शुक्रवार, 21 अक्तूबर 2011

मैथिल भाषा को इंटरनेट में समृद्ध बनाने के लिए प्रयास .. ब्‍लॉग4वार्ता .. संगीता पुरी

आप सबों को संगीता पुरी का नमस्‍कार .. 2007 में बनी एक वेबसाइट मिथिला विहार में परिचय मिलता है ... मिथिला प्राचीन भारत मे एकटा साम्राज्य छल । ई पूर्वी गंगा मैदान मे अवस्थित अछि , जे आब आधा सँ अधिक बिहार और ओकरा सँ जुड़ल नेपालक भाग अछि । रामायण महाकाव्यक अनुसार मिथिला विदेह साम्राज्यक राजधानी छल । एहि शहरक पहचान नेपालक धनुषा जिला मे आजुक जनकपुर सँ कएल गेल अछि । विदेहक देश कखनो-कखनो मिथिला कहल जाईत अछि, जहन कि ई राजधानी छल । ई ठीक ओहिना अछि जेना कि कोशल साम्राज्यक राजधानी अयोध्या छल, जे कोशलक तुलना मे बेसी प्रसिद्ध भेल ।

मिथिला में बोली जानेवाली भाषा मैथिल है। भोजपुरी भाषा की तरह ही मैथिल भाषा को भी इंटरनेट में समृद्ध बनाने के लिए प्रयास किए जाते रहे हैं। इंटरनेट में विदेह नाम की एक पाक्षिक पत्रिका मिली।यूथ ऑफ मिथिला , मिथिला विहार डॉट कॉम , मैथिली लेखक संघ , इसमाद , इकांतिपुर , भालसारीक गाछ नामक कई वेबसाइटों में मैथिल भाषा में हर प्रकार की जानकारी उपलब्‍ध है। जीतमोहन झा 'जीतू' के सौजन्‍य से एक वेब पत्रिका मैथिल और मिथिला भी नेट पर उपलब्‍ध है। इंटरनेट में मैथिल गानों को यहां और यहां  से डाउनलोड किया जा सकता है।  बहुत सारे मैथिली पेण्टिंग्‍स आपको कुसुम ठाकुर जी के ब्‍लॉग कोहबर में मिलेंगे। 

मुझे किन्‍हीं रंजन भंडारी जी का ब्‍लॉग 'भूमि मिथिलाक आवाज' मिला , पर उसकी अंतिम पोस्‍ट 2007 में ही लिखी गयी, इसी प्रकार हलोमिथिला में अंतिम पोस्‍ट 2010 की ही दिखी। खट्टर काका का तरंग नामक ब्‍लॉग भी सिर्फ 2006 तक ही चल सका।विजय ठाकुर जी का मैथिल दर्पण भी 2007 तक ही अपडेट हो सका। इसी प्रकार गजेन्‍द्र ठाकुर जी के ब्‍लॉग मैथिल और मिथिला में भी अंतिम पोसट 2009 की ही मिली , उन्‍होने मैथिल हाइकू को जरूर अपडेट होते रखा है। मिथिला व्‍याकरण की जानकारी देता गजेन्‍द्र ठाकुर जी के ही एक महत्‍वपूर्ण ब्‍लॉग मानक मैथिली पर भी आज नजर पडी।

चंदन झा 'राधे' जी का ब्‍लॉग मैथिली वाणी में आपको मैथिली कहानी , कविता और आलेख मिलेंगे। मिथिलांचल नामक एक ब्‍लॉग में भी आपको मैथिली में पठनीय सामग्री मिलेगी।   अमित अभिनंदन जी नामक एक नवोदित लेखक ने भी कतेक रास बात नाम से मैथिली में ब्‍लॉग बनाया है। मैथिली चुटकुले भी आपको यहां मिल सकते हैं। सोनू मिश्र जी  मिथिलाक समाचार और मिथिलाक मुद्दा में नियमित पोसट करते साथ ही अ ग्रेट विलेज ऑफ मिथिला मेंभी नियमित पोसट करते हैं। तारानंद वियोगी जी का एक ब्‍लॉग मिथिला मिहिर नियमित तौर पर चल रहा है। मैथिल भाषा के अन्‍य ब्‍लोगों की जानकारी किसी के पास हो तो अवश्‍य दें। और अंत में राजीव रंजन लाल जी के ब्‍लॉग से मैथिली का एक लोक नृत्‍य झिंझरी 'तोहरे भरोसे' .......



5 टिप्पणियाँ:

बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
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यहाँ पर ब्रॉडबैंड की कोई केबिल खराब हो गई है इसलिए नेट की स्पीड बहत स्लो है।
बैंगलौर से केबिल लेकर तकनीनिशियन आयेंगे तभी नेट सही चलेगा।
तब तक जितने ब्लॉग खुलेंगे उन पर तो धीरे-धीरे जाऊँगा ही!

मैथिलि ही मैथिलि ...बढ़िया है !

बहुत सुंदर प्रयास है मैथिली ब्लाग संसार पर ध्यान आकृष्ट कराने का... धन्यवाद...

जहाँ तक 'मैथिल आर मिथिला' की बात है उसका लिंक है maithilaurmithila.blogspot.com और 15 अक्टूबर को पोस्ट किया गया है...

लोक भाषा का विस्‍तार होना ही चाहिए. देश भाषा-लोक भाषा.

बहुत सुन्दर प्रस्तुति!

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