सोमवार, 13 जनवरी 2014

मकरसंक्रांति- तिल गुड़ खाओ पतंग उड़ाओ... ब्लॉग4वार्ता....संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार...."तिल और गुड घ्या गोड-गोड बोला"   त्यौहार की उमंग और आकाश में लहराती, हिचकोले खाती रंग - बिरंगी पतंग आप सभी के जीवन को नए उत्साह और आनंद से भर दे और मकर संक्रांति के सूर्योदय के साथ एक नए सवेरे का शुभारम्भ हो इसी कामना के साथ आप सभी को ब्लॉग वार्ता परिवार की ओर से  मकरसंक्रांति, लोहड़ी एवं पोंगल की  हार्दिक शुभकामनायें....  आइये अब चलें ब्लॉग  4 वार्ता की ओर कुछ उम्दा लिंक्स के साथ... 

 

मकर संक्रांति पर शुभकामनायें मकर राशि में सूर्य का हो रहा प्रवेश संक्रांति काल लेकर आया पर्व विशेष ! उत्तर में खिचड़ी कहें दक्षिण में है पोंगल लोहड़ी जो पंजाब में असम में बीहू मंगल ! लकड़ी का एक ढेर हो शीत मिटाए आग बैर कलुष जल खाक हों पर्व मनायें जाग ! मीठे गुड में तिल मिले नभ में उड़ी पतंग लोहड़ी की इस आग ने दिल में भरी उमंग ! दाने भुने मकई के भर रेवड़ियाँ थाल अंतर में उल्लास हो चमकें सबके भाल.... मकर संक्रांति पर शुभकामनायें - मकर राशि में सूर्य का हो रहा प्रवेश संक्रांति काल लेकर आया पर्व विशेष ! उत्तर में खिचड़ी कहें दक्षिण में है पोंगल लोहड़ी जो पंजाब में असम में बीहू मंगल...मिसफिट Misfit मकर संक्रान्ति : सूर्य उपासना का पर्व

ऐसा भी दान... - हमारी भारतीय संस्कृति में "दान" हमेशा छुपा कर करने में विश्वास किया जाता रहा है.कहा भी गया है कि दान ऐसे करो कि दायें हाथ से करो तो बाएं हाथ को भी खबर न ....मौन - मौन नहीं स्वीकृति हार की मौन नहीं स्वीकृति गलती की, मौन नहीं है मेरा डर और न ही मेरी कमजोरी, झूठ से पर्दा मैं भी उठा सकता हूँ और दिखा सकता हूँ आइना सच का, ... .आईना आँख चुराता क्यों है? - जबसे पहनी है अपने होने की महक आईना आँख चुराता क्यों है? तेरे आने और तेरे जाने का फर्क मिटता सा नज़र आता क्यों है? कोई आहट नहीं कहीं फिर भी दिल इस तरह..

 

कौन है औरत? - एक प्रश्न : कौन है औरत महज घर परिवार के लिए बलिदान देकर उफ़ न करने वाली और सारे जहाँ के दोष जिसके सिर मढ़ दिए जाएँ फिर भी वो चुप रहे क्या यही है औरत या यदि...  आदत ... - सच ! चाटुकारों की बातों पे तू एतबार न कर देख, आईना खुद बयां कर रहा है सूरत तेरी ? … खोखले हो चुके दरख्तों की, कोई हमसे उम्र न पूछे उनके बाजु से चलो … तो ... .भूख भूख भूख …4 - नेता की भूख पद के लालच में नहीं देख पाती बेबस जनता की तकलीफ़ें जनता का रुदन उसे चाहिये होता है एक उच्च पद जहाँ वो सारे कुकृत्य करके भी बच जाये स्वंय को ...

मध्य में सब ठीक हो - बड़े तन्त्रों में एक बड़ी समस्या होती है। उन्हें साधने के प्रयास में सारा का सारा ध्यान उनके अन्तिम छोरों में ही रहता है, अन्तिम छोर साध कर लगता है कि सारा... बदलावों की आहट - मैं जब भी कहीं दूर पहाड़ की चोटी की तरफ देखता हूँ तो मुझे उसमें कोई बदलाब नजर नहीं आता, और जब उस पहाड़ की चोटी से दुनिया को देखता हूँ तो बहत कुछ बदला हुआ नजर... .ये कोहरे कि धुंध........ - ये कोहरे कि धुंध, और बादलो से घिरा आसमां.... ठंड से कांपता सारा जहां, इन सब से दूर मैं तुम्हारे, ख्यालो में खोयी सी.....!...

 

 खोजूं कहाँ - खोजूं कहाँ तुझे ए मेरे मन न जाने कहाँ खो गया है चैन सारा हर लिया है | खैर मना कि मैंने दर्ज न कराई कोई शिकायत तेरे खो जाने की नहीं तो क्या ...ये औरत .... - एक वक़्त था जब उसे किसी ना किसी ऐसे इंसान की जरूरत पड़ती थी ...जिसे वो अपने दिल की बात बता सके...किसी के साथ अपने दिल की बातें बाँट सके, पर उस वक़्त किसी...चन्द्र तुम मौन हो ....... - मैं विकारी ... तुम निर्विकार ...!! निराकार मुझमे लेते हो आकार , रजनी के ललाट पर उज्ज्वल यूं मिटाते हो हृदय कलुष , मैं आधेय तुम आधार ....!! मेरे मन के एका...

 सरगुजा का रामगिरी - छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिला मुख्यालय से 50 किलो मीटर की दूरी पर बिलासपुर सड़क मार्ग पर उदयपुर से दक्षिण में रामगढ़ पर्वत स्थित है। दण्डकारण्य के प्रवेश द्वार ... .कुसुम-काय कामिनी दृगों में, - कुसुम-काय कामिनी दृगों में. कुसुम-काय कामिनी दृगों में जब मदिरा भर आती है खोल अधर पल्लव अपने, मधुमत्त धरा ......अंतिम छोर... - प्रायवेट वार्ड नं. ३ जिन्दगी/मौत के मध्य जूझती संघर्ष करती गूंज रहे हैं तो केवल गीत जो उसने रचे जा पहुंची हो जैसे सूनी बर्फीली वादियों में वहाँ भी अकेल... 

 


 

दीजिये इजाज़त नमस्कार........ 

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