बुधवार, 31 मार्च 2010

लिव इन रिलेशनशिप की चल रही है हवा, जिंदगी : जियो हर पल- ब्लाग 4 वार्ता राजकुमार ग्वालानी

ब्लाग 4 वार्ता  का आगाज करने से पहले सभी ब्लागर मित्रों को राजकुमार ग्वालानी का नमस्कार ब्लाग बिरादरी के साथ सारी दुनिया में एक ही संदेश की सभी बांटते चले प्यार

मित्रों आज की चर्चा की शुरुआत करने से पहले हम आप सभी को बताना चाहते हैं कि अपने छत्तीसगढ़ राज्य के लिए आज का दिन बड़ी खुशी का दिन है। आज दिल्ली में 37वें राष्ट्रीय खेलों के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के साथ भारतीय ओलंपिक संघ का होस्ट सिटी कांट्रेक्ट हुआ है। यानी मेजबान शहर का अनुबंध। 37वें राष्ट्रीय खेल छत्तीसगढ़ में 2013-14 में होंगे। इसके लिए अब छत्तीसगढ़ को संवारने की तैयारी प्रारंभ हो जाएगी। बहरहाल अब हम चलते हैं आज की चर्चा की तरफ- 
 इस मुद्दे पर बहुत सी बातें मैं अपनी पिछली पोस्ट में रख चुका हूं , मगर चूंकि इस विषय का दायरा इतना वृहत है कि शायद अभी इस पर और भी बहुत कुछ कहने लायक बच गया है । ये मत व्यक्त किया जा रहा है लिव इन रि...
संदर्भ : कॉमनवेल्‍थ गेम्‍स और दिल्‍ली सरकार का बजट ... इन खेलों में निश्चित ही देश के चोटी के खिलाड़ी अपनी विशाल परंपराओं को कायम रखते हुए हारेंगे तो पब्लिक जो मोटे मोटे आंसू बहायेगी उससे पानी की कमी ...
सभी प्रदेशवासियों को 61 वें राजस्थान स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ | इस खास अवसर पर सुनिये राजस्थान प्रदेश की महिमा वाला मधुर संगीत ताऊ डाट इन: ताऊ की 500 सौवीं पोस्ट के उपलक्ष्य मे कवि सम्मेल...
दिन तन्हा तो गुजर गया, सूनी सी रात मगर बाकी है। मयखाना ठिकाना, मय गम की दवा है और हमसफ़र साकी है । दो पैग के बाद परवाना सोचता है कि उसने तो सदा ही जिन्दगी चरागों की रोशनी पे फिदा...
आज फिर उसने मुझको रुलाया है रूठे हुए थे हम वो मनाने आया है ज़ख्मों पे पपड़ी सी कुछ जमी हुई थी नाखून से कुरेद कर उसने हटाया है दिल के क़तरनों के पैबंद बना कर हमने भी कई ज़ख्म सबसे छुपाया है मरहम धरने...

करण समस्तीपुरी में  मनोज - बता रहे हैं- ब्लोगर बन्धु गण, नमस्कार, आपके सस्नेह आग्रह पर आज हम एक बार फिर प्रस्तुत कर रहे हैं बेंगलूर के प्रसिद्द कवि एवं गीतकार ज्ञानचंद मर्मज्ञ की देशभक्ति पूर्ण एक अद्वितीय रचना ! वन्दे मातरम् , वन्दे मातरम्।
बात  बहुत पुरानी नहीं है। सत्तर-अस्सी के दशक में देश की सरकारी तेल कंपनियां सरकार को औसतन 15 से 20 हजार करोड़ रुपये का सालाना लाभ देती थीं। आज सरकार इन कंपनियों को हर वर्ष 50-60 हजार करोड़ रुपये चुकाती है...
 सिर्फ दो लाइन आप भी मूड में आ लिए अपना भी धीरे - धीरे बन रहा है पेश करता हूँ कि चौराहे की मिटटी को भई जम कर लज्जा आती है दर्ज़न भर बेटों की अम्मां भीख मांगने आती है -- योगेन्द्र मौदगिल 

भिलाई जैसे छोटे से क्षेत्र से राजनीति की शुरूआत करने वाली सरोज पाण्डेय आज दुर्ग संसदीय क्षेत्र की सांसद हैं और भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सचिव बनाई गई हैं। भारतीय जनता पार्टी ने जब...
Astrology means JYOTISH =KNOWLEDGE OF LIGHT TO THE LIFE . Astrology clearly indicates that one can excercise his choices and if one can understand the role of all the nine planets then choices can be u...

चर्चा पान की दुकान पर यशवन्त मेहता बता रहे हैं अरे बड़े मियां, बचा लिया नहीं तो आज तो इज्जत का फलूदा बन जाताजौंक कहते हैं न "क्या-क्या मजा ने तेरे सितम का उठा लिया हमने भी लुफ्ते-ज़िन्दगी अच्छा उठा लिया" तो जनाब हमने भी बोर्ड परीक्षा के सितम उठाये, दिन रात कमरे में बंद रहे , फ़ोन और गेम्स उठवाकर दूसरे कमरे मे...
सात अप्रैल सायं चार बजे शिवाजी पार्क के पास यहाँ देखें 

पिताजी में - पिताजी का बचपन (1)
मेरे पिताजी के बारे में लोग कहते थे कि वे अपने समय से पचास साल आगे की सोच रखने वाले इन्सान थे. बहुत ही खुले विचारों के, तार्किक, बुद्धिवादी, बेहद लोकतान्त्रिक, मस्तमौला और फक्कड़ किस्म के आदमी थे. वे नास्त...

जिंदगी : जियो हर पल में प्रीति टेलर बता रहे हैं- उफ़ इश्क कर लिया हमने भी ....
ना ख्वाहिशें थी पल रही इस नादाँ दिलमें , ना शिकवे करे किसीसे ना कोई गीले हुए कभी , बस नजरें मिली यूँ तुमसे जिस पल इश्कने हमें सब सिखा दिया ............................ तनहा होने के एह्साससे रहे थे प
इधर कई सालों से मैंने आत्मा को नहीं देखा है; क्या आपने देखा है उसे? नेता हैं पर जनता का ही रक्त चूस रहे हैं और राष्ट्र तक को बेच खा रहे हैं। कहाँ गई उनकी आत्मा? व्यापारी है किन्तु व्यापार के नाम से ग्रा...

आदरणीय ब्लागर गणों, मैं रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" आप सभी का अभिनंदन करता हूं. और मुझे यह घोषणा करते हुये अपार हर्ष हो रहा है कि ताऊ की आज की यह पोस्ट 500 सौ वीं पोस्ट है. इस उपलक्ष में ताऊ के भतीजे श्री ललित शर्मा जी को .......

मेरे गीत में सतीश सक्सेना बता रहे हैं- ब्लाग जगत में ऐसे लोग भी हैं - स्नेही राज भाटिया
राज भाई ! १५ -३० मई में एक मित्र के साथ विएंना में, उनके बेटे के घर रहूँगा ! इन १५ दिनों यूरोप घूमने का प्लान है , जिन जगह जाने का मन है वे प्राग , बुडापेस्ट , स्वित्ज़रलैंड , और इटली हैं यूरेल टिकेट लेने की सोच रहे हैं ! क्या यह कम समय में संभव और ठीक

अदालत में लोकेश बता रहे हैं- एक मासूम की जिंदगी से खेलने वाले नाबालिग दुष्कर्मी को मिली अनोखी सजा
नाबालिग लड़की से दुष्कर्म करने वाले एक नाबालिग युवक को हरियाणा की एक अदालत ने अनोखी सजा सुनाई है। एक मासूम की जिंदगी से खेलने वाले इस दुष्कर्मी को एक साल तक सिविल अस्पताल में लगातार मरीजों, उनके परिजनों और अस्पताल के स्टाफ को पानी पिलाना होगा। जिला

संगीता पुरी बता रही हैं- 'गत्‍यात्‍मक ज्‍योतिष' की खोज : ग्रहों के बुरे प्रभाव को दूर करने के उपाय
हजारो वर्षों से विद्वानों द्वारा अध्ययन-मनन और चिंतन के फलस्वरुप मानव-मन-मस्तिष्‍क एवं अन्य जड़-चेतनों पर ग्रहों के पड़नेवाले प्रभाव के रहस्यों का खुलासा होता जा रहा है , किन्तु ग्रहों के बुरे प्रभाव को दूर करने हेतु किए गए लगभग हर आयामों के उपाय में

अब आपसे लेते हैं हम विदा- लेकिन दिलों से नहीं होंगे जुदा

मंगलवार, 30 मार्च 2010

ब्रेकिंग न्यूज:-ब्लाग जगत की महती भूमिका--500 सौवीं पोस्ट--ब्लाग4वार्ता--(ललित शर्मा)

जय हनुमान ज्ञान गुण सागर, जय कपिश तिहूँ लोक उजागर. राम दूत अतुलित बल धामा, अंजनी पुत्र पवन सूत नामा. आज हनुमान जयंती है.. इस अवसर पर कार्यक्रम हो रहे हैं...... चालीसा पाठ एवं भोजन प्रसाद की व्यवस्था चल रही है........ आज वैसे भी विलम्ब हो गया है........चलिए अब जल्दी से कुछ चिट्ठों की चर्चा करते है............मै ललित शर्मा आपको ले चलता हूँ आज कि ब्लॉग4वार्ता पर ..........
आज  ताऊ डाट इन पर ताऊ की 500 सौवीं पोस्ट के उपलक्ष्य मे कवि सम्मेलन व मुशायरा हो रहा है, इसमें बहुत से श्रोता और वक्ता शामिल हैं आप भी आनंद  लिजिए, यह दोनों ही कार्यक्रम ताऊ थियेटर्स के सजे धजे हाल में संपन्न हुये. तो अब मैं आमंत्रित करता हूं श्री ललित शर्माजी को. वो आयें और अपनी रचना सुनायें.

