मंगलवार, 28 फ़रवरी 2012

जगती आंखों का स्‍वप्‍न .. चिरनिद्रा .. ब्‍लॉग4वार्ता .. संगीता पुरी

2002 में एनडीए शासनकाल में नदियों को जोड़ने के प्रोजेक्ट का आइडिया आया था। उस साल भीषण सूखा पड़ने के बाद तत्कालीन पीएम अटल बिहारी बाजपेयी ने इस प्रोजेक्ट के लिए टास्क फोर्स बनाया था। हिस्सों में प्रोजेक्ट को बांटने का सुझाव दिया था टास्क फोर्स ने अपनी रिपोर्ट में। एक में दक्षिण भारत की नदियों का ग्रिड विकसित करने की योजना थी। दूसरे भाग में गंगा, ब्रह्मपुत्र जैसी नदियों से जलाशय बनाने थे। इस योजना से 16 करोड़ हेक्टेयर...

सोमवार, 27 फ़रवरी 2012

महफ़िल में जब, हम न होंगे.... ब्लॉग4वार्ता, संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार... कहते हैं यदि आपके पास अपार संपत्ति और वैभव न हो, आपका लौकिक वैभव छूटा हुआ पर आत्मिक सम्पदा बढ़ी है, तो आपका ठाटबाट सम्राट  से कम नहीं है. अच्छी आत्मा वही है जो सिर्फ अपने लिए न सोचे, अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण रखे,  उसके हर कार्य से भावी पीढ़ी का कल्याण हो. क्यों न हम भी जीकर देखें अपने जीवन को एक सम्राट की तरह... आज मन में आया आप सब से साझा करूँ कुछ विचार... आइये अब चलते हैं आज की ब्लॉग4वार्ता पर...लीजिये प्रस्तुत है मेरी पसंद के कुछ लिंक्स....      बस एक स्मरण! शायद भूल गयी है बात वो सारी... जो चलना सीखते वक़्त हम सबने सीखा था, गिरते थे फिर उठ कर चलने का हम सबमें सलीका था! उस भोले-भाले उम्र...

रविवार, 26 फ़रवरी 2012

आमचो बस्तर कितरो सुंदर....ब्लॉग4वार्ता...ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार,  संध्या शर्मा  जी ने कल की वार्ता में ब्लॉग लेखकों की पोस्ट कम आने की वजह के विषय में लिखा था। यह सत्य है कि वर्तमान में ब्लॉग के प्रति लेखकों का रुझान कम हो रहा  है। 2009 में मैने लगभग 3500 ब्लॉगों पर लिंक समेत स्वागत कमेंट किया था। गुगल ने सर्च करने पर यही संख्या बताई। उन 3500 ब्लॉग में लगभग 100 ब्लॉग भी सक्रीय नहीं है। इससे लगता है कि लोग ब्लॉग तो बना लेते हैं पर लिखना नहीं चाहते या लिखने का समय नहीं मिलता। लगभग ब्लॉगर फ़ेसबुक पर सक्रीय हैं अब। इससे ब्लॉगिंग में शिथिलता आनी स्वाभाविक है। एक दिन सतीश पंचम जी ने बहुत सही लिखा था फ़ेसबुक पर "एक पाव फ़ेसबुक 10 किलो ब्लॉगिंग को खा जाती है।" स्थायी तो ब्लॉग ही...

शनिवार, 25 फ़रवरी 2012

चांदनी चंचल चंचल..... ब्लाग 4 वार्ता.......संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार... आज कल ब्लॉग पोस्ट कम ही लिखी जा रही है इसलिए फ़ीड भी कम आ रही है। जिस एग्रीग्रेटर पर 600 ब्लॉग लिंक है वहाँ 25-30 पोस्ट फ़ीड आ गयी तो बहुत है। कहने को तो 50000 ब्लॉग हैं। फ़ेसबुक का असर ब्लॉगिंग पर स्पष्ट दिखाई दे रहा है। ब्लॉग पर पाठकों की संख्या भी कम होते जा रही है। अलेक्सा रैंकिग में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। ऐसी ही स्थिति रही तो गुगल भी अपनी मुफ़्त की इस सेवा को बंद कर सकता है। जैसे उसने पहले ही अपनी कई सेवाएं बंद कर ली। ब्लॉग जगत के लिए यह कठिन समय है अपने अस्तित्व को बचाने के  लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। क्या ब्लॉगिंग के अवसान का समय आ गया है?…………अब चलते हैं वार्ता पर………प्रस्तुत हैं मेरी पसंद...

गुरुवार, 23 फ़रवरी 2012

द हिंदु के संपादक जी आप मज़बूर है क्या ? हारम एक बेहतरीन एग्रीगेटर : आप भी जुडिये

एम पी राग पर अंधा है प्रेम 75 का दूल्‍ला और 67 की दुल्‍हन पढ़कर अच्छा लगा. इस समाचार में प्रेम की सकारात्मक्ता का संदेश छुपा है वहीं एक दुख:द स्थिति की चर्चा भी बेहद ज़रूरी है ......... "द हिन्दू" अखबार में प्रकाशित महिला लेखिका के लेख में छत्तीसगढ की महिलाओं पर की गयी टिप्पणी से छत्तीसगढिया आहत हुए हैं। राहुल सिंह के ब्लॉग सिंहावलोकन पर इसके विषय में लेख प्रकाशित होने पर सामाजिक संगठनों ने इस कृत्य की घोर भर्त्सना की। राज्य महिला...

Page 1 of 23412345Next
Twitter Delicious Facebook Digg Stumbleupon Favorites More