भी कम नहीं। भोजपुरी संगीतो का संग्रह किया गया है इस ब्लॉग में।
मनोज भावुक जी के भोजपुरी गजल भोजपुरी दोहे भोजपुरी कविता भोजपुरी गीत कहानी , नाटक और सिनेमा के लिए भी वेब पेज के साथ साथ भोजपुरी के पारंपरिक गीतों के भी पन्ने मिले , पर उसमें सामग्री का सर्वथा अभाव है। मुंबई के शशि सिंह जी ने भी भोजपुरिया ब्लॉग नामक एक ब्लॉग बनाया था , पर उसमें अंतिम पोसट 2006 में ही डाली गयी है। एक भोजपुरिया जवान की डायरी भी 2005 और 2006 के मध्य चलती मिली , पर वो अभी बंद पू
प्रभाकर गांपालपुरिया जी का ब्लॉग भोजपुरी नगरिया काफी दिनो से भोजपुरी के अच्छे लेखों से समृद्ध है , क्यू न हो आपन बोली आपन पहचान है बाबू , यही तो है उनका स्लोगन। उनके ही चले गांव की ओर ब्लॉग में तीन सौ से अधिक भोजपुरी कहावतें हिंदी के अनुवाद और अर्थ सहित दी गयी हैं। इसके अलावे तरूण तिवारी जी का एक भोजपुरी ब्लॉग है .. ना काहू से दोस्ती ना काहू से वैर .... । इसी प्रकार अंबुज जी का आपन देश आपन ज्वार , अशोक दूबे जी का हमार धरती नामक ब्लॉग इंटरनेट में भोजपुरी को समृद्ध करने के लिए शुरू तो जरूर किया गया होगा , पर इनमें लेखन अनियमित ही है।
गूगल की ही साइट में लिखंत पढंत कोने में कब तक चली भोजपुरी के संग दगाबाजी नामक लेख में श्याम बिहारी श्यामल जी ने लिखा है ..भोजपुरी के जब-जब चर्चा उठेला त हमरा आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के एगो कथन हमेशा इयाद पड़ेला। कउनो भोजपुरी सम्मेलन में पहुंचल रहन। आपन उद्गार व्यक्त करे लगलन त सविस्तार बतवलन कि कइसे भोजपुरी के शब्द-संपदा अउर अभिव्यक्ति-क्षमता सबसे अधिक बा! अब जइसे हिन्दी में जे ई शब्द बा ‘तुम’, येकरा बोलला से का अइसन बुझाता कि ई संबोधन प्यार से हो रहल बा कि घृणा से? भोजपुरी में ‘तुम’ के अलगा-अलगा भाव-कोण के खातिर देख लीं कि केतना विकल्प बा! प्यार से कहीं त ‘तूं’, गोस्सा में बोलीं त ‘तें’, तनी सामान्य मन से बोले के होखे त ‘तु’! एक शब्द के येतना विकल्प कउन भाषा में मिली! ...पुरनिया द्विवेदी जी मंच से अफसोस जतवले रहन कि भोजपुरी में लेखन ना कइला के उनुका बहुत मलाल बा!
भोजपुरी बोलने , सुनने और समझनेवालों को अपनी भाषा के महत्व को बढाने के लिए इस दिशा में प्रयास करने की आवश्यकता है , आशा करती हूं आनेवाले समय में भोजपुरी इस बात पर ध्यान देंगे। यदि इन साइटों के अलावे भी कहीं भोजपुरी भाषा में कुछ लिखा पढा जा रहा हो तो टिप्पणी के द्वारा सूचना देने की कृपा करें। मिलते हैं एक ब्रेक के बाद ......अगली पोस्ट में इंटरनेट में मैथिल भाषा की चर्चा करते हुए.....
4 टिप्पणियाँ:
vaah.........bhojpuri bhasha ke sabhi link dekhkar kaphi accha laga. dhanyvad ...........e sangrah bada accha lagal
भोजपुरी भाषा के सन्दर्भ में बढ़िया चर्चा की है ... आभार
भोजपुरी भाषा पर वार्ता अच्छी लगी.
बहुत-बहुत धन्यवाद मैडमजी। बहुते सुन्नर अउर यथार्थ चरचा खातिर।
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