प्रेरणा कैसी कैसी!! उड़न तश्तरी --- कभी किसी को देख सुन कर *वो आपको इतना अधिक प्रभावित करता है कि आपका प्रेरणा स्त्रोत बन जाता है.* आप उसके जैसा हो जाना चाहते हैं. ठीक ठीक उसके जैसा न भी हो पाये तो आपको आगे बढ़ने और अभ्यास करने हेतु वो प...धर्म को तो राजनीति से गंदा न करें *अपने देश के नेता जहां जाते हैं, वहां के माहौल को अपनी गंदी राजनीति से गंदा करने से बाज नहीं आते हैं। अब अपने छत्तीसगढ़ राज्य की भाजपा सरकार ने जब हरिद्वार कुंभ में स्नान करने की योजना बनाई तो इसके लिए विप...

अनाथ आश्रम को बचाने में ब्लाग जगत की भी महती भूमिका.......! कहते हैं "निर्बल के बल राम" जिसका कोई सहाय नही उसके सहाय भगवान हैं, कहीं न कहीं से निर्बल को ईश्वरीय मदद मिल जाती है, वही रायपुर के गुरुकुल आश्रम के अनाथ बच्चों के मामले में हुआ। यहाँ मीडिया में एक खबर आई ...सरग निसैनी म चघ लइका हांसत हे, बादर ले चंदा झांकत हे *पुस्तक समीक्छा* सरग निसैनी (लइका गीत) डॉ. पीसी लाल यादव प्रकाशक- दूधमोंगरा, गण्डई, जिला राजनांदगांव मूल्य-10 रुपए 'सरग निसैनी' म लइका गीत के पंक्ति हावय। एक-एक गीत ऊपर गोड़ मड़ावत लइका बुध्दिमानी के सरग...

वैशाख्नंदन सम्मान प्रतियोगिता मे : श्री अविनाश वाचस्पति ताऊ रामपुरिया  ताऊजी डॉट कॉम -परप्रिय ब्लागर मित्रगणों, हमें वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता के लिये निरंतर बहुत से मित्रों की प्रविष्टियां प्राप्त हो रही हैं. जिनकी भी रचनाएं शामिल की गई हैं उन्हें व्यक्तिगत रूप से सूचित कर दिया गया है. आज मुनईयाँ के ससुरे सें चिट्ठी आई है------->>>मशाल. साहित्यप्रेमियों के सामने एक बुन्देलखंडी गीत प्रदर्शित कर रहा हूँ.. जो कि एक लडकी जो अपने ससुराल में है और कई दिनों तक अपने मायके(पीहर) से कोई खोज-खबर ना लिए जाने पर कुछ दुखी है को ध्यान में रख कर लिखी गई ...
आज वन्दना अवस्थी दुबे का जन्मदिन है आज, 30 मार्च को अपनी बात ..., जो लिखा नहीं गया ..., किस्सा कहानी वालीं वन्दना अवस्थी दुबे का जन्मदिन है। इनका ई-मेल पता vandana.adubey@gmail.com है। बधाई व शुभकामनाएँ *आने वाले **जनमदिन आदि की जानकारी, . प्‍यार की भाषा कहां खो गई है * अभी कुछ दिन पहले हिंदी के कवि चंद्रकांत देवताले जी के किसी परिचित से मेरी मुलाकात हुई। उसने बताया कि देवताले जी से उसने मेरे बारे में काफी कुछ सुन रखा है और बातचीत के दौरान ही उसने एकदम से पूछ लिया
चलिये दर्शन करवाता हूं मां बम्लेश्वरी के! नवरात्र में मां बम्लेश्वरी के दर्शन का सौभाग्य फ़िर से मिला।सालों से हमारी मित्रमण्डली मैया के दर्शन के लिये जाती है।ये सिलसिला शुरू हुआ था कालेज के दिनों से तब सुबह हावडा मुम्बई एक्स्प्रेस से जाते थे और मु...महबूबाअगर तुम न आतीमेरी महबूबामेरी जिंदगी मेंतो मेरा अस्तित्व क्या होता?बंजर जमीं में एक सूखे पेड़की भाँती खड़े होते,अकेले ही अकेलेऔर जिंदगी के सिलसिलेयूँही चले होते सालों साल,कभी न भरने वाले जख्मगिले होते सालों साल।
बच्चों के पहले, शिक्षा व्यवस्था के पहले अभिभावकों को सुधारना होगा आजकल उत्तर प्रदेश में परीक्षा महोत्सव चल रहा है। इंटरमीडिएट, हाईस्कूल के साथ ही साथ विश्वविद्यालय की परीक्षाएँ चालू हैं। यद्यपि इंटरमीडिएट और हाईस्कूल की परीक्षाएँ तो समाप्ति पर हैं और विश्वविद्यालयीन परी... हिंदी ब्लोग्गिंग भी करवट बदल रही है , कुछ पोस्ट झलकियां --- अब कोई कह के दिखाए कि हिंदी ब्लोग्गिंग में गंभीरता नहीं दिखती । पिछले कुछ दिनों में आई पोस्टों और उनपर हुई बहस ने बता और जता दिया है कि आने वाले समय में हिंदी ब्लोग्गिंग पर हो रही हलचल, विमर्श , बहस औ...
नेकी कर, लिफ़ाफ़े में डाल...खुशदीप पोस्ट ऑफिस में एक सीनियर क्लर्क उस डेस्क का काम देखा करते थे जहां अधूरे या अस्पष्ट पतों वाली डाक की छंटाई होती थी... एक दिन सीनियर क्लर्क को ऐसा ख़त मिला जिस पर कांपते हाथों से किसी ने सिर्फ.. *गॉड...* लि...लिव-इन-रिलेशनशिप को शीघ्र ही कानून के दायरे में लाना ही होगा ---- अनवरत पर पिछली पोस्ट में शकुन्तला और दुष्यंत की कहानी प्रस्तुत करते हुए यह पूछा गया था कि उन दोनों के मध्य कौन सा रिश्ता था? मैं ने यह भी कहा था कि भारतीय पौराणिक साहित्य में शकुन्तला और दुष्यंत के संबं... 
मेरी अहिंसा का अर्थ कायरता नहीं : प्रेम साइमन का विरोध विश्व रंगमंच दिवस पर नेहरू सांस्कृतिक सदन सेक्टर-१ में शनिवार को तीन नाटकों का मंचन किया गया। भिलाई के रंग कर्मियों और क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक समूह बीएसपी के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में नाटकों का मंचन क.ब्रेकिंग न्यूज ब्रेकिंग न्यूज इसलिये क्योंकि ये मेरे लिये है ..... बिलकुल अभी-अभी पता चला कि मेरे ब्लाग की पोस्ट "हालात" की चर्चा श्री ललित शर्मा जी द्वारा अपने ब्लाग ब्लाग ४ वार्ता में की है तथा श्री महेन्द्र मिश्र जी द...
परमाणु समझौता अब पूरा... अमेरिका के साथ हुए १२३ परमाणु समझौते में आखिर अमेरिका ने भारत को ज़िम्मेदार परमाणु शक्ति मानते हुए परमाणु ईंधन के पुनः प्रयोग को भी अपनी सहमति दे दी है. इस समझौते से अब भारत की परमाणु ऊर्जा को शांति पूर्व... साम्यवादी खबर से क्यों डरते हैं ?* *एक जमाना था जब सोवियत शासन और समाजवाद के प्रभाववश सारी दुनिया में विचारों और सूचनाओं की सेसरशिप खूब होती थी, आए दिन समाजवादी समाजों में साधारण आदमी सूचना और खबरों को तरसता था। संयोग की बात है अथवा स... 
कार्टून कुछ बोलता है ! ताजा खबर : सरकार ने राष्ट्रीय सलाहकार परिषद् का फिर से गठन करने का फैसला लिया, जिसकी अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी होंगी, और उनका काम आम मुद्दों पर सरकार को सलाह देना होगा ! *सर जी , तुस्सी मजाक कर रहे ...कहाँ गई आत्मा?इधर कई सालों से मैंने आत्मा को नहीं देखा है; क्या आपने देखा है उसे? नेता हैं पर जनता का ही रक्त चूस रहे हैं और राष्ट्र तक को बेच खा रहे हैं। कहाँ गई उनकी आत्मा? व्यापारी है किन्तु व्यापार के नाम से ग्रा...रंगीलो राजस्थानरंगीलो राजस्थान राजस्थान रंगीलो प्रदेस। राजस्थान नै परम्परागत रूप सूं रंगां रै प्रति अणूंतो लगाव। सगळी दुनिया रो मन मोवै राजस्थान रंग। बरसां पैली नेहरूजी रै बगत नागौर में पंचायत राज रो पैलड़ो टणको मेळो लाग
बच्चे की मां से यह नहीं कहा जा सकता कि वह बच्चे या करियर में से किसी एक को चुन ले': सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में यह व्यवस्था दी है कि कोई भी शख्स अपने बच्चे की मां से यह नहीं कह सकता कि वह बच्चे या करियर में से किसी एक को चुन ले। यानी कि मां अगर चाहे तो करियर से जुड़े बेहतर अवसर...ब्लागिंग की दुनिया में तुम चलना संभल के आज सुबह से फुरसत नहीं मिली दिनभर यहाँ वहां बेमतलब घूमता रहा अचानक उड़नखटोला फिल्म का ये गीत जिसे रफ़ी साहब ने गया है को सुनकर तत्काल दिमाग में आया की क्यों न इसे लेकर ब्लागिंग के ऊपर एक परोडी लिख दी जाए तो ...
हर्फों की तल्ख़ तासीर से इंसा बदल जाएगा..... सोचा न था के तू इस क़दर बदल जाएगा अब के जो गया है तो लौट कर न आएगा परवाज़ लौट आये पर इनका क्या भरोसा कब तक ये रुकेंगे अब मौसम ही बताएगा मेरे घर में रह रही है बेघरी कई दिनों से जाए के अब रहे पर तमाशा तो...क्या कानून से विश्वास उठ गया... इन दिनों छत्तीसगढ़ में अजीब किस्म की पत्रकारिता चल रही है तो इसकी वजह पत्रकारिता का ग्लैमर है। समय-समय पर कानून का पाठ सीखाने वाले अखबार अब कानून हाथ में लेने की न केवल वकालत कर रहे हैं बल्कि आम लोगों को प्रे... 
मेरी पहली ब्लॉगर्स मीट : बेहद रोचक और मजेदार मैं अपनी ब्लॉगर्स मीट के बारे में कुछ कहूं उससे पहले मैं राजीव तनेजा जी व विशेषकर उनकी पत्नी संजू तनेजा का धन्यवाद करती हू तथा उन्हें साधुवाद देती हूं कि उन्होंने इस मीट को तरोताजा व सफल बनाकर एक यादगार मी.. तुम बसती हो श्वासों में.. सुरज की किरणों में हो तुम, सागर की लहरों में हो तुम, तुम हो जग की सुन्दरता में, तुम बसती हो श्वासों में. हर पुष्प में तेरी महक है, पंक्षियों में तेरी चहक है, तेरी ध्वनि है कोयल की कूहों में, तुम बसती हो श्व...
प्रार्थना से आप बदलते हो, परमात्मा नहीं स्वामी जी जन्म पत्रिका देख कर, जब किसी का उपचार तंत्र मंत्र और रत्न से करता हूँ तो क्या इससे जीवन की सारी समस्या का समाधान हो जायेगा ?"मैंने गुरुदेव से पुछा . "सारी समस्या तो ठीक नहीं हो सकती, नहीं तो... कुछ त्रिवेणियाँ ....... त्रिवेणी.....शुरू शुरू में जब गुलजार जी ने त्रिवेणी की फॉर्म बनाई...... तो पता नहीं था यह किस संगम तक पहुँचेगी - त्रिवेणी नाम इसीलिए दिया गया कि इसमें पहले दो मिसरे, गंगा-जमुना की तरह मिलते हैं और एक ख़्या... परिकल्पना ब्लॉग उत्सव को प्रायोजक मिला कहा जाता है कि यदि चाहत सबल हो तो लक्ष्य मुश्किल नहीं होता । जब मैंने परिकल्पना ब्लॉग उत्सव की उद्घोषणा की थी तब शायद मुझे भी यकीन नहीं था कि यह आयोजन अपने मुकाम को प्राप्त करेगा , 
  
हैप्पी अभिनंदन में संजय भास्कर  हैप्पी अभिनंदन में आज आप जिस ब्लॉगर हस्ती से रूबरू होने जा रहे हैं, उस ब्लॉगर हस्ती ने बहुत कम समय में बहुत ज्यादा प्यार हासिल कर लिया है, अपने नेक इरादों और अच्छी रचनाओं के बल पर। वो अपनी बात कहने के लिए ज्यादा शब्दों का इस्तेमाल नहीं करते, जी हाँ हुजूर, मैं गीत बेचता हूँ ।स्वर्गीय भवानी दादा का यह गीत उनके जन्म  दिवस पर पूर्णिमा जी के प्रयास से भवानी दादा की स्मृतियां''अनुभूति पर '' उपलब्ध है,मेरी आवाज़ में सुनिए गीत फरोश-- अमिताभ जी की नजर में डा. चरणदास सिंद्धू ( भाग-2) अनुभव जब एकत्र हो जाते हैं तो वे रिसने लगते हैं। मस्तिष्क में छिद्र बना लेते हैं और ढुलकने लगते हैं, कभी-कभी हमे लगता है अपनी खूबियों को बखानने के लिये व्यक्ति लिख रहा है, बोल रहा है या समझा रहा है। किंतु असल होता यह है कि अनुभव बहते हैं जिसे रोक पाना
विशेष:- पढिए इन्दु पु्री जी की कहानी "वो"---- उद्धव जी पर--------
अब वार्ता को देता हुँ विराम आपको ललित शर्मा का राम राम तथा हनुमान जयंती की शुभकामनाएं
------------

सोमवार, 29 मार्च 2010

रविवार के कुछ विशेष चिट्ठों का अवलो्कन---ब्लाग4वार्ता-----संगीता पुरी

कई दिनों से दूसरे महत्‍वपूर्ण कार्यों में व्‍यस्‍तता के बावजूद ब्‍लॉग जगत पर निगाह बनी रही ..... भले ही आप लोगों को मेरी टिप्‍पणियां न मिली हो ....  क्षमा चाहती हूं ... व्‍यस्‍तता इतनी थी कि सप्‍ताह भर से अपने तीनो ब्‍लोगों को अपडेट करने का मौका भी नहीं मिला था ..... आज ही मोलतोल में आनेवाले सप्‍ताह की शेयर बाजार की भविष्‍यवाणियों के साथ ही गत्‍यात्‍मक चिंतन और हमारा खत्री समाज को अपडेट कर दिया है ..... और अब शायद सबमें नियमित रह पाऊंगी ..... आज सोमवार का दिन इस ब्‍लॉग पर मेरे द्वारा की जानेवाली वार्ता का दिन है .......  कल रविवार का दिन होने के बावजूद हिंदी ब्‍लॉग जगत विविधताभरे लेखों से गुलजार बना रहा , जबकि शैलेश जी का कहना है कि यह रविवार बोरिंग है ......

कल महावीर जयंती थी .........  महावीर स्वामी के जन्म दिन चैत्र शुकल १३ के उपलक्ष्‍य में यह जयंती मनायी जाती है ..........  विकीपीडिया के अनुसार भगवान् महावीर स्वामी का जन्म ईसा से ५९९ वर्ष पूर्व कुन्डल पुर (बिहार) भारत (इन्डिया)मे हुया था ........... भगवान महावीर का संदेश देते  हे प्रभु तेरा पंथ के द्वारा पोस्‍ट किए गए आलेख से आज की वार्ता की शुरूआत की जानी चाहिए .......  महावीर प्रभु का मानना है कि अच्‍छे कर्मों के द्वारा प्रत्‍येक आत्‍मा परमात्‍मा बन सकती है ........  विनय जी ने भी इस पोस्‍ट में समझाया है कि अगर कुछ अच्छा करने की चाहत है,तो छोटी,छोटी खुशियाँ देने से प्रारम्भ करो  ..........

रविश कुमार जी मीडिया में तथा वास्‍तव में बिहार की छवि के बारे में विस्‍तार से चर्चा कर रहे हैं ..........  27/03/2010 शनिवार को छत्तीसगढ शासन के संस्कृति विभाग के तत्वाधान मे गुरु घासीदास संग्रहालय की आर्ट गैलरी में श्रीमती अल्‍पना देशपांडे जी की प्रदर्शनी लग रही है .......... जिसकी झलक दिखला रहे हैं ललित शर्मा जी ..........  मनीषा पांडेय जी इस धरती से बेदखल आधी आबादी के लिए अपना लेखन करती हैं .........  कल से ही वे उनकी एक बडी समस्‍या को लकर आयी है ...........  आज प्रस्‍तुत है उसकी दूसरी कडी  ...........  

शरद कोकास जी की सुंदर कविता पढें , हम सब इज्‍जतदार हैं  ............ अरविंद मिश्राजी केरल से लौट चुके तो यात्रा वृतांत तो सुनाएंगे ही ..........  इस बार रेल नहीं ..............  पर रेलवालों की गल्‍ती से फ्लाइट ही मिस हो गयी उनकी ........... मुनीश जी कुरूक्षेत्र से सुंदर चित्रों के साथ लौटे हैं  ............   एम वर्मा जी भी एक गंभीर रचना लेकर आज प्रस्‍तुत हैं  ...........  नेहा जी बता रही हैं कि नर्गिस और सुनील दत्त की जोड़ी हमेशा हमारे लिए एक आयडियल जोड़ी रही है... ......... शुभि जी कहती है कि शहीदों का सम्मान बुलडोजर से नहीं फूलों से करें डा साहब  ............ संजय मिश्र जी बिहार से लोगों के पलायन का अर्थशास्‍त्र समझाते हुए आलेख का दूसरा भाग लेकर आए हैं ............... 

दूध के मूल्‍यों में वृद्धि को दखते हुए तारकेश्‍वर गिरी जी का कहना गलत नहीं है कि दूध की सफेदी काली पडने लगी है .............  आज तक बेनामी जी की टिप्‍पणी से ही लोग परेशान रहा करते थे . ............ आज वे पोस्‍ट लेकर भी आ गए हैं  ...............  और उनकी पोस्‍ट पर लंबी चौडी बहस भी हो रही है .............  जरूर देख आइए ........... खुशदीप जी प्रतिदिन एक प्रश्‍न लेकर आ रहे हैं  ............ आज उनका प्रश्‍न है औरत और उनके आंसू क्‍यूं खास हैं ...............  जाइए और जबाब दे आइए  ............... अजीत वडनेरकर जी घाटी , घटाटोप , दुघर्टना  और जमघट जैसे शब्‍दों के सफर पर चर्चा कर रहे हैं ............वहीं शशि सुधांशु जी एक चोर की कहानी सुना रहे हैं । 

श्‍यामल सुमन जी ने भी अच्‍छी रचना पोस्‍ट की है ......... साथ साथ मंसूर अली जी की रचना का भी आनंद लें ............ आकांक्षा जी ने भी सुंदर बालगीत लिखा है .......  कुलवंत हैप्‍पी जी क्षणिकाओं की अपनी पोटली से कुछ क्षणिकाएं हमारे लिए लेकर आए हैं  ............. किशोर पारिक जी देश भक्ति के कुछ मुक्‍तक भी ...........  रूपचंद्र शास्‍त्री जी प्रजातंत्र पर व्‍यंग्‍य कर रहे हैं ............. आज विवेक रस्‍तोगी जी ने भी मन के भडकते विद्रोह को सुंदर अभिव्‍यक्ति दी है  ...............  

तो रवि रतलामी जी हमारे क्षेत्र के विजय कुमार वर्मा की रचना के साथ साथ  छठी कक्षा की एक छोटी सी बच्‍ची शेफाली वर्मा डी ,ए भी, कथारा,बेरमो, की सुंदर कविता  पढवा रहे हैं ..............  इधर राजकुमार ग्‍वालानी जी परेशान हैं कि ब्‍लॉग जगत में अच्‍छे लेखन की कद्र नहीं होती है  .................  तो काजल कुमार जी की कार्टून आज के भाषाविदों को नमस्‍ते कर रही हैं ..............  दीपक भारत दीप जी का मानना है कि लेखकों की कथनी और करनी में बहुत फर्क है .............. 

देव प्रकाश चौधरी जी ने खुलासा तो नहीं किया कि किन ब्‍लॉगर्स के पास पांच पांच किलो मक्‍खन के पैकेट हैं  ............  दूबे जी ने भी वर्ल्‍ड कांप्‍लीमेंट डे के अवसर पर बनायी अपनी कार्टून्‍स को आज हमारी कांप्‍लीमेंट के लिए पोस्‍ट किया है ..........  माधव के खेल और शैतानी पर भी एक नजर डाल ही लें......... और बहू की इच्‍छा के कारण अनंत अन्‍वेषी जी ने 55 वे वर्ष में अपना पहला जन्‍मदिन मनाया ...............  उन्‍हें जन्‍म दिन की हार्दिक शुभकामनाएं !!

वार्ता को विराम देते हैं नमस्कार--पुन: मिलते हैं  अगली वार्ता पर................


Promoted By : ताऊ और भतीजाएवम कोटिश:धन्यवाद
Promoted By : लतश एवम शिल्कर, को

रविवार, 28 मार्च 2010

कुरुशेत्र से एक रिपोर्ट--ब्लॉग्गिंग,बीयर--होनहार के खेल---ब्लाग4वार्ता (ललित शर्मा)

पिछले तीन दिनों से नेट की बेरुखी झेल रहे हैं, बी एस एन एल के अधिकारी कहते हैं कि सर्वर डाउन हैं किसी ने सड़क निर्माण के दौरान केबल काट दिए, इनके केबल कटने से हम भी ब्लाग जगत से दुर हो गए हैं, आज सुबह कुछ स्थिति सही बनी है, लेकिन देखते हैं कब तक। कल रिलायंस का भी सर्वर दिन भर डाउन रहा है, बड़ी मुस्किल से दिन कटा। पराधीन सपनेहुं सुख नाहि, नेट व्यवस्था हमारे अधीन तो है नही, अगर नेट चालु रहता है तो बिजली रानी चली जाती है, कुल मिलाकर पेरने का कार्यक्रम चल रहा है, चलिए मैं ललित शर्मा आपको ले चलता हुँ बेहतरीन चिट्ठों की चर्चा पर............

पदम सिंग जी ने एक हजल  पद्मावलि  पर लिखी है बड़ी उम्दा बनी है  एक हज़ल (खतरनाक सी) मित्रों आप लोगों को हमेशा लगता था कि इस ब्लॉग पर सीरियस और दार्शनिक रचनाएं भरी रहती हैं….तो मैंने सोचा क्यों न आज कुछ नया प्रस्तुत किया जाय आपके लिए …. आज आपके लिए एक हज़ल ले कर हाज़िर हूँ , हलके मन और मज़बूत...---------सुर्यकांत गुप्ता जी एक नया फ़ार्मुला लेकर आए हैं--इर्ष्या से विनाश नहीं विकास किसी भी वस्तु के जलने से उर्जा प्राप्त होती है, यह विज्ञान कहता है. चाहे कोई उपस्कर जले चाहे किसी का दिल जले चाहे किसी का ............... जले. लेकिन उर्जा अवश्य ही प्राप्त होती है. 

प्रिय ब्लागर मित्रगणों, हमें वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता के लिये निरंतर बहुत से मित्रों की प्रविष्टियां प्राप्त हो रही हैं. जिनकी भी रचनाएं शामिल की गई हैं उन्हें व्यक्तिगत रूप से सूचित कर दिया गया है----. भारतीय नागरिक  बता रहे हैं कि कितनी मेहनत करती है कितनी मेहनत करती है, फूलों-फूलों फिरती है. करती है मकरन्द इकठ्ठा, मधु जिससे बनता है.मम्मी-पापा, दादा-दादी सबको अच्छा लगता है.जुगाड़ बंद, जुगाड़ चालू, जुगाड़ ही जुगाड़ राजस्थान के कोटा संभाग के झालावाड़ जिले के मदर इंडिया एसटीसी बीएड कॉलेज के छात्र-छात्राएँ विशेष बस से शैक्षणिक यात्रा पर थे। 14 मार्च को जब बस सवाई माधोपुर जिले में सूखी मोरेल नदी के पुल से गुजर रही थी
 
शिखा जी कह रही हैं----हम तो जाते अपने गाम सबको राम राम राम .यहाँ यूरोप में होलिडेज पर जाने का बहुत रिवाज़ है....जब देखो जिसे देखो होलिडेज पर निकल जाता है ...काम का क्या है ? होता रहेगा...रोज़ ही होता है और जहाँ जरा ज्यादा काम का बोझ हुआ कह दिया ..कि हम तो होलिड.------कडुवा सच -बता रहे हैं श्याम कोरी"उदय" जी--हालात तेरी एक निगाह ने फ़िर तेरी मुस्कान ने कुछ कहा मुझसे क्या कहा-क्या नहीं मैं समझता जब तक तेरे 'हालात' ने कुछ कह दिया मुझसे इस बार शब्द सरल थे पर 'हालात' कठिन थे वक्त गुजरा, 'हालात' बदले फ़िर तेरी आंखों ने कुछ..
 
अवधिया जी ने शोध किया है कि कुत्ते का भी अपना एक दिन आता है--दाल रोटी की जगह काजु बादाम खाता हैं-----अंग्रेजी कहावत है कि Every dog has its day याने कि "कुत्ते का भी अपना एक दिन आता है"। इसी को हिन्दी मुहावरे के रूप में कहते हैं - "घूरे के भी दिन बदलते हैं"। कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो इसी बात को ध्यान में...------ नारदमुनि जी-- पर--कुत्ता उड़ाए माल-----चुटकी---- नौकर खाए सूखी रोटियां कुत्ता उड़ाए माल, एक ही घर में रहते दोनों, कौन, किस से करे सवाल।

वत्स महाराज उद्घोष कर रहे हैं कि मेरा धर्म महान!!! *चींटी का धर्म* *पंक्तिबद्ध हो चलना.........* *हाथी का धर्म* *समूह में विचरना..........* *वानर का धर्म* *डाली डाली उछलना..........* *मानव का धर्म* *सर्वधर्म सद्भाव और विश्व बन्धुत्व........* *अरे! नहीं नहीं,...----डॉ सत्यजीत साहु बता रहे हैं ----ओशो को पढ़ना और ओशो को जीना भगवान श्री रजनीश (ओशो) की किताबों में गजब का सन्मोहन है .उनकी बातों में जो दम है वो सारी दुनियां के किसी भी संत या साहित्यकार में नहीं है .लेकिन जैसे हवाई जहाज की बातों को किताब में पढना और सिर्फ पढ़ कर ब...
 
गो्दियाल जी ने एक रिपोर्ट भेजी है-------कुरुशेत्र से एक रिपोर्ट ! धर्म पर अधर्म की विजय के लिए कुरुक्षेत्र में घमासान जारी है! बढ़ती महंगाई, अराजकता और भ्रष्टाचार से देश की बदहाली को न देखने की कसम खा, गांधारी ने भी अपनी आँखों पर पट्टी बाँध ली है! मामा शकुनी का अपना अमर म..-----मम्मी जी की दादागिरी , ब्लॉग्गिंग और बीयर मेरे ब्लॉग की एक नियमित पाठक हैं. वो रोज ब्लॉग पढ़ती हैं और मुझे उनकी रोज टिप्पणी भी मिलती हैं. लिखित नहीं जबानी टिप्पणी. उन्हें काफी समय से शिकायत हैं कि ब्लॉग बीमारी का शिकार हो गया हूँ अब थोडा ब्लॉग से
 
ज्ञान दर्पण पर पढिए होनहार के खेल --- सन १९५० के दिसम्बर के अंतिम सप्ताह में स्व. श्री तन सिंह जी एक शिक्षण शिविर के सिलसिले में अपने जीवन में पहली बार चितौड़ गए और वहां उन्होंने चितौड़ दुर्ग देखा | लेकिन चितौड़ दुर्ग देखने के दो महीने बाद तक ...-------चित्र छोटी सी ब्लोगर मुलाकात के  :* *संजू तनेजा,शशि सिंहल,अविनाष वाचस्पति,बागी चाचा,एम्.वर्मा,राजीव तनेजा,अलबेला खत्री,प्रवीण शुक्ल ‘प्रार्थी,कनिष्क कश्यप और पवन चन्दन* ...काव्य मंजूषा पर अदा जी-----जाने क्या है ये  जाने क्या है ये ! मुझे सताने का मंसूबा या तुम्हारी जीतने की जिद्द, जो सारे दरवाज़े बंद कर देते हो छोड़ देते हो मुझे अकेला...! छोटी सी नाव में बिन पतवार ; बीच समुन्दर में , और तब कोई रास्ता नहीं रह जाता.
 
खुशदीप सहगल पुछ रहे हैं-----बच्चे आप से कुछ बोल्ड पूछें, तो क्या जवाब दें?बड़े दिन से हंसी ठठे वाली पोस्ट लिख रहा था...आज कुछ सीरियस लिखने का मूड है...पहले मैं इस विषय को ब्लॉग पर लिखने को लेकर बड़ा ऊहापोह में था...लिखूं या न लिखूं...इसी दुविधा में था कि आज *अविनाश वाचस्पति* भाई... दिनेश राय द्विवेदी जी कोटा से पुछ रहे हैं कि----इस हत्या के हत्यारे को सजा कैसे हो? और क्या हो?कोटा में जिला अदालत नयापुरा क्षेत्र में स्थित है। यहाँ नीचे पीली रेखाओं के बीच जिला अदालत कोटा का परिसर दिखाई दे रहा है। किसी को भी इस क्षेत्र की हरियाली देख कर ईर्ष्या हो सकती है। लेकिन अब यह परिसर आवश्यक... 
 
संजीव तिवारी जी बस्तर की आदिवासी संस्कृति के विषय मे जानकारी लेकर आए हैं----बस्तर मे आदि वासियों का माटी तिहार और उल्लास  बस्तर के आदिवासियों का जीवन तथा सारा अस्तित्व जन्म से लेकर मृत्यु पर्यंत माटी से ही जुड़ा होता है। माटी के बिना वह स्वयं की कल्पना नहीं कर सकता। बस्तर के आदिम जनों का मानना है कि माटी जन्म देने वाली मां से ...[नाम पुराण-4] एक घटिया सी शब्द-चर्चा
*पिछली कड़ियां-A.**[नामपुराण-1]**B.**[नामपुराण-2]**c.**[image: Ghatam]** [नामपुराण-3]* न दी-तटीय बस्तियों के साथ *घाट *शब्द का प्रयोग भी बहुधा मिलता है। ये घाट सिर्फ स्नान घाट नहीं थे बल्कि इनका अर्थ भी सम...
 
क्या ब्लाग जगत में अच्छे लेखन की कद्र नहीं होती ब्लाग जगत के बारे में एक बार नहीं कई बार कई ब्लागर मित्रों की एक राय अक्सर सुनने को मिलती है कि ब्लाग जगत में अच्छे लेखन की कद्र नहीं होती है। कभी-कभी हमें भी ऐसा लगता है। हमें इसलिए ऐसा लगता है क्योंकि हमें भी जब कोई पोस्ट लगती है कि यह अच्छी है तो उस--------- शेफ़ाली पांडे जी की पोस्ट पढिए----फेसबुक और ऑरकुट के दीवानों, ज़रा इधर भी नज़र डालो पुराने पन्नों से] साथियों .....मास्टरों और उधार का चोली दमन का साथ है अतः आशा है कि आप लोग मुझे साहिर साहब की इस रचना को उधार लेकर, इसका दुरुपयोग करने के लिए माफी प्रदान करेंगे .... फेसबुक तेरे लिए एक टाइम पास ही सही तुझको ऑरकुट के रंगबिरंगे चेहरों से
 
गिरीश बिल्लौरे जी डुबे हुए हैं  इश्क प्रीत love में, शायद इसीलिए अभी पॉडकास्ट विश्राम दे दिया हैं---- जानती हो स्वप्न प्रिया इस गुलाब के कानों में बदमाश हवा ने कहा के कोई भ्रमर तुमसे अभिसार को आ रहा है और झट उसने सर ठीक वैसे ही झुका लिया जैसे कि तुम जब मुझसे पहली बार मिली थीं .... और मैंने बिन कहे अपने इश्क का इज़हार किया था............ तारकेश्वर गिरी जी कह रहे हैं दुध की सफेदी काली पड़ने लगी है। दुध की सफेदी काली पड़ने लगी है। क्योंकि दिन प्रतिदिन दुध के दामो उछाल आ रहा है। दुध है की पानी -पानी होता जा रहा है और लोग कमा -कमा के काले हुए जा रहे हैं। अब लोग करे भी तो क्या करे । बिना दुध के काम भी तो नहीं चलने वाला है। 
 
अब चर्चा को देते हैं विराम-------आप सभी को ललित शर्मा की ओर से महावीर जयंती की शुभकामनाए -------

शनिवार, 27 मार्च 2010

चिट्ठा चर्चा नहीं पोस्ट-चर्चा करता हूं

मैं कहाँ कौन से, चक्रव्यूह में हूँ .. विवेक रस्तोगी जानना चाह रहें हैं अपनी कविता में और संजय भास्कर जी ने आज जो भी बात की है वो व्हाया महफ़ूज़ अली फ़र्माते हैं मैं अपना सारा दर्द देख कर तुम्हारी मुस्कान और बदमाशियां.... मैं जी उठता हूँ, जब तुम, लेकर मेरा हाथ अपने हाथों में,कहती हो....... मेरे बहुत करीब आकर कि रहेंगे हम साथ हरदम...सतीष सक्सेना जी की राय है कि ब्लाग जगत से अधिक उम्मीद न रखी जाये ” ठीक ही सोच रहे हैं . मनविन्दर जी की कविता के क्या कहने आज देखिये कितनी अदभुत बात लिखी है उन्हौने ”दो सहेलियां एक देह में रहतीं हैं” उधर रानी विशाल जी ने तो कमाल कर दिया गार्गी गुप्ता भी कमतर नहीं हैं अभिव्यक्ति पर  ”न आस पड़ोस न प्रेयसी प्रेमी न अब रिश्तेदारों से अपना नाता है आधुनिक जीवन की महिमा है की अब इगो ही बीच में आता हैताउ डाट काम  पर .बुडुउ ब्लागर एसोसियेशन के लिये चिंता ज़ायज़ है महेन्द्र मिश्रा जी निरंतर कर रहे हैं  मीत जी से मै  ब्लागिंग की शुरुआत में कई बार संपर्क की कोशिश की किन्तु जानें क्यों वे मुझसे बात नहीं कर पाये किंतु बावज़ूद इसके बाकायदा उनके ब्लाग पर मुझे जाना पसंद है आप भी पाड्कास्टर मीत की प्रस्तुति का आनंद लीजिये यहां ,आज अदालत पर यह पोस्ट देखने योग्य है , नेकी कर दरिया में डालने की सलाह भी ठीक ही  है उधर ललित जी एक बडी यातना भोग रहे हैं उनकी प्रेयसी उनसे रूठी हुई है न घर में चैन न बाहर सुकून  बी एस एन एल कम्पनी ने इन के  कनैक्शन में हेराफ़ेरी कर बाधा दाल दी  है तब से बजरंग बली की पूजा-पाठ किये जा रहें हैं आज शनिवार को शायद इनकी सुनवाई हो रचनाकार ने यशवंत कोठारी जी का   लोकतंत्र की लंगोट पर प्रभाव शाली आलेखन पेश किया है . मुलायम जी की मांग देखिये संसदनामा पर नाम मुलायम है और देश को कितनी कठोरता से कांटने-बाटने का काम करते हैं  आज लड्डू बोला कि अपना दिमाग जांचिये तो ठीक है जांच लेता हूं. इन्जीनियर साहब . और अंत में मिसफ़िट पर ”स्वर साधिका तापसी नागराज़ पर लिखे आलेख को देखने का  अनुरोध है 

   झटपट 

जो अच्छा लगा वो है :- सारथी पर प्रकाशित आलेख .जी के अवधिया जी का आलेख देखिये :-” कुत्ते का भी एक दिन आता है काम की बकवास पर प्रकाशित आलेख  के सम्बन्ध में मेरी राय इतर है की बात निकलेगी दूर तलक जायेगी भगवान ,अल्लाह, प्रभू को परा-ध्वनियां ही परिभाषित कर सकतीं हैं न किसी भी व्यक्ति,धर्म,संप्रदाय,समाज़ के पास न तो वो शब्द हैं जिनसे परमआत्मा की मीमांसा की जा सके, न ही किसी में ऐसी ताकत ही है मेरे अन्तस के ब्रह्म को आप क्या कोई भी परिभाषित कैसे कर सकता है. मेरे अंतस के ब्रह्म या कहूं राम को मेरे अलावा कोई दूसरा परिभाषित करे बचकानी बात होगी चाहो तो मेरए पोर पोर को चोट करो या सलीब पे लटकाओ..........................

 

शुक्रवार, 26 मार्च 2010

सीटी बज गई--ब्लोगिंग से--निंदिया न आये---ब्लाग4वार्ता--------ललित शर्मा

आप सभी को ललित शर्मा का राम राम,चर्चा करते हैं कुछ चुनिंदा चिट्ठों की और सबसे पहले चलते हैं ताऊजी डॉट कॉम -यहां पर आज निर्मला कपिला जी की प्रविष्टि छापी गयी है--- वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता में : सुश्री निर्मला कपिला प्रिय मित्रगणों, "वैशाखनंदन सम्मान पुरस्कार प्रतियोगिता" के अंतर्गत आज पढिये सुश्री निर्मला कपिला की व्यंग कविता लेखिका परिचय : निर्मला कपिला पंजाब सरकार के सेहत कल्यान विभाग मे नौकरी करने के बाद चीफ फार्...

उड़न तश्तरी कह रहे हैं निंदिया न आये-जिया घबराए यह तो समस्या हो गयी है देखिए-- देर रात गये सोने की कोशिश मे हूँ. नींद नहीं आती तो ख्याल आते हैं. अकेले में ख्याल डराते है और *इंसान अध्यात्म की तरफ भागता है भयवश*. यह इन्सानी प्रवृति है, मैं अजूबा नहीं. आधुनि...------वाणी गीत जी  ज्ञानवाणी - पर बता रही हैं कि------दुष्ट महान है नवरात्र के नौ दिन श्रीराम को समर्पित रहे ...ये सच है कि इससे पहले इतना डूब कर श्री रामचरित मानस का पाठ कभी नहीं किया (जय हो ब्लोगिंग देवा ...गंभीरता से पढ़ना सिखा दिया ) ...पढ़ते पढ़ते कई स्थान पर रुक कर मन...

राजकुमार ग्वालानी जी राजतन्त्र -पर कह रहे हैं कि अपने राज्य की सफलता बताना क्या क्षेत्रवाद है? हमें लगता है कि ब्लागिंग में लोगों को बिना वजह विवाद खड़ा करने में मजा आता है, तभी तो एक साधारण पोस्ट पर भी विवादस्पद टिप्पणी करके विवाद खड़ा करने का प्रयास करते हैं। क्या अपनी और अपने राज्य की सफलता---- अरविंद झा जी क्रांतिदूत पर कह रहे हैं कि भ्रष्टाचार बहुत बढ़ गया है---भयंकर घाव से पीडित था वह, पांव सड चुका था, अस्थियों मे दर्द था, रक्त दुषित हो चला था. एक दिन मुर्छित सा आया. उपचार करो, याचना लाया. मैने पूछा, कौन हो तुम? मुझे कहो क्यों मौन हो तुम? मैं एक समाज हुँ।

जी.के. अवधिया जी  धान के देश में बैठे बैठे ब्लागर्स को गरिया रहे हैं--कितना हित हो रहा है हिन्दी का हिन्दी ब्लोगिंग से? माना कि हिन्दी ब्लोगिंग अभी भी अपने शैशव काल में हैं लेकिन यह भी सही है कि इसे शुरू हुए एक अच्छा खासा-समय भी बीत चुका है और इस अन्तराल में हजारों की संख्या में हिन्दी पोस्ट आ चुके हैं। पर इन पोस्टों में -----डॉ.सत्यजीत साहू - बता रहे हैं --नवरात्र साधना गृहस्थ नवरात्री का समापन हुआ .माता की भक्ति से सारा भारत भावपूर्ण हो उठा है .मेरे सभी मित्रों को रामनवमी की शुभकामनायें . एक गृहस्थ होने के नाते मै नवरात्र में क्या पूजा करू ? यह प्रश्न मन में उठा तो सभी तंत्र ...

अन्तर सोहिल जी  अन्तर सोहिल पर बता रहे हैं मेरी बारे में --मैं जो भी करता हूं, वह मुझसे निकलता है; लेकिन मेरा होना मेरे करने से नहीं निकलता। मेरा अस्तित्व मेरे करने के पहले है। आचरण बाहरी घटना है, इसलिये यह भी हो सकता है कि मेरा कर्म मेरे संबंध में जो भी कहता हो, ...सोनल रस्तोगी जी कुछ कहानियाँ, कुछ नज्में -पर एक पठनीय पोस्ट लेकर आई हैं कि सीटी बज गई "अरे लल्ला कहे किताबन में मूढ़ घुसाए बैठा है तानी सिट्टी बजाये की परकत्तिस तो कर लेव" अरे राम रे पूरे गाम का बवाल मचा, जवान और बुड्ढे सभी सिट्टी बजाये में लगे है , जब से पहिलवान जी कहिन है संसद में सिटी-- 
परिकल्पना ब्लॉग उत्सव-2010 की उद्घोषणा --रवीन्द्र प्रभात द्वारा ----जैसा कि पिछले पोस्ट में मैंने ब्लॉग उत्सव की परिकल्पना करते हुए आपके सुझाव और रचनात्मक सहयोग की अपेक्षा की थी । अपेक्षा से कहीं ज्यादा आपके सुझाव और रचनात्मक सहयोग .. ---श्यामल सुमन जी मनोरमा  पर लिख रहे हैं-शादी बिनु राधा किशन----अक्सर हो पाता नहीं मन से मन का मेल। प्रायः अपने यूँ दिखे ज्यों पानी में तेल।। निन्दा में संलग्न हैं लोग कई दिन रात। दूजे का बस नाम है कहते अपनी बात।। चमके सोने की तरह अब आँगन में धूप। मजदूरों के तन जले पान...
'अदा' जी द्वारा  काव्य मंजूषा पर लिखा गया ---घो घो रानी कितना कितना पानी....बहुत दिनों से ये गीत याद आ रहा है जो हम बचपन में गाया करते थे... बरसात के दिनों में मखमली लाल रंग का कीड़ा (कीड़ा कहते हुए भी बुरा लग रहा है वो इतना खूबसूरत होता है ) को देख देख कर हम गाया करते थे .... ...अखबार वाले भी कई बार दिमाग नहीं लगाते
चंडीगढ़ से प्रकाशित होने वाले एक समाचार-पत्र ने अपने पाठकों को खूब ठगा। लेकिन आजकल पाठक जागरूक हैं। एक पाठक ने वीरवार को मुझसे सवाल किया कि तुम लोग क्या हमें मूर्ख समझते हो?

चलते चलते एक कार्टुन देखिए---



अब चर्चा को देता हुँ विराम------आपको ललित शर्मा का राम-राम

गुरुवार, 25 मार्च 2010

अवध में जन्में हैं श्री राम, दरश को आए शंकरजी..ब्लॉग ४ वार्ता ---- राममय ब्लॉग वार्ता

प्रभु श्री राम के चरणों में सादर प्रणाम!! भक्त जनों....अक्सर लोग मन को भला-बुरा कहते रहते हैं परन्तु यह मन ही हैं तो हर हाल में व्यक्ति के साथ रहता हैं. श्री सरल कुमार प्रभु से प्रार्थना कर रहे हैं कि हे जगदीश मैं तेरे धाम मन के साथ आना चाहता हूँ....अवध में जन्में हैं श्री राम, दरश को आए शंकरजी...कौन गा रहे?, कौन नाचते?,  कौन बजाएँ करताल?... बहुत ही सुन्दर भजन.......स्व. शांति देवी वर्मा द्वारा रचित भजन का आनंद लीजिये.......सहित्य सर्जक पर पढ़िए मनभावन भजन.....क्या ये सब सेवाके बदले मिला राम के मन को  आदर्शों पर चल कर ही तो पाया इस जीवन को...... 

 हे कौशल्या नंदन.....आपके जन्मदिन के शुभ अवसर पर अगर आपका सानिध्य मिल जाये तो यह जीवन संवर जाये.....कृपा करो मर्यादा पुरषोत्तम ......हमें आदर्शो पर चलने का मार्ग दिखाओ नाथ.....जीवन के उद्देश्य में उलझे हुए हम तेरी शरण आये हैं कृपा करो......हे गुणों के सागर, अपनी छाया में हमें ले लो.........हे राम...... असल में आज भी रावण ज़्यादा राम कहीं कम हैं.... हे राम आज तुम आए हो.........संहार करो इन रावणों का........आप हमारे अंतर्मन के प्राण हैं.....राम हुआ हैं नाम लोक हितकारी का.........रावण से लड़ने वाली खुद्दारी की.......डॉ हरिओम पंवार की ओजस्वी कविता.......
 राम नाम हैं महामंत्र.........जो जपे हो जाये भवसागर पार ....... आश्रम के पास अस्थियों का पहाड़ देख कर जब श्री राम के प्रश्न करने पर अन्य ऋषि लोग श्री राम को बताते हैं कि यह पहाड़ उन मुनियों की अस्थियों से बना है जिन्हे राक्षसों ने मार दिया है तो यह सुन कर प्रभु के नेत्रों मे आंसू भर आये और उन्होंने प्रतिज्ञा किया :निशिचर हीन करहुं महि भुज उठाइ प्रण कीन्ह । सकल मुनिन्ह के आश्रमहिं जाइ जाइ सुख दीन्ह ॥   ऐसे दया सिन्धु को कोटि कोटि प्रणाम..........श्रीं राम का अनुसरण कर ही मानव जीवन को जिया जा सकता हैं.......जय श्री राम........अयोध्या के राम......

सोचा एक गीत लिखूं -राम नवमी के नाम और भूल से सही ,कर सकूं राम से कुछ काम !~ जय श्री राम.......श्रीराम के आदर्श शाश्वत और मूल्य कालजयी होने के कारण आज भी प्रासंगिक हैं... ......जय श्री राम........चलो जाबो रे अवधपुरी मा चल जाबो जनम लिए जिंहा राम रमैइया, सुग्घर दर्शन पाबो,चलो जाबो रे अवधपुरी मा चल जाबो
जय श्री राम
यशवंत मेहता "फ़कीरा"

नामचीन हस्तियां-- चेरी के २ पेड़--विचारों का लंगर---ब्लाग4वार्ता------ललित शर्मा

ज सुबह की वार्ता यशवंत जी कर रहे थे, लगता है कि पोस्ट शेड्युल करते वक्त उनसे छुट गयी, छुट गयी तो छुट गयी, हम लेकर आ गए हैं नयी वार्ता, एक दम ताजा तरीन चिट्ठों के साथ। अब मै ललित शर्मा आपको ले चलता हुँ आज की चर्चा पर----लेते है कुछ नए पुराने चि्ट्ठों को-----

पहला चिट्ठा लेते है शिखा जी का----वे बता रही हैं लन्दन के स्कूलों में मनाया जाता है इंडिया डेजी हाँ ...हम बेकार ही विदेशी इवेंट्स मनाने में हंगामा करते हैं ..कि वेलेंटाइन डे. क्रिसमस ..विदेशी त्यौहार है हम नहीं मनाएंगे इनसे हमारी संस्कृति को खतरा है..परन्तु और कुछ हो न हो थोड़ी व्यावहारिकता, और डिप्लोमेसी हमें इन अंग्रेजों से सीख ही लेनी--------अगला चिट्ठा लेते है राज भाटिया जी का उन्हे एक मेल आई है तुम्हारी हत्या पर भी रख लेंगे २ मिनट का मौन (अभागे भारतीय की फरियाद पर सिक-यू-लायर(Sick you Liar, बीमार मानसिकता वाले  झुट्ठे) नेता द्वारा सांत्वना भरे कुटिल उपदेश की तरह पढ़ें)अच्छा!!!   वो दुश्मन है? बम फोड़ता है? गोली मारता है? मगर सुन - दोस्ती में - इतना तो सहना ही पड़ता है तय है
अब चलते हैं के आर रमण जी के ब्लाग पर उन्होने बताया है कि नामचीन हस्तियां भी शिकार हुई हैं टीबी की ऐसे लेखकों,दार्शनिकों,कवियों,वैज्ञानिकों,चित्रकारों,संगीतकारों आदि की फेहरिस्त बहुत लम्बी है जो दुनिया की बड़ी शख्सियत थे मगर टीबी के कारण असमय मौत ने दुनिया को उनकी संपूर्ण प्रतिभा से परिचित होने का अवसर नहीं दिया। एंटन चेखव,हेनरी पंचम और अष्टम,जॉन-------अब एक खास खबर पढिए ऑर्कुट पर आपत्तिजनक चुटकुलों को ना रोक पाने के कारण गूगल पर जुर्माना ब्राजील की एक अदालत ने अमेरिकी इंटरनेट सर्च इंजन गूगल पर, उसकी सोशल नेटवर्किंग साइट ऑर्कुट पर आपत्तिजनक चुटकुलों को सेंसर न करने की वजह से जुर्माना किया है। उत्तरी राज्य रोंदोनिया की एक अदालत ने गूगल को उतने दिनों तक 2,700 डॉलर दे्ना पड़ेगा।
कविता वाचक्नवी जी ने लिखा है चेरी के २ पेड़ : माँ की स्मृति में चेरी के २ पेड़ : माँ की स्मृति मेंआज २४ मार्च २०१०   ! .....माँ को परलोकगामी हुए ४१ वर्ष पूरे हो गए आज। प्रातः उनकी स्मृति में बाहर लॉन में मैंने व मेरी बेटी ने मिल कर दो चेरी के पेड़ लगाए ; एक गुलाबी फूलों का और एक श्वेत पुष्पों वाला--------दीपक रस्तोगी जी चेन्नई के मरीना बीच की कुछ फ़ोटो खींच लाए हैं देखिए---चैन्नई मरीना बीच पर सुबह की तफ़री और समुद्र के कुछ फ़ोटो.. वैसे तो आजकल सुबह शाम घूमना बहुत जरुरी हो गया है, क्योंकि अब घूमना भी मजबूरी है, पसीना बहाओ, जितना हो सके और अपना वजन कम करो, अब चैन्नई में हैं तो आज सुबह का घूमना हमने मरीना बीच जाना तय किया और कुछ फ़ोटो भी निकाले।
भारतीय नागरिक जी ने एक बहुत ही बढिया मुद्दा उठाया है ज. न्यूज की समाचार वाचिका और सम्पादक को चित्र और प्रतिमा में अन्तर नहीं पता----जी हां,  पूरी तरह से सत्य है. ज. न्यूज की समाचार वाचिका समाचार पढ़ रही थीं कि सचिन ने स्व०राज सिंह डूंगरपुर की प्रतिमा का अनावरण किया जबकि वास्तव में वह एक चित्र था. कितनी बड़ी भूल. हिन्दी का अनादर हिन्दीभाषी ही कर रहे हैं ------इधर शरद भाई कल लंगर छकने गए थे तो वहां से लाए हैं विशिष्ट समाचार गुरुद्वारे में भगतसिंह के विचारों का लंगर ----23 मार्च की सुबह कथाकार गुलवीर सिंह भाटिया का फोन आया ,शरद भाई आज शहीद भगत सिंह का शहादत दिवस है , दुर्ग-भिलाई के सभी कवि-साहित्यकारों और ब्लॉगर्स को फोन कर दो,
झा जी कह रहे है अरे भाई क्या कह रहे हैं सुनिए---यही दस्तूर है मकानों का  वो सर बुलंद रहा और खुद्पसंद रहा,मैं सर झुकाए रहा और खुशामदों में रहा।मेरे अजीजों, यही दस्तूर है मकानों का,बनाने वाला हमेशा बरामदों में रहा॥कहीं  पढ थीं ये पंक्तियां ............याद रह गईं ॥ संगीता स्वरुप जी ले आई हैं कल्पना का इन्द्रधनुष ----- कल्पना के इन्द्रधनुष को किसी क्षितिज की दरकार नहीं ये तो उग आते हैं मन के आँगन के किसी कोने में ....रश्मि प्रभा जी की भी सुनिए---मैं कुछ नहीं ! ----चलते-चलते सांय-सांय सी ख़ामोशीऔर वक़्त के आईने में मैं !बहुत धुंधला नज़र आता है सबकुछ डर लगता है !
गिरीश पंकज भैया भी ले आए हैं कुछ पठनीय सामग्री है भुलिएगा नही जरुर पढिएगा--शक्तिस्वरूपा सुन्दर लड़की, क्या पता था दुःख गहन आ जाएगा--बहुत दिनों से मैंने अपनी ग़ज़ले नहीं दीं, सो इस बार दो ताज़ा ग़ज़ले. नवरात्र के अवसर पर स्त्रीशक्ति की पूजा की जाती है इसलिए पहले लड़की पर केन्द्रित एक ग़ज़ल,(१)शक्तिस्वरूपा सुन्दर लड़कीउड़ती है बांधे 'पर' लड़कीअपनी ही धुन में चलती है-----अरे वाह खुशदीप भाई भी खुशियों का दीप जलाने आ गए हैंओए लक्की, लक्की ओए अपना लक पहन कर चलो...ये पढ़ कर आपको ज़रुर याद आ गया होगा कि मैं लक्स कोज़ी की एड का ज़िक्र कर रहा है...लेकिन कुछ पहनने से लक बदलता है या नहीं, ये मैं नहीं जानता लेकिन आज आपको लक यानि किस्मत की महिमा बताता हूं,
अब किशोर अजवानी जी लेकर आए हैं एक नयी पोस्ट----वीएचपी के राजेंद्र शर्माजी  आज लिव-इन रिलेशनशिप पर बहस थी स्टूडियो में। सुप्रीम कोर्ट ने अभिनेत्री ख़ुशबू के ख़िलाफ़ मामले में टिप्पणी कर दी कि लिव-इन रिलेशनशिप या विवाह से पहले संबंध ग़ैर-क़ानूनी नहीं हैं तो बवाल खड़ा हो गया है।-----यशवंत जी कमाल देखिए इस पोस्ट मे गजब के मुहावरों के अर्थ निकाले हैं अबे जब चोर मिनिस्टर का बेटा होगा........तो कोतवाल तो क्या.........कमिश्नर को भी डांटेगा  पप्पू बहुत ही होसियार बालक हैं..........मास्टर जी ने उसको कुछ मुहावरे दिए थे.......जिनका प्रयोग उसने कुछ इस तरह किया ऊँठ के मुहँ में जीरा अगर आप ऊँठ के मुहँ में जीरा डाल देंगे तो आपको जीरा नजर नहीं आएगा क्यूंकि ऊँठ अपनी गर्दन ऊपर उठा लेगा 
डॉ श्रीमति अजीत गुप्ता जी कह रही हैंअपराधी को सजा हुई और सारा परिवार ही भूख की चपेट में आ गया ---कानून और इंसाफ की हम सभी प्रतिदिन दुहाई देते हैं। लेकिन जिसे न्‍याय करना है उसके सामने कई बाद चुनौतियां खड़ी हो जाती हैं। एक तरफ कानून कहता है कि अपराधी को सजा दो, तो दूसरी तरफ उसकी सजा सारे परिवार की सजा बन जाती है-- संस्कृति पर डॉक्टर महेश सिन्हा जी पुछ रहे हैं--क्या पार्टी का विधान संविधान से बड़ा है - क्या यही प्रजातन्त्र है ? हमारा देश संवैधानिक रूप से प्रजातन्त्र है जहाँ व्यक्ति को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है , इसी अधिकार के अंतर्गत वह अपने प्रतिनिधि विभिन्न रूपों में चुनता है . यह स्थानीय संस्थाओं से लेकर सर्वोचः लोक सभा तक लोगों को चुनने के लिए दिया गया है
डॉक्टर मनोज मिश्रा जी एक माइक्रो पोस्ट लेकर आए हैं---कुमारी का टोटा धर्म से ओत-प्रोत हमारे इस महान देश की अजब परम्पराएँ और चलन हैं.साल भर हर मुद्दे पर जिनका निरादरकरो -उसी का एक दिन विधिवत पूजन-अर्चन और नमन. आज का दिन हम लोंगो की तरफ कुमारी कन्याओं कादिन होता है.------- सारथी पर शास्त्री जी बता रहे हैं फलों से डर लगता है! -प्रभु की दया से हम सब लगभग सामान्य लोग हैं। किसी तरह की विकलांगता का अनुभव नहीं करते है। लेकिन इसका दूसरा पहलू यह है कि समाज का एक बहुत बडा तबका जो पूर्ण रूप से सामान्य नहीं है उनकी बडी उपेक्षा होती है।--------------------

अब देते हैं वार्ता को विराम------------आप सभी को ललित शर्मा का राम

बुधवार, 24 मार्च 2010

जिन शहीदों से रौशन है देश का चमन-उन शहीदों को नमन- ब्लाग 4 वार्ता- राजकुमार ग्वालानी

ब्लाग 4 वार्ता का शुरू करने से पहले काम
सबको राजकुमार ग्वालानी का राम-राम
हर ब्लाग में बस और बस शहीदी  दिवस की ही चर्चा है, ऐसे में हम भी अपने देश को आजाद कराने वाले उन शहीदों को नमन करते हुए ब्लाग 4 वार्ता की अपनी दूसरी चर्चा का आगाज करते हैं। जब हमने ठीक एक सप्ताह पहले पहली चर्चा की थी, तो उस दिन हिन्दु नव वर्ष का आगाज हुआ था, और आज जब हम यह दूसरी चर्चा कर रहे हैं तो  जिस रात हम चर्चा करने बैठे हैं, वह दिन शहीदी  दिवस हैं, और आने वाला कल यानी जब यह चर्चा आप सबके सामने होगी, तब रामनवमी का दिन होगा। सबको रामनवमी की शुभकामनाए देते हुए चलते हैं और देखते हैं हमारे ब्लागर मित्र क्या-क्या लिख रहे हैं-----
सबसे पहले चलते हैं ताउ डॉट इन पर यहां बैशाख नंदन सम्मान की प्रविष्टियाँ प्रकाशित होनी प्रारंभ हो रही हैं।
ताऊ रामपुरिया ताऊ डाट इन - पर---प्रिय ब्लागर मित्रगणों वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता 2010 मे चयनित की गई रचनाओं का प्रकाशन कल 24 मार्च 2010 सुबह 4:44 AM से ताऊजी डाट काम पर शुरु हो रहा है. आप लोगों की काफ़ी संख्या में प्रविष्टियां हमें प...
 कबीर के समय में काशी विद्या और धर्म साधना का सबसे बड़ा केन्द्र तो था ही, वस्त्र व्यवसायियों, वस्त्र कर्मियों, जुलाहों का भी सबसे बड़ा कर्म क्षेत्र था। देश के चारों ओर से लोग वहां आते रहते थे और उनके अनुरोध प... 
पिछले दो घंटे से भेल्ला बैठा था, सोचा क्यों ना एक यात्रा आज उन ब्लोगों की कर लूं, जिन्होंने हमारे इन अमर शहीदों के बारे में आज इस शहीद दिवस के सुअवसर पर लिखा है! अब आप कहोगे कि यहाँ भी तुम्हे साम्प्रदायिक...  
नाम आज कोई याँ नहीं लेता है उन्हों का ! जिन लोगों के कल मुल्क ये सब ज़ेर-ए-नगीं था !! नमस्कार ! आज इस ब्लॉग यात्रा का छः मास पूरा हुआ। आपके सहयोग, स्नेह, शुभ-चिंतन, मार्गदर्शन के लिए कोटिशः धन्यवाद ! अस... 

Twitter Delicious Facebook Digg Stumbleupon Favorites More